क्या निराश हुआ जाए
प्रश्न / उत्तर
प्रश्न-1 'क्या निराश हुआ जाए' पाठ के लेखक का नाम लिखिए।उत्तर –'क्या निराश हुआ जाए' पाठ के लेखक हजारी प्रसाद द्विवेदी जी हैं।
प्रश्न-2 आपके विचार से हमारे महान विद्वानों ने किस तरह के भारत के सपने देखे थे? लिखिए।उत्तर –मेरे विचार से हमारे महान विद्वानों ने महान संस्कृति सभ्य भारत का सपना देखा था।
प्रश्न-3 अच्छाई में रस लेकर उसे उजागर न करना और भी बुरी बात क्यों हैं?उत्तर –अच्छाई में रस लेकर उसे उजागर न करना और भी बुरी बात है क्योंकि सैकड़ों घटनाएँ ऐसी घटती हैं जिन्हें उजागर करने से लोक - चित्त में अच्छाई के प्रति अच्छी भावना जगती है।
उत्तर - लोभ - मोह, काम - क्रोध आदि विचार मनुष्य में स्वाभाविक रूप से विधमान रहतें हैं, पर उन्हें प्रधान शक्ति मान लेना और अपने मन तथा बुद्धि को उन्हीं के इशारे पर छोड़ देना बुरा आचरण है।
प्रश्न-5 भारतवर्ष ने भौतिक वस्तुओं के संग्रह को बहुत अधिक महत्व क्यों नहीं दिया है?
उत्तर – भारतवर्ष ने भौतिक वस्तुओं के संग्रह को बहुत अधिक महत्व नहीं दिया है क्योंकि उसकी दृष्टि से मनुष्य के भीतर जो महान आंतरिक गुण स्थिर भाव से बैठा हुआ है, वही चरम और परम है।
प्रश्न-6 आज महान मूल्यों के प्रति हमारी आस्था क्यों हिलने लगी है?उत्तर - ईमानदारी से मेहनत करके जीविका चलानेवाले निरीह और भोले - भाले श्रमजीवी को पिसते और झूठ तथा फ़रेब का रोज़गार करनेवालों को फलता - फूलता देखकर महान मूल्यों के प्रति हमारी आस्था हिलने लगी है।
उत्तर – कविवररवीन्द्रनाथठाकुरनेअपनेप्रार्थनागीतमें भगवानसेप्रार्थनाकीथीकिसंसारमेंकेवलनुक्सानहीउठानापड़े, धोखाहीखाना पड़ेतोऐसेअवसरोंपरभीहेप्रभो! मुझेऐसीशक्तिदोकिमैंतुम्हारेऊपर संदेहनकरूँ।
प्रश्न-8 'मानव महा - समुद्र' से लेखक का क्या आशय है?उत्तर –'मानव महा - समुद्र' से लेखक का आशय भारत वर्ष में रहने वाले विभिन्न जाति एवं धर्म के मनुष्यों से है जो अलग - अलग स्थानों से आए हैं तथा अपने साथ तरह - तरह के जीवन मूल्य एवं आदर्श लाए हैं।
प्रश्न-9 यदि ‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद कोई विराम चिहन लगाने के लिए कहा जाए तो आप दिए गए चिह्नों में से कौन-सा चिहन लगाएँगे? अपने चुनाव का कारण भी बताइए – , । . । ? ; – , …. ।उत्तर –‘क्या निराश हुआ जाए’ के बाद मैं प्रश्न चिन्ह ‘क्या निराश हुआ जाए?’ लगाना उचित समझता हूँ। समाज में व्याप्त बुराइयों के बीच रहते हुए भी जीवन जीने के लिए सकारात्मक दृष्टि जरूरी है।
प्रश्न-10 धर्मभीरु लोग कानून की त्रुटियों से लाभ उठाने में संकोच क्यों नहीं करते?
उत्तर - भारतवर्षसदाकानूनकोधर्मकेरूपमेंदेखताआरहाहै। आजएकाएककानूनऔरधर्ममेंअंतरकरदियागयाहै।धर्मकोधोखानहींदियाजा सकता, कानूनकोदियाजासकताहै।यहीकारणहैकिजोलोगधर्मभीरुहैं, वे कानूनकीत्रुटियोंसेलाभउठानेमेंसंकोचनहींकरते।
प्रश्न-11 पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञाओं के उदाहरण खोजकर लिखिए।उत्तर – व्यक्तिवाचक संज्ञा: रबींद्रनाथटैगोर, मदनमोहनमालवीय, तिलक, महात्मागाँधीआदि।
जातिवाचकसंज्ञा: बस, यात्री, मनुष्य, ड्राइवर, कंडक्टर, हिन्दू, मुस्लिम, आर्य, द्रविड़, पति, पत्निआदि।
भाववाचकसंज्ञा: ईमानदारी, सच्चाई, झूठ, चोर, डकैतआदि।