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द्वारपाल ने कृष्ण को सुदामा के बारे में क्या बताया?
इसे सुनेंरोकेंउत्तर: द्वारपाल ने श्री कृष्ण से सुदामा के बारे में बताते हुए कहा, ”प्रभु! दरवाजे पर एक गरीब तथा दुर्बल ब्राह्मण खड़ा है। वह आपसे मिलना चाहता है। वह अपना नाम सुदामा बता रहा है।
सुदामा की पत्न ने क ृ ष्ण के मलए क्या भेिा था?
इसे सुनेंरोकेंAnswer. सुदामा की पत्नी ने श्रीकृष्ण के लिए भेंट स्वरूप कुछ चावल भिजवाए थे।
सुदामा श्री कृष्ण को अपनी पत्नी द्वारा भेजी गई भेंट क्यों नहीं देते?
इसे सुनेंरोकें(ख) सुदामा की पत्नी ने श्रीकृष्ण के लिए भेंट स्वरूप कुछ चावल भिजवाए थे। संकोचवश सुदामा श्रीकृष्ण को यह भेंट नहीं दे पा रहे हैं। क्योंकि कृष्ण अब द्वारिका के राजा हैं और उनके पास सब सुख-सुविधाएँ हैं। परन्तु श्रीकृष्ण सुदामा पर दोषारोपण करते हुए इसे चोरी कहते हैं और कहते हैं कि चोरी में तो तुम पहले से ही निपुण हो।
वापस अपने घर पहुँचने पर सुदामा ने घर के आगे क्या देखा?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: द्वारका से लौटकर सुदामा जब अपने गाँव वापस आएँ तो अपनी झोपड़ी के स्थान पर बड़े-बड़े भव्य महलों को देखकर सबसे पहले तो उनका मन भ्रमित हो गया कि कहीं मैं घूम फिर कर वापस द्वारका ही तो नहीं चला आया। फिर सबसे पूछते फिरते हैं तथा अपनी झोपड़ी को ढूँढ़ने लगते हैं। परन्तु ढूँढ नहीं पाते हैं।
सुदामा को श्रीकृष्ण की कौन कौन सी बातें याद आ रही थीं?
इसे सुनेंरोकेंसुदामा को श्री कृष्ण की कौन-कौन सी बातें याद आ रही थी? Answer: सुदामा को देखते ही कृष्ण का खुशी से भर उठना, गले लगाना, सिंहासन तक ले जाना और सिंहासन पर बिठाना, पैर धोना, आदर, सम्मान देना आदि बातें याद आ रही थीं।
सुदामा अपनी बगल में चावलों की पोटली क्यों दबा रहे थे?
इसे सुनेंरोकेंसुदामा अपनी बगल में चावलों की पोटली इसलिए दबा रहे थे, क्योंकि द्वारका में श्रीकृष्ण के ठाठ-बाट देखकर वे हीन भावना से ग्रसित हो गये थे। वे उसे अत्यन्त तुच्छ भेंट मान रहे थे।
सुदामा की पत्नी ने श्रीकृष्ण के लिए क्या भेजा है?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: सुदामा की पत्नी ने श्रीकृष्ण के लिए उपहार में थोड़े से चावल भिजवाए थे। सुदामा उस उपहार को कहाँ और क्यों छिपा रहे थे? Answer: सुदामा चावल की पोटली को अपनी काख में इसलिए छिपा रहे थे क्योंकि उन्हें शर्म आ रही थी उन्हें लग रहा था कि इतने बड़े द्वारकाधीश को इतना छोटा भेंट कैसे प्रस्तुत करें।
सुदामा की पत्नी ने कृष्ण के लिए क्या भेजा class 8?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: (क) यहाँ श्रीकृष्ण अपने बालसखा सुदामा से कह रहे हैं। (ख) सुदामा की पत्नी ने श्रीकृष्ण के लिए भेंट स्वरूप कुछ चावल भिजवाए थे।
इसे सुनेंरोकेंसुदामा की दीनदशा को देखकर श्रीकृष्ण को अत्यन्त दुख हुआ। दुख के कारण श्री कृष्ण की आँखों से अश्रुधारा बहने लगी। उन्होंने सुदामा के पैरों को धोने के लिए पानी मँगवाया। परन्तु उनकी आँखों से इतने आँसू निकले की उन्ही आँसुओं से सुदामा के पैर धुल गए। सुदामा को कृतज्ञ कृष्ण और द्वारका की कौन कौन सी
