विधायिका और कार्यपालिका के बीच अंतर: यूपीएससी के लिए राजव्यवस्था नोट्स यहां पढ़ें!
Gaurav Tripathi | Updated: मई 4, 2022 16:50 IST
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विधायिका का मुख्य कार्य कानून बनाना है। कार्यपालिका वह अंग है जो विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करती है और राज्य की इच्छा को लागू करती है। विधायिका और कार्यपालिका के बीच अंतर (Difference Between Legislature and Executive in Hindi) को यहाँ विस्तार से समझाया गया है। भारत के संविधान में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि राज्य की कार्यकारी शाखा (मंत्रिपरिषद) सामूहिक रूप से विधायिका (लोगों का सदन अर्थात लोकसभा) के प्रति जिम्मेदार होगी। इसका तात्पर्य यह है कि संसद को सरकार के काम की निगरानी करनी चाहिए और उसे अपने कार्यों और चूक के लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए। संसद सदस्यों के पास सरकार के व्यय को अधिकृत करने और अपने निर्वाचन क्षेत्रों के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले कानून पारित करने की भी जिम्मेदारी होती है। ऐसे कई मामले हैं जब विधायिका और कार्यपालिका की भूमिकाएं ओवरलैप होती हैं और दोनों के बीच स्पष्ट अंतर नहीं होता है।
विधायिका और कार्यपालिका के बीच अंतर (Difference Between Legislature and Executive) पर इस लेख में, हम विधायिका और कार्यपालिका से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करेंगे, साथ ही उनके बीच के प्रमुख अंतरों पर भी चर्चा करेंगे। यह यूपीएससी परीक्षा में उम्मीदवारों के लिए बहुत उपयोगी होगा। विधायिका और कार्यपालिका के बीच अंतर (Difference Between Legislature and Executive) से संबंधित प्रश्न यूपीएससी प्रिलिम्स और मुख्य परीक्षा की एक महत्वपूर्ण टॉपिक है।
- एक विधायिका क्या है? | What is a Legislature?
- एक कार्यपालिका क्या है? | What is an Executive?
- विधायिका और कार्यपालिका के बीच प्रमुख अंतर | Major Difference between Legislature and Executive
- चेक और बैलेंस का तंत्र | Check and Balance Mechanism
- कमियां | Shortcomings
- विधायिका और कार्यपालिका के बीच अंतर -FAQs
एक विधायिका क्या है? | What is a Legislature?
- राष्ट्रपति और दो सदन, जिन्हें राज्यों की परिषद (राज्यसभा) और लोगों के सदन (लोकसभा) के रूप में जाना जाता है, संघ की विधायिका बनाते हैं जिसे संसद के रूप में जाना जाता है। प्रत्येक सदन को पिछले सत्र के छह महीने के भीतर बुलाने की आवश्यकता होती है। कुछ परिस्थितियों में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक संभव है।
- विधानसभा, विधान परिषद और राज्य के राज्यपाल संयुक्त रूप से राज्य विधायिका का निर्माण करते हैं। जम्मू और कश्मीर के दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित होने के बाद विधानपरिषद अब केवल छह राज्यों में मौजूद है।
एक कार्यपालिका क्या है? | What is an Executive?
- कार्यपालिका सरकार का वह हिस्सा है जो निष्पादन और प्रशासन के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। सरकार की कार्यकारी शाखा विधायी द्वारा पारित कानूनों और नीतियों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
विधायिका और कार्यपालिका के बीच अंतर (यूपीएससी राजनीति): पीडीएफ यहां से डाउनलोड करें!
