आपने अपने दोस्तों से अक्सर बातें करी होंगी और ठहाके भी मारे होंगे। कभी-कभी डायलॉग भी बोले होंगे और एक्टिंग भी करी होगी, पर उस वक्त आपको ये नहीं पता होगा कि जो डायलॉग आप बोल रहे हैं उसे क्या कहते हैं? जो वार्तालाप आप कर रहे हैं उसका मतलब क्या है? अच्छी संवाद-रचना के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? अच्छे संवाद-लेखन की क्या विशेषताएँ होती है? संवाद लेखन व्याकरण का एक अंग है, यह कक्षा दसवीं तक की परीक्षाओं में अधिकतर पूछा जाता है। आज के हमारे ब्लॉग मे आप सभी की Samvad Lekhan में होने वाली परेशानियों को दूर करने का प्रयास करेंगे और कुछ उदाहरणों के जरिए और समझाने का प्रयास करेंगे। आइये शुरू करते हैं और जानते हैं संवाद लेखन के बारे में-
This Blog Includes:
- संवाद लेखन किसे कहते हैं?
- संवाद लेखन की परिभाषा
- संवाद लेखन फॉर्मेट
- संवाद लेखन कितने प्रकार का होता है?
- अच्छी संवाद-रचना के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
- अच्छे संवाद लेखन की क्या विशेषताएं होती हैं?
- संवाद लेखन का महत्व
- संवाद लेखन के लिए स्किल्स
- संवाद लेखन के उदाहरण
- संवाद लेखन दो मित्रों के बीच
- संवाद लेखन के टॉप कोर्स और यूनिवर्सिटीज
- संवाद लेखन के टॉप भारतीय कॉलेज
- संवाद लेखन कोर्स के लिए योग्यता
- आवेदन प्रक्रिया
- विदेश यूनिवर्सिटीज के लिए आवेदन प्रक्रिया
- आवश्यक दस्तावेज़
- संवाद लेखन में करियर
- FAQs
संवाद लेखन किसे कहते हैं?
Samvad lekhan संवाद ‘वाद’ मूल शब्द में ‘सम्’ उपसर्ग लगाने से ‘संवाद’ शब्द बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ ‘बातचीत करना’ है। दो या दो से अधिक लोगों के बीच होने वाले वार्तालाप या सम्भाषण को संवाद कहते हैं। दूसरे शब्दों में कहे तो संवाद का सामान्य अर्थ बातचीत है। इसमें दो या दो से अधिक व्यक्ति भाग लेते है,अपने भावों और विचारों को व्यक्त करने के लिए संवाद की सहायता ली जाती है।
संवाद लेखन की परिभाषा
दो या दो से अधिक लोगों के बीच होने वाले वार्तालाप को जब लिखा जाता है तो वह संवाद लेखन कहलाता है। Samvad Lekhan काल्पनिक भी हो सकता है और वास्तविक भी हो सकता है। भाषा कई तरह की होती है बोलने वाले के अनुसार थोड़ी-थोड़ी भिन्न होती है।
उदाहरण-एक अध्यापक की भाषा छात्र की अपेक्षा ज्यादा संतुलित और अर्थपूर्ण होती है।एक पुलिस अधिकारी और अपराधी की भाषा में काफी अंतर होता है।इसी तरह दो मित्रों या महिलाओं की भाषा कुछ भिन्न प्रकार की होगी। दो व्यक्ति, जो एक-दूसरे के दुश्मन हैं उनकी भाषा अलग होगी अर्थात samvad lekhan में पात्रों के लिंग, उम्र, कार्य, स्थिति का ध्यान रखना होता है।
संवाद लेखन फॉर्मेट
इसमें हमें इन बातों पर भी ध्यान देना चाहिए कि वाक्य-रचना सजीव हो, भाषा सरल हो, कठिन शब्दों का प्रयोग कम-से-कम हो, संवाद के वाक्य बड़े न हों, संक्षिप्त और प्रभावशाली हो, मुहावरेदार भाषा काफी रोचक होती है और मुहावरों का सही जगह प्रयोग हो।
संवाद लेखन कितने प्रकार का होता है?
