काली मिट्टी कौन से राज्य में पाया जाता है? - kaalee mittee kaun se raajy mein paaya jaata hai?

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भारत के किस राज्य में काली मृदा नहीं पाई जाती है?

  1. पंजाब
  2. आंध्रप्रदेश
  3. महाराष्ट्र
  4. मध्यप्रदेश

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : पंजाब

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CT : GK (Ancient History)

10 Questions 10 Marks 6 Mins

  • काली मिट्टी दक्कन ट्रैप्स क्षेत्र में पाई जाती है।
  • रेतीली दोमट से लेकर चिकनी मिट्टी पंजाब में पाई जाती है।
  • यह कपास उगाने के लिए आदर्श मिट्टी है। इसे रेगुर मिट्टी के रूप में भी जाना जाता है।

जलोढ़ मिट्टी

  • यह बाढ़ के मैदानों या नदी के तल में बहने वाले पानी द्वारा जमा की गई एक सुव्यवस्थित उपजाऊ मिट्टी है।
  • नाइट्रोजन आम तौर पर कम होता है, लेकिन पोटाश, फॉस्फोरिक अम्ल और क्षार पर्याप्त होते हैं।

काली मिट्टी

  • भारत में काली मिट्टी आयरन, मैग्नीशियम और एल्यूमीनियम जैसी धातुओं से समृद्ध है।
  • इसमें नाइट्रोजन, पोटेशियम, फॉस्फोरस और ह्यूमस में कमी है।
  • काली मिट्टी लाल रंग की होती है जिसका मुख्य कारण इसकी लौह ऑक्साइड सामग्री है।

लेटराइट मिट्टी

  • लेटराइट एक मिट्टी और चट्टान प्रकार है जो लोहे और एल्यूमीनियम से समृद्ध है और आमतौर पर गर्म और गीले उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में गठित माना जाता है।
  • उच्च लौह ऑक्साइड सामग्री की वजह से लगभग सभी लेटराइट जंग-लाल रंग के होते हैं।
  • लेटराइट मिट्टी लोहे और एल्यूमीनियम से भरपूर होती है लेकिन नाइट्रोजन और पोटेशियम में कमी होती है।

Last updated on Oct 27, 2022

The SSC MTS Tier II Admit Card has been released. The paper II will be held on 6th November 2022. Earlier, the result for the Tier I was released. The candidates who are qualified in the SSC MTS Paper I are eligible for the Paper II. A total of 7709 vacancies are released, out of which 3854 vacancies are for MTS Group age 18-25 years, 252 vacancies are for MTS Group age 18-27 years and 3603 vacancies are for Havaldar in CBIC. 

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MP TET Revised Result (2020) declared on 3rd October 2022. Earlier, the Professional Examination Board of Madhya Pradesh had declared the MP TET Result 2020 for Primary School Teacher Eligibility Test on 8th August 2022. The MP TET exam was conducted from 5th March to 26th March 2022. Candidates can check out their results from their applicant number/roll number and date of birth. Only candidates with a Diploma/B.Ed degree appeared for the examination. The candidates who will be qualified for the MP TET can earn a salary ranging from INR 2.7 lakhs to INR 3.5 lakhs per annum as a Primary School Teacher

काली मिट्टी को 'रेगड़ मिट्टी' या 'काली कपास मिट्टी' के नाम से भी जाना जाता है। काली मिट्टी एक परिपक्व मिट्टी है जो मुख्यतः दक्षिणी प्रायद्वीपीय पठार के लावा क्षेत्र में पायी जाती है। इसका निर्माण चट्टानों के दो वर्ग दक्कन ट्रैप एवं लौहमय नीस और शिस्ट से हुआ है। ये मिट्टी भारत के कछारी भागों में मुख्य रूप से पाई जाती है।

