हिंदी न्यूज़क्यों पता नहीं चलती किडनी की खराबी, जानिए लक्षण और इलाज के बारे में
क्यों पता नहीं चलती किडनी की खराबी, जानिए लक्षण और इलाज के बारे में
किडनी की बीमारी खतरनाक है, लेकिन इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि यह दबे पांव शरीर पर हमला करती है। अधिकांश मामलों में मरीज को जब पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। डायलिसिस और किडनी...
Anuradha
किडनी की बीमारी खतरनाक है, लेकिन इसकी सबसे खतरनाक बात यह है कि यह दबे पांव शरीर पर हमला करती है। अधिकांश मामलों में मरीज को जब पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। डायलिसिस और किडनी ट्रांसप्लांट के अलावा कोई विकल्प नहीं रहता है। सवाल यह है कि किसी व्यक्ति को कब अपनी किडनी की चिंता करनी चाहिए? डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए? जानिए इसी बारे में -
www.myupchar.com से जुड़ी ऐम्स की डॉ. वीके राजलक्ष्मी कहती हैं कि किडनी का फैल होना तब कहा जाता है जब यह शरीर के अपशिष्ट पदार्थों को फिल्टर करना बंद कर देती है। यह अपशिष्ट पदार्थ खून में होता है, जिसे छानने का काम किडनी करती है। यूरिन इन्फेक्शन को किडनी की बीमारी को पहला संकेत माना जा सकता है।
क्यों पता नहीं चलती किडनी की खराबी
किडनी की खराबी के कुछ आम लक्षण हैं, लेकिन एक भी किडनी स्वस्थ्य हो तो शरीर की बाकी क्रियाएं चलती रहती हैं। यही कारण है कि जब तक दोनों किडनी पूरी तरह काम करना बंद नहीं कर देती हैं, मरीज को पता नहीं चलता है। यानी एक किडनी खराब हो तो भी काम चलता रहता है, लेकिन जिस पल दूसरी किडनी भी काम करना बंद कर देती है, जीवन रुक जाता है।
वैसे डॉक्टरों ने किडनी खराब होने के जो लक्षण बताए हैं वो इस प्रकार हैं - पीठ में दर्द, यूरिन के रास्ते कभी-कभी खून आना, यूरिन की मात्रा कम-ज्यादा होना, यूरिन के दौरान जलन होना या दर्द होना, रात के समय ब्लडप्रेशर कम या ज्यादा होना, किडनी वाली जगह पर दर्द महसूस होना, पैरों में सूजन आना, थकान महसूस होना।
किन लोगों में ज्यादा होता है किडनी फेल होने का खतरा
जिन लोगों को डायबिटीज है, उनमें किडनी फेल होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर वालों को भी समय-समय पर किडनी की जांच करवाते रहना चाहिए। जो
लोग दर्द निवारक गोलियों का सेवन करते हैं या जिनमें यूरिन इन्फेक्शन की शिकायत अधिक रहती है, वे भी सावधान रहें।
किडनी रोग होने का इस पर भी असर पड़ता है कि मरीज किस भौगोलिक क्षेत्र में रहता है। उदाहरण के लिए जो लोग कोस्टल एरिया यानी समुद्र तट के पास रहते हैं, उनमें मछली के अधिक सेवन के कारण किडनी रोग होते हैं, जबकि दो लोग पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में रहते हैं, वहां दूध और दही का अधिक सेवन किडनी की बीमारी का कारण बनता है।
क्या है किडनी का
इलाज
यदि किडनी में संक्रमण हुआ है तो इसे दवा से ठीक किया जा सकता है। लेकिन यदि किडनी फेल हो गई है तो सिवाय डायलिसिस या किडनी ट्रांसप्लांट के कोई दूसरा तरीका नहीं है।
डॉ. वीके राजलक्ष्मी के अनुसार, किडनी रोग के बचना है तो स्वस्थ्य जीवन शैली अपनाएं। सक्रिय रहें, संतुलित आहार लें। नशे से दूर रहें, खासतौर पर शराब से परहेज करें। समय-समय पर डॉक्टर के पास जाएं और अपनी किडनी के बारे में जानकारी लें। कोई भी दवा बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लें।
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