हॉस्पिटल कितने प्रकार के होते हैं - hospital kitane prakaar ke hote hain

कोरोना मरीजों में ऑक्‍सीजन डिप होने पर कई बार खतरा इतना बढ़ जाता है कि बिना ऑक्‍सीजन के अस्‍पताल पहुंचने में भी दिक्‍कत होती है. अगर आपके सामने कभी ऐसे हालात आ जाएं जब आपको कोरोना पेशेंट के लिए एंबुलेंस बुलाने की जरूरत पड़ जाए तो आपको ये जरूर पता होना चाहिए कि आपको कौन सी एंबुलेंस बुलानी है. आइए जानते हैं एंबुलेंस से जुड़ी हर जानकारी.

कोरोना वायरस की दूसरी लहर का प्रकोप अभी तक कम नहीं हुआ है. अस्‍पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्‍या में भी बहुत गिरावट नहीं आई है. अब तक के आंकड़ों के अनुसार कोरोना पॉजिट‍िव होने वाले 85 प्रतिशत लोग घर पर ही ठीक हो जाते हैं, लेकिन 15 प्रतिशत कोरोना पेशेंट को अस्‍पताल में भर्ती कराने की जरूरत पड़ती है. ये वो समय होता है जब आपको अपने क‍िसी पर‍िजन को अस्‍पताल ले जाना होता है. उस वक्‍त आपके जेहन में सबसे पहले आती है एंबुलेंस. कोरोना मामलों में खासकर लोग एंबुलेंस के सहारे ही मरीजों को ले जाते हैं.

कोरोना पॉजिटिव होने के बाद मरीज होम आइसोलेशन में अपना इलाज कराते हैं. फिर भी अगर लगातार पांच दिनों तक तेज बुखार, सांस लेने में दिक्कत हो और ऑक्सीजन सेचुरेशन 90 से कम होने लगे. इसके अलावा मरीज में बेचैनी, घबराहट, न्यरोलॉजिकल डिस्टरबेंस जैसे मेमोरी में डिस्टरबेंस, सिर में बहुत तेज दर्द, अचेतन की अवस्था जैसे लक्षण आएं तो मरीज को तत्‍काल अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है.

अब वो समय है जब आप एंबुलेंस के टॉल फ्री नंबर जैसे 108 या किसी नजदीकी अस्‍पताल के एमरजेंसी में फोन करके एंबुलेंस की सुविधा मांगें. इसके लिए आपको फोन करके एमरजेंसी एंबुलेंस मंगानी होगी. ये सबसे कॉमन एंबुलेंस होती है जिसमें ऑक्‍सीजन से लेकर एक मेडिकल स्‍टाफ की मदद भी शामिल होती है. ये रोड वैन से लेकर बोट, हेलीकाप्‍टर या एअर एंबुलेंस के तौर पर भी भारत में बनाई गई हैं.

कोरोना काल में भारत में एंबुलेंस वेंटीलेटर की मांग बहुत बढ़ी है. कई निजी कंपनियां पहले से भी ये सर्व‍िस दे भी रही हैं. लेकिन इस दौरान इनकी मांग कई गुना ज्‍यादा बढ़ी है. ये वो एंबुलेंस होती हैं जो कंपलीट आईसीयू बैकअप के साथ तैयार होती हैं. इसमें एडवांस लाइफ सपोर्ट से जुडे सभी संसाधन मौजूद होते हैं. हालांकि ये एंबुलेंस एमरजेंसी एंबुलेंस से काफी महंगे हैं और सीधे शब्‍दों में कहा जाए तो आम आदमी की पहुंच से काफी आगे.

डॉक्‍टरों का कहना है कि कोरोना मरीजों के लिए एमरजेंसी एंबुलेंस सबसे मुफीद विकल्‍प होता है, अगर आप प्राइवेट संस्‍था से एमरजेंसी एंबुलेंस की सुविधा ले रहे हैं तो उनसे पहले ऑक्‍सीजन की पड़ताल जरूर कर लें. वहीं अगर आपके घर में कोई पेशेंट पहले से ऑक्‍सीजन सपोर्ट पर है तो आप उनके लिए वैन एंबुलेंस या कार एंबुलेंस भी बुला सकते हैं. इसमें आप फ्लाई कार सर्विस भी ले सकते हैं. इस वैन में आप मरीज को ऑक्‍सीजन सपोर्ट के साथ ले जा सकते हैं.

