घास के मैदानी क्षेत्रों में निवास करने वाले जंतुओं को अपने अस्तित्व बनाए रखने के लिए गति क्यों आवश्यक है? - ghaas ke maidaanee kshetron mein nivaas karane vaale jantuon ko apane astitv banae rakhane ke lie gati kyon aavashyak hai?

Solution :  घास के मैदानी क्षेत्र में शाकाहारी जंतु (हिरण आदि) तथा मांशाहारी जंतु (शेर, बाघ, चीता आदि) रहते हैं। शेर, चीता आदि से बचने के लिए हिरण के लिए तीव्र गति आवश्यक है। हिरण आदि जंतु को दौड़कर पकड़ने के लिए शेर, चीता आदि को तीव्र गति की आवश्यकता है।

प्रश्न 7. घास के मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले जंतुओं को अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए तीव्र गति क्यों आवश्यक है।

उत्तर: मैदानी क्षेत्रों में तीव्र गति अवश्यक हैं क्योकि शेर, चीता, पैन्थर, तेन्दुआ आदि जैसे हिंसक जीव रहते हैं, जो अन्य छोटे पशुओं को मार कर खाते हैं। इसलिए हिरण, ज़ीबरा, भैंसें जैसे जीवों को अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए तीव्र गति आवश्यक है। ऐसे क्षेत्रों में वृक्ष भी बहुत कम होते हैं, इसलिए छोटे पशुओं को छिपने की जगह नहीं होती ।

घास के मैदानी क्षेत्र में रहने वाले जंतुओं को अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए तीव्र गति क्यों आवश्यक है?

Solution : घास के मैदानी क्षेत्र में शाकाहारी जंतु (हिरण आदि) तथा मांशाहारी जंतु (शेर, बाघ, चीता आदि) रहते हैं। शेर, चीता आदि से बचने के लिए हिरण के लिए तीव्र गति आवश्यक है। हिरण आदि जंतु को दौड़कर पकड़ने के लिए शेर, चीता आदि को तीव्र गति की आवश्यकता है।

जानवरों के लिए घास के मैदानों में जीवित रहने के लिए गति क्यों महत्वपूर्ण है?

घास के मैदानी क्षेत्रों में रहने वाले जंतुओं को अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए तीव्र गति इसलिए आवश्यक है क्योंकि घास के मैदान में, पेड़ बहुत कम होते हैं और जानवरों को छिपने के लिए स्थान नहीं मिलता है। जब दुश्मन किसी जानवर पर हमला करता है, तो उसे सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के लिए शिकारी से तेज दौड़ना पड़ता है।

राजस्थान में निवास करने वाले जंतुओं में अपना अस्तित्व बनाए रखने के लिए कौन कौन से अनुकूल पाए जाते हैं?

वह सभी कुछ जो हम अपने चारों ओर देखते हैं, अनुभव करते हैं, जिनके साथ अंतःक्रिया करते हैं तथा जिन पर हमारा तथा अन्य जीवों का जीवन निर्भर करता है, पर्यावरण कहलाता है । आइए, विचार करें कि मानव भौतिक व प्राकृतिक पर्यावरण से किस प्रकार अंतःक्रिया करता है तथा उसका जीवन किस प्रकार पर्यावरण से प्रभावित होता है।

गति क्यों जरूरी है?

यदि समय के साथ वस्तु का वेग घटता है तो त्वरण ऋणात्मक होता है, जिसे मंदन (retardation ) कहते हैं. वृत्तीय गति (circular motion ) - जब कोई वस्तु किसी वृताकार मार्ग पर गति करती है, तो उसकी गति को वृत्तीय गति कहते हैं. यदि वह एक समान चाल से गति करती है तो उसकी गति को एक समान वृत्तीय गति कहते हैं.

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