इनकम टैक्स में क्या क्या छूट मिलती है? - inakam taiks mein kya kya chhoot milatee hai?

नई दिल्ली: जब भी बजट की घोषणा होती है तो हर नौकरीपेशा की नजर रहती है इनकम टैक्स (Income Tax) से जुड़ी घोषणाओं (Budget speech) पर। इन घोषणाओं से यह तय होता है कि आपके कितने पैसे टैक्स में जाएंगे और आप कितने पैसे बचा सकते हैं। इन घोषणाओं से ही पता चलता है कि पहले की तुलना में कितनी अधिक या कम बचत हो पाएगी। ऐसे में अगर बजट से पहले आपको पता हो कि इनकम टैक्स के कौन से सेक्शन में किस चीज के लिए कितनी छूट मिलती है, तो बजट भाषण समझने में आपको आसानी होगी। ऐसे में आपके लिए इस बात की कैल्कुलेशन करना आसान हो जाएगा कि आपके कितने पैसे बचेंगे या कितने खर्च होंगे। आइए जानते हैं कि इनकम टैक्स कानून के किस सेक्शन (Income Tax Sections) में निवेश से आपको इनकम टैक्स में कितनी राहत (Tax Saving) मिल सकती है।

सेक्शन 80C

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं या निवेश से जुड़े कई विकल्प पर आपको इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80सी के तहत छूट मिलती है। इसमें ईपीएफ, पीपीएफ में निवेश, सुकन्या समृद्धि योजना, एनएससी, टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ईएलएसएस) और टैक्स सेविंग एफडी आदि शामिल हैं।

इन निवेश विकल्प के माध्यम से की गई बचत पर आप सेक्शन 80सी के तहत इनकम टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। इसी तरह जीवन बीमा आदि के प्रीमियम समेत कई अन्य विकल्पों को मिलाकर कुल 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर आप इनकम टैक्स छूट के हकदार होते हैं।

इतना ही नहीं दो बच्चों की पढ़ाई में सिर्फ ट्यूशन फीस, होम लोन की किस्त में शामिल मूलधन का हिस्सा, घर की खरीद में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज आदि पर भी आप सेक्शन 80सी के तहत इनकम टैक्स से छूट का दावा कर सकते हैं।

सेक्शन 80सीसीडी(2डी)

नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) में सेक्शन 80सीसीडी(2डी) के तहत बेसिक सैलरी के 10% तक के निवेश पर भी आपको सेक्शन 80सी से अलग इनकम टैक्स छूट का लाभ मिलता है। दिलचस्प यह है कि निवेश पर यह छूट सभी टैक्स स्लैब में आने वाले करदाताओं को मिल सकता है। तो अगर आप अपना बुढ़ापा सुरक्षित करना चाहते हैं तो एनपीएस में निवेश कर सकते हैं। पिछले 12 सालों में एनपीएस ने शानदार रिटर्न दिया है।

सेक्शन 24बी

आपने घर बनाने के लिए अगर बैंक से होम लोन लिया है तो इसके लिए चुकाने वाली मासिक किस्त में कुल 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर आपको इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 24बी के तहत आयकर में राहत मिलती है। इसी तरह घर की मरम्मत आदि के लिए 30 हजार रुपये तक के लोन पर भी आपको इनकम टैक्स में छूट मिलती है। मरम्मत के लिए बैंक से लिए गए लोन पर छूट के बारे में ही कम ही लोगों को पता होता है।

सेक्शन 80डी

खुद, पति/पत्नी और बच्चों के हेल्थ इंश्योरेंस के लिए चुकाए गए प्रीमियम की रकम पर इस सेक्शन के तहत आप इनकम टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।इसमें टैक्स छूट के दायरे में 25,000 रुपये तक का प्रीमियम आता है। इसके अलावा आप अपने पैरेंट्स के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने पर 25,000 रुपये के प्रीमियम पर आयकर छूट पा सकते हैं। अगर आपके पैरेंट्स सीनियर सिटीजन हैं तो आप उनके लिए हेल्थ इंश्योरेंस के 30,000 रुपये तक के प्रीमियम पर इनकम टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। इस हिसाब से खुद और सीनियर सिटीजन पैरेंट्स के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेकर आप 55,000 रुपये तक के प्रीमियम पर टैक्स बचा सकते हैं।

सेक्शन 80डी और सेक्शन 80डीडी

सेक्शन 80डी के अलावा इनकम टैक्स कानून में दो और सेक्शन हैं, जिनका आप स्वास्थ्य से जुड़े खर्च का लाभ उठा सकते हैं। सेक्शन 80डीडी आप पर आश्रित किसी विकलांग व्यक्ति के लिए चिकित्सा खर्च से संबंधित है। आश्रित में जीवनसाथी, बच्चे, पैरेंट्स, भाई या बहन हो सकते हैं। इनकम टैक्स में छूट इस बात पर निर्भर करता है कि आपके आश्रित की विकलांगता कितनी गंभीर है। अगर आश्रित 40 फीसदी तक विकलांग है तो टैक्स बचत के लिए 75,000 रुपये तक का मेडिकल खर्च कवर किया जा सकता है। अगर आश्रित 80 फीसदी तक विकलांग है तो टैक्स बचत के लिए 1,25,000 रुपये तक का मेडिकल खर्च कवर किया जा सकता है।