बहुत से लोगों को लगता है कि जब देश में एंबुलेंस को लेकर इतनी मारामारी है तो वो पेशेंट को खुद की कार या किसी अन्‍य साधन से अस्‍पताल ले जाएं, लेकिन ऐसे लोगों को सलाह है कि वो पहले एंबुलेंस ही प्रिफर करें. क्‍योंकि अगर आपको इस खराब सूरत-ए-हाल में कहीं क‍िसी नजदीक के हॉस्‍प‍िटल में बेड नहीं मिलता है तो आप मरीज को कहीं और ले जा सकते हैं.

मरीजों को ले जाने के लिए एंबुलेंस इसलिए भी जरूरी होती है क्‍योंकि इन वाहनों के लिए रोड पर अलग प्रोटोकॉल होता है. अगर आप मरीज को लेकर जल्‍दी से अस्‍पताल में भर्ती कराना चाहते हैं तो एंबुलेंस से ले जाना बेहतर विकल्‍प है. इसके पीछे की वजह ये है क‍ि एंबुलेंस को ये इजाजत होती है कि वो रेड लाइट से लेकर जाम तक वाले इलाकों में भी बिना रुके अस्‍पताल में पहुंचा देंगे.

भारत में एंबुलेंस सेवा सामान्‍य तौर पर छह तरह की होती हैं. इसमें सबसे पहले है बेसिक एंबुलेंस, ये वो एंबुलेंस है जो रोजमर्रा के दिनों में मरीज के सीरियस होने पर बुलाई जाती है. इस एंबुलेंस को बुलाने का उद्देश्‍य जल्‍द से जल्‍द मरीज को अस्‍पताल पहुंचाना होता है.

वहीं दूसरे टाइप में एडवांस एंबुलेंस आती हैं जो एमरजेंसी एंबुलेंस भी कही जाती हैं. कोरोना काल में इनकी डिमांड सबसे ज्‍यादा बढ़ी है.ये एंबुलेंस एडवांस मेडिकल संसाधनों वाली होती है, इसमें ऑक्‍सीजन समेत ये सुविधा होती है कि रास्‍ते से ही इलाज शुरू हो सके.

इसके अलावा मॉर्चरी एंबुलेंस मृतकों के लिए इस्‍तेमाल होती है जोकि काफी साधारण होती है. इसके अलावा नवजात बच्‍चों के लिए न्‍यूनेटल एंबुलेंस होती है जिसमें बच्‍चों को लेकर काफी सुविधा दी जाती है. इसके अलावा पेशेंट ट्रांसपोर्ट व्हीकल पांचवां प्रकार का होता है जिससे मरीज को एक जगह से दूसरी जगह ले जाते हैं. वहीं छठी प्रकार में एअर एंबुलेंस हैं जो एक शहर से दूसरे शहर में इलाज के लिए यात्रा में मदद करती हैं.

आज हम जानेंगे कि डॉक्टर नाम लिस्ट या डॉक्टर्स कितने प्रकार के होते हैं? (Doctor kitne prakar ke hote hai) Or Type of doctors in hindi

दोस्तो Doctors की जरूरत हर किसी को होती है। हमारा स्वास्थ्य बिगड़ने पर हम किसी अच्छे डॉक्टर से इलाज करवाना चाहते हैं। Doctors जीवन बचाने का महान काम करते हैं।

दोस्तों हर प्रकार के रोग का इलाज एक ही Doctor नहीं कर सकता। आम सर्दी खासी बुखार होने पर हमें जनरल फिजिशियन की जरूरत होती है।

परंतु कोई बड़ी बीमारी होने पर हमें उस बीमारी के स्पेशलिस्ट Doctor को दिखाने की जरूरत होती है। दोस्तों दांत के दर्द,पेट का दर्द, हृदय से संबंधित बीमारियां , त्वचा से संबंधित बीमारियां एवं इसी प्रकार की अनेक अलग-अलग बीमारियों के लिए अलग-अलग डॉक्टर्स होते हैं।

दोस्तों इस लेख में आज हम अलग-अलग प्रकार के Doctors (Type of doctors in hindi) के बारे में जानेंगे। अलग-अलग Doctors अलग-अलग रोगों में एक्सपर्ट होते हैं, अत: हम सभी Doctor के बारे में एक-एक करके जानते हैं।

डॉक्टर नाम लिस्ट (Doctor Name list in hindi)