Samvad lekhan मुख्य रूप से चार प्रकार के होते हैं:
- सामान्य संवाद।
- औपचारिक कार्य व्यापार के लिए संवाद।
- विचार व्यक्त करने वाले संवाद।
- भावनाएं व्यक्त करने वाली संवाद।
अच्छी संवाद-रचना के लिए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
अच्छी संवाद रचना के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना आवश्यक है :-
- Samvad lekhan संवाद छोटा, सहज व स्वाभाविक होना चाहिए।
- संवादों में रोचकता, मनोरंजकता एवं सरसता होनी चाहिए।
- इनकी भाषा सरल, स्वाभाविक और बोलचाल के निकट हो।
- इसमें बहुत अधिक कठिन शब्द तथा अप्रचलित शब्दों का प्रयोग न हो।
- संवाद के किरदार सामाजिक स्थिति के अनुकूल होने चाहिए। अनपढ़ या ग्रामीण किरदारों और शिक्षित पात्रों के संवादों में अंतर रहना चाहिए।
- संवाद जिस स्थिति या विषय में है,उस विषय को स्पष्ट करने वाले होने चाहिए अर्थात जब कोई उस संवाद को पढ़े तो उसे संवाद का विषय आसानी से ज्ञात हो जाना चाहिए।
- प्रसंग के अनुसार संवादों में हँसी-मजाक भी होना चाहिए।
- संवाद बोलने वाले का नाम, संवादों के आगे लिखा होना चाहिए।
- यदि संवाद के बीच कोई चित्र बदलता है या किसी नए व्यक्ति का आगमन होता है, तो उसका वर्णन कोष्टक में करना चाहिए।
- संवाद बोलते समय वक्ता के चेहरे के हाव-भाव,उन्हें भी कोष्टक में लिखना चाहिए।
- यदि संवाद बहुत लम्बे चलते हैं और बीच में जगह बदलती हैं, तो उसे दृश्य एक, दृश्य दो करके बांटना चाहिए।
- संवाद लेखन के अंत में वार्ता पूरी हो जानी चाहिए।
अच्छे संवाद लेखन की क्या विशेषताएं होती हैं?
अच्छे संवाद-लेखन की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं :-
- संवाद सरल भाषा में लिखा होना चाहिए
- संवाद में प्रवाह ,क्रम और अर्थपूर्ण विचार होने चाहिए।
- संवाद देश,काल, व्यक्ति और विषय के अनुसार लिखा होना चाहिए।संवाद में जीवन की जितनी अधिक स्वाभाविकता होगी, वह उतना ही अधिक सजीव, रोचक और मनोरंजक होगा।
- संवाद का आरम्भ और अन्त मजेदार हो।
इन सभी विशेषताओं को ध्यान में रखकर छात्रों को संवाद लिखने का अभ्यास करना चाहिए। इससे उनमें अर्थों को समझने और सृजनात्मक शक्ति को जागृत करने का अवसर मिलता है। उनमें बोलचाल की भाषा लिखने की प्रवृति जागती है।
संवाद लेखन का महत्व
संवाद लेखन का महत्व निम्नलिखित है :-
- संवादों के माध्यम से व्यक्ति अपने संवाद में इस्तमाल होने वाले शब्दों के ज़रिए ना सिर्फ अपने मन की बात कह पाता है बल्कि अपने भावों को भी बेहतर तरीके से नाटकीय रूप देकर प्रकट कर सकता है।
- संवाद की महत्वता की बात करें तो जीवन के हर पड़ाव में समाज में अपनी जगह बनाने के लिए संवाद बहुत ज़रूरी माने जाते है। इससे आप अपने टैलेंट और ज्ञान का प्रदर्शन व जानकारी लोगो के सामने प्रकट कर सकते हैं।
- संवाद के ज़रिए ही आप अपनी सीखी हुई चीज़े और अपना ज्ञान दुनिया भर में सीखा भी सकते हैं।
- संवाद के ज़रिए ही आप अपने अपनों को बेहतर तरीके से जान भी सकते हैं और नए लोगो से जान पहचान भी बनाने में सक्षम होते हैं।
संवाद लेखन के लिए स्किल्स
नीचे स्किल्स दी गई हैं-
- कथन के साथ संवाद मिलाएं।
- अपने मुख्य पात्र को एक रहस्य दें।
- तकनीकी भाषा को स्पष्ट करने के लिए एक आम आदमी के चरित्र का प्रयोग करें।
- प्रमाणिक आशुलिपि (शॉर्टहैंड) का प्रयोग करें।
- प्रेरणा के लिए संवाद के बेहतरीन उदाहरण देखें।
- सुनिश्चित करें कि आप अपने संवाद को ठीक से विरमित कर रहे हैं।
- विचारोत्तेजक (इवोकेटिव) संवाद टैग का प्रयोग करें।
संवाद लेखन के उदाहरण
उदाहरण 1
(ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने आदमी के हेलमेट न पहने होने के कारण वाहन चालक को रोका। आइए देखते हैं दोनों के बीच क्या संवाद होता है) :-
- पुलिसकर्मी- आपको पता है ना कि हेलमेट पहने बिना वाहन चलाना अपराध है?
