पढ़ रहा था मैं कौन सी क्रिया है? - padh raha tha main kaun see kriya hai?

UP Lekhpal Hindi Practice Set 31: उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा आयोग द्वारा यूपी राजस्व लेखपाल भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। जिन अभ्यर्थियों ने इस भर्ती के लिए आवेदन कर दिया हैं वो अब अपनी तैयारी में और जोर लगा दें क्योंकि इस भर्ती के लिए जल्द ही परीक्षा भी आयोजित कराई जाएगी जिसके लिए उम्मीदवारों की तैयारी पूरी होनी चाहिए।

इसी संदर्भ में इस लेख के द्वारा आपके सामने यूपी लेखपाल परीक्षा से जुड़े हिंदी भाषा के 25 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर को शामिल किया गया है। इस परीक्षा में हिंदी भाषा से भी प्रश्न पूछे जाते हैं। ऐसे में इन प्रश्नों का अभ्यास करें तथा अपनी तैयारी को और मजबूत करें।

UP Lekhpal Hindi Practice Set 31

UP Lekhpal Hindi Practice Set 31

प्रश्न. क्रिया के जिस रूप से क्रिया निष्पादन के समय का ज्ञान हो, उसे कहते हैं:

  • पक्ष
  • भूतकाल
  • काल
  • वाच्य

उत्तर: 3

प्रश्न. जिस क्रिया से संचालित व्यापार का फल कर्ता को छोड़कर कर्म पर पड़ता है, उसे कौन सी क्रिया कहते हैं?

पहचान : क्रिया के साथ क्या अथवा किसको लगाकर प्रश्न पूछने पर जो उत्तर मिलता है वह कर्म कहलाता है।जिन वाक्यों में एक कर्म होता है उन्हे एककर्मक तथा दो कर्म वालो को द्विकर्मक कहते है। जिन वाक्यों में प्रश्न करने पर उत्तर मिलता है उन्हे सकर्मक अथवा जिनमे नहीं मिलता उन्हे अकर्मक क्रिया कहते है।

जिस शब्द के द्वारा किसी कार्य के करने या होने का बोध होता है उसे क्रिया कहते है। क्रिया को करने वाला ‘कर्ता’ कहलाता है।

जैसे – पढ़ना, खाना, पीना, जाना , सोना, रोना, हँसना , गिरना, दौड़ना , नाचना ,खरीदना इत्यादि।

(1) सीमा पुस्तक पढ़ रही है।

(2) रोहन खाना खा रहा है। 

(3) रीमा पानी पी रही है। 

(4) गीता बहुत ज़ोर से हँस रही है। 

(5) दादा जी धीरे धीरे चलते है। 

(6) मीरा बाज़ार जाना चाहती है। 

(7) सिमरन साइकिल खरीद रही है। 

(8) राम  बैट बॉल से खेल रहा है। 

(9) घोडा तेज़ दौड़ता है।

(10) बच्चा पतंग उड़ा रहा है। 

धातु 

जिस मूल रूप से क्रिया को बनाया जाता है उसे धातु कहते है।

जैसे :-सुन , खो, खेल, कूद, बोल , पढ़ , घूम , लिख , गा , हँस , देख , जा , खा , बोल , रो आदि।

धातु के भेद 

1. मूल धातु
2. सामान्य धातु
3. व्युत्पन्न धातु
4. यौगिक धातु

खा + ना = खाना

पढ़ + ना = पढ़ना

जा + ना = जाना

लिख + ना = लिखना

बोल + ना = बोलना 

घूम + ना = घूमना 

डाल+ ना डालना 

1. मूल धातु

मूल धातु किसी पर आश्रित न होकर स्वतंत्र होती हैं उसे मूल धातु कहते हैं।

जैसे : जा, खा, पी, रह, गा , रो , लिख, आदि ।

2. सामान्य धातु

धातु में जो ना प्रत्यय जोडकर उसका सरल रूप बनाया जाता है उसे सामान्य धातु कहते हैं।

जैसे : जाना , खाना , बोलना , रोना,  पढना , बैठना , लिखना , सोना , रोना , घूमना , गाना , हँसना , देखना ,सुनना आदि

3. व्युत्पन्न धातु

सामान्य धातु में प्रत्यय लगाकर या और किसी कारण से जो परिवर्तन किये जाते हैं उसे व्युत्पन्न धातु कहते हैं।

जैसे : सुलवाना , लिखवाना , दिलवाना , करवाना , खिलवाना , धुलवाना , पढवाना , कटवाना  आदि

4. यौगिक धातु

यौगिक धातु को प्रत्यय जोडकर बनाया जाता है।

जैसे : खाना से खिला, पढ़ना से पढ़ा  , लिखना से लिखा , खाना से खिलाना आदि 

क्रिया के भेद 

कर्म के अनुसार या रचना की दृष्टि से क्रिया के दो भेद हैं-

(1) सकर्मक क्रिया

(2) अकर्मक क्रिया

(1) सकर्मक क्रिया

जिस क्रिया का प्रभाव कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। 

वाक्य में क्रिया शब्द से पहले “क्या”, किसे तथा किसको प्रश्न करने पर यदि उत्तर मिल जाता है, तो क्रिया सकर्मक होती है ।