  1. जनरल फिजिशियन
  2. डेंटिस्ट
  3. Physiatrists
  4. Allergist/Ammunologist
  5. ऑडियोलॉजिस्ट
  6. Colon and Rectal Surgeons
  7. Anesthesiologist
  8. कार्डियोलॉजिस्ट
  9. डर्मेटोलॉजिस्ट
  10. Critical Care Medicine Specialists
  11. Endocrinologists
  12. Emergency Medicine Specialists
  13. Geriatric Medicine Specialist
  14. Gastroenterologists
  15. Gynecologist
  16. Hospice and Productive Medicine Specialists etc

डॉक्टर्स कितने प्रकार के होते हैं? (डॉक्टर नाम लिस्ट)

ऊपर हमने अलग अलग प्रकार के डॉक्टर नाम लिस्ट को जाना। अब हम जानेंगे की ये डॉक्टर किस तरह के रोग या बीमारी को देखते हैं। ऊपर दिये के गये डॉक्टर नाम लिस्ट में अलग अलग स्पेशलाइज़ विभाग हैं जो किसी ख़ास शरीर के भाग के बीमारियों का इलाज करती हैं।

1. जनरल फिजिशियन

जनरल फिजिशियन सभी उम्र के लोगों के लिए कुछ सामान्य बीमारियां जैसे सर्दी खांसी बुखार बदन दर्द आदि का इलाज करते हैं। Family physician घर के सभी सदस्य का ख्याल रखते हैं।

वह नियमित जांच कुछ सामान्य परीक्षण एवं टीकाकरण आदि जैसे कार्य करते हैं। साथ ही मधुमेह और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के इलाज का भी ध्यान रखते है।

2. डेंटिस्ट

डेंटिस्ट दांत के रोगों का विशेषज्ञ होता है। दांतों और मसूड़ों से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या होने पर डेंटिस्ट के पास जाते हैं।

डेंटिस्ट दांतो एवं मसूड़ों और उससे संबंधित बीमारियों का अध्ययन करते हैं जिससे इससे संबंधित बीमारियों का इलाज कर सकें।

अगर आप जानना चाहते है की Doctor कैसे बन सकते है तो नीचे दिए Link पर Click करे।

3. Physiatrists

यह चिकित्सक गर्दन दर्द पीठ दर्द और खेल या रीड की हड्डी आदि में लगने वाले चोटो का इलाज करते हैं। इस तरह की चोट आपको किसी एक्सीडेंट यानी दुर्घटना आदि से हो सकती है।

यह चिकित्सक इनसे संबंधित बीमारियों एवं उनके साथ साथ विकलांगता यानी विकलांग व्यक्तियों के स्वास्थ्य को सुधारने मैं विशेषज्ञ होते हैं।

4. Allergist/Ammunologist

ऐसे डॉक्टरों को एलर्जीस्ट या इम्यूनोलॉजिस्ट कहा जाता है जो बच्चों और वेस्को में अस्थमा, खुजली, एलर्जी और कुछ स्व प्रति रक्षित रोगों जैसे प्रतिरक्षा प्रणाली में विकारों के निदान के लिए इलाज करते हैं।

 ये प्राथमिक एलर्जी या इम्यूनोडिफीसिअन्सी विकार का इलाज करते हैं।

5. ऑडियोलॉजिस्ट

ऑडियोलॉजिस्ट कान से संबंधित बीमारियों का इलाज करते हैं। अगर किसी को काम से संबंधित बीमारियां होती है जैसे कम से कम या बिलकुल ही नहीं सुनाई देना तो वह ऑडियोलॉजिस्ट के पास जाते हैं।

वे कान से सुनने की क्षमता एवं उससे संबंधित हर चीज का मूल्यांकन कर कान के रोगों का इलाज करता है।

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6. Colon and Rectal Surgeons

यह ऐसे Doctors होते हैं जो पेट और मलाशय का कैंसर, आन्त्रशोध की बीमारी, विपुटीय रोग जैसे बिमारिओं का इलाज करता है।

कोलोन और रेक्टल सर्जन सर्जरी जैसे बड़े ऑपरेशंस करते हैं जिसके लिए उन्होंने खास प्रशिक्षण पाई होती है।

7. Anesthesiologist

एनेस्थीसिया उस दवाई को कहते हैं जो किसी सर्जरी का ऑपरेशन के दौरान आपके किसी अंग को सुन्न करने के लिए दिया जाता है, जिससे ऑपरेशन के दौरान दर्द नहीं होता।