- वाहन चालक- अरे, सर! मैं तो हेलमेट लगाए बिना घर से निकलता ही नहीं । लेकिन. …
- पुलिसकर्मी- तो आज आप किस खुशी में बिना हेलमेट के इस खूबसूरत बाइक पर सवार होकर बाहर तशरीफ लाए हैं।
- वाहन चालक- जी, वो, ज़रा वह भूल हो गई।
- पुलिसकर्मी- ज़रा भूल! अरे महाशय! ये ज़रा – सी भूल जिंदगी भर को शूल बना सकती हैं। मुझे आप का चालान काटना पड़ेगा।
- वाहन चालक- अरे, नहीं सर ! आगे से ऐसी भूल हरगिज़ नहीं होगी सर।
- पुलिसकर्मी- वादा।
- वाहन चालक- पक्का वादा।
(तो यह था एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी और वाहन चालक के मध्य संवाद आगे चलते हैं और देखते हैं कुछ और मज़ेदार संवाद। )
उदाहरण 2
(दो मित्रों के बीच का Samvad Lekhan, जिसमें वह नए विद्यालय में अपने पहले दिन के बारे में बातचीत कर रही हैं आइए देखते हैं उनके मध्य के संवाद)
- कीर्ति- हेलो, सुनैना! तुमने भी इसी विद्यालय में प्रवेश लिया है?
- सुनैना- हाँ कीर्ति , तुमको यहाँ देख कर मुझे बड़ी प्रसन्नता हो रही हैं।
- कीर्ति- बहन, मेरे मन में तो हल्की सी घबराहट हो रही है।
- सुनैना- क्यों , ऐसा क्या हैं? अरी ,नए- नए सहपाठी मिलेंगे। नए-नए शिक्षक पढ़ाएंगे । इतने बड़े विद्यालय में शिक्षा पाने का आनंद ही कुछ और है।
- कीर्ति- यही तो । नए वातावरण में हम अपने को कैसे एडजस्ट कर पाएंगे?
- सुनैना- सब ठीक होगा । चिंता मत कर। चल सब से मिलते हैं।
- कीर्ति- ठीक है , चलो।
- सुनैना- हां चल।
(चलिए अब आगे एक और उदाहरण लेते हैं और जानते हैं कि कैसे दो मित्रों जो एक दूसरे के विचार जानना चाहते हैं उनके बीच क्या संवाद होता है-)
उदाहरण 3
(दो मित्र जो जल की कमी को लेकर चिंतित दिखाई दे रही है। आइऐ देखते हैं उनके मध्य का संवाद)
- काजल- कुसुम , कल कक्षा में ‘जल ही जीवन’ पर बोलना है । इसपर तुम्हारे क्या विचार है?
