दक्षिण भारत पर आक्रमण करने वाला पहला मुस्लिम शासक कौन था?
September 4, 2021
(A) अलाउद्दीन खिलजी
(B) बख्तियार खिलजी
(C) कुतुबुद्दीन मुबारक खिलजी
(D) जलालुद्दीन फ़िरोज ख़िलजी
Answer : अलाउद्दीन खिलजी
Explanation : दक्षिण भारत पर आक्रमण करने वाला पहला मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी था। यह जलालुद्दीन खिलजी का भतीजा एवं कड़ा का इक्तादार था। इसने जलालुद्दीन के शासन के दौरान 1292 ई. में भिलसा पर तथा 1296 ई. में देवगिरि पर हमला किया। इसका राज्याभिषेक दिल्ली में लाल महल में हुआ। सत्ता में आने पर अलाउद्दीन ने परोपकारिता और मानवतावाद पर आधारित शासन के सिद्धान्त को अस्वीकार कर कठोरता और आतंक को अपने शासन का आधार बनाया। उसने जलालुद्दीन खिलजी की धार्मिक और नस्लीय उदारता की नीति को निरन्तर जारी रखा और शरीयत को शासन का आधार बनाने से इनकार कर दिया।....अगला सवाल पढ़े
Tags : इतिहास प्रश्नोत्तरी
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पहला मुस्लिम शासक कौन था जिसका साम्राज्य भारत के सुदूर दक्षिण सहित लगभग संपूर्ण भारत में फैला था?
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लिखित उत्तर
अलाउद्दीन खिलजीजलाल-उद-दीन खिलजी गियास उद दीन बलबनफिरोज शाह तुगलक
Answer : A
Solution : अला-उद-दीन खिलजी पहला मुस्लिम शासक था, जिसने अपने साम्राज्य को लगभग पूरे दक्षिण भारत तक विस्तारित किया था। उसने कई लड़ाइयाँ लड़ौं, गुजरात, रणथंभौर, चित्तौड़, मालवा और दक्कन पर विजय प्राप्त की? उसके गुलाम मलिक काफूर ने देवगिरि, वारंगल, द्वारसमुद्र एवं पांड्य साम्राज्य पर प्रभुत्व स्थापित किया। अलाउद्दीन खिलजी, खिलजी वंश का दूसरा और सबसे शक्तिशाली शासक था जिसने भारतीय उपमहाद्वीप में दिल्ली सल्तनत पर शासन किया था।
?????????? 2. द्वितीय
राज्य? 3. तृतीय राज्य ? 4. चतुर्थ राज्य? ?अलाउद्दीन का दक्षिण अभियान के समय पांड्य राज्य में सत्ता के लिए गृह युद्ध चल रहा था जैसे– 1- देवगिरी अभियान 1307-08ई.( देवगिरी का द्वितीय अभियान 1312-13ई.)
अलाउद्दीन के शासन काल में दक्षिण भारत में 4 प्रमुख राज्य थे—-
1. प्रथम राज्य
⚱विंध्याचल पर्वत के दक्षिण पश्चिम में महाराष्ट्र को सम्मिलित करते हुए यादवों का राज्य था
⚱इसकी राजधानी देवगिरी आधुनिक (दौलताबाद) थी और यहां का शासक रामचंद्र देव था
⚱दक्षिण पूर्व में तेलंगाना का काकतीय राज्य था, जिसका शासक प्रताप रुद्रदेव द्वितीय था ,इसकी राजधानी वारंगल थी
⚱वारंगल दक्षिण भारत का एक सुप्रसिद्ध नगर था। विदेशी व्यापार के कारण यहां के शासकों के राजकोष में स्वर्ण और रत्नों का एक विशाल भंडार एकत्रित हो गया था
⚱देवगिरी के दक्षिण और तेलंगाना के दक्षिण पश्चिम में होयसल राज्य था
⚱इसकी राजधानी द्वारसमुंद्र थी और यहां का शासक
बीरबल्लाल तृतीय था
⚱सुदूर दक्षिण में पांड्य राज्य था जिसे मुसलमान इतिहासकार ने माबार (मालाबार) राज्य के नाम से पुकारा था.इसकी राजधानी मदुरा थी
⚱यहां का शासक अलाउद्दीन का समकालीन कुलशेखर था,उसके दो पुत्र सुंदर पांड्य और वीर पांड्य थे
⚱सुंदर पांड्य ने अपने पिता की हत्या कर दी और गद्दी पर अधिकार कर लिया था
?पांड्य राज्य ने अलाउद्दीन की प्रभुता को स्वीकार नहीं की थी
?पांड्य राज्य के अतिरिक्त कुछ अन्य छोटे-छोटे शासक भी थे
???दक्षिण
अभियान???