ये डॉक्टर दर्द प्रबंधन विशेषज्ञ होते हैं। यह Doctor सर्जरी के दौरान महत्वपूर्ण संकेतों की निगरानी करते हैं। गंभीर चोटिल रोगियों, एवं पुराने या आवर्ती दर्द जैसे माइग्रेन आदि के रोगियों का इलाज करते हैं।

8. कार्डियोलॉजिस्ट

Cardiologist ह्रदय रोगों में विशेषज्ञ Doctors को कहा जाता है। ह्रदय में किसी भी प्रकार की समस्या होने पर जैसे ब्लड प्रेशर, हार्ट डिजीज, हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक आदि के लिए कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर के पास जाने की आवश्यकता पड़ती है। यह Doctors हर प्रकार के हृदय रोगियों का इलाज करते हैं।

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9. डर्मेटोलॉजिस्ट

डर्मेटोलॉजिस्ट त्वचा रोग विशेषज्ञ को कहते हैं।ये Doctors त्वचा, बाल और नाखूनों से जुड़ी स्थितियों में माहिर होते  है।

इन स्थितियों में खुजली, सोरायसिस और त्वचा कैंसर आदि जैसे बीमारियां शामिल है। त्वचा में खुजली या रैशेज आदि होने पर डायबिटोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह दी जाती है।

10. Critical Care Medicine Specialists

इसके doctors critical condition यानी गंभीर रूप से बीमार और घायल लोगों का इलाज करते हैं। जिन मरीजों के लिए जीवन का खतरा होता है उनकी देखभाल यही करते हैं।

इसमें जीवन समर्थन आक्रामक निगरानी तकनीक पुनर्जीवन और जीवन की देखभाल प्रदान करना शामिल है।

11. Endocrinologists

ये doctors पिट्यूटरी ग्रंथि, अग्न्याशय, अंडाशय, थायरॉयड, हाइपोथैलेमस gland आदि से जुड़े विशेष पर रोगों का इलाज करने के उत्तरदाई होते हैं। ये doctors मधुमेह, हाइपरथायरायडिज्म आदि के इलाज में मदद करते हैं।

12. Emergency Medicine Specialists

Emergency medicine specialists आपातकालीन कमरे में बीमार या घायल हुए रोगी के जीवन और मौत का निर्णय लेने की क्षमता रखते हैं।

इनका काम तुरंत फैसला लेकर रोली के जीवन को बचाना और साथ ही साथ उसे किसी विकलांगता की संभावना से बचाना भी होता है।

13. Geriatric Medicine Specialist

यह खास तौर पर वे Doctor सोते हैं जो बुजुर्गों की स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। वे अपने घरों, डॉक्टरों के कार्यालयों, नर्सिंग होम, सहायता प्राप्त रहने वाले केंद्रों और अस्पतालों में लोगों का इलाज करते हैं।

यह उन दबाव में विशेषज्ञ होते हैं जिनकी ज्यादा जरूरत बुजुर्गों को होती है।

14. Gastroenterologists

अगर आपको अपने पाचन से संबंधित कोई रोग का अनुभव होता है तो आप इस Doctor के पास जाते हैं। ये पेट, आंत्र, अग्न्याशय, यकृत और पित्ताशय सहित पाचन अंगों के विशेषज्ञ होते हैं।

इन्हें आप पेट दर्द, अल्सर, दस्त, पीलिया, या कैंसर के लिए देख सकते हैं। वे कोलोनोस्कोपी और कोलन कैंसर के अन्य परीक्षण भी करते हैं।

15. Gynecologist

ये doctors स्त्री रोग विशेषज्ञ होते हैं खास तौर पर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाना होता है।

इनके पास प्रजनन प्रणाली और उससे संबंधित रोगों का विशेष प्रशिक्षण होता है। ये योनि, गर्भाशय, अतिरेक और स्तन संबंधित रोगों का इलाज करते हैं।

16. Hospice and Productive Medicine Specialists

जिन रोगियों की मौत पर बनाई हो यह Doctor एक पूरी टीम के साथ उनका इलाज करते हैं।

यह दर्द प्रबंधन के विशेषज्ञ होते हैं एवं रोगी के लिए जीवन गुणवत्ता बनाए रखना यानी हर संभव प्रयास करके रोगी के जीवन को बचाना इनका काम होता है।

