जीएसटी परिषद के अध्यक्ष कौन हैं?
- केंद्रीय वित्त मंत्री
- नियंत्रक महालेखा परीक्षक
- आरबीआई गवर्नर
- प्रधानमंत्री
Answer (Detailed Solution Below)
Option 1 : केंद्रीय वित्त मंत्री
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CT : GK (Ancient History)
10 Questions 10 Marks 6 Mins
विकल्प 1 सही है:
- जीएसटी परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं और अन्य सदस्य केंद्रीय राज्य मंत्री या वित्त मंत्री होते हैं और सभी राज्यों के वित्त या कराधान के प्रभारी मंत्री होते हैं।
- गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) परिषद गुड्स एंड सर्विस टैक्स से जुड़े मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार को सिफारिशें करने के लिए एक संवैधानिक निकाय है।
- 1 जुलाई 2017 से 101वें संशोधन संवैधानिक अधिनियम द्वारा गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) पेश किया गया था।
- इस कानून ने कई अप्रत्यक्ष कर कानूनों को बदल दिया है जो पहले भारत में मौजूद थे और इन्हें 'एक राष्ट्र एक टैक्स' के रूप में पेश किया गया था।
- 1954 में जीएसटी लागू करने वाला फ्रांस पहला देश था।
- वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं। (20 फरवरी 2020)
Last updated on Oct 27, 2022
The SSC MTS Tier II Admit Card has been released. The paper II will be held on 6th November 2022. Earlier, the result for the Tier I was released. The candidates who are qualified in the SSC MTS Paper I are eligible for the Paper II. A total of 7709 vacancies are released, out of which 3854 vacancies are for MTS Group age 18-25 years, 252 vacancies are for MTS Group age 18-27 years and 3603 vacancies are for Havaldar in CBIC.
- सेबी अध्यक्ष
- प्रधान मंत्री
- आरबीआई गवर्नर
- केंद्रीय वित्त मंत्री
Answer (Detailed Solution Below)
Option 4 : केंद्रीय वित्त मंत्री
Free
100 Questions 200 Marks 60 Mins
सही उत्तर केंद्रीय वित्त मंत्री है।
- गुड्स एंड सर्विस टैक्स काउंसिल, गुड्स एंड सर्विस टैक्स से संबंधित मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकार को सिफारिश करने के लिए एक संवैधानिक निकाय है।
- जीएसटी काउंसिल 33 सदस्यों के साथ GST का शासी निकाय है।
- जीएसटी काउंसिल की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं
- जीएसटी परिषद के अध्यक्ष केंद्रीय वित्त मंत्री होंगे।
- अरुण जेटली जीएसटी परिषद के पहले अध्यक्ष थे।
- केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जीएसटी परिषद की वर्तमान अध्यक्ष हैं।
- वर्तमान में, माधाबी पुरी बुच सेबी की अध्यक्ष हैं।
- मार्च 2022 तक, भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर, शक्तिकांता दास हैं।
- नरेंद्र मोदी भारत के चौदहवें प्रधानमंत्री हैं।
Last updated on Dec 7, 2022
SSC has released the SSC CHSL notification on 6th December 2022. Approximately 4500 vacancies have been released for recruitment. Candidates can Apply Online from 6th December 2022 to 4th January 2023. SSC has also made some major changes in the SSC CHSL Exam Pattern. Candidates who have completed Higher Secondary (10+2) can appear for this exam for recruitment to various posts like Postal Assistant, Lower Divisional Clerks, Court Clerk, Sorting Assistants, Data Entry Operators, etc. The SSC CHSL Selection Process consists of a Computer Based Exam (Tier I & Tier II). Candidates should check the SSC CHSL Eligibility Criteria before filling up the applications.