2- तेलंगाना (वारंगल) अभियान 1309-10ई.
3-द्वारसमुद्र अभियान 1310ई.
4-पांड्य (मदुरा)अभियान 1311ई.
- अलाउद्दीन के दक्षिण अभियान मलिक काफूर के नेतृत्व में भेजे गए थे
- मलिक काफूर वही मुसलमान हिजड़ा है जिसे 1000 स्वर्ण दीवारों में खरीदा गया था इसीलिए इसे हजार दिनारी भी कहा गया
1.
देवगिरी अभियान(1307-08)☘
?मलिक काफूर का पहला अभियान 1307-08ई.में देवगिरि के विरुद्ध हुआ
?उसकी सहायता के लिए अलप खां को भी भेजा गया
?देवगिरि के अभियान के निम्नलिखित कारण थे–
- राजा रामचंद्र ने गुजरात के राजा कर्ण को अपने यहां शरण दी थी और बगलाना (गुजरात का एक राज्य) का क्षेत्र स्वतंत्र रुप से शासन करने के लिए दिया था
- 1296ईस्वी में राम चंद्र देव ने अलाउद्दीन के सफल आक्रमण से बाध्य होकर
प्रतिवर्ष उसे एलिचपुर की आय भेजने का वादा किया था, लेकिन अलाउद्दीन की राजपूताना और सीमांत क्षेत्रों में व्यस्तता के कारण रामचंद्र देव ने कर भेजना बंद कर दिया था
- अलाउद्दीन खिलजी की मलिक- ए -जहां कमला देवी अपनी पुत्री देवल देवी को पाना चाहती थी
?पहले अलप खां ने राजा कर्ण पर आक्रमण कर उसे पराजित किया, उसकी पुत्री देवल रानी सैनिकों के हाथों पकड़ी गई,अलप खां ने उसे सुल्तान के पास भेज दिया जा उसकी मां कमला देवी भी थी
?कुछ दिनों
बाद उसका विवाह खिज्र खां से कर दिया गया, उधर मलिक काफूर संपूर्ण मार्ग में लूटपाट करता हुआ देवगिरी पहुंचा
?एक युद्ध में राजा रामचंद्र देव पराजित हुआ, उसका पुत्र शंकर देव (सिंहन देव) युद्ध से भाग निकल, रामचंद्र देव ने आत्मसमर्पण कर दिया
?उसे बंधी बनाकर सुल्तान अलाउद्दीन के पास लाया गया। अलाउद्दीन ने रामचंद्र देव के प्रति सम्मान पूर्वक व्यवहार किया, उसे रायरायान की उपाधि और राज शक्ति का प्रतीक स्वर्ण छत्र दिया गया
?इसके अतिरिक्त राम चंद्र देव को एक लाख स्वर्ण
टंका और गुजरात में नौसारी की जागीर दी गई, संभवत इसी समय रामचंद्र देव ने अपनी पुत्री झात्यापाली से विवाह अलाउद्दीन से कर दिया था
?रामचंद्र देव अलाउद्दीन के व्यवहार से इतना संतुष्ट हुआ कि उसका वफादार मित्र बन गया, उसने अंय दक्षिण विजयो में सुल्तान की सहायता की
?बरनी के अनुसार– रामचंद्र देव सुल्तान की इस उदारता से इतना प्रसन्न हुआ कि उसने जीवन पर्यंत फिर कभी सुल्तान का विरोध नहीं किया
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2. तेलंगाना (वारंगल )अभियान
(1309-10ई.)☘
?तेलंगाना की राजधानी वारंगल थी, यहां का शासक प्रताप रुद्रदेव था
?नवंबर 1309ई.में मलिक काफूर अपने तेलंगाना अभियान के लिए प्रस्थान करने गया ,सर्वप्रथम वह देवगिरी पहुंचा वहां से सैनिक सहायता और रसद प्राप्त कर वारंगल की ओर बढ़ा
?मार्ग में उसने सिरवर के किले को जीता और जनवरी 1310 ई. मे वारंगल पहुंचकर दुर्ग का घेरा डाल। प्रताप रुद्रदेव अधिक समय तक अपनी रक्षा नहीं कर सका