17. Hematologists

रक्त संबंधित रोगों के विशेषज्ञ को हेमेटोलॉजिस्ट करते हैं। ये doctors रक्त कोशिका, प्लीहा, अलिफ ग्रंथियों के रोग का इलाज करते हैं।

इनमें सिकल सेल रोग एनीमिया होमोफिली या और ल्यूकेमिया आदि जैसी बीमारियां आती हैं।

18. Infectious Disease Specialists

ये doctors infectious disease यानी संक्रमण से फैलने वाली बीमारियों जैसे लाइन रोग ,तपेदिक, आदि जैसे लोगों के इलाज के एक्सपर्ट होते हैं।

संक्रमण से फैलने वाली किसी भी प्रकार की बीमारी होने से इनफेक्शियस डिसीसिस स्पेशलिस्ट के पास जाने की सलाह दी जाती है।

19. Internists

प्राथमिक उपचार करने वाले या देखभाल करने वाले Doctor को internists कहा जाता है। यह आम बीमारियों के साथ-साथ जटिल बीमारियों का भी इलाज करते हैं।

इंटर्निस्ट कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, पल्मोनोलॉजी, और अन्य चिकित्सा उप-विशेषज्ञताओं के विशेषज्ञ हो सकते हैं।

20. Nephrologists

गुर्दे की बीमारियों के विशेषज्ञ को nephrologists कहते हैं। यह गुर्दे की बीमारियों का इलाज करते हैं एवं साथ ही साथ उच्च रक्तचाप और गुर्दों में खनिज के असंतुलन आदि का परीक्षण कर उसका इलाज करता है।

21. Medical Geneticist

यह वैसे Doctor होते  हैं जो माता-पिता से उनके बच्चों में हुई बीमारियों यानी वंशानुगत बीमारियों  का इलाज करने में विशेषज्ञ होते हैं।

ये डॉक्टर आनुवांशिक परामर्श और स्क्रीनिंग टेस्ट आदि जैसे सुविधाएं भी प्रदान करते हैं।

22. Neurologist

वैसे डॉक्टर को  न्यूरोलॉजिस्ट कहते हैं जो तंत्रिका तंत्र से संबंधित रोगों का इलाज करते हैं। हमारे शरीर में तंत्रिका तंत्र के अंतर्गत हमारा मस्तिष्क रीढ़ की हड्डी और अन्य कई संवेदी अंग शामिल है।

स्पॉन्डिलाइटिस जैसी बीमारियों के लिए भी न्यूरोलॉजिस्ट के पास जाने की सलाह दी जाती है।

23. Oncologist

Doctors जो सभी प्रकार के कैंसर के इलाज का अध्ययन करते हैं oncologist कहलाते हैं।इसमें रेडिएशन, मेडिकल और सर्जिकल शामिल हैं।

आसान शब्दों में ऑंकोलॉजिस्ट कैंसर रोग के विशेषज्ञ को कहा जाता है।

24. Obstetrician

इन Doctors का काम गर्भावस्था के दौरान प्रसव पीड़ा से ग्रसित महिलाओं की देखभाल करना होता है।

ये पैप स्मीयर, पैल्विक परीक्षा और गर्भावस्था जांच करते हैं। Obstetrician को इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाता है।

25. Osteopaths

ये एमडी की तरह पूरी तरह से लाइसेंस प्राप्त कर चुके Doctor होते हैं। यह डॉक्टर्स पूरे शरीर के प्रशिक्षण की दृष्टिकोण पर बल देते हैं।

ये doctors ओस्टियोपैथ नवीनतम चिकित्सा तकनीक का उपयोग कर पूरे शरीर की प्राकृतिक क्षमता को ठीक करते हैं।

26. Ophthalmologists

यह नेत्र संबंधी बीमारियों के चिकित्सक होते हैं। ये चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस को लिख सकते हैं और ग्लूकोमा जैसी बीमारियों का निदान और इलाज कर सकते हैं।

ऑप्टोमेट्रिस्ट के विपरीत आंखों से संबंधित हर प्रकार के रोगों का इलाज करते हैं।

27. Pathologist

Pathologist शरीर के रक्त एवं अन्य तरल पदार्थों ,उत्तोको आदि की जांच करके रोग का पता लगाने के विशेषज्ञ होते हैं।

यह लैब में माइक्रोस्कोप की सहायता से रक्त एवं अन्य तरल पदार्थों की जांच करते हैं।