जैसे:

(1) शैली पुस्तक पढ़ा रही हैं।

(2) रीना  खाना खा रही है।

(3) विकास ने खिलौना खरीदा ।

(4) प्रतिभा लेख लिखती है। 

(5)  सविता फल लाती है।

(5)  नेता भाषण देता है।

(6) रमेश मिठाई बनाता है।

(7) माली ने पानी से पौधों को सींचा।

(8)  लड़के क्रिकेट खेलते हैं।

(9) मोहन दूध पीता है ।

(10) पिताजी पत्र लिखते है

सकर्मक क्रिया के भेद

(i) एककर्मक क्रिया
(ii) द्विकर्मक क्रिया

(i) एककर्मक क्रिया : जिस सकर्मक क्रियाओं में केवल एक ही कर्म होता है, वे एककर्मक सकर्मक क्रिया  कहलाती हैं।

जैसे : 

(1) मोहन  फ़िल्म देख रहा है। 

(2) नीता खाना खा रही है।

(3) सीमा झाड़ू लगा रही है।

(4) सुरेश सामान लाता है।

(5) प्रताप गाड़ी चला रहा है ।

(ii) द्विकर्मक क्रिया

जिन सकमर्क क्रियाओं में एक साथ दो-दो कर्म होते हैं, वे द्विकर्मक सकर्मक क्रिया कहलाते हैं।

जैसे :

(1) श्याम ने राधा को रुपये दिए।

(2) मीरा अपने भाई के साथ फ़िल्म देख रहा है। 

(3) सोहन और मोहन खाना खा रहे है 

(4) छात्र ने अध्यापिका को कॉपी दिखाई ।

(5) टीना ने श्याम को नाश्ता कराया ।

(2) अकर्मक क्रिया

जिस क्रिया का फल कर्ता पर ही पड़ता है वह क्रिया अकर्मक क्रिया कहलाती हैं।

अकर्मक क्रिया का कोई कर्म (कारक) नहीं होता, इसीलिए इसे अकर्मक कहा जाता है ।

जैसे :

(1) पूजा नाचती  है।

(2) श्याम रोता है।

(3) सुनील पढ़ता  है।

(4) घोडा दौड़ता है।

(5) राकेश मारता है।

(6) पक्षी उड़ता है

(7) दर्जी कपड़े सिल रहा है।

(8) मोहन  चिल्लाता है।

(9) बच्चा शरबत पी रहा है।

(10) राधा घूम रही है।

क्रिया के भेद रचना के आधार पर 

(1)  सामान्य क्रिया 
(2)  संयुक्त क्रिया
(3)  नामधातु क्रिया 
(4)  प्रेरणार्थक क्रिया 
(5)  पूर्वकालिक क्रिया

(1)  सामान्य क्रिया 

जब किसी वाक्य में एक ही क्रिया का प्रयोग हो तो वह सामान्य क्रिया कहलाती है ।

जैसे :

(1) सोहन ने गाना गाया 

(2) पिताजी ने पत्र लिखा 

(3) मोर बारिश में नाचा 

(4) सीता ने रोटी खाई 

(5) सोहन ने पुस्तक पढ़ी 

(6) सुनील ने खाना खाया 

(7) माता जी ने खाना बनाया 

(8) मोहन रोया 

(9) मीरा ने पानी पिया 

(10) सुशील गिरा 

(2)  संयुक्त क्रिया

जब दो या दो से अधिक क्रियाएँ मिलकर किसी पूर्ण क्रिया को बनाती हैं, तब वे संयुक्त क्रियाएँ कहलाती हैं।

पढ़ रहा था कौन सी क्रिया है?

ऊपर दिए गए वाक्य में सकर्मक क्रिया है।

मोहन किताब पढ़ रहा है कौन सी क्रिया है?

वाक्य में ऐसी क्रिया जिन्हें अर्थ को स्पष्ट करने के लिए कर्म की आवश्यकता होती है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे – मोहन पुस्तक पढ़ता है। वाक्य में ऐसी क्रिया जिसे अर्थ को स्पष्ट करने के लिए कर्म की आवश्यकता नही पड़ती, उसे अकर्मक क्रिया कहते है।

बच्चा रो रहा है मैं कौन सी क्रिया है?

अकर्मक क्रिया − वाक्य में जिस क्रिया के प्रयोग में कर्म की अपेक्षा नहीं होती, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं; जैसे − शीला हँसती है। बच्चा रो रहा है।

अकर्मक क्रिया कैसे पहचाने?

अकर्मक क्रिया वहां पर होती है जहां कर्ता द्वारा किया गया कार्य किसी अन्य चीज को प्रभावित नहीं करता है। उसैन बोल्ट दौड़ता है। इस वाक्य में उसैन बोल्ट कर्ता का काम कर रहा है और दौड़ना क्रिया है लेकिन इसका प्रभाव और किसी चीज पर नहीं पड़ रहा है इसलिए यहां पर अकर्मक क्रिया है।

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