प्रेगनेंसी में प्लेसेंटा का क्या मतलब होता है? - preganensee mein plesenta ka kya matalab hota hai?

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parul rohatagi |

नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: Sep 15, 2020, 2:46 PM

गर्भावस्‍था के दौरान गर्भाशय में विकसित होने वाला एक अंग है प्‍लेसेंटा। यह शिशु को ऑक्‍सीजन और पोषक तत्‍वों की आपूर्ति करता है। एंटीरियर प्‍लेसेंटा में प्‍लेसेंटा गर्भाशय के सामने वाले हिस्‍से से जुड़ जाता है।

गर्भावस्‍था के दौरान प्‍लेसेंटा पोषक तत्‍वों, ऑक्‍सीजन और खून को मां से शिशु तक पहुंचाती है। यह अदंरूरी संक्रमणों से लड़ने और स्‍वस्‍थ एवं सुरक्षित प्रेगनेंसी के लिए जरूरी हार्मोंस को बनाने में मदद करती है।प्रेगनेंसी में प्‍लेसेंटा की स्थिति और पोजीशन बहुत महत्‍वपूर्ण होती है। आइए जानते हैं कि किस तरह प्‍लेसेंटा की स्थिति गर्भावस्‍था को प्रभावित कर सकती है।

एंटीरियर प्‍लेसेंटा क्‍या है
जब प्‍लेसेंटा पेट की दीवार के नजदीक गर्भाशय के सामने वाले हिस्‍से से अपने आप जुड़ जाए तो इस स्थिति को एंटीरियर प्‍लेसेंटा कहते हैं। प्‍लेसेंटा खुद को गर्भाशय में कहीं भी जोड़ सकता है। आमतौर पर यह रीढ की हड्डी के नजदीक और पीछे (पोस्‍टीरियर) की ओर विकसित होती है। एंटीरियर प्‍लेसेंटा पोजीशन में शिशु की अधिकतर मूवमेंट महसूस नहीं हो पाती है।
दुर्लभ ही किसी गर्भवती महिला को एंटीरियर प्‍लेसेंटा होता है और अगर पहले सिजेरियन डिलीवरी हुई हो तो इसके होने का खतरा अधिक रहता है।


प्रेगनेंसी पर प्रभाव
आमतौर पर प्‍लेसेंटा की पोजीशन का प्रेगनेंसी या भ्रूण पर कोई असर नहीं पड़ता है लेकिन अगर प्‍लेसेंटा गर्भाशय ग्रीवा को ब्‍लॉक कर दे तो मुश्किलें पैदा हो सकती हैं। इस स्थिति को प्‍लेसेंटा प्रीविया कहते हैं।
प्‍लेसेंटा प्रीविया में मॉनिटर करने के लिए महिला को अस्‍पताल में भर्ती करने की जरूरत पड़ सकती है और सिजेरियन ऑपरेशन से डिलीवरी करवाने की जरूरत पड़ सकती है।
हालांकि, एंटीरियर प्‍लेसेंटा में ऐसा नहीं है और यह कोई गंभीर स्थिति नहीं है। प्‍लेसेंटा की पोजीशन शिशु के सामने होने के कारण प्रेगनेंट महिला को बच्‍चे की मूवमेंट पोस्‍टीरियर पोजीशन की तरह नहीं होती है।
शिशु में किसी तरह की असामान्‍यता या बीमारी की जांच के लिए एमनीओटिक फ्लूइड का सैंपल लिया जाता है। इस जांच को एमनियोसेंटेसिस कहते हैं। एंटीरियर प्‍लेसेंटा के कारण इस टेस्‍ट के लिए डॉक्‍टर को सैंपल लेने में दिक्‍कत आ सकती है।