28. Otolaryngologists/ENT

Otolaryngologists संयुक्त रुप से कान नाक और गले से संबंधित बीमारियों का इलाज करता है। इसके विशेषज्ञ इन तीनों से संबंधित रोगों का इलाज करता है।

एक ईएनटी विशेषज्ञ ईएनटी के विकारों के इलाज के लिए प्रशिक्षित एक चिकित्सक है।

29. Physiatrists

यह डॉक्टर किसी दुर्घटना में चोटिल हुए, रीड की हड्डी गर्दन या पीठ दर्द आदि का इलाज करते हैं । यह Doctor दुर्घटना आदि के कारण होने वाली अन्य विकलांगता का भी इलाज करते हैं।

30. Paediatrician

पीडियाट्रिशियन छोटे बच्चों को होने वाले रोगों  के विशेषज्ञ होता है। बच्चों की शरीर प्रणाली बड़ों की तुलना में थोड़े अलग तरीके से कार्य करती है।

इसीलिए उन्हें बड़ों के समान ट्रीट नहीं किया जा सकता पीडियाट्रिशियन विशेष रुप से बच्चों को होने वाले सामान्य रोगों का इलाज करता है।

31. Podiatrist

ये Doctors पैरों से संबंधित या मुख्यता आपके घुटने के रोगों का इलाज करते हैं। कुछ पोडियाट्रिस्ट ने पैर की अन्य उप-विशिष्टताओं में उन्नत प्रशिक्षण लिया होता है

दुर्घटनाओं या खेल से या मधुमेह जैसी चल रही स्वास्थ्य स्थितियों से होने वाली चोटों का भी यह इलाज करते हैं।

32. Plastic surgeons

यह वही Doctor होते हैं जो प्लास्टिक सर्जरी करके शरीर के किसी अंग या मुख्यता चेहरे की बनावट को सुधारते हैं।

किसी दुर्घटना में चेहरा या शरीर का कोई अन्य भाग खराब होने पर यह प्लास्टिक सर्जरी से उसकी दोबारा पुनर्निर्माण करते हैं।

33. Psychiatrist

साइकाइट्रिट मानसिक रोग विशेषज्ञ को कहा जाता है। शारीरिक रोगों के साथ-साथ मानसिक रोग का भी सही इलाज होना हमारे लिए उतना ही आवश्यक होता है।

मस्तिष्क या मन का इलाज शरीर के विकास के लिए उतना ही आवश्यक है। मनोचिकित्सक को इस क्षेत्र में विशेष परीक्षण देकर तैयार किया जाता है।

34. Preventive Medicine Specialists

यह विशेषज्ञ सार्वजनिक अस्पताल आदि जैसे जगह पर कार्यरत होते हैं। इनका काम रोगी के पूरे शरीर को स्वस्थ रखना होता है।

यह किसी रोग विशेष के लिए विशेष दवाइयों के जानकार होते हैं। कौन सी दवाई लेनी या विशेषकर कौन सी दवाई नहीं लेनी है इसकी जानकारी देते हैं।

35. Radiologist

Radiologist x-ray, एम आर आई, City scan, अल्ट्रा साउंड, आदि के विशेषज्ञ होते हैं।

यह इमेजिंग तकनीक की मदद से विभिन्न उपकरणों का इस्तेमाल करके इनकी जानकारी देते हैं।

X-ray आदि आज के समय में बहुत ही उपयोगी है इससे हम तुरंत अंदर की चीजों को देख सकते है।

36. Pulmonologists

ये Doctor फेफड़े से संबंधित रोगों के विशेषज्ञ होते हैं आज के समय में धूम्रपान एवं शराब का सेवन आदि करने से फेफड़े से संबंधित कई प्रकार की बीमारियां होती हैं।

सांस लेने में तकलीफ एवं अस्थमा जैसी बीमारी का इलाज यही डॉक्टर्स करते हैं।

37. Sleep Medicine Specialists

दोस्तो सही मात्रा में नींद लेना हम सभी की शारीरिक जरूरत होती है अगर किसी कारणवश आपको नींद आने में दिक्कत होती है तो स्लीप मेडिसिन एक्सपर्ट्स आपको दवाइयों की सहायता से सही मात्रा में नींद लेने पर मदद करते हैं।