बातें याद आरही थी? इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 7: सुदामा को कृष्ण के बचपन की कौन-सी घटना याद आ गई? उत्तर: कृष्ण बचपन में घर-घर जाकर दही माँगते थे। प्रश्न 8: कविता में आए अतिशयोक्ति अलंकार से युक्त पंक्ति को लिखकर उसका अर्थ लिखिए। उत्तर: “पानी परात को हाथ छुयो नहिं, नैनन के जल सों पग धोए” इस पंक्ति में बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर चित्रित किया गया है। अपनी पत्नी के कहने पर सुदामा कृष्ण से मिलने क्यों जा रहे थे? इसे सुनेंरोकेंसुदामा अपनी पत्नी के आग्रह पर द्वारिका
गये। वहाँ पर द्वारपाल ने उन्हें रोक दिया और द्वारिकाधीश के पास जाकर सुदामा के आने की सूचना दी। इसमें उसी घटना का वर्णन है। व्याख्या–कवि वर्णन करता है कि द्वारपाल ने श्रीकृष्ण के पास जाकर निवेदन किया कि हे प्रभु ! इसे सुनेंरोकेंप्रश्न 1: सुदामा की दीनदशा देखकर श्रीकृष्ण की क्या मनोदशा हुई? अपने शब्दों में लिखिए। उत्तर: सुदामा की दशा देखकर कृष्ण बहुत दुखी हो गये। उन्हें इस बात का अफसोस हो रहा था कि सुदामा
ने आज तक उन्हें यह सब क्यों नहीं बताया। सुदामा को क्या नहीं मिल रहा था? इसे सुनेंरोकेंAnswer: पहले तो सुदामा को दो समय की रोटी नहीं मिल पाती थी, गरीबी से हालत दयनीय थी और कभी मिल जाती थी तो खाने के लिए मोटा-सस्ता अनाज तक उपलब्ध नहीं होता था, अब स्वादिष्ट भोजन, सूखे मेवे उपलब्ध हो गया था। अब उन्हें वे भी अच्छे नहीं लगते थे।सुदामा चरित पाठ के आधार पर बताइए कि द्वारपाल ने सुदामा की दीनदशा का वर्णन कैसे किया है?
सुदामा की दीन दिा देखकर श्र कृष्र् की क्या मनोदिा िुई अपने िब्लदों में ललखखए?
सुदामा के पास कौन कौन सी सुविधाएं उपलब्ध थी?
इसे सुनेंरोकेंकहाँ पहले पैरों में पहनने के लिए चप्पल तक नहीं थी और अब पैरों से चलने की आवश्यकता ही नहीं है क्योंकि अब घूमने के लिए हाथी घोड़े हैं, पहले सोने के लिए केवल यह कठोर भूमि थी और आज कोमल सेज पर नींद नहीं आती है, कहाँ पहले खाने के लिए चावल भी नहीं मिलते थे और आज प्रभु की कृपा से खाने को किशमिश-मुनक्का भी उप्लब्ध हैं।
सुदामा ने श्री कृष्ण को गुरु आश्रम की कौन सी बात याद दिलाई?
इसे सुनेंरोकेंसुदामा द्वारा पोटली ना दिए जाने पर कृष्ण ने सुदामा से कहा था, “जैसे बचपन में गुरु माता के दिए चने तुम अकेले खा जाते थे। वैसे ही भाभी के भेजे यह मीठे चावल और चने भी तुम छुपा रहे हो, चोरी की तुम्हारी आदत अभी नहीं गई”। यह कहकर कृष्ण ने सुदामा से पोटली ले ली और पोटली खुलकर बड़े प्रेम से चावल और चने खाने लगे।
क ृ ष्ण ने सुदामा को कैसे लौटाया?
इसे सुनेंरोकेंकृष्ण ने सुदामा को पहले तो खाली हाथ लौटाया। जब सुदामा कृष्ण के पास अपनी दीनहीन अवस्था से निजात पाने के लिए किसी मदद की आस में पहुंचे थे तो कृष्ण ने उनका खूब आदर सत्कार किया। यहाँ तक कि कृष्ण सुदामा के प्रति प्रेम में इतने भाव-विह्वल हो गए कि उनकी आँखों से निकले आँसूओं से ही सुदामा के चरण धो डालें।
सुदामा कौन थे वे कृष्ण के पास क्यों गए थे?
इसे सुनेंरोकें➲ सुदामा श्रीकृष्ण के बचपन के बाल सखा थे। उन्होंने श्रीकृष्ण के साथ ऋषि सांदीपनी के गुरुकुल में शिक्षा दीक्षा प्राप्त की थी। सुदामा साधारण परिवार से आते थे और जाति से ब्राह्मण थे। अपनी शिक्षा पूरी होने के बाद श्रीकृष्ण और सुदामा दोनों अपने-अपने घर चले गए. बाद में श्रीकृष्ण द्वारिका के राजा बन गए।