प्रेगनेंट लेडी को सुबह कितने बजे उठना चाहिए? - preganent ledee ko subah kitane baje uthana chaahie?

गर्भावस्‍था के दौरान आने वाले बदलावों की वजह से कई बार महिलाएं चिड़चिड़ी हो जाती हैं। उन्‍हें समझ ही नहीं आता कि प्रेग्‍नेंसी की परेशानियों को कैसे हैंडल करें और वो खींझने लगती हैं। हालांकि, इस नाजुक समय में गर्भवती महिलाओं को शांत और फोकस रहना चाहिए ताकि शिशु का सही विकास हो सके।
हेल्‍दी डाइट और पर्याप्‍त आराम के अलावा इस समय में कई और भी चीजें हैं जो मां और बच्‍चे को मानसिक के साथ-साथ शारीरिक रूप से भी स्‍वस्‍थ रखने में मदद कर सकती हैं। इसमें दिन की शुरुआत बहुत मायने रखती है। जी हां, अपने दिन की शुरुआत को ही सही रखकर आप अपने प्रेग्‍नेंसी के दिनों को खुलकर एंजॉय कर सकते हैं।
यहां हम आपको कुछ ऐसे मॉर्निंग रिचुअल्‍स के बारे में बता रहे हैं जो मां और बच्‍चे दोनों की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं।

​सुबह जल्‍दी उठना

थकान और एनर्जी कम महसूस होने के कारण महिलाओं को सुबह उठने में दिक्‍कत होती है लेकिन आप ये भी जानती ही होंगी कि सुबह जल्‍दी उठने से शरीर कितना स्‍वस्‍थ और फुर्तीला रहता है।

जल्‍दी उठने से आपको रिलैक्‍स करने का समय भी मिल जाता है और आप घर और ऑफिस को भी आसानी से संभाल पाती हैं। इससे हड़बड़ी या जल्‍दबाजी नहीं रहती है। आप अपनी हेल्‍दी डाइट पर भी ज्‍यादा फोकस कर सकती हैं।

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​ब्रीदिंग और एक्‍सरसाइज

प्रेग्‍नेंसी में ब्रीदिंग एक्‍सरसाइज करने से मन और दिमाग शांत रहता है और इससे बच्‍चे को भी सुकून मिलता है। प्राणायाम आदि करने से मन में सकारात्‍मक विचार आते हैं। आप पेट पर हाथ रखकर अपने बच्‍चे से भी बात कर सकती हैं। आप कम से कम 15 मिनट के लिए मेडिटेशन जरूर करें। इससे आप पूरा दिन खुश और एनर्जेटिक महसूस करती हैं।

अगर आपको सुबह के समय मॉर्निंग सिकनेस नहीं हो रही है तो हल्‍के व्‍यायाम करने के लिए यह बिल्‍कुल सही समय है। एक्‍सरसाइज प्रेग्‍नेंसी में आपको फिट रखती है और इससे डिलीवरी में भी मदद मिलती है।

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​किताबें पढ़ना

अपने दिमाग को शांत रखने का सबसे अच्‍छा तरीका है किताबें पढ़ना। वैसे भी किताबें हमारी सबसे अच्‍छी दोस्‍त होती हैं। कई बार प्रेगनेंट महिलाओं को शिशु की सेहत, डिलीवरी की और इसके बाद की चिंता हो जाती है। ऐसे में इस तरह के नेगेटिव विचारों से खुद को दूर रखने के लिए आप किताबें पढ़ सकती हैं।

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​मॉर्निंग वॉक

सुबह के समय सैर करने से शरीर फिट, चुस्‍त और दुरुस्‍त रहता है। प्रेग्‍नेंसी में मॉर्निंग वॉक करने से आप दिनभर फ्रेश महसूस करती हैं। इन दिनों योग और एक्‍सरसाइज ज्‍यादा नहीं कर सकती हैं लेकिन वॉक का मजा तो आप ले ही सकती हैं।

इसके अलावा सुबह खाली पेट एक गिलास पानी पीने से प्रेग्‍नेंसी में होने वाली कब्‍ज दूर रहती है। गर्मी का मौसम है तो पानी जरूर पिएं और इस समय नारियल पानी, नींबू पानी और फ्रूट जूस पिएं।

सुबह के समय इन अच्‍छी आदतों को अपनाकर आप हेल्‍दी और फिट रह सकती हैं। इससे आपका बच्‍चा भी स्‍वस्‍थ रहेगा और उसका विकास ठीक तरह से हो पाएगा।