- कुसुम- मेरे विचार तो बिल्कुल स्पष्ट है। जल के बिना जीवन संभव ही नहीं है।
- काजल- यही तो मेरा भी है। फिर हम लोग जल का अपव्यय क्यों कर रहे हैं ? भूगर्भ में जल का स्तर निरंतर गिरता जा रहा है।
- कुसुम- बहन यह तो चिंता की बात है। प्रधानमंत्री निरंतर जल की स्वच्छता और सुरक्षा पर जोर देते आ रहे हैं।
- काजल- जल का अपव्यय रोकने के लिए कोई कठोर कानून बनना चाहिए।
- कुसुम- मैंने पढ़ा है कि जल इसी तरह कम होता गया तो अगला विश्व युद्ध जल को लेकर हो सकता है।
- काजल- सरकार और जनता के बीच सक्रिय सहयोग के बिना यह विकट संकट नहीं चल सकता।
- कुसुम- हम छात्रों को भी जनता से जागरूकता जगाने के लिए प्रयास करने चाहिए।
- काजल- अवश्य कल कक्षा में अपनी बात हम दृढ़ता से रखेंगे।
- कुसुम- हां बिल्कुल।
उदाहरण 4
(गाँव से कुछ दूरी पर रेलगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, दो मित्र वहाँ पीड़ितों की सहायता के लिए जाना चाहते हैं आइए देखते हैं उनके मध्य का संवाद।)
- अक्षर – नमस्ते संजीव! घबराए हुए कहाँ से भागे आ रहे हो।
- संजीव – नमस्ते अक्षर! तुमने सुना नहीं शायद, रेलगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतर गए हैं।
- अक्षर – क्या जान-माल की ज्यादा क्षति हुई है?
- संजीव – हाँ, दो डिब्बे पटरी से उतरकर आपस में टकरा गए हैं।
- अक्षर – पर, अब तुम कहाँ जा रहे हो?
- संजीव – मैं गांव वालों को खबर करने जा रहा हूँ।
- अक्षर – मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ। मैं लोगों से कहूंगा कि यात्रियों के लिए कुछ आवश्यक सामान भी ले चलें।
- संजीव – यह ठीक रहेगा।
- अक्षर – मैं गोपी चाचा से कहता हूँ कि वे अपनी जीप से सबको ले चलें। उनकी जीप से घायलों को अस्पताल तक पहुंचाया जा सकता है।
- संजीव – डॉ. रमेश अंकल को भी साथ ले चलना। वे घायलों की प्राथमिक चिकित्सा कर सकेंगे।
- अक्षर – तुम्हारा यह सुझाव बहुत अच्छा है।
- संजीव – चलो, सबको लेकर वहाँ जल्दी से पहुंचते हैं।
उदाहरण 5
(विशाल तथा रोहित दो मित्र हैं जो परीक्षा से दो दिन पूर्व आपस में परीक्षा के लिए फोन पर बातचीत कर रहे हैं। उनका संवाद कुछ इस प्रकार है।)
- विशाल – हेलो रोहित !
- रोहित – हां भाई , मैं रोहित बोल रहा हूं कैसे हो ?
- विशाल – बस ठीक हूं भाई , और पढ़ाई कैसी चल रही है ?
- रोहित – क्या बताऊं बस थोड़ी सी दिक्कत है ?
- विशाल – क्या हुआ कहां दिक्कत आ रही है ?
- रोहित – विज्ञान में प्रकाश संश्लेषण वाला विषय समझ नहीं आ रहा।
- विशाल – मगर वह तो आसान है थोड़ा ध्यान से समझना होगा।
- रोहित – क्या तुम मेरी हेल्प कर सकते हो ?
- विशाल – हां क्यों नहीं?
- रोहित – कल स्कूल में मुझे समझा देना।
- विशाल – ठीक है, लंच के समय हम दोनों बैठ कर इस विषय को क्लियर कर लेंगे।
- रोहित – ठीक है भाई थैंक यू।
- विशाल – कोई बात नहीं भाई , दोस्ती दोस्त के काम आते हैं।
- रोहित – और तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है।
- विशाल – मेरी पढ़ाई तो बढ़िया हो रही है बस थोड़ा परीक्षा का टेंशन हो रहा है।
- रोहित – कोई बात नहीं सब बढ़िया होगा मुझे उम्मीद है।
- विशाल – हां भाई ऐसा ही हो और सब बढ़िया है ?
