3r तकनीक से क्या तात्पर्य है - 3r takaneek se kya taatpary hai

  1. Home
  2. /
  3. 10th class
  4. /
  5. science 10th
  6. /
  7. पर्यावरण को बचाने के लिए 3r क्या है?

तीन R का मतलब होता है REDUCE(कम उपयोग), RECYCLE(पुन: चक्रण) , REUSE(पुन: उपयोग) । इस नियम का उपयोग करने पर हम पर्यावरण में बढ़ रहे अपशिष्ट को कम कर सकते है और इनसे हो रहे पर्यावरण को नुकसान से भी बचा जा सकता है।

पर्यावरण को बचाने के लिए 3r क्या है

यही नहीं हम दैनिक आवश्यकताओं और क्रियाकलापों पर निर्णय लेते समय भी हम पर्यावरण संबंधी निर्णय ले सकते हैं। इसके लिए हमें यह जानने की आवश्यकता है कि कोई वस्तु पर्यावरण पर किस प्रकार निर्भर करती है तथा इसका उपयोग करने पर पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ सकता है तथा ये प्रभाव तात्कालिक,दीर्घकालिक अथवा व्यापक हो सकते हैं।

Table of Contents

  • 3r क्या है?
  • 1. कम उपयोग-
  • 2. पुनः चक्रण-
  • 3. पुनः उपयोग-
  • 1.3r किसे कहते हैं।

1. कम उपयोग-

इसका अर्थ है कि आपको कम से कम वस्तुओं का उपयोग करना चाहिए। आप बिजली के पंखे एवं बल्ब का स्विच बंद करके बिजली बचा सकते हैं। आप टपकने वाले नल की मरम्मत करके जल की बचत कर सकते हैं। आपको आहार व्यर्थ नहीं करना चाहिए। क्या आप कुछ अन्य वस्तुओं के विषय में सोच सकते हैं, जिनका उपयोग कम किया जा सकता है?

इन्हें भी पढ़ें:- लोकतंत्र की परिभाषा तथा प्रकार?

2. पुनः चक्रण-

इसका अर्थ है कि आपको प्लास्टिक, कागज, कांच धातु की वस्तुएं बनानी चाहिए। जब तक अति आवश्यक ना हो इनका नया उत्पादन संश्लेषण विवेकपूर्ण नहीं है।

इनके पुनः चक्रण के लिए पहले हमें अप द्रव्यों को अलग करना होगा जिससे कि पुनः चक्रण योग्य वस्तुएं दूसरे कचरे के साथ भराव क्षेत्र में ना फेंक दी जाए। क्या आपके गांव, कस्बे अथवा नगर में ऐसा कोई प्रबंध है जिससे इन पदार्थों का पुनः चक्रण किया जा सके।

इन्हें भी पढ़ें:- Class 10th Science Chapter 13 विधुत धारा के चुंबकीय प्रभाव-

3. पुनः उपयोग-

यह पुनः चक्रण से भी अच्छा तरीका है क्योंकि पुनः चक्रण मैं कुछ ऊर्जा व्यय होती है। पुनः उपयोग के तरीके में आप किसी वस्तु का बार-बार उपयोग करते हैं। लिफाफा के फेंकने की अपेक्षा आप फिर से उपयोग में ला सकते हैं।

विभिन्न खाद्य पदार्थों के साथ आई प्लास्टिक को बोतलें, डिब्बे इत्यादि का उपयोग में रसोई घर में वस्तुओं को रखने के लिए किया जा सकता है। अन्य कौन सी वस्तुएं हैं जिन्हें हम पुनः उपयोग में ला सकते हैं।

इन्हें भी पढ़ें:- जैव विविधता क्या है, इसकी परिभाषा व जैव विविधता के प्रकार

1.3r किसे कहते हैं।

तीन R का मतलब होता है REDUCE(कम उपयोग), RECYCLE(पुन: चक्रण) , REUSE(पुन: उपयोग) । इस नियम का उपयोग करने पर हम पर्यावरण में बढ़ रहे अपशिष्ट को कम कर सकते है और इनसे हो रहे पर्यावरण को नुकसान से भी बचा जा सकता है।

Read more – स्टील और स्टेनलेस स्टील के बीच क्या अंतर है?

