एकादशी के दिन कौन सा दान करना चाहिए? - ekaadashee ke din kaun sa daan karana chaahie?

निर्जला एकादशी पर किन वस्‍तुओं का दान करना चाहिए

हिंदू पंचांग के अनुसार साल में 24 एकादशी होती हैं और सभी का विशेष धार्मिक महत्‍व होता है। एकादशी तिथि पर प्रमुख तौर पर नारायण यानी भगवान विष्‍णु की पूजा की जाती है। इन सभी एकादशी में से कुछ का महत्‍व बेहद खास होता है और इन्‍हीं में से एक है निर्जला एकादशी। मान्‍यता है कि निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) पर व्रत करने वाले व्रती को साल की बाकी 23 एकादशियों का व्रत करने के बराबर पुण्‍य की प्राप्ति होती है। ग्रीष्‍म काल में पड़ने वाली निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) पर दान करने का सर्वाधिक महत्‍व होता है। इस साल निर्जला एकादशी 21 जून को है। आइए आपको बताते हैं कि इस दिन किन वस्‍तुओं का दान करना चाहिए…

पांडवों से हैं संबंध

शास्‍त्रों में बताया गया है कि निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) को पांडव एकादशी और भीमसेन एकादशी भी कहा जाता है और इस दिन व्रत करने वाले को दीर्घायु के साथ ही मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। इस एकादशी को लेकर ऐसी कथा मिलती है कि पांडवों में भीमसेन जिनके पेट में वृक नामक अग्नि होने से वह बिना भोजन के नहीं रह सकते थे, उन्होंने भी जब एकादशी के महत्व को जाना तो इस एकादशी का व्रत किया था, इसलिए इस एकादशी को भीमा एकादशी भी कहते हैं। पद्म पुराण में बताया गया है कि महर्षि वेदव्यासजी पांडवों को इस एकादशी के बारे में बताते हुए कहते हैं कि एकादशी के दिन जो भी दान, धर्म, हवन और पूजन किया जाता है उसका फल अक्षय होता है। इस दिन किए पुण्य के फल का मनुष्य अनेक-अनेक जन्मों में लाभ पाता है।

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गर्मी से राहत दिलाने वाली वस्‍तुओं का दान

निर्जला एकादशी का व्रत जल के महत्‍व को दर्शाने वाला बताया गया है। यह व्रत ज्‍येष्‍ठ मास में पड़ने के कारण शीतलता प्रदान करने वाली वस्‍तुओं का दान करना सबसे शुभ माना जाता है। मान्‍यता है कि इस महीने में तेज गर्मी पड़ती है और सूर्य अपनी पूर्ण गर्मी पर होता है। इसलिए निर्जला एकादशी पर गर्मी से राहत दिलाने वाली वस्‍तुओं का दान करना सबसे शुभ माना जाता है।

इन वस्‍तुओं का करें दान

शास्‍त्रों में बताया जाता है कि इस दिन सुयोग्‍य ब्राह्मण को जूते दान देना बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन जूते दान करने वाला व्‍यक्ति सोने के विमान में बैठकर स्‍वर्ग लोक को जाता है। इस व्र‍त में अन्‍न दान करने का, छाता दान करने का, बिस्‍तर दान करने और वस्‍त्र दान करने का महत्‍व बताया गया है। मान्‍यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से व्‍यक्ति को परम पुण्‍य की प्राप्ति होती है। इस दिन चने और गुड़ का दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन जूते, छाता और पंखा करना शुभ माना जाता है। आम और खरबूज दान करना परम पुण्‍यदायी होता है।

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निर्जला एकादशी पर तुलसी पूजन का लाभ

एकादशी तिथि भगवान विष्‍णु को समर्पित होती है और इस दिन तुलसी पूजन करने से श्रीहरि बेहद प्रसन्‍न होते हैं। शाम के वक्‍त तुलसी के पेड़ के नीचे घी का दीपक जलाकर विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का पाठ करें। ऐसा करने से आपके घर में कभी भी धन धान्‍य की कमी नहीं होती और कर्ज से मुक्ति मिलती है। व्यापार में वृद्धि और नौकरी में तरक्की मिलती है।

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हिंदी न्यूज़ धर्मएकादशी के दिन ये चीजें दान करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती

एकादशी के दिन ये चीजें दान करने से घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती

भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए एकादशी के व्रत का सर्वाधिक महत्व है। इस व्रत को करने से जीवन के सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं और उपवास करने वाला दिव्य फल प्राप्त करता है। इससे घर में सुख-समृद्धि...