?अतः संधि की इच्छा प्रकट की उसने अपनी एक सोने की मूर्ति बनवाकर और
उसके गले में सोने की जंजीर डालकर आत्मसमर्पण स्वरूप मलिक काफूर के पास भेजी
?मलिक काफूर ने इस संधि को स्वीकार कर लिया, संधि के अनुसार प्रताप रुद्रदेव द्वितीय ने मलिक काफूर को 100हाथी ,700 घोड़े और अतुल धनराशि प्रदान की
?उसने अलाउद्दीन की अधीनता स्वीकार कर ली और उसे वार्षिक कर देना भी स्वीकार किया
?खफी खॉ ने लिखा है कि– इस अवसर पर प्रताप रुद्रदेव ने काफूर को संसार प्रसिद्ध कोहिनूर हीरा प्रदान किया था जिसे मलिक काफूर ने ने सुल्तान अलाउद्दीन को भेंट किया
?इस विजय से प्रसन्न होकर अलाउद्दीन ने मलिक काफूर को दिल्ली पहुंचने पर भव्य स्वागत किया
??कोहिनूर हीरा??
?कोहिनूर हीरा गोलकुंडा की खान से निकाला गया था इसका सर्वप्रथम उल्लेख अलाउद्दीन के समय में मिलता है जब प्रताप रुद्रदेव ने इसे अलाउद्दीन को दिया
?इसका पुन: उल्लेख बाबर के काल में मिलता है जब मालवा के शासक महमूद द्वितीय ने इसे हुमायूं को सौंपा
?शाहजहां के काल में हमें पुन:इसका उल्लेख मिलता है जब गोलकुंडा के प्रधान मंत्री मीर
गुमला ने इसे शाहजहां को दिया
?उत्तर कालीन मुगल शासक मुहम्मद शाह ने इसे फारस के आक्रमणकारी नादिरशाह को दिया था
?अफगानिस्तान का भगोड़ा शाहशुजा इसे सिक्ख शासक रणजीत सिंह को देता है
?ब्रिटिश गवर्नर जनरल डलहौजी ने जब 1849ई. में सिक्ख राज्य को ब्रिटिश राज्य में मिला लिया तब वह अंतिम सिक्ख शासक दिलीप सिंह से कोहिनूर हीरा प्राप्त करता है
?अब यह (कोहिनूर हीरा )ब्रिटिश राज में सुरक्षित है
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3. द्वारसमुद्र अभियान
(1310ई.)☘
?होयसल दक्षिण का एक अन्य प्रसिद्ध राज्य था इसकी राजधानी द्वार समुंदर थी,यहां प्रशासक वीर बल्लाल तृतीय था
?देवगिरी और तेलंगाना की सफलताओं ने अलाउद्दीन की महत्वकांक्षा को बढ़ा दिया था फलस्वरुप अब सुदूर दक्षिण तक अपनी सैनिक गतिविधियों का विस्तार करना चाह रहा था
?इस उद्देश्य से 1310 ई. में मलिक काफूर को द्वार समुंद्र अभियान के लिए भेजा, देवगिरी के राजा रामचंद्र देव ने अपने सेनापति परुसराम (पारस देव )को काफुर की सहायता के लिए भेजा
?उस समय
वीर बल्लाल तृतीय अपने पड़ोसी राज्य मदुरा पर आक्रमण में व्यस्त था, परिस्थिति का लाभ उठाकर मलिक काफूर ने द्वार समुद्र पर चढ़ाई कर दी
?इस आक्रमण की घटना सुनकर वीर बल्लाल राजधानी लौट कर आया लेकिन वह द्वार समुद्र की रक्षा नहीं कर सका
?बाध्य होकर उसे संधि करनी पड़ी, उसने अलाउद्दीन की अधीनता स्वीकार कर ली और वार्षिक कर देना स्वीकार किया बाद में वह दिल्ली गया जहां अलाउद्दीन ने उसका सम्मान किया और उसका राज्य वापस कर दिया
