कंस का अंत कैसे हुआ था? - kans ka ant kaise hua tha?

लीला में अब तक आपने पढ़ा कि कैसे कृष्ण ने चाणूर को हराया और उसे मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद बारी कंस वध की थी। कंस ने लाख बचने की कोशिश की, लेकिन अंत में आकाशवाणी सच साबित हुई और कंस कृष्ण के हाथों मारा गया।

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– कंस अपनी चचेरी बहन देवकी से काफी स्नेह करता था। लेकिन एक दिन आकाशवाणी हुई कि तू जिस देवकी से इतना स्नेह करता है, उसका 8वां पुत्र ही तेरी मौत का कारण बनेगा।

– मौत के भय से कंस ने देवकी और वसुदेव को कारागार में डाल दिया और उसने एक-एक करके देवकी की सभी 6 संतानों को मार डाला।

– फिर शेषनाग ने मां देवकी के गर्भ में प्रवेश किया लेकिन भगवान विष्णु ने देवकी की इस सातवी संतान को देवी योगमाया की मदद से वसुदेव की पहली पत्नी रोहिणी के गर्भ में स्थापित कर दिया। यह बलराम कहलाए।

– इसके बाद भगवान विष्णु स्वयं माता देवकी के गर्भ में कृष्ण अवतार में आए। ये वसुदेव की आठवीं संतान थी जिसे लेकर भविष्यवाणी हुई थी कि यही कंस का वध करेगी।

– कंस ने कारागार की सुरक्षा और भी ज्यादा बढ़ा दी। भगवान विष्णु ने अपने कृष्ण अवतार में जन्म लिया। भगवान के जन्म लेते ही कारागार के द्वार खुद ब खुद खुल गए और सभी सैनिक सो गये। जिससे वासुदेव बाल कृष्ण को सुरक्षित नंदबाबा के यहां पहुंचाने में सफल हो गए।

– जब कंस को कृष्ण के गोकुल में होने की सूचना मिली, तो उसने कई बार उनकी हत्या की कोशिश की, लेकिन हर बार उसे हार का ही सामना करना पड़ा। तब एक दिन उसने साजिश के तहत कृष्ण और बलराम को अपने दरबार में आमंत्रित किया। जहां श्रीकृष्ण ने उसका वध कर दिया।

कंस की मृत्यु कैसे हुई?

जब कंस को कृष्ण के गोकुल में होने की सूचना मिली, तो उसने कई बार उनकी हत्या की कोशिश की, लेकिन हर बार विफल रहा। तब एक दिन उसने साजिश के तहत कृष्ण और बलराम को अपने दरबार में आमंत्रित किया। जहां श्रीकृष्ण ने उसका वध कर दिया।

कंस की मृत्यु कब हुई थी?

14 से 16 के आयु में भगवान श्री कृष्ण ने कंस का वध किया था

कंस के मरने के बाद क्या हुआ?

कंस का वध करने के पश्चात कृष्ण और बलदेव ने कंस के पिता उग्रसेन को पुन: राजा बना दिया। उग्रसेन के 9 पुत्र थे, उनमें कंस ज्येष्ठ था।

श्री कृष्ण ने कंस को क्यों मारा?

जब देवकी विवाह के योग्य हुई तो कंस ने देवकी का विवाह महाराज वासुदेव से कर दिया। अपनी बहन को मथुरा से विदा करते वक्त कंस के विषय में आकाशवाणी हुई कि देवकी की आठवीं संतान हीं कंस का वध करेगी। इसे सुनकर कंस भयभीत हो गया और देवकी को मारने का निर्णय लिया।

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