वह कौन सा गांव है जहां बारिश नहीं होती? - vah kaun sa gaanv hai jahaan baarish nahin hotee?

मॉनसून दस्तक दे चुका है. गर्मी से राहत मिलने के साथ-साथ जोरदार बारिश से धरती पर हर तरफ हरियाली छाने लगती है.  बारिश के ख्याल भर से ही मन में रोमांच भर जाता है.

आइए जानते हैं भारत की उन जगहों के बारे में जहां जमकर बारिश होती है.

1-मेघालय के मासिनराम में दुनिया का सबसे अधिक बारिश और नम इलाका है. यहां करीब 11,871 मिलीमीटर वर्षा होती है. यहां लोग कभी भी बिना छाता लिए घर से बाहर नहीं निकलते हैं. बंगाल की खाड़ी की वजह से मासिनराम में काफी ज़्यादा नमी है और 1491 मीटर की ऊंचाई वाले खासी पहाड़ियों की बदौलत यह नमी संघनित भी हो जाती है.

बारिश की वजह से यहां खूब हरियाली रहती है और मन को लुभाने वाले कई जलप्रपात भी मौजूद हैं.


मासिनराम की बारिश के बारे में सुनकर भले ही आप कल्पना की उड़ान भरने लगते हों लेकिन यहां के लोगों के लिए यह मुश्किल से कम नहीं है. एक स्थानीय कहते हैं, यहां सूरज ही नहीं नजर आता, अगर बिजली नहीं है तो घरों के अंदर अंधेरा सा छाया रहता है. यहां तक कि दिन में भी धुंध छाई रहती है.

यह दुनिया की दूसरी सबसे नम जगह है. चेरापूंजी शिलोंग से लगभग 58 किलोमीटर की दूरी पर है. चेरापूंजी का मतलब 'लैंड ऑफ ऑरेंज' होता है. इसे सोहरा भी कहा जाता है. चेरापूंजी करीबन 1484 की ऊंचाई पर स्थित है.

चेरापूंजी में रात के समय में अक्सर यहां बारिश होती है. बारिश के अलावा ये जगह अपने पुलों के लिए भी काफी मशहूर है. 


अगुम्बे कर्नाटक का एक छोटा सा शहर है. ये भारत के वेस्टर्न घाट पर स्थित है. यहां पर साल में एवरेज 7,691 मिलीमीटर बारिश होती है. यहां चारों और हरियाली की हरी चादर दिखाई देती है. 

यहां का वार्षिक एवरेज टेंपरेचर 23.5 डिग्री सेलसियस है. यहां जाने का सबसे सही समय नवंबर से जनवरी के बीच का होता है. 


4-अगुम्बे के आस-पास के पेड़ सोमेश्वर वाइल्ड लाइफ सेंचुरी का हिस्सा है. जिसको 'चेरापूंजी ऑफ साउथ' भी कहा जाता है. 

अगुम्बे से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित श्रृंगेरी की मुख्य मार्केट कर्नाटक के सबसे मशहूर तीर्थ यात्रा के स्थान पर जाती है. 

भारत में सबसे ज्यादा बारिश होने वाले स्थानों में से महराष्ट्र का महाब्लेश्वर भी एक अहम स्थान है. यहां पर सालभर में 5,618 मिलीमीटर बारिश होती है. ये  वेस्टर्न घाट के काफी करीब स्थित है. वैसे तो यहां पूरे साल ही बारिश होती है लेकिन मानसून के महीने में यहां भारी बारिश होती है. 


महाबलेश्वर मुंबई से लगभग 270 किलोमीटर की दूरी पर है. मुंबई से यहां ड्राइव करके पहुंचने में कम से कम 5 घंटे का समय लगता है. खूबसूरत वादियों के अलावा यहां कई ऐतिहासिक मंदिर भी हैं. इसके अलावा यहां वेन्ना लैक है जो टूरिस्ट को अपनी और सबसे ज्यादा आकर्षित करती है.


 महाराष्ट्र में स्थित अंबोली एक हिल स्टेशन है. बरसात के मौसम में यहां भारी मात्रा में टूरिस्ट आते हैं. सालभर में यहां  7,500 मिलीमीटर बारिश होती है.  इसको 'MIST PARADISE'भी कहा जाता है. इस जगह असामान्य प्रकार के पशु पाए जाते हैं. 

अंबोली को 'क्वीन ऑफ महाराष्ट्र' भी कहा जाता है.  ये सी लेवल से लगभग 690 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित है. 


 सिक्किम का राजधानी गंगटोक में सालभर में 3,737 मिलीमीटर बारिश होती है. गंगटोक में कई शानदार बिल्डिंग बन चुकी हैं जिस वजह से ये शहर अब पहले के मुकाबले काफी मॉडर्न हो गया है. Rumtek and Tsomgo Lake और  Khangchendzonga national park टूरिस्ट के लिए बेहतरीन जगह है. गंगटोक घूमने के लिए बरसात का मौसम सबसे सही समय होता है.