३० जून २०१७ की मध्यरात्रि में भारत के प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी गुड्स एंड सर्विसिज़ टैक्स (जीएसटी) पर भाषण करते हुए
वस्तु एवं सेवा कर ( संक्षेप मे: वसेक या जीएसटी अंग्रेज़ी: GST, अंग्रेज़ी: Goods and Services Tax) भारत में १ जुलाई २०१७ से लागू एक महत्वपूर्ण अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था है जिसे सरकार व कई अर्थशास्त्रियों द्वारा इसे स्वतंत्रता के पश्चात् सबसे बड़ा आर्थिक सुधार बताया है।[1] [2] इसके लागू होने से केन्द्र सरकार एवम् विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा भिन्न भिन्न दरों पर लगाए जा रहे विभिन्न करों को हटाकर पूरे देश के लिए एक ही अप्रत्यक्ष कर प्रणाली लागू हो गयी है।[3] इस कर व्यवस्था को लागू करने के लिए भारतीय संविधान में संशोधन किया गया था।[4]
वस्तु एवं सेवा कर, वस्तु एवं सेवा कर परिषद द्वारा संचालित है। भारत के वित्त मंत्री इसके अध्यक्ष होते हैं। जीएसटी के तहत, वस्तुओं और सेवाओं को निम्न दरों पर लगाया जाता है, 0%, 5%, 12%, 18% और,28% (5 TYPES) । मोटे कीमती और अर्ध कीमती पत्थरों पर 0.25% की एक विशेष दर तथा सोने पर 3% की दर है।
कर की प्रकृति[संपादित करें]
जीएसटी एक मूल्य वर्धित कर है जो कि विनिर्माता से लेकर उपभोक्ता तक वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति पर एक एकल कर है। प्रत्येक चरण पर भुगतान किये गये इनपुट करों का लाभ मूल्य संवर्धन के बाद के चरण में उपलब्ध होगा जो प्रत्येक चरण में मूल्य संवर्धन पर जीएसटी को आवश्यक रूप से एक कर बना देता है। अंतिम उपभोक्ताओं को इस प्रकार आपूर्ति श्रृंखला में अंतिम डीलर द्वारा लगाया गया जीएसटी ही वहन करना होगा। इससे पिछले चरणों के सभी मुनाफे समाप्त हो जायेंगे।[5][6][7]
चुंगी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), राज्य स्तर के सेल्स टैक्स या वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फी, टर्नओवर टैक्स, बिजली के इस्तेमाल या बिक्री पर लगने वाले टैक्स, सामान के ट्रांसपोटेर्शन पर लगने वाले टैक्स इत्यादि अनेकों करों के स्थान पर अब यह एक ही कर लागू किया जा रहा है।[8]
GST पंजीकरण प्रक्रिया[संपादित करें]
आप सरकारी पोर्टल के माध्यम से जीएसटी के लिए ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं,[9] या आप जीएसटी सेवा केंद्र में पंजीकरण कर सकते हैं।[10]
संभावित लाभ[संपादित करें]
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इस व्यवस्था से निम्न लाभ संभावित हैं[5][11][12]:
व्यापार और उद्योग के लिए[संपादित करें]
- आसान अनुपालन, पारदर्शिता: एक मजबूत और व्यापक सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली भारत में जीएसटी व्यवस्था की नींव होगी इसलिए पंजीकरण, रिटर्न, भुगतान आदि जैसी सभी कर भुगतान सेवाएं करदाताओं को ऑनलाइन उपलब्ध होंगी, जिससे इसका अनुपालन बहुत सरल और पारदर्शी हो जायेगा।
- कर दरों और संरचनाओं की एकरूपता: जीएसटी यह सुनिश्चित करेगा कि अप्रत्यक्ष कर दरें और ढांचे पूरे देश में एकसमान हैं। इससे निश्चिंतता में तो बढ़ोतरी होगी ही व्यापार करना भी आसान हो जाएगा। दूसरे शब्दों में जीएसटी देश में व्यापार के कामकाज को कर तटस्थ बना देगा फिर चाहे व्यापार करने की जगह का चुनाव कहीं भी जाये।
- करों पर कराधान (कैसकेडिंग) की समाप्ति- मूल्य श्रृंखला और समस्त राज्यों की सीमाओं से बाहर टैक्स क्रेडिट की सुचारू प्रणाली से यह सुनिश्चित होगा कि करों पर कम से कम कराधान हों। इससे व्यापार करने में आने वाली छुपी हुई लागत कम होगी।
- प्रतिस्पर्धा में सुधार – व्यापार करने में लेन-देन लागत घटने से व्यापार और उद्योग के लिए प्रतिस्पर्धा में सुधार को बढ़ावा मिलेगा।
- विनिर्माताओं और निर्यातकों को लाभ – जीएसटी में केन्द्र और राज्यों के करों के शामिल होने और इनपुट वस्तुएं और सेवाएं पूर्ण और व्यापक रूप से समाहित होने और केन्द्रीय बिक्री कर चरणबद्ध रूप से बाहर हो जाने से स्थानीय रूप से निर्मित वस्तुओं और सेवाओं की लागत कम हो जाएगी। इससे भारतीय वस्तुओं और सेवाओं की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में होने वाली प्रतिस्पर्धा में बढ़ोतरी होगी और भारतीय निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा। पूरे देश में कर दरों और प्रक्रियाओं की एकरूपता से अनुपालन लागत घटाने में लंबा रास्ता तय करना होगा।
