Guru Pushya Yoga 2022 Date: गुरु पुष्य योग के दौरान की जाने वाले खरीदारी शुभ फलदायी साबित होती है। 25 अगस्त, गुरुवार को गुरु पुष्य योग का शुभ संयोग बन रहा है।
Saumya Tiwariप्रमुख संवाददाता,वाराणसीThu, 25 Aug 2022 11:24 AM
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Guru pushya yoga 2022: अबकी दिवाली 24 अक्तूबर को है। उससे ठीक दो महीने पहले गुरु-पुष्य संयोग 25 अगस्त को लग रहा है। गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र का लगना दिवाली की खरीदारी के लिए ही नहीं बल्कि सामान्य क्रय-विक्रय के लिए भी अक्षय फल देने वाला है। ज्योतिर्विदों की मानें तो करीब डेढ़ हजार साल बाद ऐसा संयोग बन रहा है।
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इस दिन रियल एस्टेट में निवेश, नए कामों की शुरुआत, वाहन, आभूषण, कपड़े व अन्य वस्तुओं की खरीदारी का अक्षय लाभ मिलेगा। घरेलू और दफ्तर में इस्तेमाल की वस्तुओं की खरीदारी भी मंगलकारी होगी। इस दिन सूर्य सिंह राशि में, चंद्रमा कर्क में, बुध कन्या में, बृहस्पति मीन में और शनि मकर राशि में रहेगा।
इस तरह पांच ग्रह अपनी ही राशियों में होंगे। ऐसा अत्यंत शुभ माना जाता है। इनमें शनि और गुरु के स्वराशि में होने से इस संयोग का शुभ फल कहीं अधिक होगा। पुष्य नक्षत्र के स्वामी शनि और देवता गुरु हैं। ग्रहों की ऐसी स्थिति कई सदियों में नहीं बनीं। पं. वेदमूर्ति शास्त्रत्ती बताते हैं कि गुरुवार को पुष्य नक्षत्र के साथ ही गुरु और शनि दोनों ही अपनी-अपनी राशियों में हो तो इस संयोग में किये कामों में सफलता तय होती है। पांच ग्रहों के संयोग से इस दिन सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि और वरियान सहित शुभकर्तरी, वरिष्ठ, भास्कर, उभयचरी, हर्ष, सरल और विमल योग बनेंगे।
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काशी विद्वत परिषद के प्रो. रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि इस संयोग में खरीदारी बेहद शुभ होगी। चातुर्मास में सिर्फ मांगलिक काम नहीं होते लेकिन निवेश, लेन देन और नई शुरुआत के लिए यह शुभ है।
तीज की भी अच्छी खरीदारी की है उम्मीद
व्यापारी गुरुवार को पुष्य नक्षत्र के शुभ मुहुर्त में अच्छी खरीदारी की उम्मीद से खुश हैं। पिछले दिनों गहनों, साड़ी, ड्रेस मैटेरियल की खरीदारी करने वाले ग्राहकों ने गुरुवार को डिलीवरी लेने को कहा है। तीज पर सोने चांदी के आभूषणों के साथ साड़ी की खरीदारी होती है। साड़ी व्यवसायी गौरी धानुका ने बताया कि दस दिन पहले जिन ग्राहकों ने खरीदारी की थी, उन्होंने गुरुवार को डिलीवरी लेने को कहा है।
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Som Pradosh 2022: 14 फरवरी 2022 सोमवार को प्रदोष व्रत (शुक्ल) रखा जाएगा। इसके बाद 28 फरवरी सोमवार को सोम प्रदोष व्रत (कृष्ण) रखा जाएगा। सोमवार के आने वाले प्रदोष को सोम प्रदोष कहते हैं। इस बार 14 फरवरी सोमवार को पुष्य नक्षत्र का शुभ संयोग है। सोमवार भी शिवजी का दिन है और प्रदोष भी। इस दिन शिव पूजा का खास महत्व है। पूजा में शामिल करें ये 5 चीजें तो धन के भर जाएंगे भंडार।
शुभ संयोग : 14 फरवरी सोमवार सोम प्रदोष के दिन पुनर्वसु सुबह 11:53 तक रहेगा इसके बाद पुष्य नक्षत्र प्रारंभ होगा। इस दिन आयुष्मान योग के बाद सौभाग्य योग रहेगा। सर्वार्थसिद्धि योग दिनभर रहेगा।
अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11:50 से 12:35 तक।
अमृत काल मुहूर्त : सुबह 09:14 से 11:00 तक।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:05 से 02:50 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 05:40 से 06:04 तक।
सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 05:51 से 07:07 तक।
