सरल उत्तक कौन कौन से हैं? - saral uttak kaun kaun se hain?

स्थाई उत्तक जिसे अंग्रेजी मे परमानेंट टिसू (Permanent Tissue) कहा जाता है। स्थायी ऊतक किसी भी जीवित या मृत कोशिकाओं का एक समूह होता है जो विभज्योतक ऊतकों द्वारा बनते रहते हैं जो विभाजित करने की अपनी क्षमता को खो चुके हैं। अर्थात्, ये ऊतक विभेदन से गुजर चुके होते हैं और विभज्योतक गतिविधियों में असमर्थ हैं।

स्थाई ऊतक किसे कहते है?

वे कोशिकाएँ जो विभज्योतक ऊतक के व्युत्पन्न हैं और जो कोशिका विभाजन की क्षमता खो चुकी हैं, स्थायी ऊतक कहलाती हैं।
स्थायी ऊतक तीन प्रकार के होते हैं। वे सरल, जटिल और विशेष ऊतक होते हैं। पैरेन्काइमा, कोलेनकाइमा, स्क्लेरेन्काइमा, सरल ऊतक होते हैं। जाइलम और फ्लोएम जटिल ऊतक होते हैं। नेक्टरी ग्रंथियां, लैटिसिफेरस ऊतक, सचिव ऊतक विशेष ऊतक होते हैं।
प्राथमिक स्थायी ऊतक का अर्थ है जो प्राथमिक विभज्योतक से बनते हैं। जब द्वितीयक वृद्धि होती है तो द्वितीयक स्थायी ऊतक द्वितीयक विभज्योतक से बनते हैं।

स्थाई उत्तक के प्रकार-

स्थाई उत्तक मुखतः 2 प्रकार के होते है जिसकी जानकारी नीचे दी गई है-

  1. सरल ऊतक
  2. जटिल ऊतक

1) सरल ऊतक (simple tissue) –

यह ऊतक एक ही प्रकार की कोशिकाओं से बनता है।कोशिकाएँ संरचना तथा कार्य में समान होती हैं। यह तीन प्रकार का होता है –

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  • मृदूतक (पैरेन्काइमा- parenchyma)
  • स्थूलकोण ऊतक (कॉलेन्काइमा- collenchyma)
  • दृढ़ ऊतक (स्क्लेरेन्काइमा- sclerenchyma)

मृदूतक –

इस प्रकार के ऊतक पौधों में सब जगह पाए जाते हैं इनकी कोशिकाएँ जीवित और पतली भित्ति वाली होती हैं। कोशिका भित्ति सेलुलोस की बनी होती है। कोशिकाएँ गोलाकार, अण्डाकार या बहुतल हो सकती हैं। ये सामान्यत: समव्यासी होती हैं। कोशिकाएँ रिक्तिकायुक्त (vacuolated) होती हैं। कार्य के अनुसार कोशिकाएँ रूपान्तरित हो जाती हैं। हरितलवक युक्त कोशिकाएँ क्लोरेन्काइमा कहलाती हैं।

मृदूतक

ये प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन बनाती हैं। पत्तियों में भोजन का निर्माण करने वाली विशिष्ट कोशिकाओं को खम्भ कोशिकाएँ कहते हैं। अन्तरा-कोशिकीय अवकाश अधिक होने पर ऊतक को स्पंजी पैरेन्काइमा (spongy parenchyma) कहते हैं। यह गैसों के विनिमय तथा वाष्पोत्सर्जन में सहायक होता है। जलीय पौधों में कोशिकाओं के मध्य बड़ी गुहाएँ (cavities) पाए जाने पर ऊतक को ऐरेन्काइमा (aerenchyma) कहते है। यह प्लवन में सहायक होता है।

कार्य-
  • मृदूतक जल तथा खाद्य पदार्थों का संचय करता है।
  • कोमल भागों को स्फीत दशा यान्त्रिक सहायता प्रदान करता है।
  • भोजन का निर्माण करता है। प्लवन तथा गैसों के विनिमय में सहायक होता है।