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प्रेगनेंसी किसी भी महिला के लिए बहुत खुसी का समय होता है और बहुत जादा महतवपूर्ण होता है प्रेगनेंसी में सुबह कितने बजे उठना चाहिए बहुत सी महिलाए यही जाना चाहती है

प्रेगनेंसी के दोरान किसी भी महिला को अपना बहुत जादा ध्यान रखना पड़ता है और अगर प्रेगनेंसी के दोरान कुछ भी हो जाता है तो बहुत जादा समस्या उत्पन हो जाती है

जिसके कारण हमें प्रेगनेंसी के दोरान सभी चीजो का ध्यान रखना पड़ता है जैसे उठना , बेठना , लेटना , कब सोना है कब उठना है इन सभी चीजो का ध्यान रखना पड़ता है

इसके अलावा प्रेगनेंसी के दोरान वेट बढ़ना , हार्मोन में बदलाव होना आदि जैसे समस्या भी होने लगती है और इन सभी चीजो को बहुत जादा ध्यान देना पड़ता है

इसके अलावा बहुत सी महिलाओं को बेठने और लेटने और उठने में समस्या होती है आज हम आपको प्रेगनेंसी में सुबह कितने बजे उठना चाहिए इसके साथ साथ प्रेगनेंसी में ध्यान देने वाली कुछ बातो के बारे में बताएगे

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प्रेगनेंसी में सुबह कितने बजे उठना चाहिए

प्रेगनेंसी में सुबह कितने बजे उठना चाहिए यह जाना प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए बहुत जरुरी होता है कहा जाता है की अगर प्रेगनेंसी के दोरान जल्दी सोना और जल्दी उठने की आदत हो तो माँ और बचे के लिए बहुत जादा फायदेमंद होती है

माना जाता है की जो महिला रात को जल्दी सो जाती है उनको गहरी नींद आती है जो बचे के लिए भी फायदेमंद होता है और पूरा दिन माँ तारो तजा महसूस करती है और कोई समस्या भी नहीं होती है

प्रेगनेंसी के दोरान किसी भी महिला को रात को 9 बजे से लेकर 10 बजे के बीच सो जाना चाहिए और सुबहे 6 बजे तक उठ जाना चाहिए कोई भी प्रेग्नेंट महिला रात के समय गहरी नीद में होती है जो बहुत जादा अच्छा होता है

इसके अलावा प्रेगनेंसी के दोरान माँ को कम से कम दिन में दो घंटे की नींद लेना बहुत जादा जरुरी होता है और रात को आठ घंटे की नींद लेना जरुरी होता है इसलिए जादा समय तक ना जागे रात को

प्रेगनेंसी के दोरान ध्यान रखने वाली कुछ बाते 

प्रेगनेंसी में जितनी जादा नींद लेना जरुरी होता है उसी के साथ लेटने , बेठने , उठने पर ध्यान देना भी बहुत जादा जरुरी होता है इसलिए आज हम आपको इसी बारे में बताएगे

.  प्रेगनेंसी में बेठने का सही तरीका क्या होता है

अगर आप बेठना चाहते है हो तो आपको हमेशा आराम से बेठना है फिर चाहे वह कुर्सी हो या सोफा हो आपको आराम से बेठना है आपको बेठने से पहले कमर को सीधा रखना है और हो सके तो कमर के पीछे तकिया रख सकते है

प्रेगनेंसी के दोरान बैठते समय एक बात का और ध्यान रखे की आप एकदम से झटके से नहीं बेठना है और आराम से बेठना है और ध्यान रहे की आपके पेट पर जादा जोर ना पड़े , बेठने के लिए आप किसी दुसरे व्यक्ति का सहारा ले सकते है

प्रेगनेंसी के दोरान बेठने के बाद एक बात का और ध्यान रखे की आपके दोनों पैर जमीन पर टिके होने चाहिए हवा में पैर लटके नहीं होने चाहिए या आप पेरो के निचे एक स्टूल ले सकते है इसे आपको आराम मिलेगा और सुजन भी नहीं होगी

इसके अलावा आपको बहुत देर तक एक ही पोजीसन में नहीं बेठना है अगर आपको लगता है की आप जादा समय तक एक ही जगह बेटे है तो आप कुछ काम कर सकते है और टहल सकते है