इन्हें भी पढ़ें:- चाल तथा वेग में अंतर-

Read more – ऊर्जा के प्रमुख स्रोतों का वर्णन कीजिए।

Read more – ऊर्जा संरक्षण क्यों आवश्यक है?

इन्हें भी पढ़ें:- हमारे आस पास के पदार्थ-

Read more- जनसंख्या वृद्धि के महत्वपूर्ण घटकों की व्याख्या करें।

read more – लोकल एरिया नेटवर्क के लाभ ?

इन्हें भी पढ़ें:- उत्क्षेप अथवा उत्प्लावन बल से क्या तात्पर्य है?

read more – औद्योगिक क्रांति से क्या लाभ है?

read more – फसल चक्र से क्या समझते हैं ?

इन्हें भी पढ़ें:- खनिज क्या है-

read more – भारत में निर्धनता दूर करने के उपाय?

read more – ‘एक दलीय प्रणाली’क्या है?

इन्हें भी पढ़ें:- सौर ऊर्जा (solar energy) के अनुप्रयोग क्या है?

latest article – जॉर्ज पंचम की नाक ( कमलेश्वर)

latest article – सौर-कुकर के लाभ ?

इन्हें भी पढ़ें:- राजनीतिक दल से क्या तात्पर्य है?

click here – click

इन्हें भी पढ़ें:- बचाव दल के कौन-कौन से कर्तव्य है?

Recommended

  • मिश्रण किसे कहते हैं समांगी और विषमांगी मिश्रण में अंतर स्पष्ट कीजिए-
  • भूकंप-
  • लोकतंत्र कितने प्रकार का होता है?
  • कृषि फसल उत्पादन पाठ-4 (पार्ट-3) Ncert Class 10
  • एड्स क्या है एड्स के कारण लक्षण उपचार एवं नियंत्रण लिखिए?
  • पदार्थ की परिभाषा तथा पदार्थ की अवस्थाएं से क्या तात्पर्य है-
  • Ncrt Class 10 मृदा संसाधन एवं विकास (पाठ-1)
  • ग्रेफाइट क्या होता है ?

Post navigation

10th science June 11, 2019

सब्सक्राइब करे youtube चैनल

three r concept in hindi , तीन R का नियम और इसका महत्व :-

पुनः उपयोग (reuse): पुनः उपयोग में हम किसी वस्तु का बार-बार उपयोग करते हैं जिसे हम पुन: उपयोग में ले सकते हो। पुनः उपयोग, पुनःचक्रण से भी अच्छा तरीका है क्योंकि पुनःचक्रण में कुल उर्जा का कुछ भाग व्यय होता है। उदाहरण: लिफाफों को फेंकने की अपेक्षा हम फिर से उपयोग में ले सकते हैं। विभिन्न खाद्य पदार्थों के साथ आई प्लास्टिक की बोतलें, डिब्बे इत्यादि का उपयोग रसोईघर में वस्तुओं को रखने के लिए किया जा सकता हैं।

पुनः प्रयोजन (repurpose) : इसका अर्थ यह है कि जब कोई वस्तु जिस उपयोग के लिए बनी है उस उपयोग में नहीं आने पर उस वस्तु को किसी अन्य उपयोगी कार्य के लिए प्रयोग करना चाहिए। उदाहरण के लिए टूटे-फूटे चीनी मिट्टी के बर्तनों में पौधे उगाना आदि।

पुनःचक्रण(recycle) : इसका अर्थ है कि हम प्लास्टिक, कागज, काँच, धातु की वस्तुएँ तथा ऐसे ही पदार्थों का पुनःचक्रण करके उपयोगी वस्तुएँ बना सकते है । जब तक अति आवश्यक न हो इन वस्तुओ का नया उत्पादन/संश्लेषण विवेकपूर्ण नहीं है। इनके पुनः चक्रण के लिए पहले हमें इन अपद्रव्यों को अलग करना होगा जिससे कि पुनःचक्रण योग्य वस्तुएँ दूसरे कचरे के साथ भराव क्षेत्र में न फेंक दी जाएँ और फिर इन वस्तुओ का पुनःचक्रण करके उपयोग में ले ली जाती है।

