साइकोलॉजी में क्या पढ़ाया जाता है? - saikolojee mein kya padhaaya jaata hai?

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साइकोलॉजी में करियर कैसे बनाऊं?

मैं 10वीं (सीबीएसई) में पढ़ रहा हूं और साइकोलॉजी को अपना करियर बनाना चाहता हूं। मुझे इसके लिए क्या करना होगा? इसमें करियर की क्या संभावनाएं हैं, वेतन क्या हो सकता...

Tue, 06 Dec 2011 12:09 PM

मैं 10वीं (सीबीएसई) में पढ़ रहा हूं और साइकोलॉजी को अपना करियर बनाना चाहता हूं। मुझे इसके लिए क्या करना होगा? इसमें करियर की क्या संभावनाएं हैं, वेतन क्या हो सकता है और क्या मैं इसके बाद यूपीएससी की परीक्षा दे सकता हूं? इन तमाम बातों के साथ-साथ यह भी बताएं कि देश और विदेश में इससे संबंधित अच्छे संस्थान कौन-कौन से हैं और उनकी न्यूनतम फीस कितनी होगी?
विवेक, यूपी

साइकोलॉजी व्यक्ति के व्यवहार की पढ़ाई है, जहां व्यक्ति की परेशानियों का निदान करने के लिए वैज्ञानिक नियमों और थ्योरी का प्रयोग किया जाता है। आप विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं, जैसे चाइल्ड साइकोलॉजी, क्लिनिकल साइकोलॉजी, जिसके तहत आप अस्पतालों में काम कर सकते हैं, और सोशल साइकोलॉजी। प्रशिक्षित साइकोलॉजिस्ट काउंसलर के तौर पर काम कर सकता है या फिर पर्सनल मैनेजमेंट और ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट के क्षेत्र में भी जा सकता है।

वेतन क्या होगा, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने किस क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल की है और उस क्षेत्र का कितना अनुभव आपके पास है। उदाहरण के तौर पर, शुरू के सालों में एक क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट का वेतन एक ऑर्गनाइजेशनल साइकोलॉजिस्ट की तुलना में कम होगा, पर जब एक व्यक्ति खुद को किसी क्षेत्र में स्थापित कर लेता है तो वह एक सेशन के लिए दो से तीन हजार रुपए तक फीस ले सकता है। जहां तक यूपीएससी परीक्षा का सवाल है, आप अगर स्नातक स्तर पर साइकोलॉजी एक विषय के तौर पर लेते हैं तो आप यह परीक्षा दे सकते हैं। साइकोलॉजी सिविल सर्विस परीक्षा के लिए काफी अच्छा विषय है, क्योंकि इसमें स्कोर करने की काफी अच्छी संभावना होती है। साइकोलॉजिस्ट के तौर पर काम करने के लिए आपका स्नातक होना जरूरी है। साइकोलॉजी में बीए करने के बाद साइकोलॉजी में एमए किया जा सकता है, जहां आप अपनी रुचि के क्षेत्र में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं। साइकोलॉजी के अंडर ग्रेजुएट कोर्स में प्रवेश के लिए आपको यह सलाह दी जाती है कि आप 12वीं में साइकोलॉजी को एक विषय के रूप में पढ़ें। अन्य विषयों की पढ़ाई करने वालों को भी प्रवेश दिया जाता है, पर प्राथमिकता उन्हीं को दी जाती है, जिन्होंने साइकोलॉजी में अच्छे अंक प्राप्त किए हों। स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर पढ़ाई के लिए भारत में साइकोलॉजी के कुछ अच्छे संस्थान इस प्रकार हैं- दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली, www.du.ac.in, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, दिल्ली, www.jmi.ac.in, पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़, www.puchd.ac.in, क्राइस्ट विश्वविद्यालय, बैंगलोर, www.christuniversity.in. विदेश में सभी अच्छे विश्वविद्यालय साइकोलॉजी में कोर्स ऑफर करते हैं। इनमें स्टेनफॉर्ड विश्वविद्यालय, मिशिगन विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय, येले विश्वविद्यालय और अन्य अनेक विश्वविद्यालय शामिल हैं। सबसे पहले आपको यह निश्चित करना होगा कि किस क्षेत्र में काम करना चाहते हैं और फिर आपको संबंधित संस्थान की तलाश करनी होगी। संस्थान तय करने के बाद उसके फीस स्ट्रक्चर का पता करना होगा। इसके लिए आपको ऊपर दिए गए विश्वविद्यालयों की वेबसाइट खंगालनी होगी।

अगर अपनी शिक्षा और करियर को लेकर आपके जेहन में भी कोई सवाल है तो लिख भेजें-सलाह, नई दिशाएं, हिन्दुस्तान, 18-20 कस्तूरबा गांधी मार्ग, नयी दिल्ली-110001 या मेल करें-

बदलते लाइफस्‍टाइल के साथ साइकोलॉजी सबजेक्‍ट में करियर बनाने की संभावनाएं भी बढ़ती जा रही हैं. साइकोलॉजी ट्रीटमेंट, बिना दवाइयों का सेवन किए और सोच में परिवर्तन लाने पर आधारित होता है. अगर आप शुरूआत से ही इस फील्‍ड में दिलचस्‍पी रखते हैं तो ये है करियर विकल्‍प.

