Rajasthan Ka Kaun - Saa Shahar Rashtriya Rajdhani Shetra Ka Bhag Hai ?
सम्बन्धित प्रश्न
Comments Anay Singh on 05-11-2022
Alwar
Navnit sihag on 18-12-2021
Kansa shr rastriy rajdani ksetr ka bhag h
Mukesh chand on 21-11-2021
Rajasthan ka konda city rajdhhani ariya me last me AATA he
Yogesh Sharma on 07-03-2021
राजस्थान का कौन - सा शहर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अंत में आता है ?
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Q.20007: राजस्थान का कौन - सा शहर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का भाग है ?
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Anonymous on 01-01-1900
27 h
Anonymous on 01-01-1900
No answer is 1
Anonymous on 01-01-1900
Bharatpur bi samil h new
Anonymous on 01-01-1900
जोधपुर
Anonymous on 01-01-1900
Sir sthapna divas to 1 November 1956 tha Or Rajasthan divas 30 March he .
Anonymous on 01-01-1900
T yr t
Deepika Lakhany on 03-10-2021
Jaisalmer jile mein sabse bad mein suryoday kyon hota hai
Narendra on 20-09-2021
Alwar
Amar verma on 20-09-2021
Alwer
Anonymous on 01-01-1900
Sir sthapna divas to 1 November 1956 tha Or Rajasthan divas 30 March he .
Vijay singh on 19-12-2020
Sir ncr me rajasthan ka alwar district hai
अलवर on 20-10-2020
अलवर
Rt on 26-08-2020
200045va qu.
jj on 01-06-2020
हिंदी व्याकरण
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में हरियाणा के जींद, करनाल और उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले को भी शामिल किया गया है। एनसीआर में दिल्ली के अलावा शामिल जिलों की संख्या अब 22 हो गई है। यह क्षेत्रफल और आबादी के लिहाज से भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया का सबसे बड़ा क्षेत्र है। यूपी सरकार मथुरा सहित 5 और जिलों को एनसीआर में शामिल कराना चाहती थी, लेकिन सिर्फ मुजफ्फरनगर को ही मंजूरी मिल सकी।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड की दिल्ली में मंगलवार को हुई बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक की अध्यक्षता करने के बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने बताया कि मथुरा के बारे में राज्य सरकार ने अपना पक्ष नहीं रखा है। हालांकि इस पर आगे विचार के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
बैठक में सदस्य राज्यों में से केवल हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ही पहुंचे। जबकि राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली ने अपने प्रतिनिधियों को भेजा। दिल्ली के उप राज्यपाल नजीब जंग भी बैठक में नहीं पहुंचे।
बैठक में हुए फैसले
- हरियाणा
के फरीदाबाद , गुडगांव के बीच मांगर गांव के पास 500 मीटर वन को बफर जोन घोषित किया गया। इसमें कोई निर्माण कार्य नहीं किया जा सकेगा।
- दिल्ली-अलवर रैपिड रेल गलियारे को औद्योगिक क्षेत्र सोटानाला तक बढाने का भी फैसला लिया गया।
एनसीआर में अब कितने जिले, कितनी आबादी?
हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुल 22 जिलों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल किया जा चुका है।
हरियाणा | झज्जर, पलवल, सोनीपत, गुड़गांव, पानीपत, रोहतक, मेवात, रेवाड़ी, भिवानी, महेंद्रगढ़, फरीदाबाद, करनाल और जींद। राज्य का 57% क्षेत्र एनसीआर में। |
उत्तर प्रदेश | मुजफ्फरनगर, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, बागपत और हापुड़। |
राजस्थान | अलवर और भरतपुर। |
कितनी दूरी वाले इलाके एनसीआर में हैं शामिल?
दिल्ली से सबसे ज्यादा 175 किलाेमीटर दूर राजस्थान का अलवर है जिसे एनसीआर में शामिल किया जा चुका है। यही वजह है कि दिल्ली से 133 किमी दूर करनाल, जबकि 140 किमी दूर जींद और 129 किमी दूर मुज़फ्फरनगर को एनसीआर में शामिल किए जाने की दावेदारी पुख्ता थी।
अब हरियाणा के 13, उत्तर प्रदेश के 7 और राजस्थान के 2 जिले एनसीआर में हैं। उत्तर प्रदेश की अखिलेश यादव सरकार मुजफ्फरनगर के अलावा पांच और जिलों मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, बिजनौर और शामली को भी एनसीआर में शामिल करना चाहती थी।
एनसीआर में नए जिलों काे शामिल करने का क्या है मकसद और फायदा?
1985 में बने कानून के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की स्थापना की गई थी। दिल्ली के अासपास के इलाकों में जमीन के इस्तेमाल पर नियंत्रण करना और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलप करना इसका मकसद है। केंद्र सरकार का शहरी विकास मंत्रालय नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड के जरिए इन जिलों को विकास योजनाओं में सीधे नियंत्रित करता है।
1. नए जिलों को एनसीआर में शामिल करने से दिल्ली में प्रवासियों का दबाव करने में मदद मिलेगी। मुंबई में पिछले 10 साल में आबादी जहां 15% बढ़ी, वहीं दिल्ली की आबादी में 34% का इजाफा हुआ।
2. आसपास के इलाकों की जमीन और पानी जैसे संसाधनों का दिल्ली को भी फायदा मिलेगा।
3. जिलों के विकास, स्मार्ट सिटी और मेट्रो जैसे प्रोजेक्ट पर अमल में तेजी होगी। फंड भी ज्यादा मिलेगा।
4. रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम का फायदा होगा। दिल्ली-पानीपत के बीच 111 किमी, दिल्ली-अलवर के बीच 180 किमी और दिल्ली-मेरठ के बीच 90 किमी का कॉरिडोर बनेगा।
5. नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड अब तक एनसीआर के विकास के लिए 25 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का लोन दे चुका है। इसकी योजनाएं सफल रही हैं। लोन की 100% रिकवरी का ट्रैक रिकॉर्ड रहा है।