केन्द्र और राज्य सरकारों के लिए[संपादित करें]
- सरल और आसान प्रशासन - केन्द्र और राज्य स्तर पर बहुआयामी अप्रत्यक्ष करों को जीएसटी लागू करके हटाया जा रहा है। मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी प्रणाली पर आधारित जीएसटी केन्द्र और राज्यों द्वारा अभी तक लगाए गए सभी अन्य प्रत्यक्ष करों की तुलना में प्रशासनिक नजरिए से बहुत सरल और आसान होगा।
- कदाचार पर बेहतर नियंत्रण – मजबूत सूचना प्रौद्योगिकी बुनियादी ढांचे के कारण जीएसटी से बेहतर कर अनुपालन परिणाम प्राप्त होंगे। मूल्य संवर्धन की श्रृंखला में एक चरण से दूसरे चरण में इनपुट कर क्रेडिट कर सुगम हस्तांतरण जीएसटी के स्वरूप में एक अंत:निर्मित तंत्र है, जिससे व्यापारियों को कर अनुपालन में प्रोत्साहन दिया जाएगा।
- अधिक राजस्व निपुणता – जीएसटी से सरकार के कर राजस्व की वसूली लागत में कमी आने की उम्मीद है। इसलिए इससे उच्च राजस्व निपुणता को बढ़ावा मिलेगा।
उपभोक्ताओं के लिए[संपादित करें]
- वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य के अनुपाती एकल एवं पारदर्शी कर – केन्द्र और राज्यों द्वारा लगाए गए बहुल अप्रत्यक्ष करों या मूल्य संवर्धन के प्रगामी चरणों में उपलब्ध गैर-इनपुट कर क्रेडिट के कारण आज देश में अनेक छिपे करों से अधिकांश वस्तुओं और सेवाओं की लागत पर प्रभाव पड़ता है। जीएसटी के अधीन विनिर्माता से लेकर उपभोक्ताओं तक केवल एक ही कर लगेगा, जिससे अंतिम उपभोक्ता पर लगने वाले करों में पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।
- समग्र कर भार में राहत – निपुणता बढ़ने और कदाचार पर रोक लगने के कारण अधिकांश उपभोक्ता वस्तुओं पर समग्र कर भार कम होगा, जिससे उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।
समिति[संपादित करें]
इसका सुझाव विजय केलकर समिति (2002) ने दिया था। यह कर वस्तु एवं सेवा कर परिषद् द्वारा निर्धारित किया जा रहा है जिसके अध्यक्ष केन्द्रीय वित्त (निर्मला सीतारमण) मंत्री हैं। असीम दास गुप्ता समिति ने स्वरूप दिया राज्य सभा मे असम में सबसे पहले स्वीकारकर कानून बना दिया।
दरें[संपादित करें]
जीएसटी काउंसिल ने पाँच तरह के कर निर्धारित किये हैं, ये 0,5, 12, 18 एवं 28 प्रतिशत | हालांकि बहुत सी चीजों को जीएसटी से छूट दी गई है उन वस्तुओं पर कोई भी कर नहीं लगेगा या जीएसटी नहीं लगेगा जबकि लग्जरी एवं महंगे सामान पर जीएसटी के अलावा सेस भी लगेगा। सरकार के अनुसार इसमें से 81 प्रतिशत चीजें जीएसटी की 18 प्रतिशत की श्रेणी तक आएंगी |
आदर्श स्थिति में इस व्यवस्था में समस्त कर एक ही दर पर लगाए जाने चाहिएँ, किन्तु भारत में राज्य व केन्द्र तथा एक ही वस्तु या सेवा पर भिन्न-भिन्न राज्यों में भिन्न दरें आदि होने से प्रारम्भ में ४ दरें निर्धारित की गईं ताकि वर्तमान राजस्व में अधिक अंतर न पड़े। ये चार दरें 5%, 12%, 18% तथा 28% हैं।[12] आवश्यक वस्तुओं जैसे कि दूध, लस्सी, दही, शहद, फल एवं सब्जियां, आटा, बेसन, ताजा मीट, मछली, चिकन, अंडा, ब्रेड, प्रसाद, नमक, बिंदी, सिंदूर, स्टांप, न्यायिक दस्तावेज, छपी पुस्तकें, समाचार पत्र, चूड़ियाँ और हैंडलूम आदि वस्तुओं पर जीएसटी नहीं लगेगा। [13]40लाख से कम की वार्षिक बिक्री वाले व्यापारियों को इस कर व्यवस्था से छूट दी गई है। [13]
प्राप्तियाँ[संपादित करें]
मई | ₹ 940.16 बिलियन (US$13.73 अरब) | |
अप्रैल | ₹ 1,034.58 बिलियन (US$15.1 अरब)[14] | |
मार्च | ₹ 892.64 बिलियन (US$13.03 अरब)[15] | |
February | ₹ 851.74 बिलियन (US$12.44 अरब)[16] | |
January | ₹ 863.18 बिलियन (US$12.6 अरब)[17] | |
December | ₹ 867.06 बिलियन (US$12.66 अरब)[18] | |
November | ₹ 808.08 बिलियन (US$11.8 अरब)[18] | |
October | ₹ 833.46 बिलियन (US$12.17 अरब)[18] | |
सितम्बर | ₹ 951.31 बिलियन (US$13.89 अरब)[18] | |
अगस्त | ₹ 931.41 बिलियन (US$13.6 अरब)[18] | |
जुलाई | ₹ 940.00 बिलियन (US$13.72 अरब)[19] |
वापसी[संपादित करें]
लगभग ३८ लाख नए करदाता जीएसटी में पञ्जीकृत हुए हैं। इस प्रकार कुल करदाताओं की संख्या १ करोड़ पार कर गयी है (६४ लाख करदाता पहले से पंजीकृत थे)[20]
December | 63 lakh[20] | |
November | 64 lakh[20] | |
October | 65 lakh[20] | |
September | 69 lakh[20] | |
August | 67 lakh[20] | |
July | 63 lakh[20] |
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 30 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 जून 2017.
