कृष्ण को खाने में क्या पसंद है? - krshn ko khaane mein kya pasand hai?

भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव भाद्रप के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार इस बार 30 अगस्त दिन सोमवार को जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। परंपरा से यह 5248वां जन्मोत्सव होगा। आओ जानते हैं श्री कृष्‍ण को कौन कौनसे भोजन प्रिय हैं और वे कितने वक्त खाना खाते हैं।


आठ वक्त खाते हैं खाना या लगाते हैं उन्हें भोग : श्रीकृष्ण के जीवन में 8 अंक का बहुत महत्व था। वे श्री विष्णु के 8वें अवतार के रूप में 8वें मनु वैवस्वत के मन्वंतर के 28वें द्वापर में भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की रात्रि के 7 मुहूर्त निकल गए और 8वां उपस्थित हुआ तभी आधी रात के समय सबसे शुभ लग्न में उन्होंने जन्म लिया। उस लग्न पर केवल शुभ ग्रहों की दृष्टि थी। तब रोहिणी नक्षत्र तथा अष्टमी तिथि के संयोग से जयंती नामक योग में उनका जन्म हुआ था। ज्योतिषियों के अनुसार रात 12 बजे उस वक्त शून्य काल था।

कहते हैं कि अष्टमी को जन्में भगवान श्रीकृष्ण की 8 पत्नियां थीं। भगवान श्रीकृष्ण वसुदेव के आठवें पुत्र थे। वे 8 वक्त भोजन करते थे या कि उन्हें 8 समय भोग लगाते हैं।इसी तरह कहते हैं कि उन्हें आठ प्रकार के भोजन भी प्रिय थे।

श्रीकृष्ण भोग : भगवान श्रीकृष्ण को साग, कढ़ी और पूरी के अलावा प्रमुख रूप से 8 भोजन प्रिय है- 1.खीर, 2.सूजी का हलुआ या लड्डू, 3.सिवइयां, 4.पूरनपोळी, 5.मालपुआ 6.केसर भात, 7.केले सहित सभी मीठे फल और 8.कलाकंद

3. प्रसाद : श्रीकृष्ण के उपरोक्त भोग के अलावा उन्हें 1.माखन-मिश्री, 2.पंचामृत, 3.नारियल, 4.सुखे मेवे और 5.धनिया पिंजरी का प्रसाद चढ़ाया जाता है।

श्री कृष्ण को भोजन कौन सा पसंद था?...


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श्री कृष्ण को एक अच्छा देवता माना जाता है श्री कृष्ण राधे से प्रेम करते थे परंतु उनकी शादी रुकमणी से हो गए थे श्रीकृष्ण को खाने में माखन बहुत पसंद थे बचपन से ही बहुत सारे माखन और चुरा चुरा कर खाते थे और उनकी प्रेम माली सखियों को बहुत तंग करते थे मेरे साथियों को बहुत तंग करते थे कृष्ण को राधे की हाथ से बनी हुई खीर बहुत पसंद थे

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भगवान को बिना प्रसाद चढ़ाए हर पूजा अधूरी है. जैसे हम सभी को खाने में कुछ खास चीजें अच्छी लगती हैं, उसी तरह प्रसाद में हर देवी-देवता की अलग-अलग पसंद हैं. आइए जानें किस भगवान को भोग में क्या अर्पित करना चाहिए:

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भगवान विष्णु का भोग: श्री हरि को सूजी का हलवा और पंचामृत बहुत प्रिय है. सूजी का हलवा घी में बनाएं और इसमें सूखे मेवे मिलाएं और भगवान को भोग लगाएं. हर रविवार और गुरुवार को विष्णु-लक्ष्मी मंदिर में जाकर उनको भोग लगाने से दोनों प्रसन्न होते हैं और घर में किसी भी प्रकार से धन और संपन्नता की कमी नहीं होती है. इनके भोग में तुलसी जरूर रखें.

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शिव भोग: शिव को भांग और पंचामृत पसंद है. शिवलिंग को दूध, दही, शहद, शक्कर, घी, जल से स्नान कराकर भांग-धतूरा, इत्र, चंदन, फूल, रोली, वस्त्र अर्पित किए जाते हैं. शिवजी को रेवड़ी, चिरौंजी और मिश्री भी चढ़ाई जाती है. सावन में भोलेनाथ का व्रत रखकर उनको गुड़, चना और चिरौंजी के अलावा दूध चढ़ाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है.

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हनुमान जी का भोग: हनुमान जी को हलवा, पंच मेवा, गुड़ से बने लड्डू, डंठल वाला पान और केसर भात बहुत पसंद हैं. इसके अलावा बजरंगबली को कुछ लोग इमरती भी चढ़ाते हैं. 5 मंगलवार लगातार हनुमान जी को चोला चढ़ाकर इन चीजों का भोग लगाने से, हर तरह के संकटों का समाधान होता है.

