8 गर्भनिरोधक की विभिन्न विधियाँ कौन सी है? - 8 garbhanirodhak kee vibhinn vidhiyaan kaun see hai?

Q.17: गर्भनिरोधक की विभिन्न विधियाँ कौन-सी हैं?

उत्तर : बच्चों के जन्म को नियमित करने के लिए आवश्यक है कि मादा का निषेचन न हो। इसके लिए मुख्य गर्भ निरोधक विधियां अग्रलिखित हैं-

(i) रासायनिक विधि– अनेक प्रकार के रासायनिक पदार्थ मादा निषेचन को रोक सकते हैं। स्त्रियों के द्वारा गर्भ-निरोधक गोलियां प्रयुक्त की जाती हैं। झाग की गोली, जैली, विभिन्न प्रकार की क्रीमें आदि यह कार्य करती हैं।

(ii) शल्य - पुरुषों में नसबंदी (Vasectomy) तथा स्त्रियों में भी नसबंदी (Tubectomy) के द्वारा निषेचन रोका जाता है। पुरुषों की शल्य चिकित्सा में शुक्र वाहिनियों को काटकर बांध दिया जाता है जिससे वृषण में बनने वाले शुक्राणु बाहर नहीं आ पाते। स्त्रियों में अंडवाहिनी को काटकर बाँध देते हैं जिससे अंडाशय में बने अंडे गर्भाशय में नहीं आ पाते।
 


(iii) भौतिक विधि –विभिन्न भौतिक विधियों से शुक्राणुओं को स्त्री के गर्भाशय में जाने से रोक दिया जाता है। लैंगिक संपर्क में निरोध आदि युक्तियों का प्रयोग इसी के अंतर्गत आता है। गर्भधारण को रोकने के लिए लूप या कॉपर-टी (Copper-T) को गर्भाशय में स्थापित किया जाता है।

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गर्भनिरोधक की विभिन्न विधियाँ कौन-सी हैं?

गर्भनिरोधन की विभिन्न विधियाँ निम्नलिखित हैं- (a) यांत्रिक/भौतिक अवरोध, (b)  रासायनिक विधि, (c) शल्य चिकित्सा विधि, (d) अंतरा गर्भाशय ( गर्भनिरोधक) यंत्र/उपकरण (IUD)
(a) यांत्रिक/भौतिक अवरोध: (i) नर योनि में शुक्राणुओं के प्रवेश को रोकने के लिए कंडोम (निरोध) का उपयोग करते हैं।
(ii) मादाएँ डायाफ्राम या ग्रीवा टोपी का प्रयोग शुक्राणुओं के गर्भाशय तथा अंडवाहिनी में प्रवेश को रोकने के लिए करती हैं।
मादा कंडोम बाज़ार में भी उपलब्ध हैं, लेकिन वे अभी इतने लोकप्रय नहीं हैं। इसका कारण अज्ञानता तथा कमज़ोर आर्थिक स्थिति है।
(b) रासायनिक विधि: औरतें दो प्रकार की गोलियों का उपयोग करती हैं:
(i) मुख गोलियाँ: ये गोलियाँ हॉर्मोन युक्त होती हैं जो अंडाशय से अंडोत्स्र्ग (एंड/डिंब के मोचन) को रोकती हैं।
उदाहरण- माला-डी, सहेली।
(ii) योनि गोलियाँ- इन गोलियों में रसायन होते हैं जो शुक्राणुओं को मार देते हैं।
(c) शल्य चिकित्सा विधि:
(i) वैसेक्टॉमी (पुरष नसबंदी): शुक्रवाहिकाओं के एक छोटे से बहग को शल्य चिकित्सा द्वारा अलग कर देना वैसेक्टॉमी कहलाता है। शुक्रवाहिकाएँ वे नलिकाएँ होती हैं जो नरों में शुक्राणुओं को वृषण के माध्यम से मूत्रमार्ग तक लेकर जाती हैं।
(ii) टयूबैक्टॉमी (महिला नसबंदी): डिंबवाहिनी नलिकाओं के एक भाग को काटकर अलग कर देना टयूबैक्टॉमी कहलाता है। यह प्रक्रिया अंड/डिंब को आगे डिंबवाहिनी तथा गर्भाशय में जाने से रोकती है।


(d) अंतरा गर्भाशय (गर्भनिरोधक) यंत्र उपकरण: यह जो कॉपर आयनों के स्त्रोत होते हैं, को मादा/महिला के गर्भाशय में स्थापित किया जाता है, जो निषेचित अंड या ब्लास्टुला को गर्भाशय में स्थापित होने से रोकते हैं।

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क्या आप कुछ कारण सोच सकते हैं जिससे पता चलता हो कि जटिल संरचना वाले जीव पुनरुदभवन द्वारा नई संतति उतपन्न नहीं कर सकते?

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गर्भनिरोधक की प्राकृतिक विधि कौन सी है?

इंट्रायूटेराइन सिस्टम (IUS) यानी अंतर्गर्भाशयी प्रणाली एक छोटा टी आकार का गर्भनिरोधक उपकरण होता है जिसे बच्चेदानी (गर्भाशय) के अंदर लगाया जाता है और यह शरीर को महिला हार्मोन प्रोजेस्टोजेन देता है।

ये गर्भनिरोधक तरीके कैसे काम करते हैं?

कंडोम गर्भनिरोधक का एकमात्र तरीका है जो प्रेग्नेंसी रोकने के साथ-साथ ज्यादातर सभी तरह के एसटीआई से व्यक्ति को बचाए रखने में मदद करता है। गर्भनिरोधक की यह विधि हार्मोन मुक्त है और इसे आसानी से अपने साथ ले जाया जा सकता है। कंडोम मेल और फीमेल दोनों के लिए उपलब्ध है। फायदा-यह एसटीआई के खिलाफ सबसे अच्छी सुरक्षा है।

गर्भनिरोधक महत्वपूर्ण क्या है?

गर्भनिरोधक न केवल अनचाहे बच्चे के जन्म से बचाते हैं बल्कि यौन संबंधित संक्रमण (sexually transmitted infections) और रोगों के खतरे से भी बचाव करते हैं। क्या गर्भनिरोधक यौन संचारित संक्रमणों (एसटीआई) को रोकते हैं?

गर्भनिरोधक की विभिन्न विधियाँ कौन कौन है?

जन्म नियंत्रण विधियों में बाधा विधियां, हार्मोनल जन्म नियंत्रण, अंतर्गर्भाशयी उपकरण (आईयूडी), नसबंदी और व्यवहार की विधियां शामिल हैं। इन्हे संभोग से पहले या इसके दौरान प्रयोग किया जा सकता है जबकि आपातकालीन जन्म नियंत्रण संभोग से कुछ दिन बाद तक प्रभावी रहता है।

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