38. Rheumatolosists

आप उन्हें अपने ऑस्टियोपोरोसिस (कमजोर हड्डियों), पीठ में दर्द, गाउट, खेल से बार-बार होने वाली चोटों और दोहराए जाने वाली चोटों और फाइब्रोमाइल्गिया के लिए देखते हैं।

यह जोड़ों, मांसपेशियां और हड्डियों के साथ-साथ गठिया हम उन जैसी अन्य बीमारियों का इलाज करते हैं।

39. Orthopedic Surgeon

ये Doctor मस्कुलोस्केलेटल सिस्टम से संबंधित मुद्दों से निपटने के लिए जाने जाते हैं।किसी भी फ्रैक्चर, दर्द या असामान्यता के बारे में किसी हड्डी रोग विशेषज्ञ सर्जन से परामर्श करने की आवश्यकता है।

आजकल इस तरह के लोगों की समस्या काफी लोगों को होती है।

40. Veteninarian

जानवरों का इलाज करने वाले Doctor को veteninarian कहा जाता है। आज के समय में जानवरों को भी कई अलग-अलग प्रकार की बीमारियां होती हैं जिन का इलाज सामान्य इंसानी डॉ नहीं कर सकते।

इसके लिए Doctor आपको जानवर से संबंधित रोगों एवं उसके इलाज के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है।

41. Urologist

मूत्र पथ मैं समस्या जैसे रोगों का इलाज यह डॉक्टर्स करते हैं। पेशाब के दौरान जलन मूत्राशय में समस्या लिक मूत्राशय आदि जैसे लोगों के लिए महिलाओं एवं पुरुष दोनों का ही इलाज ये डॉक्टर करते हैं।

42. Cardiothoracic Surgeon

छाती को thorac कहा जाता है। वे  Doctor जो छाती से संबंधित ह्रदय फेफड़े अन्नप्रणाली आदि से संबंधित रोगों का इलाज करते हैं कार्डियोथोरेसिक सर्जन कहलाता है।

Conclusion

जो भी छात्र 12वीं के बाद Doctor बनना चाहते हैं और Doctor के पढ़ाई करना चाहते हैं उनके मन में एक प्रश्न रहता ही है कि Doctor kitne prakar ke hote hai? आज इस आर्टिकल में हमने डॉक्टर कितने प्रकार के होते हैं? इसके बारे में विस्तार से जाना है। इस आर्टिकल में हमने हर प्रकार के Doctor के बारे में विस्तार से जाना है।

मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़कर आपको डॉक्टर कितने प्रकार के होते हैं इसके बारे में सारी जानकारी मिल गई होगी।

अगर आपको Doctor कितने प्रकार के होते हैं? यह आर्टिकल पसंद आया है तो हमारे आर्टिकल को शेयर जरूर करें और हमारे आर्टिकल के संबंधित कोई राय देना चाहते तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

धन्यवाद

अस्पताल कितने प्रकार का होता है?

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भारत में निम्नलिखित प्रकार के अस्पताल होते है.
सरकारी अस्पताल.
निजी अस्पताल.
विशिष्ट अस्पताल.

अस्पताल की परिभाषा क्या है?

चिकित्सालय या अस्पताल स्वास्थ्य की देखभाल करने की संस्था है। इसमें विशिष्टताप्राप्त चिकित्सकों एवं अन्य स्टाफ के द्वारा तथा विभिन्न प्रकार के उपकरणों की सहायता से रोगियों का निदान एवं चिकित्सा की जाती है।

अस्पताल की आवश्यकता क्या है?

अस्पताल रोगियों के लिए एक वरदान हैं, जहाँ कोई अस्पताल नहीं होता है वहां के लोगों को अपना इलाज करवाने में बहुत असुविधा होती है. सही समय पर औषधि और सहायता न मिलने के कारण रोगियों को काफी कष्ट उठाना पड़ता हैं. इलाज में देर होने के कारण अनेक लोगों की मृत्यु हो जाती हैं, इसलिए अस्पताल का बहुत महत्व हैं.

एक अस्पताल की भूमिका और कार्य क्या है?

Answer. Answer: इसका मतलब है सांस लेने में आ रही किसी दिक्क़त को हटाना, खून के नुक़सान की जांच करना, नसों के माध्यम से मरीज़ को तरल पदार्थ देना आदि. जान बचाने के लिए ज़रूरी स्वास्थ्य सुविधाएं देने के बाद ही अस्पताल मरीज़ से पैसे मांग सकते हैं या फिर पुलिस को जानकारी देने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं.

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