स्थूलकोण ऊतक (कॉलेन्काइम) –

ये कोशिकाएँ कोणीय, सामान्यत: समव्यासी तथा आन्तर – कोशिकीय अवकाशरहित होती हैं। कोशिकाओं के कोने पेक्टिन तथा सेलुलोस द्वारा स्थूलित होते हैं। स्थूलकोण ऊतक मजबूती और लचीलापन प्रदान करता है। स्थूलकोण ऊतक प्राय: द्विबीजपत्री तनों में अधस्त्वचा (hypodermis) का निर्माण करता है। कभी-कभी कोशिकाओं में हरितलवक पाया जाता है जिससे ये यान्त्रिक सहायता प्रदान करने के साथ-साथ भोजन निर्माण का कार्य भी करती हैं।

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दृढ़ ऊतक (स्क्लेरेन्काइमा) –

परिपक्व अवस्था में दृढ़ ऊतक की कोशिकाएँ स्थूलित होने के कारण मृत हो जाती हैं। स्थूलन कोशिका भित्ति पर लिग्निन (lignin) के एकत्र होने से होता है। इसकी कोशिकाएँ दो प्रकार की होती है।

  • रेशे (fibres)
  • पाषाण कोशिकाएँ (stone cells)

2) जटिल ऊतक (Complex Tissue)

जटिल ऊतक विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं का एक समूह होता है जो किसी एक कार्यात्मक इकाई के रूप में कार्य करता रहता है और एक सामान्य कार्य करता है, एक जटिल ऊतक का गठन करता है। संवहनी पौधों में जाइलम और फ्लोएम जटिल ऊतक कहलाते हैं। जाइलम और फ्लोएम मिलकर संवाहक ऊतक या संवहनी ऊतक भी बनाते हैं।

जटिल ऊतक एक से अधिक प्रकार की कोशिकाओं से बना होता है। वे दो प्रकार के होते हैं, अर्थात् जाइलम ऊतक और फ्लोएम ऊतक। अगर आपको दूसरे सबदों मे बाताऊ तो जटिल ऊतक वे ऊतक होते है, जो संरचनात्मक रूप से विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं से बने होते हैं जो संबंधित कार्यों में शामिल होते हैं, जटिल ऊतक कहलाते हैं। जाइलम और फ्लोएम जटिल ऊतक हैं। जाइलम वाहिकाओं, ट्रेकिड्स, जाइलम पैरेन्काइमा और जाइलम फाइबर से बना होता है।

कॉम्प्लेक्स को “सरल या सीधा नहीं, जटिल, कठिन” के रूप में परिभाषित किया गया है। कोई भी मुद्दा जिसमें कई अलग-अलग घटक होते हैं और जिन्हें आसानी से हल नहीं किया जा सकता है, जटिल है। उदाहरण के लिए, कश्मीर मुद्दा। हम इसे कई कारकों के कारण आसानी से हल नहीं कर सकते हैं – धर्म, जातीयता, राज्य की भूमिका, हमारे सशस्त्र बलों की भूमिका, पत्थर फेंकने वाले लोग, पाकिस्तान द्वारा अशांति का हस्तक्षेप और वित्त पोषण, एलओसी, ओआईसी द्वारा समर्थन आदि। कोई आसान समाधान नहीं है क्योंकि समस्या जटिल है और इसे कई तरीकों से संबोधित करने की आवश्यकता है।

सरल ऊतक कौन कौन से होते हैं?

(i) मृदूतक, (ii) स्थूलकोण एवं (iii) दृढ़ ऊतक

साधारण उत्तक कितने प्रकार के होते हैं?

जन्तु ऊतक मुख्यतः पांच प्रकार के होते हैं:.
उपकला ऊतक या एपिथीलियमी ऊतक (epithelial tissue).
संयोजी ऊतक (connective tissues).
पेशी ऊतक (muscular tissues).
तंत्रिका ऊतक (nervous tissues).
जनन ऊतक.

सरल उत्तक को कितने भागों में बांटा गया है?

UPLOAD PHOTO AND GET THE ANSWER NOW! Solution : तीन(i)मृदुतक,(ii)स्थूल कोण ऊतक,(iii)ढृढ़ ऊत्तक।

सरल स्थाई उत्तक कौन सी है?

कोशिकाएँ मिलकर ऊतक का निर्माण करती हैं।.
उपकला ऊतक (epithelal tissue).
संयोजी ऊतक ( connective tissue).
पेशी ऊतक ( muscle tissue).
तंत्रिका ऊतक ( nervous tissue).

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