जरीब क्या होती है?जरीब का प्रयोग कहाँ किया जाता है? जरीब कितने प्रकार की होती है? मीट्रिक जरीब क्या है?मीट्रिक जरीब की लंबाई कितनी होती है?
आज हम आपके लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक लेकर आये हैं। आज हम आपको बताएंगे कि जरीब क्या होती है?जरीब किसे कहते है? जरीब कितने प्रकार की होती है, metric jarib जरीब क्या है, जरीब का उपयोग कहाँ किया जाता है।
जरीब क्या है? इसे कहाँ उपयोग किया जाता है?
जरीब लोहे की कड़ियों से बनी जंजीर होती है, जिसका उपयोग लेखपाल या राजस्व निरीक्षक द्वारा भूमि या खेत की नाप करने के लिए किया जाता है। वर्तमान समय मे उत्तरप्रदेश में लेखपाल के द्वारा मीट्रिक जरीब का प्रयोग किया जाता है।मीट्रिक जरीब की मानक लम्बाई 20 मीटर होती है इस जरीब में 100 कड़ियाँ होती है,प्रत्येक कड़ी की लंबाई 20 सेंटीमीटर होती है।इस जरीब के दोनों सिरों पर पीतल के हैण्डल लगे होते हैं।
जरीब कितने प्रकार की होती है?
जरीब मुख्यतः तीन प्रकार होती हैं जिसमे मीट्रिक जरीब का उपयोग वर्तमान समय मे किया जा रहा है।
जरीब के प्रकार-
(1)शाहजहानी जरीब - शाहजहानी जरीब मानक पक्के बीघा वाली पूरी जरीब होती है इसकी लंबाई 55 गज होती है यह अधिक भारी होने के कारण शाहजहानी जरीब का आधा भाग अर्थात 27.5 गज उपयोग सामान्यता किया जाता है।
1 जरीब × 1 जरीब = 1 पक्का बीघा
55 गज × 55 गज =3025 वर्ग गज ( मानक पक्का बीघा)
(2) गंट्री जरीब- गंट्री जरीब 22 गज की होती है।इस जरीब में 100 कड़ियाँ होती हैं, इसमे प्रत्येक कड़ी की लंबाई 7.92 इंच (0.66फ़ीट) होती है।इस जरीब का प्रयोग एकड़ में भूमि नापने में किया जाता है।अब हेक्टेयर में माप होने के बाद इसकी उपयोगिता कम हो गयी है।
10 वर्ग जरीब = 1 एकड़
(1) मीट्रिक जरीब- मीट्रिक जरीब मुख्य जरीब है, अब इसी जरीब का प्रयोग किया जाता है। अब मीट्रिक पद्धति लागू होने के बाद भूमि का क्षेत्रफल हेक्टेयर में लिखा जाने लगा है,इसलिए अब इसी मीट्रिक जरीब का उपयोग किया जाता है।इस जरीब की लंबाई 20 मीटर होती है। इसमें 100 कड़ियाँ होती है, जिसमे प्रत्येक कड़ी की लंबाई 20 सेंटीमीटर होती है। इस जरीब में प्रत्येक 10 कड़ी के बाद एक छल्ला लगा होता है।
इस जरीब में बीच मे 50 कड़ी पर एक गोल छल्ला होता है। इसमें छल्ले के बीच मे 1, 2, 3 व 4 दांतनुमा भाग होता है।इन छल्लों में 1 नुकीला भाग 10 कड़ी प्रदर्शित करता है। इन छल्लों से कड़ियाँ गिनने में आसानी होती है।इस जरीब में 10 गट्टे होते है।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में अलग-अलग मापों की जरीबें (Chains) प्रयोग होती हैं। जरीब (جریب) लम्बाई नापने की एक इकाई होती है। कड़ियों के समूह या जिस जंजीर से यह दूरी नापी जाती है उसे भी जरीब कहते हैं। मुख्य रूप से जरीब तीन प्रकार की होती हैं – दाशमिक जरीब, गन्ट्री जरीब और शाहजहानी जरीब। अब हम इन जरीबों के