- रोहित – हां सब बढ़िया है।
- विशाल – ठीक है फिर विद्यालय में मिलते हैं।
- रोहित – अच्छा ठीक है बाय।
- विशाल – बाय नमस्कार।
संवाद लेखन दो मित्रों के बीच
प्रश्नः 1.गाँव से कुछ दूरी पर रेलगाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई है, दो मित्र वहाँ पीड़ितों की सहायता के लिए जाना चाहते हैं। उनके मध्य हुए Samvad Lekhan का लेखन कीजिए।
उत्तरः अक्षर – नमस्ते संजीव! घबराए हुए कहाँ से भागे आ
रहे हो।
संजीव – नमस्ते अक्षर! तुमने सुना नहीं शायद, रेलगाड़ी के डिब्बे पटरी से उतर गए हैं।
अक्षर – क्या जान-माल की ज़्यादा क्षति हुई है?
संजीव – हाँ, दो डिब्बे पटरी से उतरकर आपस में टकरा गए हैं।
अक्षर – पर, अब तुम कहाँ जा रहे हो?
संजीव – मैं गाँववालों को खबर करने जा रहा हूँ।
अक्षर – मैं भी तुम्हारे साथ चलता हूँ। मैं लोगों से कहूँगा कि यात्रियों के लिए कुछ आवश्यक सामान भी ले
चलें।
संजीव – यह ठीक रहेगा।
अक्षर – मैं गोपी चाचा से कहता हूँ कि वे अपनी जीप से सबको ले चलें। उनकी जीप से घायलों को अस्पताल तक पहुँचाया जा सकता है।
संजीव – डॉ. रमेश अंकल को भी साथ ले चलना। वे घायलों की प्राथमिक चिकित्सा कर सकेंगे।
अक्षर – तुम्हारा यह सुझाव बहुत अच्छा है।
संजीव – चलो, सबको लेकर वहाँ जल्दी से पहुंचते हैं।
प्रश्नः 2.बाढ़ आने से कई गाँव जलमग्न हो गए हैं। दो मित्र उनकी सहायता के लिए जाना चाहते हैं। उनके बीच हुए संवाद का लेखन कीजिए।
उत्तरः पंकज – अमर! क्या तुमने आज का अखबार पढ़ा?
अमर – नहीं, क्या कोई विशेष खबर छपी है?
पंकज – हाँ बाढ़ के कारण कई गाँव पानी में डूब रहे हैं। खेतों में पानी भरने से फसलें डूब रही हैं।
अमर – ऐसे में लोगों को बड़ी परेशानी हो रही होगी?
पंकज – लोग जैसे-तैसे अपने सामान और मवेशियों को बचाने का प्रयास कर रहे
हैं।
अमर – ऐसो की मदद के लिए हमें तुरंत चलना चाहिए। वे जहाँ भी हैं, उनकी मदद करनी चाहिए।
पंकज – मैं अपने मित्रों के साथ कुछ कपड़े, खाने की वस्तुएँ, मोमबत्ती, माचिस आदि इकट्ठा करके आज दोपहर तक पहुँच जाना चाहता हूँ।
अमर – यह तो बहुत अच्छा रहेगा। मैं अपने साथियों से कहूँगा कि वे कुछ रुपये भी दान स्वरूप दें, ताकि उनके लिए पानी की बोतलें और ज़रूरी दवाइयाँ खरीदा जा सके। पंकज – तुमने बहुत अच्छा सोचा है। क्या तुम भी मेरे साथ
चलोगे?
अमर – मैं अवश्य साथ चलूँगा और मुसीबत में फँसे लोगों की मदद करूँगा।
प्रश्नः 3.बिजली की बार-बार कटौती से उत्पन्न स्थिति से परेशान महिलाओं की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तरः तनु – क्या बात है विभा? कुछ परेशान-सी दिख रही हो?
