अनचाहे गर्भ को गिराने के लिए जोड़े अक्सर गर्भपात का सहारा लेते हैं लेकिन बहुत से लोगों को मालूम नहीं है कि लगातार गर्भपात कराना जीवन के लिए खतरनाक है। लगातार गर्भपात करवाने से भविष्य में होने वाली प्रेग्नेंसी कष्टदायक हो सकती हैंं।
अनचाहे गर्भ को गिराने के लिए जोड़े अक्सर गर्भपात का सहारा लेते हैं लेकिन बहुत से लोगों को मालूम नहीं है कि लगातार गर्भपात कराना जीवन के लिए खतरनाक है। लगातार गर्भपात करवाने से भविष्य में होने वाली प्रेग्नेंसी कष्टदायक हो सकती हैंं।
ऐसा कहा जाता है कि जो महिलाएं ज्यादा गर्भपात कराती हैं। उनमें अवधि पूर्व जन्म या शिशु का वजन बहुत कम होना आदि परेशानियां पैदा होती हैं, जिन महिलाओं ने 3 या इससे अधिक बार गर्भपात कराया है। उनकी गर्भाशय ग्रीवा के लिए खतरा है। इसके अलावा इससे कुछ समय बाद अपने आप गर्भपात भी हो सकता है।
बहुत से लोगों को आजकल बांझपन, अस्थानिक गर्भावस्था या बच्चे के जन्म की परेशानी आदि समस्याएं उठानी पड़ती हैं। बांझपन से तात्पर्य है कि 12 माह की कोशिशों के बावजूद भी बच्चा नहीं लगना। सामान्य रूप से महिलाओं में बांझपन होने के कई कारण हैं लेकिन बहुत से डॉक्टर्स ऑपरेशन से गर्भपात कराने को इसका प्रमुख कारण मानते हैं।
गर्भपात करवाने के शरीर को नुकसानः-
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1. बच्चा गिरनाः गर्भपात कराने से भी कई बार गर्भाशय ग्रीवा क्षतिग्रस्त हो जाती है तो आगे गर्भपात में परेशानी हो सकती है। यदि गर्भपात के दौरान बच्चेदानी क्षतिग्रस्त हो जाती है तो यह बच्चे के लिए भी खतरनाक होती है।
2. समय पूर्व प्रसवः ज्यादा बार गर्भपात कराने का यह एक मुख्य कारण यह है कि इससे समय पूर्व प्रसव के अवसर बढ़ जाते हैं और गर्भ नाल इससे गलत रूप से बढ़ जाती है।
3. अस्थानिक गर्भावस्थाः बार-बार गर्भपात कराने से अस्थानिक गर्भधारण का खतरा पैदा होता है। अस्थानिक गर्भावस्था ना केवल जीवन के खतरनाक है बल्कि इससे प्रजनन क्षमता भी कम हो सकती है।
4. पेडू के सूजन की बीमारीः पेडू के सूजन की बीमारी भी बार-बार गर्भपात से होती है। पीआईडी एक खतरनाक बीमारी है जो कि बांझपन का कारण भी बन सकती है। यह फैलोपियन ट्यूब के ऊतकों पर घाव पैदा कर सकती है, जिससे आगे चलकर प्रजनन क्षमता में कमी होती है। कभी कभी पीआईडी गर्भपात या अबॉरशन के बाद भी हो सकती है।
5.एन्डोमिट्राइटिसः ज्यादा गर्भपात कराने से यह होता है। अबॉरशन के बाद यह समस्या होती है। 20 से 29 वर्ष की महिलाएं खास तौर पर इसका शिकार ज्यादा होती हैं।
6.गर्भाशय में छेद होनाः गर्भपात कराने वाली 2 से 3 प्रतिशत मरीजों में यह परेशानी होती है जो महिलाएं पहले बच्चे को जन्म दे चुकी हैं। उनमें यह ज्यादा होता है। इस समस्या से ग्रसित मरीजों में कई बार गर्भपात के दौरान सामान्य एनेस्थेसिया भी देना पड़ता है।
7.संक्रमणः बार-बार गर्भपात कराने से महिलाओं में स्वास्थ्य से संबन्धित समस्याएं पैदा होती हैं जैसे कि ज्यादा रक्तस्राव, संक्रमण, ऐंठन, एनेस्थेसिया से संबन्धित जटिलताएं, एम्बोलिज़्म, गर्भाशय में सूजन, एंडोटोक्सिक शॉक, गर्भाशय ग्रीवा का चोटिल होना, रक्तस्राव आदि।
Side Effects of Abortion: बार-बार गर्भपात कराने के होते हैं कई स्वास्थ्य जोखिम, ये हैं इसके साइड एफेक्ट्स
गर्भपात कराने से गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) कमजोर हो सकता है, जिससे महिला के भविष्य में प्री-टर्म डिलीवरी का खतरा बढ़ जाता है.