- ↑ //hindi.moneycontrol.com/news/market-news/gst-beginning-of-new-tax-regime_162197.html Archived 2017-07-04 at the Wayback Machine मनीकंट्रोल.कॉम
- ↑ "GST से क्या होगा सस्ता और क्या महंगा". मूल से 27 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अक्तूबर 2017.
- ↑ "जीएसटी बिल की 7 अहम बातें". मूल से 9 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अक्तूबर 2017.
- ↑ अ आ "संग्रहीत प्रति". मूल से 18 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 मई 2017.
- ↑ नवभारत टाइम्स. "जीएसटी लागू होने के बाद भी ई-कॉमर्स साइट्स पर मिल रहा 80% तक डिस्काउंट". मूल से 10 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जुलाई 2017.
- ↑ एनडीटीवी. "जीएसटी लागू : बचे माल पर नई कीमत नहीं छापी तो जेल की हवा खानी पड़ सकती है : रिपोर्ट". मूल से 7 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जुलाई 2017.
- ↑ "जीएसटी : टाटा मोटर्स ने 2,17,000 रुपये तक घटाए वाहनों के दाम". मूल से 6 जुलाई 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 7 जुलाई 2017.
- ↑ "Online GST Registration process". etaxadvisor.com. मूल से 17 जून 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जून 2020.
- ↑ "How to Register for GST Online". bajajfinserv.in. मूल से 25 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जून 2020.
- ↑ "संग्रहीत प्रति" (PDF). मूल (PDF) से 22 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 जून 2017.
- ↑ अ आ "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 जनवरी 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 6 जनवरी 2019.
- ↑ अ आ "संग्रहीत प्रति". मूल से 30 जून 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 30 जून 2017.
- ↑ "In a first, GST collection for April tops Rs 1 lakh crore", Financial Express, 1 May 2018, मूल से 26 जून 2018 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 1 जुलाई 2018
- ↑ "Upswing in GST revenue trends: Rs 892.64 bn collected in March, says Adhia", Business Standard, 2 April 2018
- ↑ "GST collection falls to Rs 85,174 crore in February; only 69% file returns", The Times of India, 27 March 2018, मूल से 22 जुलाई 2018 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 1 जुलाई 2018
- ↑ "GST collection for January comes in at Rs 86,318 crore", The Economic Times, 27 February 2018, मूल से 17 जून 2018 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 1 जुलाई 2018
- ↑ अ आ इ ई उ "GST revenue for December rises to Rs 86,703 crore; halts 2-month reverse trend", Business Today, 11 February 2018, मूल से 17 जून 2018 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 1 जुलाई 2018
- ↑ "GST collections dip for second month in Nov to Rs 80,808 crore", The Economic Times, 27 December 2017, मूल से 17 जून 2018 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 1 जुलाई 2018
- ↑ अ आ इ ई उ ऊ ए "Why many registered taxpayers are not filing GST returns", Business Today, 27 February 2018, मूल से 1 जुलाई 2018 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि 1 जुलाई 2018
//web.archive.org/web/20190729080404///www.paisabazaar.com/tax/gst-rates/
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- एक सौ प्रथम संशोधन (भारत का संविधान) (या, वस्तु एवं सेवा कर विधेयक (भारत))
- कर सुधार
- भारत के 500 और 1000 रुपये के नोटों का विमुद्रीकरण
- भारत में कराधान
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
- आधिकारिक जालस्थल
- CBEC GST कानून
- माल एवं सेवा कर परिषद (GST काउन्सिल)
- जी एस टी(GST) या वस्तु एवं सेवा कर : एक आसान व्याख्या
- वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न
- वस्तु एवं सेवा कर: आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार
- GST नंबर कैसे लें
- जीएसटी को एक साल : अर्थव्यवस्था में आया बड़ा सुधार (१ जुलाई २०१८)
- जीएसटी से भरा मोदी सरकार का खजाना, मई में कलेक्शन 1 लाख करोड़ रुपए के पार (जून २०१९)