Anuradha Pandeyसरिता गुप्ता, ज्योतिषी,नई दिल्लीTue, 29 Sep 2020 07:36 AM

भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति के लिए एकादशी के व्रत का सर्वाधिक महत्व है। इस व्रत को करने से जीवन के सारे कष्ट समाप्त हो जाते हैं और उपवास करने वाला दिव्य फल प्राप्त करता है। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है, साथ ही मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती  है। कहा तो यह भी गया है कि एकादशी के दिन किया गया दान हजारों वर्षों की तपस्या के समान पुण्यकारी होता है। अत: सभी भक्तों को एकादशी व्रत के नियमों को अवश्य अपनाना चाहिए और साथ ही यथाशक्ति दान करना चाहिए।

अभी अगली एकादशी 13 अक्तूबर  मंगलवार के दिन पड़ रही है, इसका प्रारंभ 12 अक्तूबर प्रात: 4:30 से है और  समाप्ति 13 अक्तूबर को दोपहर 2:35 तक है। पुरुषोत्तम मास की यह  एकादशी भी खास महत्व वाली है। इस दिन श्री भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत का पालन किया जाता है। स्नान के पश्चात सुबह विष्णु भगवान के सामने बैठकर हाथ में फल और जल लेकर संकल्प के साथ पूजन की शुरुआत होती है। 

व्रत में करें दान
एकादशी का व्रत-उपवास करने वालों को दशमी के दिन से ही मांस, लहसुन-प्याज, मसूर की दाल आदि वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन चावल भी नहीं खाना चाहिए। फलाहार में साबूदाना, केला, पिस्ता, कूटू आदि खा सकते हैं। पूजा के बाद यथाशक्ति दान करना चाहिए, किंतु स्वयं किसी का दिया हुआ अन्न आदि ग्रहण न करें।  इस दिन वृक्ष से पत्ते ना तोड़ें और उनको जल दें। ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय नम:’ मंत्र का 108 बार जाप करें और सायंकाल में तुलसी के आगे घी का दीपक जलाएं। अन्नदान और गो दान से घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती और कर्ज से मुक्ति प्राप्त होती है। चने और गुड़ का दान करने से व्यापार में वृद्धि और नौकरी में तरक्की मिलती है। कपूर का दान करने से घर में नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मकता का वास होता है।

एकादशी में क्या दान देना चाहिए?

इस व्र‍त में अन्‍न दान करने का, छाता दान करने का, बिस्‍तर दान करने और वस्‍त्र दान करने का महत्‍व बताया गया है। मान्‍यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत करने से व्‍यक्ति को परम पुण्‍य की प्राप्ति होती है। इस दिन चने और गुड़ का दान करना बहुत शुभ माना जाता है।

एकादशी का दान कब करना चाहिए?

यदि एकादशी को सूर्योदय से लेकर द्वादशी के सूर्योदय तक जल ग्रहण न करे तो उसे सारी एकादशियों के व्रत का फल प्राप्त होता है। द्वादशी को सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करके ब्राह्मणों का दान आदि देना चाहिए

क्या एकादशी को चावल दान करना चाहिए?

एकादशी के दिन किसी को भी चावल नहीं खाने चाहिए और न ही किसी को चावल दान करने चाहिए। अगर आपके द्वार पर कोई याचक आता है तो इस दिन चावल छोड़कर अन्‍य चीजों का दान कर सकते हैं। माना जाता है कि इस दिन चावल खाने वाले व्‍यक्ति को रेंगने वाले जीव की योनि में जन्‍म मिलता है।

क्या एकादशी के दिन बाल धो सकते हैं?

एकादशी के दिन नहीं बाल धोना चाहिए और न ही बाल कटवाना चाहिए। इससे सुख-समृद्धि पर बुरा असर पड़ता है। एकादशी के दिन चावल का सेवन करने की मनाही होती है।

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