विभा – क्या कहूँ तनु, बिजली की कटौती से परेशान हूँ।
तनु – ठीक कह रही हो बहन, बिजली कब कट जाए, कुछ कह ही नहीं सकते हैं।
विभा – तनु, बिजली न होने
से आज तो घर में बूंदभर भी पानी नहीं है। समझ में नहीं आता, नहाऊँ कैसे, बरतन कैसे धोऊँ।
तनु – आज सवेरे बच्चों को तैयार करके स्कूल भेजने में बड़ी परेशानी हुई।
विभा – यह तो रोज़ का नियम बन गया है। सुबह-शाम बिजली कट जाने से घरेलू कामों में बड़ी परेशानी होने लगी है।
तनु – दिनभर ऑफिस से थककर आओ कि घर कुछ आराम मिलेगा, पर हमारा चैन बिजली ने छीन लिया है।
विभा – अगले सप्ताह से बच्चों की परीक्षाएँ हैं। मैं तो परेशान हूँ कि उनकी
तैयारी कैसे कराऊँगी?
तनु – चलो आज बिजली विभाग को शिकायत करते हुए ऑफिस चलेंगे।
विभा – यह बिलकुल ठीक रहेगा।
प्रश्नः 4. परीक्षा के एक दिन पूर्व दो मित्रों की बातचीत का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तरःअक्षर – नमस्ते विमल, कुछ परेशान से दिखते हो?
विमल – नमस्ते अक्षर, कल हमारी गणित की परीक्षा है।
अक्षर – मैंने तो पूरा पाठ्यक्रम दोहरा लिया है, और तुमने?
विमल – पाठ्यक्रम तो मैंने भी दोहरा लिया है, पर कई सवाल ऐसे हैं, जो मुझे नहीं आ
रहे हैं।
अक्षर – ऐसा क्यों?
विमल – जब वे सवाल समझाए गए थे, तब बीमारी के कारण मैं स्कूल नहीं जा सका था।
अक्षर – कोई बात नहीं चलो, मैं तुम्हें समझा देता हूँ। शायद तुम्हारी समस्या हल हो जाए।
विमल – पर इससे तो तुम्हारा समय बेकार जाएगा।
अक्षर – कैसी बातें करते हो यार, अरे! तुम्हें पढ़ाते हुए मेरा दोहराने का काम स्वतः हो जाएगा। फिर, इतने दिनों की मित्रता कब काम आएगी।
विमल – पर, मैं उस अध्याय के सूत्र रट नहीं पा रहा हूँ।
अक्षर – सूत्र रटने की चीज़ नहीं, समझने की बात है। एक बार यह
तो समझो कि सूत्र बना कैसे। फिर सवाल कितना भी घुमा-फिराकर आए तुम ज़रूर हल कर लोगे।
विमल – तुमने तो मेरी समस्या ही सुलझा दी। चलो अब कुछ समझा भी दो।
प्रश्नः 5.नए विद्यालय में अपने पुत्र का दाखिला दिलवाने गर अभिवावक और प्रधानाचार्य के मध्य हुए वार्तालाप का संवाद लेखन कीजिए।
उत्तरःअभिभावक – सर! क्या मैं अंदर आ सकता हूँ?
प्रधानाचार्य – ‘हाँ-हाँ’ अवश्य आइए और काम बताइए।
अभिभावक – मैं अपने बेटे का दाखिला इस स्कूल
में कराना चाहता हूँ।
प्रधानाचार्य – कौन-सी कक्षा में?
अभिभावक – ग्यारहवीं कक्षा में।
प्रधानाचार्य – उसने दसवीं कौन से विद्यालय से उत्तीर्ण की है?
अभिभावक – ………..पब्लिक स्कूल राजौरी गार्डन से।
प्रधानाचार्य – तुम अपने बच्चे को पब्लिक स्कूल से यहाँ सरकारी स्कूल में पढ़ाना चाहते हो, ऐसा क्यों?