4. पांड्य अभियान (मदुरा) 1311
ई.☘
?द्वारसमुद्र से मलिक काफूर पांड्य राज्य के लिए प्रस्थान करता है उस समय वहां दो भाइयों सुंदर पांड्य और वीर पांड्य के मध्य उत्तराधिकार के लिए संघर्ष चल रहा था
?सुंदर पांड्य ने वीर पांड्य के विरुद्ध अलाउद्दीन से मदद मांगी थी ,अलाउद्दीन के लिए यह स्वर्णिम अवसर था
?अलाउद्दीन ने तत्काल मलिक काफूर को मदुरा पर आक्रमण करने के लिए ने भेजा ,मलिक काफूर का मदुरा अभियान भी सुदूर दक्षिण तक पहुंचना था
?मलिक काफूर ने 1311 ईस्वी में पांड्य राज्य की सीमा में
प्रवेश किया और वीर पांड्य के प्रमुख स्थान वीर धूल पर आक्रमण किया लेकिन वीर पांड्य यहां से जा चुका था
?यहां से लूट मार कर मलिक काफूर कुण्डूर पहुंचा जहां उसे खजाना और 120 हाथी मिले, लेकिन वीर पांड्य यहां से भी जा चुका था
?तत्पश्चात वहां बरमतपती( आधुनिक चिदंबरम) पर आक्रमण किया और लिंग महादेव के सोने के मंदिर को लूटा
?यहां से वह पांड्य राज्य की राजधानी मदुरा पर आक्रमण किया और अपार संपत्ति को लूटा, रामेश्वर के मंदिर को नष्ट करवा मस्जिद बनाई गई
?वीर पांड्य को पकड़ने के लिए मलिक
काफूर के सभी प्रयत्न असफल रहे, इस कारण पांड्य राज्य ने अलाउद्दीन की अधीनता को स्वीकार नहीं किया
?इस कारण मदुरे के खिलाफ सैनिक अभियान राजनीतिक दृष्टि से असफल रहा ,लेकिन धन की दृष्टि से यह आक्रमण मलिक काफूर का सबसे सफल आक्रमण था
?अप्रैल 1311ईस्वी में मलिक काफूर अपार संपत्ति के साथ उत्तर भारत पहुंचा
☘देवगिरी का द्वितीय अभियान (1312-13ईस्वी)☘
?मलिक काफूर का दक्षिण में अंतिम अभियान देवगिरी के विरुद्ध था
?1312 ईस्वी में राम
चंद्र देव की मृत्यु हो गई थी उसका जेष्ट पुत्र शंकर देव ( सिंहन देव द्वितीय)गद्दी पर बैठा
?गद्दी पर बैठते ही उसने अलाउद्दीन की अधीनता को अस्वीकार कर दिया
?1313 ईस्वी में उसे दंड देने के लिए अलाउद्दीन खिलजी ने मलिक काफूर को भेजा
?शंकर देव ने मलिक काफूर का मुकाबला किया लेकिन युद्ध में मारा गया
?देवगिरी का अधिकांश भाग दिल्ली सल्तनत में मिला लिया गया
?दिल्ली में अलाउद्दीन खिलजी की मलिका -ए -जहां और उसका भाई अलप खां काफूर के प्रभाव को कम करने का प्रयत्न कर रहे
थे
?इस कारण मलिक काफूर देवगिरी में ही रहकर स्वयं शासन करने का विचार करने लगा,उसने तेलंगाना और होयसल राज्यों का कुछ भाग सीधे अपने शासन में मिला लिया था और वहां शासन प्रबंध की देखरेख करने लगा
?लेकिन 1314 ईस्वी में यादव राजवंश के ही एक सदस्य हरपाल देव को वहा का शासन सौंपकर 1315 ई. में अलाउद्दीन की बीमारी का समाचार सुनकर मलिक काफूर दिल्ली लौट आया
अलाउद्दीन खिलजी ने दक्षिण के राज्यों को सीधे साम्राज्य में ना मिला कर उनसे अधीनता ही स्वीकार करवाई और कर लिया दक्षिण राज्य में उसने अभी राजत्व की नीति अपनाई न की प्रभुसत्ता की