30 फरवरी को कौन सा दिन है? - 30 pharavaree ko kaun sa din hai?

इस वीडियो में पंडित शैलेंद्र पांडेय 8 फरवरी 2022 का पंचांग बता रहे हैं. पंचांग के अनुसार आज 8 फरवरी 2022, मंगलवार के दिन तिथि माघ शुक्ल अष्टमी है. रात्रि 09.27 तक भरणी नक्षत्र है. मेष राशि में चन्द्रमा है. सायं 03.00 से 04.30 तक राहुकाल है. आज के दिन उत्तर दिशा जाना दिशाशूल है.

In this video Astrologer Shailendra Pandey tells Panchang of February 8, 2022, Tuesday. Watch this full video to know Rahu Kaal and Disha Shool.

यूटिलिटी डेस्क। ज्यादातर लोगों के मन में यह सवाल रहता है कि आखिर फरवरी का महीना 28 या 29 दिन का ही क्यों होता है। इसके पीछे रोमन किंग न्यूमा पोम्पीलियस का हाथ है। जी हां... हम जो कैलेंडर यूज करते हैं वो रोमन कैलेंडर पर आधारित है। पुराने रोमन कैलेंडर में एक साल में सिर्फ 10 महीने हुआ करते थे जिसमें 304 दिन शामिल थे। लेकिन बाद में इसमें दो और महीने जोड़ दिए गए जिनका नाम जनवरी और फरवरी रखा गया। ऐसा करने से पूरा साल 12 महीने का हो गया। 

लेकिन इस कैलेंडर पर भी काफी विवाद हुआ क्योंकि इस कैलेंडर के अनुसार त्योहार सही समय पर नहीं आ पा रहे थे। इसके बाद इसमें काफी बदलाव किए गए। इस बदलाव में फरवरी महीने से 2 दिन कम कर दिए गए जिसके कारण साल में 365 दिन तय हो गए। यह कैलेंडर पृथ्वी और सूर्य की परिक्रमा के अनुसार बनाया गया था क्योंकि पृथ्वी को सूर्य का चक्कर लगाने में 365 दिन और 6 घंटे का समय लगता है। ऐसे में हर साल 6 घंटे एक्स्ट्रा बच जाते हैं जो 4 साल बाद 24 घंटे यानि एक दिन में बदल जाते हैं। इसी वजह से फरवरी के महीने में 28 या 29 दिन होते हैं।

आप ये तो जानते ही होंगे कि यह साल यानी 2020 एक 'लीप ईयर' (Leap Year) है। यानी इस साल फरवरी में 29 दिन होंगे। लीप ईयर में अन्य वर्षों की तुलना में एक दिन ज्यादा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है? हमारे कैलेंडर में हर चार साल में फरवरी महीने में एक दिन ज्यादा क्यों जोड़ा गया है? 

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एक साल में 12 महीने होते हैं और इन महीनों में 30 या 31 दिन होते हैं, लेकिन फरवरी एक ऐसा महीना है, जिसमें दिन सिर्फ 28 या 29 ही होते हैं. तो आज जानते हैं कि आखिर इसकी वजह क्या है...

आज साल के पहले महीने का आखिरी दिन है और कल से फरवरी (February Month) की शुरुआत होने वाली है. फरवरी साल का सबसे छोटा महीना है, जिसमें सिर्फ 28 या 29 ही होते हैं. जब भी फरवरी (February Calendar) आती है तो हर कोई महीने के दिनों की बात करता होगा. मगर कभी आपने सोचा है कि आखिर फरवरी (February Month Story) के साथ ही ऐसा क्यों होता है. हर साल में 12 महीने होते हैं और हर महीने के दिन तय हैं, जिसमें किसी महीने में 30 तो किसी महीने में 31 दिन आते हैं. लेकिन, फरवरी की कहानी कुछ और ही है.

दरअसल, फरवरी के महीने में कभी 28 तो कभी 29 दिन आते हैं. लेकिन, क्या आप जानते हैं इसके पीछे भी खास वजह है, जिसकी वजह से फरवरी में ही ऐसा होता है. तो जानते हैं उस वजह के बारे में, जिससे फरवरी का महीना छोटा होता है और साल के दूसरे 11 महीनों पर कोई असर नहीं पड़ता है.

फरवरी में क्यों होते हैं 28 दिन?