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मां दुर्गा भोग: दुर्गा को शक्ति माना गया है. इन्हें खीर, मालपुए, मीठा हलवा, पूरणपोळी, केले, नारियल और मिठाई बहुत पसंद हैं. नवरात्रि के मौके पर उन्हें हर दिन इसका भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, मां को खासकर सभी तरह का हलवा बहुत पसंद है. यदि आप माता के भक्त हैं तो बुधवार और शुक्रवार को स्नान करके आदि शक्ति के मंदिर जाएं और उन्हें ये भोग चढ़ाएं.

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मां लक्ष्मी भोग: लक्ष्मी जी को धन की देवी माना गया है. इन्हें प्रसन्न करने के लिए इनके प्रिय भोग को लक्ष्मी मंदिर में जाकर अर्पित करना चाहिए. लक्ष्मी जी को सफेद और पीले रंग के मिठाई, केसर-भात बहुत पसंद हैं. कम से कम 11 शुक्रवार एक लाल फूल चढ़ाकर मां लक्ष्मी उन्हें यह भोग लगाने से घर में शांति और समृद्धि रहती है. कभी धन की कमी नहीं रहती.

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देवी सरस्वती का भोग: इन्हें ज्ञान की देवी माना गया है. मां सरस्वती को दूध, पंचामृत, दही, मक्खन, सफेद तिल के लड्डू और चावल का लावा पसंद है. मां को ये भोग किसी मंदिर में जाकर ‍अर्पित करने चाहिए, तो ज्ञान और योग्यता का विकास होगा.

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गणपति का भोग: गणेश जी को मोदक या लड्डू अच्छे लगते हैं. बप्पा को मोतीचूर के लड्डू भी पसंद हैं. शुद्ध घी से बने बेसन के लड्डू भी गणेश जी को चढ़ाए जाते हैं. इसके अलावा आप इन्हें बूंदी के लड्डू भी अर्पित कर सकते हैं. नारियल, तिल और सूजी के लड्डू भी गणपति को चढ़ाए जाते हैं.

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श्री कृष्ण का भोग: भगवान कृष्ण को माखन और मिश्री बहुत पसंद है. इसके अलावा खीर, हलवा, पूरनपोली, लड्डू और सैवइयां भी उनको पसंद हैं.

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मां काली और भैरवनाथ का भोग: काली और भैरवनाथ को लगभग एक जैसा ही भोग लगता है. हलवा, पूरी और मदिरा उनके प्रिय भोग हैं. किसी अमावस्या के दिन काली या भैरव मंदिर में जाकर उनकी प्रिय वस्तुएं चढ़ाएं. इसके अलावा इमरती, जलेबी और 5 तरह की मिठाइयां भी अर्पित की जाती हैं.

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श्री राम का भोग: भगवान राम को केसर भात, खीर, धनिया का भोग आदि पसंद हैं. इसके अलावा उनको कलाकंद, बर्फी, गुलाब जामुन का भोग भी प्रिय है.

श्री कृष्ण का प्रिय भोजन क्या है?

माखन-मिश्री, 2. पंचामृत, 3. नारियल, 4. सुखे मेवे और 5.

कृष्ण की विशेष प्रिय डाल कौन सी है?

सिर पर मुकुट, मुकुट में मोर पंख, पीतांबर, बांसुरी और वैजयंती की माला. ऐसे अद्भूत रूप को जो एकबार देख लेता था, वो उसी का दास बनकर रह जाता था. ये तो हम सभी जानते हैं कि श्रीकृष्ण को दूध, दही और माखन बहुत प्रिय था लेकिन इसके अलावा भी उन्हें बहुत कुछ पसंद था. श्रीकृष्ण को इन पांच चीजों से विशेष लगाव था.

बालक कृष्ण का सबसे प्रिय खाद्य पदार्थ क्या है?

श्री कृष्‍ण की बाल लीला में कई प्रसंग आए हैं जब श्री कृष्‍ण ने गोकुलवास‌ियों के घर जाकर माखन चुराए और बाल सखा संग जम कर खाए यही कारण्‍ा है श्री कृष्‍ण्‍ा माख्‍ान चोर भी कहलाते हैं। इसल‌िए जन्माष्टमी के अवर पर बाल श्री कृष्‍ण को माखन का भोग लगाया जाता है।

कृष्ण भगवान को क्या भोग लगता है?

भगवान कृष्ण का सबसे पसंदीदा भोग है माखन और मिसरी कै। बचपन से ही मैया यशोदा भगवान कृष्ण को माखन में मिसरी मिलाकर खिलाया करती थी। इसलिए जन्माष्टमी वाले दिन आप भी उन्हें माखन संग मिसरी मिलाकर भोग लगाएं।

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