तीन R का नियम और इसका महत्व

तीन R का मतलब होता है REDUCE(कम उपयोग), RECYCLE(पुन: चक्रण) , REUSE(पुन: उपयोग) । इस नियम का उपयोग करने पर हम पर्यावरण में बढ़ रहे अपशिष्ट को कम कर सकते है और इनसे हो रहे पर्यावरण को नुकसान से भी बचा जा सकता है।

यही नहीं हम दैनिक आवश्यकताओं और क्रियाकलापों पर निर्णय लेते समय भी हम पर्यावरण संबंधी निर्णय ले सकते हैं। इसके लिए हमें यह जानने की आवश्यकता है कि कोई वस्तु पर्यावरण पर किस प्रकार निर्भर करती है तथा इसका उपयोग करने पर पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ सकता है तथा ये प्रभाव तात्कालिक,दीर्घकालिक अथवा व्यापक हो सकते हैं।

संपोषित विकास

संपोषित विकास की संकल्पना से मतलब यह है की ऐसा विकास जो की पर्यावरण को बिना नुकसान पहुचाऐ मनुष्य की वर्तमान आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति एवं विकास को प्रोत्साहित करती ही है साथ ही साथ भावी पीढ़ी के लिए इन संसाधनों का संरक्षण भी करती है।

संपोषित विकास का उदेश्य

1. संपोषित विकास मनुष्य की वर्त्तमान आवश्यताओ की पूर्ति एवं इसके विकास को प्रोत्साहित करता है।

2. संपोषित विकास से आर्थिक विकास भी सभव है।

3. संपोषित विकास आने वाली पीढ़ी के लिए भी प्राकृतिक संसाधनों को बचने का कार्य करती है।

अतः संपोषित विकास से जीवन के सभी आयाम में परिवर्तन निहित है। यह लोगों के ऊपर निर्भर है कि वे अपने चारों ओर के आर्थिक- सामाजिक एवं पर्यावरणीय स्थितियों के प्रति अपने दृष्टिकोण में कितना परिवर्तन लाते है तथा प्रत्येक व्यक्ति को प्रकृति के संसाधनों के वर्तमान उपयोग में परिवर्तन अर्थात् कम से कम करने को तैयार रहना होगा।

प्राकृतिक संसाधनों का प्रबधन करते समय किन किन बातो धयान देना चाहिए

1. प्राकृतिक संसाधनों को भावी पीढ़ी के लिए बचाने के लिए।

2. प्राकृतिक संसाधनों को प्रदूषित होने से बचने के लिए।

3. प्राकृतिक संसाधनों का समाज के सभी वर्गों में उचित वितरण होना चाहिए तथा उन्हें शोषण से बचाने के लिए।

4. प्राकृतिक संसाधनों के प्रबधन में अपशिष्ट के निपटाने के लिए एक व्यवस्था होनी चाहिए।

वन एवं वन्य जीवन

वन जैव विविधता के विशिष्ट स्थल हैं जहा पर अलग अलग तरीके के जीव निवास करते है। जैव विविधता का एक आधार उस क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न स्पीशीज की संख्या है। परंतु जीवों के विभिन्न स्वरूप (जीवाणु, कवक, फर्न, पुष्पी पादप, सूत्रकृमि, कीट, पक्षी, सरीसृप इत्यादि) भी महत्वपूर्ण हैं। वन न केवल उस जगह के सभी जीवो को प्राकृतिक संरक्षण प्रदान करता है बल्की वन उनके विकास के लिए पोषण प्रदान करता है। परन्तु आजकल जैव विविधता के नष्ट होने पर पारिस्थितिक स्थायित्व भी नष्ट हो सकता है।