प्रेगनेंसी के दोरान सोने का सही तरिका क्या होता है

अगर प्रेगनेंसी के दोरान आपके तीन महीने पुरे हो जाते है तो आपको लेफ्ट साइड करबट लेकर ही सोना चाहिए इसका आपको और आपके बचे को बहुत फायदा होगा बचे को अछि ऑक्सीजन मिलती है

यह तरीका आपको प्रेगनेंसी में तीन महीने बाद ही करना है उसे पहले नहीं करना है , अगर आपको सोना है तो आपको सबसे पहले बेड पर बेठना है आराम से उसके बाद बेड का थोड़ी सपोर्ट लेना है

और उसके बाद पेरो को आराम से बेड पर लेकर जाना है और आराम से सपोर्ट लेकर लेफ्ट साइड लेटना है सोते समय आपको जल्दी नही करनी है आराम से लेटना है इसके अलावा सिर के निचे तकिया रख सकते है

पेरों के निचे तकिया रख सकते है इसके अलावा ध्यान रहे की आप पेट के बल ना सोए इसे आपको ओर आपको बचे को समस्या हो सकती है इसलिए पेट के बल ना सोए

समय पर खाना खाए

प्रेगनेंसी के दोरान आपको एक बात हमेशा ध्यान रखनी है की आप समय पर खाना खा ले आपको सोने से 2 घंटे पहले खाना खा लेना है अगर आप सोने से एकदम पहले खाना खाते है

तो प्रेगनेंसी के दोरान एसिडिटी , गेस , नींद न आने की समस्या हो जाती है और एक बात का ध्यान रखना है की आपको सोने से पहले पानी नहीं पीना है क्युकी आपको बार बार बाथरूम जाने की समस्या हो सकती है जिसे आपकी नींद पूरी नहीं होगी

प्रेगनेंसी में उठने का सही तरीका क्या होता है

प्रेगनेंसी के दोरान आपको एक दम से नहीं उठना है आपको आराम से उठना है आपको सबसे पहले उठते समय बैठने की पोजीसन में आना है और बेठने के बाद आराम से पेरो को जमीन पर रखना है

एक बात का और ध्यान दे की हमेशा एक हाथ को अपने पेट पर रखे और एक हाथ से सपोर्ट लेकर उठे इसे आपको फायदा होगा और झटका नहीं लगेगा एक बात और उठने से पहले हो सके तो किसी की मदत ले

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गर्भवती महिलाओं को सुबह कितने बजे उठना चाहिए?

शोध के अनुसार, रिसर्च में शामिल 100 में से एक तिहाई महिलाएं गर्भवती हुई हैं। ये वो महिलाएं हैं जिनके सोने का समय रात 10.30 से लेकर सुबह 6.30 बजे तक था। शोधकर्ताओं का कहना है कि ये महिलाएं रात 2.30 से 3.30 बजे के बीच गहरी नींद में थीं। वहीं देर रात सोने वाली महिलाएं का गहरी नींद का समय सुबह 6 बजे था।

प्रेगनेंसी में सुबह सुबह खाली पेट क्या खाना चाहिए?

प्रेगनेंसी के दौरान महिलाएं खाली पेट प्रोटीन से भरपूर चीजों का सेवन कर सकती हैं. इससे ना केवल शिशु का शारीरिक विकास हो सकता है बल्कि मानसिक विकास होने में भी मदद मिल सकती है. प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को डेरी उत्पाद चीजें जैसे दूध, दही, छाछ आदि का सेवन जरूर करना चाहिए.

बच्चा गोरा होने के लिए क्या खाएं?

नारियल पानी के अलावा सूखा नारियल खाने से भी बच्चा गोरा पैदा होता है। प्रेगनेंसी के दौरान ब्रोकली, पत्ता गोभी और हरी पत्तेदार सब्जी जैसे- पालक, मेथी, बथुआ इन सारी चीजों को खाना चाहिए, क्योंकि इसमें फाइबर विटामिन ए, विटामिन के, कैल्शियम, फोलेट और पोटेशियम पाया जाता है, जो आपके और आपके बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

प्रेगनेंसी में कितनी देर बैठना चाहिए?

एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि जो महिलाएं प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा देर तक झुककर बैठती हैं, वे गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुंचा रही होती हैं। वॉरविक मेडिकल स्कूल शोधकर्ताओँ ने पाया कि दिन में 6 घंटे से ज्यादा झुककर बैठने से गर्भवती महिलाओं के वजन में गैर-जरूरी इजाफा होने लगता है।

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