आयतन और ताप में सम्बन्ध दिखाने वाला एक चलायमान चित्र।
नियम द्रव्यमान संरक्षण का नियम • संवेग संरक्षण का नियम • ऊर्जा संरक्षण का नियम • एन्ट्रॉपी असमानता |
ठोस यांत्रिकी ठोसप्रतिबलविरूपणसहस्थितिपरिमित प्रतिबलप्रतिबल सिद्धांतप्रत्यास्थतारैखिकसुघट्यताबंकनहुक का नियमपदार्थ भंगन सिद्धांतFracture यांत्रिकीसंपर्क यांत्रिकीघर्षणरहितघर्षी |
तरल यांत्रिकी तरलद्रवस्थैतिकीतरल गतिकीनेवियर-स्टोक्स समीकरणबर्नूली प्रमेयउत्प्लावन बलश्यानतान्यूटनीयगैर न्यूटोनीयआर्कीमिडीज सिद्धान्तपास्कल का सिद्धान्तदाबद्रवपृष्ठ तनावकेशिका क्रियागैसवायुमण्डल बॉयल का नियमचार्ल्स का नियमगे-लुस्साक का नियमआदर्श गैस समीकरणप्लाज़्मा |
प्रवाहिकी
|
वैज्ञानिक बर्नूली • बॉयल • कौशी • चार्ल्स • आयलर • गे-लुस्साक • हूक • पास्कल • न्यूटन • नेविएर • स्टोक्स |
|
चार्ल्स का नियम (इसे आयतन नियम के नाम से भी जाना जाता है) प्रायोगिक गैस नियम है जिसके अनुसार गैस को गर्म करने पर उसमें विस्तार होता है। चार्ल्स के नियम का आधुनिक कथन निम्नलिखित प्रकार से लिखा जा सकता है:
जब किसी शुष्क गैस को नियत दाब पर रखा जाता है तो केल्विन तापमान और आयतन एक दूसरे के अनुक्रमानुपाती होते हैं।[1]
यह अनुक्रमानुपाती सम्बन्ध निम्न प्रकार लिखा जा सकता है:
V = kTअथवा
जहाँ:
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ फुललिक, पी॰ (1994), Physics [भौतिकी] (अंग्रेज़ी में), हाइनमान, पपृ॰ 141–42, आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-435-57078-1.
चार्ल्स का नियम
इस नियम के अनुसार, नियत पर किसी गैस के निश्चित द्रव्यमान का आयतन गैस के परमताप के अनुक्रमानुपाती होता है।
अर्थात् V ∝ T
अथवा \footnotesize \boxed { \frac{V}{T} = नियतांक }
अतः इस समीकरण द्वारा स्पष्ट होता है कि यदि हम गैस के
दाब को नियत रखते हुए गैस के ताप को दोगुना कर दें तो गैस का आयतन भी दोगुना हो जायेगा।
चार्ल्स के नियम का सूत्र
माना नियत दाब पर किसी द्रव्यमान की गैस का प्रारंभिक ताप व आयतन T1 व V1 हों तथा गैस के अंतिम ताप व आयतन T2 व V2 हों
तो चार्ल्स के नियम से
\footnotesize \boxed { \frac{V_1}{T_1} = \frac{V_2}{T_2} }
चित्र में किसी गैस के विभिन्न दाबों P1 , P2 व P3 पर ताप व आयतन के बीच ग्राफ को प्रदर्शित किया गया है।
आदर्श गैस दाब की सभी अवस्थाओं में चार्ल्स के नियम का पालन करती है।
पढ़ें… 11वीं भौतिक नोट्स | 11th class physics notes in Hindi
अणुगति सिद्धांत के आधार पर चार्ल्स का नियम
अणुगति सिद्धांत से निश्चित द्रव्यमान की गैस का दाब
P
= \large \frac{1}{2} (\frac{m}{V}) v2
जहां V – गैस का आयतन, m – गैस के प्रत्येक कण का द्रव्यमान , n – गैस के अणुओं की संख्या तथा v – अणुओं का वर्ग माध्य मूल चाल है।
अतः PV = \large \frac{1}{3} mn v2
V = \large \frac{2}{3} \frac{n}{P} × \frac{1}{2} mn v2 (2 से गुणा-भाग)
चूंकि गैस के एक अणु की गतिज ऊर्जा = \large
\frac{1}{2} mv2
= \large \frac{2}{3} kT होता है। तब
V = \large \frac{2}{3} \frac{n}{P} × \frac{3}{2} kT
V = \large \frac{nkT}{P}
यदि गैस का दाब नियत हो तब एक निश्चित द्रव्यमान की गैस के लिए n भी नियत होगा। एवं k तो नियतांक ही है तब
\footnotesize \boxed { V ∝ T }
यही चार्ल्स का नियम है।