अभिभावक – मैंने इस स्कूल का नाम सुना है। यहाँ पढ़ाई की उत्तम व्यवस्था है और खर्च नाम
मात्र का भी नहीं है। यह पब्लिक स्कूल वाले तो हमें लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।
दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच की वार्तालाप को संवाद कहते हैं तथा इसे लिखने की प्रक्रिया में संवाद लेखन कहा जाता है। संवाद लेखन का विषय पात्रों के अनुकूल होना चाहिए , उसकी भाषा शैली भी पात्रों को ध्यान में रखकर लिखी जानी चाहिए और बनावटी शब्दावली से बच कर रहना चाहिए।
संवाद लेखन के टॉप कोर्स और यूनिवर्सिटीज
डिग्री के स्तर के आधार पर, रचनात्मक लेखन के क्षेत्र में कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। बैचलर स्तर पर या मास्टर स्तर पर किए जाने वाले कोर्स छात्रों की पसंद, विशेषज्ञता और कौशल को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किए गए हैं, संवाद लेखन भी रचनात्मक लेखन का हिस्सा है। कुछ लोकप्रिय रचनात्मक लेखन कोर्स यूनिवर्सिटी के अनुसार नीचे दिए गए हैं:
वेस्टर्न सिडनी यूनिवर्सिटी | ऑस्ट्रेलिया | Master of Arts in Literature and Creative Writing | 1.5 साल |
यूनिवर्सिटी कॉलेज डब्लिन | आयरलैंड | MA in Creative Writing | 1 साल |
आप AI Course Finder की मदद से अपनी प्रोफाइल के अनुसार सही यूनिवर्सिटी और अपनी पसंद का कोर्स चुन सकते हैं।
संवाद लेखन के टॉप भारतीय कॉलेज
संवाद लेखन के लिए टॉप भारतीय कॉलेजों की सूची नीचे दी गई है:
- खालसा कॉलेज, अमृतसर
- गुरुचरण कॉलेज, सिलचर
- सृष्टि मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट, डिजाइन एंड टेक्नोलॉजी, बैंगलोर
- निर्मल हलोई कॉलेज, बारपेटा
- गौतम बुद्ध गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज, फैजाबाद
- फिल्म और टेलीविजन की कला में रिसर्च केंद्र, नई दिल्ली
- श्री अरबिंदो कला और संचार केंद्र, नई दिल्ली
- नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा, दिल्ली
आप UniConnect के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सकेंगे।
संवाद लेखन कोर्स के लिए योग्यता
संवाद लेखन के रचनात्मक लेखन कोर्स में एडमिशन लेने के लिए आवश्यक योग्यता नीचे दी गई है:
- बैचलर डिग्री प्रोग्राम के लिए छात्रों को 12th में कम से कम 50%-60% अंक प्राप्त होने चाहिए।
- अगर आप मास्टर्स के लिए अप्लाई करना चाहते हैं, तो आपको सम्बंधित विषय में बैचलर डिग्री को उत्तीर्ण करना जरूरी है।
- विदेश में एडमिशन लेने के लिए एक अच्छा IELTS/ TOEFLस्कोर अंग्रेज़ी भाषा में कुशलता के रुप में होना आवश्यक है।
- विदेश में कुछ यूनिवर्सिटी मास्टर डिग्री में एडमिशन लेने के लिए आपके पास एक अच्छे GRE स्कोर की मांग करती है।
- प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों में रचनात्मक लेखन कोर्स में प्रवेश पाने के लिए, लेखन में पूर्व अनुभव या एक मजबूत पोर्टफोलियो की आवश्यकता होती है।
आप Leverage Live की मदद से IELTS/ TOEFL/ GMAT/ GRE/ SAT/ ACT जैसे एग्जाम की तैयारी कर सकते हैं। लाइव डेमो के लिए अभी Leverage Live पर अपना फ्री डेमो बुक करें।
आवेदन प्रक्रिया
संवाद लेखन कोर्स के लिए नीचे आवेदन प्रक्रिया दी गई है-
- विषय रुचि की व्याख्या करते हुए एक व्यक्तिगत विवरण लिखें।
- स्कूल के शिक्षक द्वारा प्रदान किया गया रेफरेंस
- ऑनलाइन प्रारंभिक आवेदन जमा करें
- विश्वविद्यालय द्वारा भेजे गए पूरक आवेदन प्रश्नावली (SAQ) को पूरा करें
- कोर्स की आवश्यकताओं के अनुसार शैक्षणिक टेप जमा करें।