जैवविविधता के नष्ट होने के परिणाम

आजकल जैव विविधता के नष्ट होने पर पारिस्थितिक स्थायित्व भी नष्ट हो सकता है। अत: किसी भी वन में उपस्थित सभी जैव तथा अजैव जीव उस पारिस्थितिक तंत्र को संतुलित बनाते है। और जैसे जैसे यह जैव विविधता नष्ट होती है पारिस्थितिक तंत्र असंतुलित होता जाता है।

ऐसा जगह जहा पर अलग अलग प्रकार की सम्पदा होती है तप्त स्थल कहलाते है। ऐसे लोग जिनका जीवन , कार्य किसी चीज पर निर्भर करता है वह उस चीज के दावेदार कहलाते है।

वनों के दावेदार

1.वन के अन्दर या इसके बाहर रहने वाले लोग इन वनों का उपयोग करते है।

2.सरकार और वन विभाग जो की इन वनों का उपयोग करते है।

3.वन से बने उत्पादको पर अनेक व्यापारी निर्भर करते है।

4. वन्य जीव और पर्यावरण प्रेमी

मनुष्य की गतिविधिया जो की वनों को प्रभावित करती है

1.स्थानीय लोगों को ईंधन के लिए जलाऊ (लकड़ी) छोटी लकडि़याँ एवं छाजन की काफी मात्रा में आवश्यकता होती है। अत: उन्हें यह वन से प्राप्त होता है

2.बाँस का उपयोग झोपड़ी बनाने, भोजन एकत्र करने एवं भंडारण के लिए होता है।

3.खेती के औजार, मछली पकड़ने एवं शिकार के औजार मुख्यतः लकड़ी के बने होते हैं। इसके अतिरिक्त वन, मछली पकड़ने एवं शिकार-स्थल भी होते हैं।

4.विभिन्न व्यक्ति फल, नट्स तथा औषधि एकत्र करने के साथ-साथ अपने पशुओं को वन में चराते हैं अथवा उनका चारा वनों से एकत्र करते हैं।

३ र तकनीक से क्या तात्पर्य है?

तीन R का मतलब होता है REDUCE(कम उपयोग), RECYCLE(पुन: चक्रण) , REUSE(पुन: उपयोग) । इस नियम का उपयोग करने पर हम पर्यावरण में बढ़ रहे अपशिष्ट को कम कर सकते है और इनसे हो रहे पर्यावरण को नुकसान से भी बचा जा सकता है। यही नहीं हम दैनिक आवश्यकताओं और क्रियाकलापों पर निर्णय लेते समय भी हम पर्यावरण संबंधी निर्णय ले सकते हैं।

अपशिष्ट प्रबंधन का 3R सिद्धांत क्या है?

Solution : 3R सिद्धांत Reduee, Reeyele, Reuse <br> अर्थात् कम उपयोग, पुनःचक्रण व पुनः उपयोग, यह तीन आर (3R) का सिद्धान्त है। इसको अपनाने से अपशिष्ट समस्या का बड़े स्तर पर समाधान किया जा सकता है।

5r का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंएक उत्तरदायी नागरिक के रूप में 5 R सिद्धांत को याद रखिए- उपयोग कम करिए (Reduce), पुनः उपयोग करिए (Reuse), पुनः चक्रित करिए (Recycle), पुनः प्राप्त करिए (Recover) और उपयोग ना करना (Refuse)।

पर्यावरण को बचाने के लिए हमें क्या करना चाहिए?

कैसे बचाएं पर्यावरण को.
पर्यावरण संरक्षण आम तौर पर पेड़ों और हरियाली के संरक्षण को दर्शाता है लेकिन व्यापक अर्थों में इसका तात्पर्य पेड़ों, पौधों, पशुओं, पक्षियों और पूरे ग्रह की सुरक्षा से है। ... .
अधिक से अधिक पेड़ लगाएं ... .
वन्यजीव और वर्षावन की रक्षा करें ... .
कम उपभोग करें, दोहराएं, फिर से उपयोग करें ... .
पानी की खपत कम करें.

संबंधित पोस्ट

Toplist

नवीनतम लेख

टैग