चिन्नकलर तमिलनाडु के कोयंबटूर जिले में स्थित है. यहां के हरे-भरे जंगलों में लंबे-लंबे बैंबू के पेड़ नजर आते हैं. यहां 3655.5 मिलीमीटर रेनफॉल का रिकॉर्ड दर्ज है.

नेरिमंगलम केरल के खूबसूरत शहरों में से एक है. यह एरनाकुलम में स्थित है. नेरियामंगलम पेरियार नदी किनारे स्थित है. यहां प्राकृतिक खूबसूरती हर तरफ बिखरी हुई है. शुक्रिया अदा कीजिए यहां की बारिश का.

देश के कई राज्यों में Monsoon (मानसून) शुरू हो गया है और Rain (बारिश) भी शुरू हो गई है। मौसम विभाग की ओर से रोजाना बारिश की चेतावनी दी जा रही है। दुनिया भर में कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहां साल भर सबसे ज्यादा बारिश होती है। जैसे मेघालय का मसिनराम गांव, जहां दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश होती है, लेकिन क्या आपने कभी ऐसी जगह के बारे में सुना है जहां कभी बारिश नहीं होती। ऐसा नहीं है कि यह जगह रेगिस्तान है, बल्कि यह एक ऐसा गांव है जहां लोग रहते हैं।





दरअसल, यमन की राजधानी सना के पश्चिम में मनाख निदेशालय के नीलामी क्षेत्र में स्थित गांव का नाम अल-हुतैब है। पर्यटक यहां अक्सर आते हैं और शानदार नजारों का आनंद लेते हैं। पहाड़ों की चोटी पर इतने खूबसूरत घर बने हैं कि लोग उन्हें सिर्फ देख सकते हैं।


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अल-हुतैब गांव पृथ्वी की सतह से 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गांव के आसपास का माहौल वाकई काफी गर्म है। वैसे तो सर्दियों के दिनों में सुबह का मौसम बहुत ठंडा होता है, लेकिन सूरज उगते ही लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ता है।



ग्रामीण और शहरी सुविधाओं के साथ प्राचीन और आधुनिक वास्तुकला दोनों को मिलाकर, गांव अब अल-बोहरा या अल-मुकर्रमा के लोगों का गढ़ है। इसे यमनी समुदाय कहा जाता है।



यमनी समुदाय के लोग मुहम्मद बुरहानुद्दीन के नेतृत्व वाले इस्माइली (मुस्लिम) संप्रदाय से आते हैं, या मुंबई में रहते हैं। 2014 में अपनी मृत्यु तक, वह हर तीन साल में गांव का दौरा करते थे।



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इस गांव की सबसे खास बात यह है कि यहां कभी बारिश नहीं होती है। कारण यह है कि यह गांव बादलों के ऊपर स्थित है। इस गांव के नीचे बादल बनते हैं और साल बीतता जाता है। यहां का नजारा ऐसा है कि आपने शायद ही कहीं देखा होगा।

कौन सा गांव है जहां बारिश नहीं होती?

अल-हुतैब गांव पृथ्वी की सतह से 3,200 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। गांव के चारों ओर का वातावरण वास्तव में काफी गर्म है। हालांकि सर्दियों के दौरान सुबह के समय वातावरण बहुत ठंडा होता है, लेकिन जैसे ही सूरज उगता है लोगों को गर्मी का सामना करना पड़ता है। इस गांव की सबसे खास बात ये है कि यहां कभी बारिश नहीं होती

ऐसा कौन सा देश है जहां रोज बारिश होती है?

मौसम इतिहासकार क्रिस्टोफर सी बर्ट के मुताबिक कोलंबिया का प्यूर्टो लोपाज दुनिया में सबसे ज़्यादा नमी वाली वाली जगह है. वे कहते हैं, "असल में दुनिया में सबसे ज़्यादा नमी वाली जगह कोलंबिया में प्यूर्टो लोपाज है जहां औसतन 12,892 मिलीमीटर बारिश होती है."

सबसे ज्यादा बारिश किधर है?

- भले ही सबसे ज्यादा बारिश के लिए चेरापूंजी का नाम लिया जाता हो, पर हकीकत में भारत ही नहीं पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा बारिश वाली जगह है मेघालय का मासिनराम। - यहां चेरापूंजी से भी 100 मिलीमीटर ज्यादा बारिश होती है। इसी वजह से मासिनराम का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज है।

बादल धरती से कितनी दूर है?

पानी के छोटे-छोटे प्रदूषणकण हवा के कणों के साथ आसमान में इकट्ठे होकर बादल का रूप ले लेते हैं। ये धरती से करीब 15 किलोमीटर की ऊंचाई पर इकट्ठे होते हैं।

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