- साक्षात्कार के समय बोली जाने वाली अंग्रेजी में एक उचित मानक की आवश्यकता होती है।
विदेश यूनिवर्सिटीज के लिए आवेदन प्रक्रिया
संवाद लेखन के रचनात्मक लेखन कोर्स में भारत और विदेश में एडमिशन लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया नीचे दी गई है:
- भारत और विदेश में एडमिशन लेने के लिए विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करें। यूके में एडमिशन के लिए आप यूसीएएस वेबसाइट (UCAS) पर जाकर रजिस्ट्रेशन करें। यहाँ से आपको यूजर आईडी और पासवर्ड प्राप्त होंगे।
- यूजर आईडी से साइन इन करें और कोर्स चुनें जिसे आप चुनना चाहते हैं।
- अगली स्टेप में अपनी शैक्षणिक जानकारी भरें।
- शैक्षणिक योग्यता के साथ IELTS, TOEFL, प्रवेश परीक्षा स्कोर, SOP, LOR की जानकारी भरें।
- पिछले सालों की नौकरी की जानकरी भरें।
- रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान करें।
- अंत में आवेदन पत्र जमा करें।
- कुछ यूनिवर्सिटी, सिलेक्शन के बाद वर्चुअल इंटरव्यू के लिए इनवाइट करती हैं।
आकर्षक SOP और LOR में मदद के लिए Leverage Edu एक्सपर्ट्स से संपर्क करें, ताकि आपकी एप्लीकेशन बिना किसी परेशानी के जल्दी सेलेक्ट कर ली जाए।
आवश्यक दस्तावेज़
एडमिशन लेने के लिए नीचे दिए गए दस्तावेज़ होने आवश्यक हैं:
- सभी आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्टस और ग्रेड कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पासपोर्ट फोटो कॉपी
- वीजा
- रिज्यूमे
- अंग्रेजी भाषा कुशलता परीक्षा के अंक
- सिफारिश पत्र या LOR
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस
संवाद लेखन में करियर
संवाद लेखन के क्षेत्र में आप करियर के विभिन्न विकल्प उपलब्ध है जैसे आप स्क्रिप्ट राइटर, लेखक, रेडियो जॉकी, कंटेंट राइटर आदि के रूप में अपना करियर बना सकते हैं। इन क्षेत्र में एक व्यक्ति की औसत आय सालाना 3 लाख से शुरू होकर 10 लाख या उससे अधिक हो सकती हैं। आपकी आय का बढ़ना आपके अनुभव और आपकी कार्य शैली पर निर्भर करता हैं।
FAQs
संवाद लेखन कैसे लिखते हैं?
संवाद लेखन लिखने के लिए पॉइंट्स इस प्रकार हैं: संवाद की भाषा सरल तथा सहज होनी चाहिए, संवाद लेखन में सरल तथा छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग करना चाहिए, भाषा सुनने वाले के मानसिक स्तर के अनुरूप होनी चाहिए, संवाद लेखन में किसी एक पात्र के कथन को बहुत लंबा नहीं खींचना चाहिए, भाव विचारों की पुनरुक्ति से बचना चाहिए आदि।
संवाद लेखन का क्या अर्थ है?
दो या दो से अधिक लोगों के बीच होने वाले वार्तालाप को जब लिखा जाता है तो वह संवाद लेखन कहलाता है।
संवाद कितने प्रकार का होता है?
1) सामान्य संवाद। 2) औपचारिक कार्य व्यापार के लिए संवाद। 3) विचार व्यक्त करने वाले संवाद। 4) भावनाएं व्यक्त करने वाली संवाद।
कहानी लेखन में संवाद का क्या महत्व है?
कहानी में पात्रों के वार्तालाप संवाद कहलाते हैं। ये संवाद कहानी को सजीव और प्रभावशाली बनाते हैं। कहानी में संवाद कथानक को गति प्रदान करते हैं, पात्रों का चरित्र-चित्रण करते हैं, कहानी को स्वाभाविकता प्रदान करते हैं, उसका उद्देश्य स्पष्ट करते हैं।
हमें आशा है उपरोक्त जानकारी के बाद आपको संवाद लेखन क्या है, का ज्ञान हुआ होगा। आप किसी भी विषय पर संवाद लेखन कर सकते हैं। यदि आप विदेश में संवाद लेखन की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो हमारे Leverage Eduएक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन 1800 57 2000 पर कॉल कर बुक करें।