Habit of Eating Soil in Child
मुख्य बातें
- बच्चों को दें आयरन युक्त खाना
- केले से छूटेगी मिट्टी खाने की आदत
- मिट्टी खाने की आदत लौंग से होगी दूर
Habit of Eating Soil: बच्चों को अक्सर मिट्टी खाने की आदत होती है। मिट्टी खाने की इस आदत को कई बार माता-पिता सामान्य समझते हैं, तो कई बार बच्चे को डांटते-पीटते हैं, लेकिन ये एक तरह की बीमारी है। जो अधिकांश बच्चों को होती है। दरअसल, बचपन में बच्चों के शारीरिक विकास के लिए ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत होती है, लेकिन जब बच्चों को जरूरी पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, तब उनमें खाने से संबंधी ये बीमारी हो जाती है। मिट्टी खान की इस बीमारी को पाइका कहा जाता है। इस बीमारी में बच्चों को मिट्टी खाने इच्छा होना, भूख न लगना, पेट में कीड़े हो जाना जैसी समस्याएं हो जाती हैं। हालांकि, कुछ घरेलू उपायों से बच्चों की इस मिट्टी खाने की आदत को छुड़वाया जा सकता है।
बच्चों के शरीर में अक्सर खून की कमी पाई जाती है, जिससे उनके शरीर में आयरन की कमी हो जाती है। आयरन की कमी से भी बच्चों को मिट्टी खाने की इच्छा होती है। मिट्टी खाने की इस आदत को छुड़ाने के लिए बच्चों के खाने में आयरन से भरपूर चीजें शामिल करनी चाहिए। आयरन के लिए चुकंदर, हरी सब्जियां और अनार को शामिल किया जा सकता है।
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केले से छूटेगी मिट्टी खाने की आदत
बच्चों की मिट्टी की आदत छुड़ाने में केला भी कारगर साबित होता है। इसके लिए केला मसल कर उसमें शहद मिलाकर बच्चे को खिलाएं। इससे बच्चे के शरीर में जरूरी पोषक तत्वों की कमी भी पूरी होती है और पेट भरा रहता है, जिससे मिट्टी खाने की आदत धीरे-धीरे छूट जाती है।
मिट्टी खाने की आदत लौंग से होगी दूर
मिट्टी खाने की आदत को छुड़ाने के लिए लौंग भी काफी फायदेमंद होती है। दरअसल, लौंग के पानी को पीने से बच्चों की मिट्टी खाने की जल्दी ही छूट जाती है। इस पानी को तैयार करने के लिए पहले लौंग की कुछ कलियों को पीसकर पानी को
उबाल लें। अब इस पानी को ठंडा करके छान लें। बच्चे को इस पानी का दिन में तीन बार सेवन कराएं। फायदा मिलेगा।
(डिस्क्लेमर: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
इसे सुनेंरोकेंऔरतों और लड़कियों में मिट्टी या चॉक खाने की आदत को जियोफेगिया नाम दिया गया है। ये पीका बीमारी से संबंधित है। ज्यादातर महिलाएं जब मिट्टी खाती हैं तो बोला जाता है कि उनमें कैल्शियम की कमी है जबकि ऐसा नहीं होता है। इस बीमारी का सीधा संबंध आयरन की कमी से होता है। मिट्टी खाना कैसे बंद होगा? बच्चे की इस आदत को छुड़ाने के लिए अपनाएं ये
तरीके: प्रेगनेंसी में मुल्तानी मिट्टी खाने से क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंइसका सबसे बड़ा कारण गर्भावस्था के दौरान फल सब्जी खाने की बजाय मुल्तानी मिट्टी, मिट्टी, कोयला राख का सेवन है।
डॉक्टरों के अनुसार इन महिलाओं में आयरन कैल्शियम की कमी होती है। जिस कारण उनका यह अजीबो गरीब चीजें खाने का मन करता है। इसी के कारण गर्भवती के पेट में कीड़े होना आम बात हो जाती है।लेडीस मिट्टी क्यों खाती है?
खाने वाली मिट्टी कौन सी होती है?
इसे सुनेंरोकेंमिट्टी खाने की इस आदत को जियोफेगिया नाम दिया गया है। ये पीका से संबंधित है। इसमें इंसान मिट्टी खाने से खुद को रोक नहीं पाता। ज्यादातर प्रेग्नेंट महिलाएं इसका शिकार होती हैं।
मिट्टी खाने से क्या बीमारी होती है?
इसे सुनेंरोकेंऐसा वो एक डिसऑर्डर की वजह से करते हैं, जिसे PICA डिसऑर्डर कहा जाता है. इस डिसऑर्डर से शिकार बच्चे कुछ भी सामान अपने मुंह में डालने की कोशिश करते हैं और 1 से 7 साल के बच्चों में ऐसा दिखने को मिलता है. इस वजह से बच्चे मिट्टी खाते हैं.
मिट्टी खाने से बच्चे पर क्या असर पड़ता है?
इसे सुनेंरोकेंडॉक्टरों के मुताबिक जिन लोगों का मन चौक या मिट्टी खाने का करता है उनके शरीर में खून की कमी होती है। ये एनीमिया बीमारी का कारण बनता है। 2. खून की कमी की मुख्य वजह आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन बी12 की कमी है।
प्रेगनेंसी में मिट्टी खाने की इच्छा क्यों होती है?
इसे सुनेंरोकेंकुछ महिलाएं प्रेग्नेंसी के दौरान मिट्टी, चॉक, कागज, क्ले आदि खाने लगती हैं। हालांकि, इसकी वास्तविक वजह कोई नहीं जानता लेकिन हो सकता है कि ऐसा वह आयरन, जिंक या किसी और चीज की कमी की वजह से कर रही हों।