शुक्ल पक्ष कब से कब तक है २०२२? - shukl paksh kab se kab tak hai 2022?

साप्ताहिक पंचांग (Weekly Panchang): दिसंबर 2022 का चौथा सप्ताह आज 18 दिसंबर रविवार से प्रारंभ हुआ है. यह सप्ताह 18 दिसंबर से 24 दिसंबर तक है. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, यह सप्ताह पौष माह के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि से प्रारंभ होकर पौष शुक्ल प्रतिपदा तक रहेगा. आइए जानते हैं इस सप्ताह के चंद्रोदय, चंद्रास्त, सूर्योदय, सूर्यास्त, शुभ एवं अशुभ मुहूर्त, राहुकाल आदि के बारे में.

Aghan 2022 Vrat Festivals: अगहन मास में मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती और विवाह पंचमी समेत कई व्रत और त्योहार पड़ेंगे.

Aghan 2022 Vrat Tyohar List: मार्गशीर्ष महीने को अगहन भी कहा जाता है. इस समय मर्गशीर्ष यानी अगहन का शुक्ल पक्ष चल रहा है. हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, यह महीना भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है. ऐसे में इस महीने में भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत शुभ फलदायी और कल्याणकारी मानी गई है. हिंदू पंचांग के अनुसार, अगहन शुक्ल पक्ष में कई व्रत और त्योहार पड़ने वाले हैं. इस पक्ष के प्रमुख त्योहारों में विवाह पंचमी, चंपा षष्ठी, नंदा सप्तमी, मोक्षदा एकादशी हैं. आइए जानते हैं मार्गशीर्ष यानी अगहन मास के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाले प्रमुख व्रत और त्योहारों के बारे में.

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अगहन 2022 व्रत-त्योहार | Aghan 2022 Vrat Tyohar

27 नवंबर 2022- विनायक चतुर्थी- विनायक चतुर्थी के दिन गणपति की पूजा का विधान है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत को रखने से गणेश जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है. इसके साथ ही गणेश जी की कृपा से विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं.

28 नवंबर 2022 विवाह पंचमी- हिंदू धर्म में इस तिथि का खास महत्व है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता परिणय सूत्र में बंधे थे. इसलिए इस दिन को विशेष महत्व दिया जाता है. हालांकि कि इस दिन शादी-विवाह करना निशेष माना गया है. इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीती की विधिवत पूजा-अर्चना करने से वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है. 

29 नवंबर 2022 (मंगलवार) - चंपा षष्ठी- चंपा षष्ठी का व्रत मुख्य रूप से कर्नाटक राज्य के लोगों द्वारा रखा जाता हैं. इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा की जाती है. इसके अलावा इस दिन भगवान शिव के खंडोबा स्वरूप की पूजा होती है. इस व्रत के शुभ प्रभाव से संकटों का नाश होने की मान्यता है. 

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30 नवंबर 20222 (बुधवार) - नंदा सप्तमी - यह व्रत मुख्य रूप से सूर्य देव, भगवान गणपति और नंदा देवी को समर्पित है. नंदा देवी को मां पार्वती का ही एक अन्य स्वरूप माना गया है. इस व्रत को रखने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है. 

03 दिसंबर 2022 (शनिवार) -  मोक्षदा एकादशी, गीता जयंती - मोक्षदा एकादशी को मोक्ष करने वाला माना गया है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु की कृपा से मोक्ष की प्राप्ति होती है.  इस साल इसी दिन गीता जयंती का भी शुभ संयोग बन रहा है. धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने अपने परम मित्र अर्जुन को गीता के उपदेश दिए थे. 

05 दिसंबर 2022, अनंग त्रयोदशी, सोम प्रदोष व्रत - पौराणिक मान्यता के अनुसार, यह दिन भगवान शिव, मां पार्वती, कामदेव और रति की पूजा की जाती है. इस दिन व्रत रखने से वैवाहिक जीवन की समस्त परेशानियां दूर होती हैं. सुखद वैवाहिक जीवन के लिए यह व्रत शुभ माना गया है.

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08 दिसंबर 2022, मार्गशीर्ष पूर्णिमा, दत्तात्रेय जयंती - पूर्णिमा तिथि पर लक्ष्मी-नारायण का पूजन करने से सुख, धन, सौभाग्य में वृद्धि होती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु के अंश भगवान दत्ताकत्रेय का जन्ममोत्सव है. कहा जाता है कि भगवान दत्तात्रेय की पूजा और हवन करने से ज्ञान में बढ़ोतरी होती है.

अगहन (मार्गशीर्ष) मास का महत्व

हिंदू धार्मिक परंपरा के अनुसार अगहन मास में जप, तप ध्यान और दान करने से शुभफल की प्राप्ति होती है. इस महीने में भगवान श्रीकृष्ण की उपासना और पवित्र नदियों में स्नान करने से मनोकामना पूर्ति समेत पुण्य की प्राप्ति होती है. इसके साथ ही संतान पूर्ति की कामना भी पूरी होती है. मान्यताओं के अनुसार इस महीने में तेल की मालिश करना अच्छा होता है. इससे शारीरिक विकार दूर होते हैं और ठंढ़ से राहत मिलती है. अगहन मास में श्रीमद्भगवत गीता का पाठ करना शुभ होता है. इसके अलावा इस महीने में ओम् नमो भगवते वासुदेवाय इस मंत्र का जाप करना भी मंगलकारी होता है. 

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. एनडीटीवी इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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शुक्ल पक्ष कब से कब तक है 2022?

24 दिसंबर 2022, शनिवार से पौष महीने के शुक्ल पक्ष का आरंभ हो रहा है. पौष माह का शुक्ल पक्ष नए साल 2023 में खत्म होगा. 6 जनवरी 2023 को पौष पूर्णिमा है इसके बाद 7 जनवरी 2023 माघ मास की शुरुआत हो जाएगी. पौष माह में अभी खरमास चल रहा है जिसमें कोई भी शुभ कार्य नहीं होते लेकिन पूजा पाठ के लिहाज से ये महत्वपूर्ण माना जाता है.

शुक्ल पक्ष कब से कब तक होता है?

पूर्णिमा से अमावस्या तक बीच के दिनों को कृष्णपक्ष कहा जाता है, वहीं इसके उलट अमावस्या से पूर्णिमा तक का समय शुक्लपक्ष कहलाता है।

शुक्ल पक्ष कब आता है 2022 April?

कानपुर (इंटरनेट डेस्क )। April 2022 Vrat And Festivals : अप्रैल के ठीक दूसरे दिन से ही चैत्र मास का शुक्ल पक्ष का शुभारंभ हो रहा है। इसलिए इस बार चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और 10 अप्रैल को रामनवमी के दिन से इनका समापन होगा। इसके अलावा इस महीने में कई और बड़े धार्मिक आयोजन भी धूमधाम से मनाए जाएंगे।

शुक्ल पक्ष का पहला गुरुवार कब है 2022?

6 अक्टूबर 2022, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

कौन सा पक्ष चल रहा है शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष?

1. आज का पंचांग क्या है? आज का पंचांग - 4 जनवरी 2023 बुधवार पौष शुक्ल पक्ष त्रयोदशी तिथि है।

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