प्राप्ति स्थान

5 लाख वर्ग किमी क्षेत्र मे फैली यह मिट्टी 100 से 250 उत्तरी अक्षांश 730 से 800 पूर्वी देशान्तर के बीच पाई जाती है। यह मिट्टी गुजरात एवं महाराष्ट्र राज्यों के अधिकांश क्षेत्र, मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र, उड़ीसा के दक्षिणी क्षेत्र, कर्नाटक राज्य के उत्तरी ज़िलों, आंध्र प्रदेश के दक्षिणी क्षेत्र, कर्नाटक राज्य के उत्तरी ज़िलों, आंध्र प्रदेश के दक्षिणी एवं समुद्रतटीय क्षेत्र, तमिलनाडु के सलेम, रामनाथपुरम, कोयम्बटूर तथा तिरनलवैली, राजस्थान के बूंदी तथा टोंक आदि ज़िलों में 5.5 लाख वर्ग किमी क्षेत्र पर विस्तृत है।

निर्माण

यह मिट्टी डकन ट्रेप शैलों के विखण्डन से निर्मित है। साधारणतः यह मिट्टी मृत्तिकामय, लसलसी तथा अपरागम्य होती है। इसका रंग काला तथा कणों की बनावट घनी होती है। इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस एवं जीवांशों की कम मात्रा पायी जाती है, जबकि चूना, पोटाश, मैग्नीशियम, एल्यूमिना एवं लोहा पर्याप्त मात्रा में मिले रहते हैं।

कृषि के लिए अनुकूल

उच्च स्थलों पर मिलने वाली काली मिट्टी निचले भागों की काली मिट्टी की अपेक्षा कम उपजाऊ होती है। निम्न भाग वाली गहरी काली मिट्टी में गेहूँ, कपास, ज्वार, बाजरा आदि की कृषि की जाती है। कपास की खेती के लिए सर्वाधिक उपयुक्त होने के कारण इसे 'कपास की काली मिट्टी' अथवा कपासी मृदा भी कहा जाता है। इस मिट्टी की जलधारण क्षमता अधिक है। यही कारण है कि यह मिट्टी शुष्क कृषि के लिए अनुकूल है।

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मिट्टी

मिट्टी · ऊसर मिट्टी · काली मिट्टी · क्षारीय मिट्टी · अग्निसह मिट्टी · गेरू · जलोढ़ मिट्टी · पीट मिट्टी · भाट · मरुस्थलीय मिट्टी · लाल मिट्टी · लैटेराइट मिट्टी · लोएस · वन मिट्टी · दोमट मिट्टी · क्षारयुक्त मिट्टी · काँप मिट्टी · रेतीली मिट्टी

भारत में कौन कौन से राज्य में काली मिट्टी पाई जाती है?

काली मिट्टी मुख्यतः महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, और मध्य प्रदेश में पाई जाती है और इस मिट्टी में मैग्नेशियम,चूना,लौह तत्व तथा कार्बनिक पदार्थों की अधिकता होती है।

काली मिट्टी का दूसरा नाम क्या है?

काली मिट्टी का रंग काला होता है और इसे 'रेगुर मिट्टी' के नाम से भी जाना जाता है। चूंकि यह कपास उगाने के लिए उपयुक्त है, इसलिए इसे 'कपास मिट्टी' भी कहा जाता है।

काली मिट्टी कौन से देश में पाई जाती है?

काली मिट्टी एक परिपक्व मिट्टी है जो मुख्यतः दक्षिणी प्रायद्वीपीय पठार के लावा क्षेत्र में पायी जाती है। इसका निर्माण चट्टानों के दो वर्ग दक्कन ट्रैप एवं लौहमय नीस और शिस्ट से हुआ है। ये मिट्टी भारत के कछारी भागों में मुख्य रूप से पाई जाती है।

केरल में काली मिट्टी को क्या कहा जाता है?

केरल में काली मिट्टी को 'शाली' का नाम दिया गया है और वहीँ उत्तर भारत में काली मिट्टी को 'केवाल' नाम से जाना जाता है। काली मिट्टी में भी नाइट्रोजन एवं फॉस्फोरस की मात्रा अधिक नही पायी जाती है, क्योंकि इसमें लोहा, चूना, मैग्नीशियम एवं एलूमिना की मात्रा अधिक पायी जाती है।

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