निशिता मुहूर्त: रात्रि 11:47 से 12:37 तक।
शिवजी की पूजा में शामिल करें ये 5 चीजें :
1. बिल्वपत्र : शिवजी को बिल्वपत्र प्रिय है। इसे शिवजी को अर्पित करने से अनंत गुना फल मिलता है और धनलाभ होता है।
2. धतूरा : धतूरा एक औषधि है जिसे शिवजी को अर्पित करने से वे बेहद ही प्रसन्न होते हैं।
3. आंकड़ा : आंकड़े का फूल भी शिवजी को प्रिय है। इस अर्पित करने से घर में धन समृद्धि बनी रहती है।
4. मीठा दूध : शिवजी को मीठ दूध अर्पित करने से सेहत में लाभ के साथ ही धनलाभ भी होता है। इसे सुख और समृद्धि बढ़ती है।
5. केसर या चावल : शिवजी को केसर अर्पित करने से सौम्यता प्राप्त होती है और साथ ही धनलाभ भी होता है। भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
दीपक जलाएं : ऐसा मान्यता है कि प्रदोष की रात्रि को किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग के समक्ष घी का दीपक जलाने से धन संबंधी सभी तरह की समस्याओं का अंत हो जाता है और अपार धन की प्राप्ति होती है।
वर्ष 2022 में दीपावली से छह दिन पहले यानी 18 अक्टूबर, दिन मंगलवार को पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra 2022) का खास संयोग बन रहा है। इस बार खरीदी का शुभ महामुहूर्त बन रहा है। इसी दिन सूर्य कन्या राशि से निकल जाएंगे तथा तुला राशि में प्रवेश करेंगे, अत: इस दिन सूर्य-तुला संक्रांति भी मनाई जाएगी। आपको बता दें कि इस बार धनतेरस 23 अक्टूबर को और दीपावली का त्योहार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
कार्तिक कृष्ण अष्टमी को यानी मंगलवार, 18 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र सुबह 5.13 मिनट से शुरू होकर बुधवार, 19 अक्टूबर को सुबह 8.02 मिनट तक जारी रहेगा तथा 18 अक्टूबर को सिद्ध योग शाम 4.53 मिनट रहेगा तत्पश्चात साध्य योग शुरू होगा। इस दिन पुष्य नक्षत्र के साथ सिद्ध और साध्य योग दिनभर रहने से इस समयावधि में सोना, चांदी, तांबी, बहीखाते, भूमि, भवन, कलम, दवात तथा अन्य संपत्ति की खरीदारी बहुत ही शुभ फलदायी होगी।
पुष्य नक्षत्र का शुभ समय-Pushya Nakshatra Time
पुष्य नक्षत्र के दिन के शुभ चौघड़िया मुहूर्त-Pushya Nakshatra Muhurat
प्रातः (चर, लाभ, अमृत)- 09.15 ए एम से 01.32 पी एम तक।
अपराह्न मुहूर्त (शुभ)- 02.57 पी एम से 04.23 पी एम तक।
सायाह्न मुहूर्त (लाभ)- 07.23 पी एम से 08.57 पी एम तक।
रात्रि मुहूर्त (शुभ, अमृत, चर)- 10:32 पी एम से 03:15 ए एम (19 अक्टूबर) तक।
पुष्य नक्षत्र में सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त-
मंगलवार, 18 अक्टूबर 2022 को 06.23 ए एम से 19 अक्टूबर को 06.24 ए एम तक।
कुल अवधि- 24 घंटे 01 मिनट तक।
- इस बार दीपावली के 6 पहले मंगलवार के दिन पुष्य नक्षत्र का उदय हो रहा है। उदया तिथि के अनुसार 18 अक्टूबर को पुष्य नक्षत्र में सूर्योदय होने से इस दिन खरीदारी और अन्य शुभ कामों को करने का महत्व अधिक रहेगा।
- मंगल-पुष्य के संयोग में जो भी खरीदी की जाएगी, वह कई गुना शुभ रहेगी।
- मंगल-पुष्य नक्षत्र पर सोना, चांदी, तांबा जैसी धातुओं की खरीदारी करने से सुख-समृद्धि एवं वैभव में वृद्धि होगी।
- साथ ही इस दिन प्रॉपर्टी, प्लॉट या मकान में निवेश करना बहुत लाभदायी साबित होगा।
- इन सबके अलावा ज्वेलरी, सोने, चांदी, तांबे से बनी चीजें, वाहन, फर्नीचर तथा अन्य घरेलू इलेक्ट्रिक सामान की खरीदारी करना भी अतिशुभ रहेगा।
- मंगलवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग होने से इस शुभ योग में की गई खरीदारी, लेन-देन और निवेश से धन की दिन-प्रतिदिन वृद्धि होती है।
- पुष्य नक्षत्र को सौभाग्य और समृद्धि बढ़ाने वाला शुभ योग माना जाता है। अत: इस दिन कुछ न कुछ खरीदारी अवश्य ही करना चाहिए।