विधायिका और कार्यपालिका के बीच प्रमुख अंतर | Major Difference between Legislature and Executive
तुलना का आधार | विधायिका | कार्यपालिका |
भूमिका | कानून निर्माण करना और कार्यपालिका की जवाबदेही तय करना। | विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करना। |
संरचना | संसद विधायी निकाय है जो लोकसभा और राज्यसभा से बना है। | राष्ट्रपति, उपाध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री और अन्य मंत्री कार्यपालिका में सम्मिलित होते हैं। |
शक्तियाँ |
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चेक और बैलेंस का तंत्र | Check and Balance Mechanism
ऐसे कई तंत्र हैं जिनके द्वारा विधायिका नियंत्रण और संतुलन के तंत्र के माध्यम से कार्यपालकों के कामकाज को नियंत्रित करती है। इसमें निम्नलिखित शामिल है:
- कानून बनाना (Legislation): किसी विशेष कानून को बनाने के लिए कार्यपालिका को विधायिका के अनुमोदन की आवश्यकता होती है।
- वित्तीय नियंत्रण (Financial Control): कार्यपालिका द्वारा अनुदानों की मांग और बजट के अनुमोदन की मांग विधानमंडल द्वारा की जानी है।
- उत्तरदायित्व (Responsibility): लोक सभा के प्रति कार्यपालकों का सामूहिक उत्तरदायित्व होता है। विधायिका द्वारा अविश्वास प्रस्ताव स्थगन प्रस्ताव जैसे विभिन्न प्रस्तावों के माध्यम से नियंत्रण का प्रयोग किया जाता है।
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कमियां | Shortcomings
- जवाबदेही (Accountability): लोकसभा में बहुमत दल से अधिक सदस्यों के कारण कार्यपालिका लोकसभा के प्रति जवाबदेह होती है।
- दलबदल विरोधी कानून (Anti-defection law): एक ही पार्टी के सदस्य नीतियों पर सवाल नहीं उठाते क्योंकि सदस्यता खोने की संभावना होती है।
- अध्यादेश (Ordinances): अध्यादेशों का प्रावधान कार्यपालिका को विधायिका को दरकिनार करने की अनुमति देता है।
- ट्रिब्यूनल (Tribunals): विभिन्न मुद्दों को हल करने के लिए कानूनी समर्थन के बिना प्रशासनिक निकायों की स्थापना कार्यपालिका को विधायी नियंत्रण से दूर जाने की अनुमति देती है।
- धन विधेयक (Money Bills): केवल लोकसभा के पास धन विधेयक शुरू करने की शक्ति होती है, जिससे राज्यसभा और विधायिका की शक्तियां सीमित हो जाती हैं।
हमें उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद विधायिका और कार्यपालिका के बीच अंतर (Difference Between Legislature and Executive in Hindi) से संबंधित आपके सभी संदेह दूर हो जाएंगे। यूपीएससी आईएएस परीक्षा से संबंधित विभिन्न अन्य विषयों की जांच के लिए अब आप टेस्टबुक ऐप डाउनलोड कर सकते हैं।
विधायिका और कार्यपालिका के बीच अंतर -FAQs
Q.1 विधायिका का क्या अर्थ है?
Ans.1 राष्ट्रपति और दो सदन, जिन्हें राज्यों की परिषद (राज्य सभा) और लोगों के सदन के रूप में जाना जाता है, संघ की विधायिका बनाते हैं, जिसे संसद (लोकसभा) के रूप में जाना जाता है। प्रत्येक सदन को पिछले सत्र के छह महीने के भीतर बुलाने की आवश्यकता होती है। कुछ परिस्थितियों में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक संभव है। विधान सभा, विधान परिषद (अब केवल छह राज्यों में), और राज्य के राज्यपाल राज्य विधानमंडल बनाते हैं।
Q.2 कार्यकारी का क्या अर्थ है?
Ans.2 कार्यपालिका सरकार का वह हिस्सा है जो निष्पादन और प्रशासन के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। सरकार की कार्यकारी शाखा विधायी द्वारा पारित कानूनों और नीतियों को लागू करने के लिए जिम्मेदार है।
Q.3 भारत के संविधान में वर्णित कार्यपालिका और विधायिका का प्रावधान क्या है?
Ans.3 भारत का संविधान कहता है कि राज्य की कार्यकारी शाखा (मंत्रिपरिषद) सामूहिक रूप से विधायिका (लोगों का सदन) के प्रति उत्तरदायी होगी। इसका तात्पर्य यह है कि संसद को सरकार के काम की निगरानी करनी चाहिए और उसे अपने कार्यों और चूक के लिए जिम्मेदार ठहराना चाहिए। संसद सदस्यों के पास कानून पारित करने, सरकार के खर्च को अधिकृत करने और अपने निर्वाचन क्षेत्रों के हितों का प्रतिनिधित्व करने की जिम्मेदारी भी होती है। ऐसे कई मामले हैं जब विधायिका और कार्यपालिका की भूमिकाएं एक दूसरे से जुड़ती हैं और दोनों के बीच स्पष्ट अंतर नहीं होता है।
Q.4 रचना के आधार पर विधायिका और कार्यपालिका में क्या अंतर है?
Ans.4 विधायिका में संसद शामिल है जो कि विधायी निकाय है जो लोकसभा और राज्यसभा से बना है। जबकि, कार्यकारी में राष्ट्रपति, उपाध्यक्ष, कैबिनेट मंत्री और अन्य मंत्री शामिल होते हैं।
Q.5 भूमिका के आधार पर विधायिका और कार्यपालिका में क्या अंतर है?
Ans.5 विधायिका कानून बनाती है और कार्यपालिका से जवाबदेही मांगती है। जबकि, कार्यपालिका विधानमंडल द्वारा बनाए गए कानूनों को लागू करती है।
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