दरअसल, हमारी पृथ्वी सूर्य का चक्कर लगाने में 365 दिन और 6 घंटे लगाती है. और इसलिए ही हर 4 साल में फरवरी के महीने में एक दिन अधिक जोड़कर इसका संतुलन बनाया जाता है. इस साल को लीप ईयर कहा जाता है. यह पृथ्वी के सूर्य के चक्कर लगाने पर निर्भर करता है और बाकी महीनों में 30 या 31 दिन होने के बाद फरवरी में एडजस्ट करने के लिए सिर्फ 28 दिन और कुछ घंटे ही बचते हैं तो इस महीने में ऐसे ही एडजस्ट कर दिया गया. इस वजह से फरवरी में 28 दिन होते हैं और चार साल बाद 29 दिन हो जाते हैं.

फरवरी में ही क्यों एडजस्ट होते हैं दिन

अब सवाल ये है कि आखिर फरवरी में ही ये दिन एडजस्ट क्यों होते हैं और यह मार्च, जनवरी या दिसंबर में क्यों एडजस्ट नहीं होते हैं. फरवरी में दिन एडजस्ट होने के पीछे भी एक कारण है. इसकी वजह ये है कि पहले एक साल में सिर्फ 10 ही महीने होते थे और साल की शुरुआत मार्च से होती थी. वहीं, अभी की तरह साल का आखिरी महीना दिसंबर ही था और दिसंबर के बाद मार्च आता था. हालांकि, बाद में जनवरी और फरवरी महीने जोड़े गए. साल 153 BC में जनवरी की शुरुआत हुई थी, लेकिन इससे पहले 1 मार्च साल का पहला दिन होता था.

साथ ही पहले जब 10 महीनों का साल होता था तो महीने के दिन ऊपर-नीचे होते रहते थे. फिर जब साल में दो महीने जोड़े गए तो दिन को भी उसी हिसाब से विभाजित किया गया. इसके बाद फरवरी में 28 दिन हो गए और 4 साल के हिसाब से 29 दिन आने लगे. तब ये है ही कैलेंडर चलता आ रहा है, जबकि पहले यह कैलेंडर कई बार बदल चुका था.

अगर एक दिन और नहीं बढ़ाते तो क्या होता

ऐसा कहा जाता है कि अगर फरवरी के महीने में एक दिन नहीं बढ़ता तो हम हर साल कैलेंडर से लगभग 6 घंटे आगे निकल जाएंगे. मतलब 100 साल में 24 दिन आगे निकल जाएंगे. जिसके चलते मौसम को महीने से जोड़ कर रखना मुश्किल हो जाता. और अगर ऐसा नहीं किया जाए तो साल के मई- जून के महीने में गर्मी न होकर 500 साल बाद दिसंबर में आएगी. साथ ही बता दें कि दरअसल सर्दी खत्म होने और मार्च से पहले रोमन में एक फेस्टिवल मनाया जाता है, जिसका नाम है फ़ब्रुआ. इस फेस्टिवल रोमन पादरी उन महिलाओं को पीटते थे, जिनके बच्चे नहीं होते थे.

क्या फरवरी 30 दिन की हो सकती है?

यह पृथ्वी के सूर्य के चक्कर लगाने पर निर्भर करता है. साल के अन्य महीनों में 30 या 31 दिन होने के बाद फरवरी में एडजस्ट करने के लिए सिर्फ 28 दिन और कुछ घंटे ही बचते हैं तो इस महीने में ऐसे ही एडजस्ट कर दिया गया. इस वजह से फरवरी में 28 दिन होते हैं और चार साल बाद 29 दिन हो जाते हैं.

फरवरी में 30 तारीख क्यों नहीं होती?

यह कैलेंडर पृथ्वी और सूर्य की परिक्रमा के अनुसार बनाया गया था क्योंकि पृथ्वी को सूर्य का चक्कर लगाने में 365 दिन और 6 घंटे का समय लगता है। ऐसे में हर साल 6 घंटे एक्स्ट्रा बच जाते हैं जो 4 साल बाद 24 घंटे यानि एक दिन में बदल जाते हैं। इसी वजह से फरवरी के महीने में 28 या 29 दिन होते हैं।

30 फरवरी कितने साल में आती है?

4 साल में एक बार लीप ईयर आता है उन 12 महीनों में सिवाए एक महीने के हर महीना 30 नहीं तो 31 दिन का होता है।

ऐसी कौन सी तारीख है जो 4 साल में एक बार आती है?

आप ये तो जानते ही होंगे कि यह साल यानी 2020 एक 'लीप ईयर' (Leap Year) है। यानी इस साल फरवरी में 29 दिन होंगे।

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