बंदर का अंतिम संस्कार कैसे किया जाता है? - bandar ka antim sanskaar kaise kiya jaata hai?

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बंदर का अंतिम संस्कार

रायपुर। कोरबा जिले में अमरुद खाने के लिए एक घर में घुसा बंदर जब किसी वजह से मर गया तो पूरा गाँव भावुक हो गया। गांव वालों ने बजाय उसकी बॉडी को वन विभाग को देने के, उसका विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया। जिस जगह अंतिम संस्कार हुआ वहां अब हनुमान मंदिर बनाने की तैयारी भी हो रही है। ऐसे मरा बंदर...

- पिछले दिनों झुंड से निकलकर लंगूर प्रजाति का बंदर फारसवानी गांव के एक ग्रामीण के घर पहुंचा।

- वह आंगन में अमरूद के पेड़ पर चढ़कर अमरूद खाने लगा।

- कुछ देर में वह छत पर चला गया और नहीं लौटा। मकान मालिक छत पर गया तो बंदर वहां मृत पड़ा मिला।

- इस बात की जानकारी गांव वालों को हुई तो लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। वन विभाग को भी सूचना दी गई।

ऐसे निकाली शवयात्रा

- विभाग की टीम जब अगली सुबह गांव पहुंची तो लोगों ने बंदर का अंतिम संस्कार करने की अनुमति मांगी। अनुमति मिल भी गई।
- ग्रामीणों ने बंदर को हनुमान का स्वरूप मानते हुए पहले पूजा अर्चना की।

- उसके बाद पारंपरिक रीति-रिवाज से बंदर की शव यात्रा निकाली गई।
- अर्थी को लाल रंग के कफन से ढंका गया था। शव यात्रा के दौरान ग्रामीण साथ-साथ चलते भजन कीर्तन करते रहे।
- उसके बाद गांव से लगी सरकारी जमीन पर बंदर का अंतिम संस्कार किया गया।
- गांववालों ने तय किया है कि उस स्थान पर हनुमान मंदिर बनवाया जाएगा।
- इसके लिए सरकारी मदद नहीं मिली तो आपसी चंदा किया जाएगा।

बंदरों से आध्यात्मिक लगाव

-मड़वारानी पहाड़ के पास बसा गांव है फारसवानी। यहां कभी घना जंगल था।

- पास के जंगलों में फलदार पेड़ों की संख्या कम हो जाने के कारण बंदर व अन्य जीव खाने की तलाश में अक्सर गांव आ जाते हैं।

- बंदर कभी-कभी कुछ नुकसान भी पहुंचा दें तो लोग उनकी स्वाभाविक प्रवृत्ति मानकर इग्नोर कर देते हैं।

- दरअसल, लोग बंदरों को उन्हें हनुमान जी का रूप मानते हैं और उनसे आध्यात्मिक जुड़़ाव महसूस करते हैं।

- ग्रामीणों ने बताया कि गांव में पहली बार कोई बंदर मृत पाया गया।

आगे की स्लाइड्स पर देखें बंदर की शवयात्रा में कैसा था माहौल...

बंदर का अंतिम संस्कार कैसे करें?

बंदर का अंतिम संस्कार गाजे बाजे के साथ रीवा के त्योंथर में किया गया. स्थानीयजनों ने जब अपनी दुकान के पास लगे बिजली के खंभे के पास एक बंदर को मरे हुए देखा तब लोगों ने नगरपालिका को सूचना दी, लेकिन उन्हें वापस वन विभाग के पास भेज दिया गया. इसके बाद वन विभाग ने नगर पालिका के पास भेज दिया.

घर में बंदर आने से क्या होता है?

बंदर कर दे ऐसा यदि आपके घर के आंगन में बंदर कहीं से लाकर आम की गुठली डाल दे तो यह संकेत व्‍यापार में वृद्धि का सूचक माना जाता है। वहीं घर के दक्षिण दिशा में तीतर यदि आवाज करता है तो अचानक से सुख, सौभाग्‍य और धन की प्राप्ति होती है।

बंदर कितने वर्ष तक जीवित रहता है?

एक बंदर की औसत आयु करीब 25 से 30 साल तक होती है.

बंदर के कितने बच्चे होते हैं?

बंदर
बंदर वानर सामयिक शृंखला: Oligocene–Present PreЄ Є O S D C P T J K Pg N
जगत:
पशु
संघ:
कशेरुकी
वर्ग:
स्तनपायी
गण:
प्राईमेट भागों में
बंदर - विकिपीडियाhi.wikipedia.org › wiki › बंदरnull

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