पेट्रोलियम उत्पाद, तेल रिफाइनरियों में संशोधित कच्चे तेल (refined crude oil) (पेट्रोलियम) से प्राप्त होने वाले विभिन्न उपोत्पादों को कहा जाता है| इन उपोत्पादों में मुख्य हैं: गैसोलीन (पेट्रोल),डीजल ईंधन,एस्फाल्ट, ईंधन तेल, मिट्टी का तेल (केरोसिन) और डामर आदि| भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय तक मात्र असम में ही खनिज तेल निकाला जाता था, लेकिन उसके बाद गुजरात तथा बाम्बे हाई में खनिज तेल का उत्खनन प्रारम्भ किया गया है।
पेट्रोलियम उत्पाद किसे कहते हैं ?
पेट्रोलियम उत्पाद, तेलशोधक कारखानों में संशोधित कच्चे तेल (refined crude oil) (पेट्रोलियम) से प्राप्त होने वाले विभिन्न उपोत्पादों (byproducts) को कहा जाता है|
क्या आपको पता है कि कच्चे तेल की सहायता से बहुत से अन्य उपोत्पाद (byproducts) लोगों की जरुरत के हिसाब से बनाये जाते हैं| इन सभी उपोत्पादों (byproducts) का मुख्य उपयोग ईंधन के रूप में किया जाता है|
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पेट्रोलियम से प्राप्त किये जाने वाले उपोत्पादों के नाम इस प्रकार हैं:
I. गैसोलीन (पेट्रोल)
II. डीजल ईंधन
III. एस्फाल्ट
IV. ईंधन तेल
V. जेट ईंधन
VI. मिट्टी का तेल (केरोसिन)
VII. द्रवीभूत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी)
VIII. चिकनाई वाले तेल
IX. पैराफिन मोम
X. डामर
XI.पेट्रोकेमिकल्स
नीचे दिया गया ग्राफ यह दिखाता है कि एक बैरल तेल में कितना उत्पाद कितनी प्रतिशत मात्रा में पाया जाता है|
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एस्फाल्ट - जिसका उपयोग सड़कों तथा अन्य स्थानों के निर्माण में प्रयुक्त होने वाले एस्फाल्ट कंक्रीट का निर्माण करने के लिए बजरी को बांधकर रखने वाले पदार्थ के रूप में किया जाता है।
डामर- इस प्रयोग मूलत: सड़कों को बनाने में किया जाता है| यह काले रंग का होता है| इसकी मदद से सड़क पर बिछायी जाने वाली गिट्टी ठीक से चिपक जाती है |
पेट्रोलियम कोक, जिसका उपयोग विशिष्ट कार्बन उत्पादों (जैसे कुछ प्रकार के इलेक्ट्रोड) अथवा ठोस ईंधन में किया जाता है।
मोम (पैराफिन), जिसका इस्तेमाल अन्य चीजों के अलावा जमे हुए खाद्य पदार्थों की पैकेजिंग में किया जाता है। इसे पैकेज्ड ब्लॉक के रूप तैयार करने के लिए किसी स्थान तक भारी मात्रा में भेजा जा सकता है।
तेल रिफाइनरियों के द्वारा विभिन्न उत्पाद कैसे बनाये जाते हैं?
कच्चे तेल से निकालने वाले विभिन्न उत्पाद, कच्चे तेल को अलग अलग तापमानों पर संशोधित करने पर प्राप्त होते हैं जैसे सबसे अधिक तापमान 340 0C पर बिटुमिन मिलता है 2700C पर डीजल, 1700C पर कैरोसीन, 70 0C पर पेट्रोल और 200C पर रिफाईनरी गैस मिलती है |
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भारत में किन किन जगहों से तेल की खुदाई होती है?
भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के समय तक मात्र असम में ही खनिज तेल निकाला जाता था, लेकिन उसके बाद गुजरात तथा बाम्बे हाई में खनिज तेल का उत्खनन प्रारम्भ किया गया। तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग द्वारा देश के स्थलीय एवं सागरीय भागो में 26 ऐसे बेसिनों का पता लगाया गया है, जहाँ से तेल-प्राप्ति की पर्याप्त संभावनाएं है। अंतर्राष्ट्रीय भू-गर्मिक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में खनिज तेल का भंडार 620 करोड़ टन है। तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग ने भारत का कुल खनिज तेल भंडार 1750 लाख टन बताया है।
भारत के तीन प्रमुख क्षेत्र ऐसे हैं- जहाँ से खनिज तेल प्राप्त किया जा रहा है:
1. सबसे महत्तवपूर्ण तेल क्षेत्र उत्तरी-पूर्वी राज्यों असम तथा मेघालय में फैला है|
2. गुजरात में खम्भात की खाड़ी का समीपवर्ती क्षेत्र
3. मुम्बई तट से लगभग 176 किमी दूर अरब सागर में स्थित बाम्बे हाई नामक स्थान भी तेल उत्खनन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हो गया है। यहाँ पर 1250 लाख टन तेल भंडार अनुमानित किये गये है।
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भारत में तेल शोधन कारखाने कहां-कहां पर हैं ?
आंध्र प्रदेश के तातीपाका स्थित लघु रिफायनरी का स्वामित्व ONGC के पास है। इस समय देश में 15 सार्वजनिक क्षेत्र की रिफायनरियों के साथ साथ एक रिफायनरी निजी क्षेत्र (रिलायंस) में भी कार्यरत है। वर्तमान में भारत अपनी तेल आवश्यकता की केवल 20% पूर्ति देश में होने वाले उत्पादन से कर रहा है और बकाया का 80% तेल आयात किया जा रहा है |
तेल शोधनशालाएँ
शोधनशाला
स्थापना वर्ष
शोधन क्षमता (लाख टन)
1. डिग्बोई (असम)
1901
5.0
2. मुम्बई (एच.पी.सी.एल.)
1954
55
3. मुम्बई (बी.पी.सी.एल.)
1955
60
4. विशाखापटनम
1957
45
5. गुवाहाटी (असम)
1962
8.5
6. बरौनी (बिहार)
1964
33.0
7. कोयली (गुजरात)
1965
95
8. कोचीन
1966
45
9. चेन्नई
1969
56
10. हल्दिया (पश्चिम बंगाल)
1975
27.5
11. बोगाईगाँव (असम)
1979
13.5
12. मथुरा (उत्तर प्रदेश)
1982
75
13. करनाल (हरियाणा)
1987
30
14. जामनगर (गुजरात)
1999
54
15. आई.ओ.सी. पानीपत (हरियाणा)
2000
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जैसा कि ऊपर बताया गया है कि भारत के पास खनिज तेल और गैस के भंडार बहुत ही कम मात्रा में हैं इसलिए भारत सरकार देश की जरुरत का 80% तेल आयात करती है, इसी कारण पेट्रोलियम उत्पाद भारत की सबसे बड़ी आयातित वस्तु है जिस पर बहुत बड़ी मात्रा में विदेशी मुद्रा हर वर्ष खर्च हो जाती है| इसलिए प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य हो जाता है कि वह डीजल और पेट्रोल को बहुत ही समझदारी से खर्च करे|