बारे में विस्तार से जानेंगे।
जरीब के प्रकार
जरीब (दाशमिक प्रणाली वाली)
एक जरीब = 20 मीटर = 10 गट्ठा = 100 कड़ी
एक गट्ठा = 2 मीटर
एक कड़ी = 20 सेंटीमीटर
जरीब गन्ट्री (एकड़ वाली)
एक कड़ी = 7.92 इंच
एक गट्ठा = 10 कड़ी = 2.2 गज या 2
गज
एक जरीब = 22 गज = 66 फीट = 10 गट्ठा = 100 कड़ी
10 जरीब = 1 फर्लांग = 220 गज
80 जरीब = 1 मील = 1760 गज
जरीब शाहजहानी
शाहजहानी जरीब (Shahjahani Jarib) लम्बाईयों के आधार पर 8 प्रकार की होती हैं। मानक (Standard) बीघा वाली पूरी जरीब 55 गज की होती है, परन्तु भारी होने के कारण शाहजहानी जरीब का आधा भाग ही प्रयोग किया जाता है। प्रयोग होने वाली जरीब आधी अर्थात 27.5 गज की होती है।
पूरी जरीब x पूरी जरीब = 1 बीघा (मानक / पक्का)
55 गज x 55 गज = 3025 वर्ग गज = एक मानक पक्का बीघा
विभिन्न जिलों में अलग-अलग मापों की जरीब प्रयोग में लायी जाती थीं। इनको नीचे तालिका में दिया गया है।क्षेत्रानुसार एकड़ बीघा सम्बन्ध भी तालिका में दिया गया है।
1 | 44 गज | 22 गज | 44 गज x 44 गज | 1936 | 4840 : 1936 = 5 : 2 | फतेहपुर जनपद पूर्ण, मथुरा जिले में भरतपुर रियासत से बदले में ग्रामों तथा हमीरपुर जिले की चरखारी तहसील |
2 | 45 (3/4) गज | 22 (7/8) गज | 45 (3/4) गज x 45 (3/4) गज | 2093 (1/16) | 4840 : 2093 (1/16) = 302 : 131 | बाँदा पूर्ण एवं हमीरपुर जनपद के भाग |
3 | 47 (1/2) गज | 23 (3/4) गज | 47 (1/2) गज x 47 (1/2) गज | 2258 (1/4) | 4840 : 2258 (1/4) = 151 : 70 | जालौन पूर्ण तथा ललितपुर जनपद ललितपुर तहसील |
4 | 49 (1/2) गज | 24 (3/4) गज | 49 (1/2) गज x 49 (1/2) गज | 2450 (1/4) | 4840 : 2450 (1/4) = 121 : 61 | कानपुर (नगर/देहात) सहारनपुर तथा मुजफ्फरनगर जनपद |
5 | 52 (1/4) गज | 26 (1/8) गज | 52 (1/4) गज x 52 (1/4) गज | 2730 (1/16) | 4840 : 2730 (1/16) = 91 : 61 | इलाहाबाद (प्रयागराज) तथा आजमगढ़ जनपद के उन ग्रामों में जहाँ स्थाई बंदोबस्त नहीं हुआ है |
6 | 52 (1/2) गज | 26 (1/4) गज | 52 (1/2) गज x 52 (1/2) गज | 2756 (1/4) | 4840 : 2756 (1/4) = 7 : 4 | आगरा, अलीगढ़, मैनपुरी, फर्रुखाबाद पूर्ण तथा एटा एवं इटावा के भागों में |
7 | 55 गज | 27 (1/2) गज | 55 गज x 55 गज | 3025 (मानक बीघा) | 4840 : 3025 = 8 : 5 | मेरठ, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, बिजनौर, बरेली, बदायूँ, रामपुर, नैनीताल, हरदोई, सीतापुर, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, फैज़ाबाद, बस्ती, आज़मगढ़, जौनपुर, गाजीपुर, वाराणसी, मिर्ज़ापुर |
8 | 56 गज | 28 गज | 56 गज x 56 गज | 3136 | 4840 : 3136 = 202 : 131 | बनारस, जौनपुर और आजमगढ़ जनपद के स्थाई बंदोबस्ती ग्रामों में |