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एंटीरियर प्‍लेसेंटा के कारण जटिलताएं
आमतौर पर एंटीरियर प्‍लेसेंटा चिंता का विषय नहीं है लेकिन कुछ अध्‍ययनों में सामने आया है कि प्‍लेसेंटा की पोजीशन प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकती है। एक स्‍टडी में पाया गया कि एंटीरियर प्‍लेसेंटा वाली गर्भवती महिला में प्रीक्‍लैंप्‍सिया, इंट्रायूट्राइन ग्रोथ रिस्ट्रिक्‍शन, जेस्‍टेशनल डायबिटीज, प्‍लेसेंटा एब्‍रप्‍शन और इंट्रायूट्राइन फीटल डैथ की समस्‍या होने का खतरा था।
वहीं इस बात के भी सबूत मिले हैं कि एंटीरियर प्‍लेसेंटा वाली महिलाओं में शिशु के जन्‍म के बाद कोई समस्‍या पैदा होने का अधिक खतरा रहता है।

डॉक्‍टर को कब दिखाएं
सभी गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान नियमित चेकअप करवाते रहना चाहिए। वैसे तो एंटीरियर प्‍लेसेंटा की वजह से कोई परेशानी नहीं होती है और अन्‍य लक्षणों से प्‍लेसेंटा में दिक्‍कत होने के संकेत मिल सकते हैं।
वैजाइना से ब्‍लीडिंग होने, तेज या लगातार संकुचन महसूस होने, तेज कमर दर्द, पेट दर्द, शिशु की मूवमेंट कम महसूस होने और गर्भाशय के सख्‍त लगने पर तुरंत डॉक्‍टर को दिखाना चाहिए।
प्‍लेसेंटा में दिक्‍कत होने के लक्षण अचानक सामने आते हैं और इसमें लक्षण कम ही गंभीर होते हैं। एंटीरियर प्‍लेसेंटा शिशु के विकास या स्‍वास्‍थ्‍य को प्रभावित नहीं कर सकता है। इससे शिशु पर कोई असर नहीं पड़ता है।

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सोनोग्राफी में प्लेसेंटा का मतलब क्या होता है?

जब प्‍लेसेंटा पेट की दीवार के नजदीक गर्भाशय के सामने वाले हिस्‍से से अपने आप जुड़ जाए तो इस स्थिति को एंटीरियर प्‍लेसेंटा कहते हैं। प्‍लेसेंटा खुद को गर्भाशय में कहीं भी जोड़ सकता है। आमतौर पर यह रीढ की हड्डी के नजदीक और पीछे (पोस्‍टीरियर) की ओर विकसित होती है।

प्रेगनेंसी में प्लेसेंटा नीचे होने से क्या होता है?

जब प्‍लेसेंटा आंशिक रूप से या पूरी तरह से मां की गर्भाशय ग्रीवा को ढक लेती है तो प्‍लेसेंटा प्रिविआ की स्थिति उत्‍पन्‍न होती है। प्‍लेसेंटा प्रिविआ की वजह से प्रेग्‍नेंसी और डिलीवरी के दौरान गंभीर ब्‍लीडिंग हो सकती है। प्‍लेसेंटा प्रिविआ में हो सकता है कि आपको पूरी प्रेग्‍नेंसी और डिलीवरी के दौरान ब्‍लीडिंग हो।

प्लेसेंटा नीची होने पर क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?

- इस दौरान डॉक्टर आपको पूरी तरह से बेड रेस्ट की सलाह देते हैं. इसकी वजह यह है कि प्लेसेंटा जो पहले से ही नीचे है उस पर ज्यादा दबाव न पड़ने पाए. और वह और नीचे की ओर जाने के बजाए ऊपर की ओर जा सके. - कई बार अधिक रक्तस्राव होने पर, स्थिति गंभीर होने पर, डॉक्टर गर्भवती महिला को हॉस्पिटलाइज भी कर सकते हैं.

नॉर्मल डिलीवरी के लिए कौन सी प्लेसेंटा पोजीशन बेस्ट है?

रॉकिंग चेयर पर बैठकर हिलना या किसी भी सामान्य कुर्सी पर बैठकर झूलना आपके श्रोणि (pelvis) को हिलाता है। ऐसा करने से आपके गर्भ में मौजूद बच्चा नीचे की तरफ आसानी से सरक जाता है। लेबर के दौरान थोड़ा-सा भी हिलना-डुलना आपको विचलित कर देता है। इस पोजीशन को ट्राई करने से लेबर के दौरान आपके निचले हिस्से को आराम मिलेगा।

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