Benefits Of Fasting: सावन सोमवार 2022 की शुरुआत हो चुकी है. शिवभक्त भोलेनाथ की भक्ति में लीन हैं. पूजा-पाठ और व्रत के माध्यम से उन्हें प्रसन्न करने में लगे हैं. सनातन धर्म में साल भर में बहुत से तीज-त्यौहार आते हैं, जिनमें व्रत और उपवास रखे जाते हैं. धार्मिक आधार पर देखा जाए तो व्रत को श्रद्धा और भक्ति से जोड़ा जाता है.
वहीं, आजकल लोग मोटापा कम करने और फिटनेस बढ़ाने के लिए भी व्रत करने को महत्व देते हैं. आपको बता दें कि व्रत करने से कई फायदे मिलते हैं. इससे न सिर्फ मोटापा कम होता है, बल्कि दिमाग भी मजबूत बनता है. आज हम आपको बता रहे हैं कि उपवास करने से शरीर को कितने लाभ मिलते हैं.
उपवास रहने के फायदे
उपवास रखने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इससे शरीर को डिटॉक्स करने में काफी हेल्प मिलती है. हमारी बॉडी में पाए जाने वाले विषाक्त पदार्थ साफ हो जाते हैं.
चर्बी कम होती है
फैटी लोगों के लिए व्रत रखने का एक सबसे बड़ा फायदा यह भी है कि इससे वजन कम होता है. दरअसल, उपवास के दौरान फैट बर्निंग प्रोसेस तेज हो जाती है, जिससे चर्बी कम होती है.
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इम्यूनिटी बूस्ट होती है
उपवास करने से नई रोग प्रतिरोधक कोशिकाओं बनती हैं जो इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करती हैं.
कम समय में कर सकते हैं कैलोरी बर्न
उपवास करने से आपके मेटाबॉलिक रेट में 14 प्रतिशत तक इजाफा होता है. इससे कैलोरी बर्न होने में कम समय लगता है.
पाचनतंत्र सही रहता है
उपवास करने के खास फायदों में से एक यह भी है कि इससे पाचन क्रिया बेहतर होती है. यह उपाय आप जरूर आजमा कर देखें. आप कभी भी पेट खराब होने पर व्रत कर सकते हैं.
कैंसर के मरीजों के लिए फायदेमंद
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया की एक रिसर्च के मुताबिक, ऐसे कैंसर के मरीजों जो कीमोथेरेपी ले रहे हैं, उनके लिए व्रत रखना फायदेमंद बताया गया है.
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दिमाग का सेहत के लिए फायदेमंद
व्रत करना दिमाग की सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है. यह व्रत करने के फायदों में सबसे अहम है. उपवास करने से डिप्रेशन और मस्तिष्क से जुड़ी दिक्कते दूर करने में मदद मिलती है.
अनहेल्दी खाने से दूरी
सबसे बड़ी बात यह है कि यह जानने के बाद भी की आप अनहेल्दी चीजें खा रहे, आपका खुद पर कोई कंट्रोल नहीं रहता है. उपवास रखने का ये भी फायदा है कि आपको पता चल पाता है कि रोज आप कितना अनहेल्दी खाना खाते हैं.
तनाव नहीं होता
व्रत रखकर तनाव जैसी बड़ी समस्या को कम किया जा सकता है. व्रत वाले दिन लोग तनाव कम लेते हैं और गुस्सा भी कम करते हैं.इससे दिमाग स्थिर और शांत रहता है. इससे आपको अच्छी नींद आती है.
डिस्क्लेमरः इस जानकारी की सटीकता, समयबद्धता और वास्तविकता सुनिश्चित करने का हर सम्भव प्रयास किया गया है. हालांकि, इसकी नैतिक जिम्मेदारी ज़ी न्यूज़ हिंदी की नहीं है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने चिकित्सक से अवश्य संपर्क करें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.
