इसे सुनेंरोकेंबिल्ली एक मांसाहारी स्तनधारी जानवर है। इसकी सुनने और सुँघने की शक्ति प्रखर है और यह कम रोशनी, यहाँ तक कि रात में भी देख सकती हैं। लगभग 9500 वर्षों से बिल्ली मनुष्य के साथी के रूप में है। प्राकृतिक रूप से इनका जीवनकाल लगभग 15 वर्षों का होता है।
बिल्ली कितनी उम्र में बच्चे देती है?
इसे सुनेंरोकेंजीन बिल्ली के स्वास्थ्य, खेल और बिल्लियों और बिल्ली नस्लों के बारे में सामान्य जानकारी पर सलाह देने में माहिर हैं। यह आर्टिकल ४८,८७१ बार देखा गया है। एक यौन रूप से स्वस्थ बिल्ली 5 ½ से 12 साल की उम्र में यौन परिपक्व हो जाती है, और ये निर्भर करता है की उसे कितना खाना मिलता है और दिन की लम्बाई पर।
बिल्ली को घर में रखने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकें- बिल्लियों से बात करने और उनके साथ खेलने से ब्लड प्रेशर कम हो जाता है. यानी कि अगर आप हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्या से जूझ रहे हैं, तो बिल्लियों से बेहतर आपका कोई साथी हो ही नहीं सकता. – बच्चों के लिए स्वास्थ्यप्रद होती हैं बिल्लियां. ये कम प्रदूषण फैलाती हैं, जिसकी वजह से एलर्जी जैसी समस्याएं नहीं फैलती.
पढ़ना: सबसे खतरनाक सड़क कौन सी है?
बिल्ली का बच्चा कैसे पाले?
इसे सुनेंरोकेंजन्म देने के लिए उसे एक शांत जगह दें: आपकी फ़ीमेल कैट एक ऐसी जगह को चुनेगी, जो उसे जन्म देने के लिए सेफ लगेगी। इसके लिए, उसे एक बड़ा सा कार्डबोर्ड प्रोवाइड करें, उसे उसके साइड पर पलटें और उसमें एक गरम, सूखी बेडिंग बिछा दें-लेकिन अगर वो और कुछ चाहती हो, तो इससे निराश न हो जाएँ।
इसे सुनेंरोकेंलगभग 9500 वर्षों से बिल्ली मनुष्य के साथी के रूप में है। प्राकृतिक रूप से इनका जीवनकाल लगभग 15 वर्षों का होता है।
बिल्ली का गर्भकाल कितना दिन का होता है?
इसे सुनेंरोकेंअधिकांश प्रजातियों के लिए, जन्म से पहले भ्रूण कितना बढ़ता है वह गर्भ काल की लंबाई निर्धारित करता है। छोटी प्रजातियों का गर्भ काल सामान्य रूप से बड़े जानवरों की तुलना में छोटी अवधि का होता है। उदाहरण के लिए, एक हाथी का गर्भ काल 624 दिन का होता है, जबकि एक बिल्ली का गर्भ काल सामान्य रूप से 58-65 दिन का होता है।
पढ़ना: टेंपरेचर कैसे चेक करते हैं?
बिल्ली की जेर को कैसे सिद्ध करें?
इसे सुनेंरोकेंबिल्ली की जेर पर कुमकुम और केसर का तिलक लगाएं। इसके पश्चात् फूल और चावल अर्पित करें। संभव हो तो बिल्ली की जेर पर कामाख्या सिंदूर लंगाकर इसे डिब्बी में बंद कर के रख दें। पूजन करते समय || ‘ऊं श्रीं उलूक मम कराया कुरु कुरु नमः’|| मंत्र का जाप करें।
बिल्ली के बाल से कौन सी बीमारी होती है?
इसे सुनेंरोकेंबिल्ली पालने वालों को टॉक्सोप्लाजमोसिस नाम की बीमारी का खतरा रहता है जिन घरों में बिल्ली पाली जाती है, वहां इस बीमारी के संक्रमण की आशंका ज्यादा रहती है. बिल्ली संक्रमित मांस खाती है और फिर अपने मल के जरिए इस बीमारी के परजीवी फैला देती है.
बिल्ली की जेर मिलने से क्या फायदा होता है?
इसे सुनेंरोकेंबिल्ली की जेर के प्रभाव से व्यक्ति के धैर्य में वृद्धि होती है। और धैर्य के कारण ही व्यक्ति के सारे मनोरथ पूर्ण होते है। बिल्ली की जेर प्राप्त होने पर अपने साथ उसे सिद्ध करके जरुर रखें। इससे जीवन में सफलता मिलती है।
पढ़ना: कुंजिका स्त्रोत कैसे सिद्ध करें?
बिल्ली कितने बच्चों को जन्म देती है?
इसे सुनेंरोकेंऔर प्रत्येक गर्भावस्था के लिए वह कितने बच्चे पैदा करती है, इस पर निर्भर करता है कि उसके पास लगभग 15-30 बच्चे होंगे।
बिल्ली 1 साल में कितनी बार बच्चे देती है?
इसे सुनेंरोकेंयह कुत्तो से अलग है जो की द्वियौनउतेजना चक्र का अनुभव करते है, एक साल में केवल दो बार यौन उत्तेजित। यौन उत्तेजना के दौरान आपकी बिल्ली की कोख फूल जाएगी क्योंकि अपेक्षित गर्भावस्था के लिए उसमे रक्त संचार बढ़ जायेगा।
डेढ़ साल में कितने बच्चे देती है?
इसे सुनेंरोकेंएक साल में देते हैं 1000 बच्चों को जन्म शोध के अनुसार एक जोड़ा चूहा एक साल में लगभग 800 से 1200 तक चूहों को जन्म देता है।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।
खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं?
खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं?
खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं?
खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है?
बिल्ली एक मांसाहारी स्तनधारी जानवर है। इसकी सुनने और सुँघने की शक्ति प्रखर है और यह कम रोशनी, यहाँ तक कि रात में भी देख सकती हैं। लगभग 9500 वर्षों से बिल्ली मनुष्य के साथी के रूप में है। प्राकृतिक रूप से इनका जीवनकाल लगभग 15 वर्षों का होता है।[1]
बिल्लियों का मज़बूत और लचीला शरीर, तेज़ अभिक्रियाएँ, संकुचन योग्य पंजे और छोटे शिकार को मारने के लिए रूपांतरित दाँत होते हैं। बिल्ली गुप्तांगों की संध्यादार और मांसाहार जगत में ख़ास जगह होती है। बिल्लियाँ, मानव कानों के लिए बहुत ही मध्यम और बहुत ही तीव्र आवाज़ों, जैसे कि चूहों वग़ैरह की, को आराम से सुन सकतीं हैं। ये क़रीब-क़रीब घने अंधेरो में भी देख सकतीं हैं। बाक़ी स्तनधारियों की तरह इनकी रंग दृष्टि मनुष्य से काफ़ी कमज़ोर है जबकि इनकी सूँघने की ताक़त और ज़्यादा मज़बूत होती है।
पत्थरों के पिछे छिपी बिल्ली
एकान्त में शिकारी करने वाली जानवर होने के बावजूद, बिल्लियाँ सामाजिक जानवर भी हैं। इनके आपसी संचार का साधन अलग अलग तरहों की आवाज़ें (म्याऊँ म्याऊँ करना, घूर घूर करना, फुंकारता, बड़बड़ाना, वग़ैरह), रासायनिक तत्व (फ़ेरोमोन) और बिल्ली विशेष शारीरिक भाषा के प्रकार हैं।[2]
क्योंकि बिल्लियाँ प्राचीन मिस्र में पूजनीय जानवर थीं, ये वहाँ ही पालतू बनाईं गईं थीं,[3] लेकिन पालतू बनाने के कुछ संकेत पहले घटे "नवपाषाण युग" में भी मिलते हैं।[4]
2007 की एक आनुवांशिक जाँच पड़ताल ने ख़ुलासा किया है कि सभी पालतू बिल्लियाँ मध्य-पूर्व इलाक़े (लगभग 8000 ईसा पूर्व) की पाँच मादा अफ़्रीकी जंगली बिल्लियों (Felis silvestris lybica) के वंश में से आईं हैं।[3][5] बिल्लियाँ दुनिया की सब से मशहूर पालतू जानवर हैं और जहाँ भी इंसान रहते हैं, वहाँ ही पाईं जातीं हैं।[6]
पालतू बिल्ली और उसकी सब से क़रीबी जंगली पूर्वज, दोनों ही द्विगुणसूत्रक (डिप्लॉइड) जानवर हैं जिनमें 38 गुणसूत्र (क्रोमोसोम)[7] और लगभग 20,000 जीन[8] होते हैं। बिल्लियों के तकरीबन 250 आनुवंशिक रोग पहचाने जा चुके हैं जिनमें से काफ़ी मानवीय जन्मजात गड़बड़ों के समान हैं।[9] इस स्तनधारी जीवों की चयापचय की समानता को नज़र रखते हुए बिल्लियों के कई रोग उन अनुवंशिक परीक्षणों के साथ जांचे जाते हैं जो शुरुआत में मनुष्य के लिए बनाए गए थे और इसी तरह मनुष्य के कई रोगों की जाँच पड़ताल के लिए बिल्लियों को जीवनमूनों के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है।[10][11]
एक छोटी लड़की अपनी नन्ही बिल्ली के साथ
पार्क में बिल्ली उबासी लेते हुए
यूरोप और उत्तरी अमेरिका में बिल्लियाँ आम पालतू जानवर हैं और दुनिया भर में इनकी कुल गिनती 50 करोड़ से ज़्यादा है।[3] बिल्ली पालन ज़्यादातर स्त्रियों के साथ जोड़ा जाता है,[12] लेकिन 2007 की गैलअप वोट ने संकेत दिया है कि मर्द और औरत की बिल्ली रखने की संभावनाएँ एक जैसी है।[13]
सभी ज्ञात इतिहास में, बिल्लियों को पालने का मक़सद यह था कि वे चूहे खाती हैं और इस तरह अनाज को इस नुक़सान से सुरक्षित रखा जा सकता है। प्राचीन मिस्री लोग बिल्लियों की पूजा भी करते थे और उनकी लाशों को सुरक्षित करते थे ताकि उन्हें हमेशा के लिए मुक्ति मिल सके। प्राचीन मिस्री देवी बास्त बिल्ली का रूप धारण करती थी।[14]:220
हालांकि इस्लाम में कोई भी जानवर पवित्र नहीं माने जाते हैं, लेकिन अक्सर बिल्लियों को मुसलमानों द्वारा सम्मानित किया जाता है।[15]
आज के दौर में बिल्लियाँ पालतू जानवरों के तौर पर पाली जाती हैं, इसके अलावा भी बिल्ली इंसानी आबादियों में पाई जाती है। विकसित देशों में बिल्लियों को पालतू जानवरों के तौर पर पालने का रिवाज बहुत ज़्यादा है और उनके लिए विशेष ख़ुराक तैयार करने के कारोबार को एक बड़ा उद्योग की हैसियत प्राप्त है
मानव घरों में पायी जाने वाली बिल्ली को मारवाड़ी भाषा में 'मिनकी' तथा जंगली बिल्ली को 'बलारा' कहा जाता हैं।