Abortion Risks and Side Effects: कई बार अनचाही प्रेग्नेंसी (unwanted pregnancy) के कारण लोग गर्भपात यानी एबॉर्शन का रास्ता चुनते हैं. हालांकि, बार-बार एबॉर्शन कराने से बचना चाहिए, क्योंकि भविष्य में इसके कुछ स्वास्थ्य जोखिम और नुकसान भी हो सकते हैं.
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- News18Hindi
- Last Updated : March 24, 2022, 06:30 IST
Abortion Risks and Side Effects: कई बार अनचाही प्रेग्नेंसी (unwanted pregnancy) के कारण लोग गर्भपात (Abortion) का रास्ता चुनते हैं. कुछ कपल्स को ऐसा मजबूरी में करवाना पड़ता है. कई बार प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में कोई समस्या आने पर एबॉर्शन कराने की जरूरत पड़ती है. मेडिकल और सर्जिकल दो तरह से एबॉर्शन किए जाते हैं. सर्जिकल एबॉर्शन क्लिनिक या हॉस्पिटल में होता है. मेडिकल एबॉर्शन (मेडिकेशन एबॉर्शन) वह प्रक्रिया है, जिसमें दवाओं के जरिए प्रारंभिक गर्भावस्था (early pregnancy) को समाप्त किया जाता है. लेकिन एक बात का ख्याल रखना चाहिए बार-बार गर्भपात करवाने से महिला के शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंच सकता है. एबॉर्शन से भविष्य में गर्भधारण करने में भी समस्या आ सकती है. यह यूटरिन सर्विक्स (uterine cervix) के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है.
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गर्भपात के नुकसान
कॉम्पासकेयर डॉट इन्फो में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, अधिकांश महिलाओं को गर्भपात के बाद निम्नलिखित साइड एफेक्ट्स नजर आ सकते हैं:
- ब्लीडिंग 14 से लेकर 21 दिनों तक रह सकता है.
- ऐंठन या मरोड़
- चक्कर आना
- ड्राउजीनेस या उनींदापन
- मतली या उल्टी आना
एबॉर्शन की संभावित जटिलताएं
- गर्भ या गर्भाशय ग्रीवा को नुकसान
- अत्यधिक रक्तस्राव
- अधूरा गर्भपात, जिसमें अतिरिक्त सर्जिकल गर्भपात प्रक्रिया की जरूरत होती है
- गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब में इंफेक्शन
- गर्भाशय के अंदर जख्म, निशान, चोट लगना
- सेप्सिस या सेप्टिक शॉक
- कुछ मामलों में मौत
गर्भपात से भविष्य में होने वाले स्वास्थ्य जोखिम
गर्भपात कराने से गर्भाशय ग्रीवा (Cervix) कमजोर हो सकता है,
जिससे महिला के भविष्य में प्री-टर्म डिलीवरी का खतरा बढ़ जाता है. कुछ अध्ययनों से पता चला है कि गर्भपात से समय से पहले जन्म के जोखिम को 25 से 27% के बीच बढ़ा देता है. यदि एक महिला दो या दो से अधिक एबॉर्शन कराती है, तो समय से पहले जन्म का जोखिम 51% से 62% के बीच बढ़ जाता है.
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एबॉर्शन के बाद यूं रखें ख्याल
- यदि आपने एबॉर्शन करवाया है, तो आपको कुछ दिनों तक रेस्ट करना चाहिए. अधिक शारीरिक मेहनत करने से बचें.
- आयरन, कैल्शियम, विटामिन, प्रोटीन आदि से भरपूर चीजों का सेवन करें.
- डॉक्टर की बताई गई बातों को फॉलो करें. दवाएं समय पर लें.
- हेल्दी डाइट में अनाज, फल, सब्जियां, दूध, दही, जूस, दालें, फलियों का सेवन करें.
- खुश रहने की कोशिश करें, अधिक स्ट्रेस, चिंता में ना रहें.
- फॉलिक एसिड है जरूरी.
- जंक फूड, स्ट्रीट फूड, डिब्बा बंद फूड्स, तेल-मसालेदार चीजों के सेवन से बचें.
- अधिक चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक्स, शुगरी ड्रिंक्स का सेवन ना करें.
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Tags: Health, Health tips, Lifestyle
FIRST PUBLISHED : March 24, 2022, 06:30 IST