सोमवार का उपवास जैसा कि ज्ञात है कि यह भगवान शिव के नाम पर मनाया जाता है। सोमवर शब्द संस्कृत के सोम शब्द से बना है जिसका अर्थ है चंद्रमा अर्थात हिंदू देवता चंद्र। साथ ही भगवान शिव को 'सोमेश्वर'के रूप में जाना जाता है क्योंकि वे अपने उलझे हुए बालों पर अर्धचंद्राकार चंद्रमा पहनते हैं। सोमवार व्रत भगवान सोमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए सोमवार के दिन किया किया जाता है और इससे मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। भले ही यह व्रत किसी भी सोमवार को मनाया जाये लेकिन हिंदू कैलेंडर में विशेष सोमवारों का उल्लेख है जिसमें अमावस्या के दिन सोमवार बहुत लोकप्रिय है। जी हाँ, किसी भी महीने की अमावस्या के बाद पहला सोमवार बहुत लोकप्रिय है। यह महीना शिवरात्रि पर्व के लिए जाना जाता है। जब कोई चंद्र दिवस या अमावस्या सोमवार को नहीं पड़ती है, तो सोमवार व्रत करना बहुत सही माना जाता है। इसे 'सोमवती अमावस्या'भी कहा जाता है।
सोमवार व्रत का पालन भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग तरीके से किया जाता है। महाराष्ट्र, गुजरात और भारत के उत्तरी राज्यों में, हिंदू महीना श्रावण और ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार जुलाई से अगस्त करते है। दक्षिण भारतीय राज्यों कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में, हिन्दू महिना कार्तिक में पड़ने वाले सोमवारों को पवित्र माना जाता है। जबकि भारत के तमिलनाडु राज्य में, तमिल माह कार्तिगई (नवंबर-दिसंबर) के महीने में सोमवार का दिन शुभ माना जाता है और इसे 'कार्तिकई सोमवरम'के रूप में मनाया जाता है।
सोमवार व्रत सोमवार के दिन सूर्योदय से शुरू होता है। इस व्रत का पालन करने वाले को सुबह उठकर परम शिव का ध्यान करना चाहिए। तत्पश्चात पवित्र स्नान करने के बाद, भक्त अपनी प्रार्थना को भगवान शिव और देवी पार्वती को अर्पित करते हैं। साथ ही जो व्रत करता है उसे इस दिन सफेद रंग की पोशाक पहननी चाहिए।
इसके अलावा इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है परसाद चढ़ाई जाती है। इस व्रत के दिन भक्त भगवान शिव को भस्म (विभूति) और बिल्व पत्र भी चढ़ाते हैं क्योंकि ये भगवान के पसंदीदा माने जाते हैं। इस दिन नैवेद्य या विशेष भोजन का प्रसाद भी चढ़ाया जाता है। जबकि शिवलिंग पर सफेद फूल चढ़ाने का भी बहुत महत्व है।
बाद में शाम को सोमवार व्रत कथा पढ़ी जाती है। भक्त पूरे दिन 'ओम नमः शिवाय'का उच्चारण करते हैं। सोमवार व्रत का पालन करने वाला पूरी तरह से उपवास कर सकता है या दोपहर के बाद एक बार भोजन कर सकता है। जबकि भक्त साबुदाना खिचड़ी या फल खाकर भी आंशिक उपवास रख सकते है।
भक्त सुबह के सामान्य अनुष्ठान और प्रार्थना करने के बाद अगले दिन अपना उपवास समाप्त करते हैं। फिर प्रसाद को अन्य भक्तों में बांटते है। आमतौर पर सोमवार व्रत करने वाले भक्त सुबह और शाम के समय किसी भी भगवान शिव के मंदिर जाते हैं। यदि फिर भी, यह संभव नहीं है, तो उनके घर पर ही प्रार्थना की जा सकती है।
ये है सोमवार व्रत के लाभ
वैसे तो सोमवार व्रत से हर किसी को लाभ होते है लेकिन कुछ अलग भी है जिनके बारे में आपको जानना चाहिए। बता दें कि युवा अविवाहित लड़कियां अच्छे पति पाने के लिए इस व्रत का पालन करती हैं। जबकि विवाहित जोड़े भी व्रत का पालन करते हैं और शिव और पार्वती के दिव्य जोड़े की प्रार्थना करते हैं और शांतिपूर्ण पारिवारिक जीवन की मांग करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सोमवर व्रत के पालनकर्ता को दुनिया के सभी सुखों का आनंद लेने के लिए आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत से घर में हमेशा शांति बनी रहती है और सुख रहता है और इसी कारण आज इसे अनगिनत संख्या में भक्त रखते है।