सेक्शन 80 डीडीबी

सेक्शन 80 डीडीबी के तहत कैंसर, किडनी की बीमारी आदि का खर्च भी कवर होता है। यह टैक्स छूट खुद या आश्रित के लिए बीमारी पर खर्च के मामले में प्राप्त किया जा सकता है। 60 साल से कम उम्र के लोगों में इस तरह की बीमारी के इलाज में आने वाले 40,000 रुपये तक के खर्च पर टैक्स छूट हासिल की जा सकती है। 60 से 80 साल के आश्रित के लिए छूट के तहत बीमारी का खर्च 60,000 रुपये तक हो सकता है। सुपर सीनियर सिटीजन के मामले में टैक्स छूट की सीमा 80,000 रुपये तक हो सकती है।

सेक्शन 80यू

अगर आप खुद 40 फीसदी से अधिक विकलांग हैं तो आप इस सेक्शन के तहत Income Tax छूट पा सकते हैं। हालांकि, सेक्शन 80यू और सेक्शन 80डीडी का लाभ एक साथ नहीं उठाया जा सकता। इस सेक्शन में भी टैक्स छूट का लाभ सेक्शन 80डीडी की तरह ही होता है। फर्क सिर्फ इतना है कि यह सेक्शन खुद की विकलांगता से जुड़ा है, जबकि सेक्शन 80डी आश्रितों से जुड़ा है।

सेक्शन 80ई

अगर आपने खुद के लिए, अपने पति/पत्नी, बच्चे के लिए एजुकेशन लोन लिया है तो इस पर ब्याज की रकम पर आप सेक्शन 80ई के तहत छूट प्राप्त कर सकते हैं। यह रकम किसी भी सीमा तक हो सकती है और देश/विदेश में कहीं भी पढ़ाई के लिए ली जा सकती है। छूट पाने के लिए शर्त यह है कि लोन फुल टाइम उच्च शिक्षा के लिए लिया गया हो और किसी वित्तीय संस्थान या धर्मार्थ संस्था से लिया गया हो।

सेक्शन 80जी

दान देने से भी आपकी देनदारी कम हो सकती है। सरकार की ओर से नोटिफाई कई फंड में दान करने से आप 100 फीसदी रकम पर टैक्स छूट हासिल कर सकते हैं। यह सेक्शन उस केस में बहुत ही फायदेमंद होता है जब आपकी इनकम चंद हजार रुपयों की वजह से टैक्सेबल हो जाती है। उस केस में अगर आप कुछ हजार रुपये दान दे दें तो आपके टैक्से भी अधिक पैसे बच जाएंगे। जैसे अगर आपको टैक्सेबल इनकम 5 लाख 10 हजार होती है तो आपको 2.60 लाख रुपये पर टैक्स चुकाना होगा। 2.5 लाख पर 5 फीसदी और 10 हजार पर 10 फीसदी। यानी कुल टैक्स करीब 13,500 रुपये देना होगा। ऐसे में अगर आप 10 हजार दान दे दें तो आपकी टैक्सेबल इनकम 5 लाख हो जाएगी, जिस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। मतलब आपने 10 हजार रुपये दान देकर 13,500 का टैक्स बचाया यानी 3500 रुपये का फायदा।

सेक्शन 80टीटीए

किसी बैंक अकाउंट या पोस्ट ऑफिस में जमा से कमाए गए ब्याज को आपको रिटर्न में अन्य स्रोत से आय मद में दिखाना होगा। किसी एक वित्त वर्ष में अगर आपका ब्याज 10,000 रुपये से कम है तो आप इस सेक्शन के तहत उस पर आयकर में छूट पा सकते हैं। हालांकि, 10 हजार रुपये से अधिक की ब्याज से हुई आय पर आपको अपने इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स चुकाना होता है।

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सेविंग अकाउंट में कितना पैसा रखने पर टैक्स नहीं लगता है?

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80टीटीए (Section 80TTA of the Income Tax Act) के तहत बचत खाते पर प्रति वर्ष 10,000 रुपये तक का ब्याज टैक्स फ्री रहता है।

कितने लाख तक टैक्स फ्री है?

इतनी आय पर टैक्स दर में कोई बदलाव नहीं 2.5 लाख रुपये की आय पर टैक्स नहीं लगेगा. यह छूट पहले से थी. इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है. 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर भी पहले की तरह 5 फीसदी टैक्स लगेगा.

80C में क्या क्या आता है?

इनकम टैक्स एक्ट का सेक्शन 80C क्या है?.
EPF: कर्मचारी भविष्य निधि.
PPF : पब्लिक प्रोविडेंट फंड.
NSC: राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र.
SSY: सुकन्या समृद्धि योजना.
SCSC: नागरिक बचत योजना.
बैंकों की टैक्स सेविंग एफडी.
पोस्ट ऑफिस की 5 वर्षीय टाइम डिपॉजिट स्कीम.
NPS: राष्ट्रीय पेंशन योजना.

इनकम टैक्स में क्या क्या छूट है?

सेक्शन 80C सामाजिक सुरक्षा योजनाओं या निवेश से जुड़े कई विकल्प पर आपको इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 80सी के तहत छूट मिलती है। इसमें ईपीएफ, पीपीएफ में निवेश, सुकन्या समृद्धि योजना, एनएससी, टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ईएलएसएस) और टैक्स सेविंग एफडी आदि शामिल हैं।

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