कोर्स:
बीए/बीए ऑनर्स इन साइकोलॉजी (3 वर्ष)
एमए/एमएससी इन साइकोलॉजी (2 वर्ष)
पीजी डिप्लोमा इन साइकोलॉजी (2 वर्ष)

कैसे मिलेगी एंट्री:
बीए या बीए ऑनर्स इन साइकोलॉजी में एडमिशन के लिए 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है. इसके अलावा आप पीजी या डिप्लोमा भी कर सकते हैं, जिसके लिए 55 प्रतिशत अंकों के साथ साइकोलॉजी विषय में ग्रेजुएट डिग्री जरूरी है. एमफिल या पीएचडी करने के लिए 55 प्रतिशत अंकों के साथ साइकोलॉजी में पोस्‍ट ग्रेजुएट होना जरूरी है.

ऑप्‍शन :
इस क्षेत्र में रोजगार की कोई कमी नहीं है . साइकोलॉजिस्ट्स सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों, यूनिवर्सिटी, स्कूलों, सरकारी एजेंसियों, प्राइवेट इंडस्ट्रीज, रिसर्च आर्गेनाइजेशंस, कॉर्पाेरेट हाउस में रोजगार मिल सकता हैं. साइकोलॉजी में में स्पेशलाइजेशन के अलावा कई नए क्षेत्र सामने आए हैं. आपके लिए इनमें भी काफी अवसर हो सकते हैं.

कंज्यूमर साइकोलॉजी:
बाजार में कोई भी नया उत्पाद उतारने से पहले कंज्यूमर सर्वे करवाती हैं और उपभोक्ताओं के टेस्ट, जरूरतों, पसंद-नापसंद इत्यादि को परखने का प्रयास इन्हीं विशषज्ञों के विश्लेषण के आधार पर करने का प्रयास करती हैं.

सोशल साइकोलॉजी:
सामाजिक तनावों को दूर करने के अलावा ये अपराधियों, नशा करने वाले लोगों को मुक्त कराना शामिल है. इनकी सेवाओं का सरकारी समाज कल्याण विभागों, एनजीओ और कई समाज सुधार के कार्यों से जुड़ी एजेंसियों द्वारा लिया जाता है. पारिवारिक झगड़ों, वैवाहिक मामलों तथा अन्य समस्याओं को निपटाने में भी इनकी अहम भूमिका होती है.

इंडस्ट्रियल साइकोलॉजी:
कर्मचारियों की चयन प्रक्रिया में साइकोलॉजिस्‍ट की भूमिका आम तौर से देखी जा सकती है. इनका कार्य इंटरव्‍यू में आए आवेदकों के बिहेविया, पर्सनालटी और प्रजेंटेशन का आकलन करना होता है.

साइकोलॉजिस्‍ट बनने के लिए जरूरी है:
सफल साइकोलॉजिस्ट्स बनने के लिए अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स, धैर्यशील और सभी उम्र के लोगों के साथ काम करने की कला होनी चाहिए. इसके साथ ही साइकोलॉजिस्ट्स के लिए सेंसिटिव, केयरिंग, आत्मविश्वासी होने के साथ क्लाइंट को संतुष्ट करने की योग्यता भी आवश्यक है.

प्रमुख संस्‍थान:
जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली
दिल्ली यूनिवर्सिटी, दिल्ली
एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ साइकोलॉजी ऐंड अलॉइड साइंसेस, नोएडा
अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, अलीगढ
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी

साइकोलॉजी में क्या क्या पढ़ना पड़ता है?

साइकोलॉजी व्यक्ति के व्यवहार की पढ़ाई है, जहां व्यक्ति की परेशानियों का निदान करने के लिए वैज्ञानिक नियमों और थ्योरी का प्रयोग किया जाता है। आप विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं, जैसे चाइल्ड साइकोलॉजी, क्लिनिकल साइकोलॉजी, जिसके तहत आप अस्पतालों में काम कर सकते हैं, और सोशल साइकोलॉजी

साइकोलॉजिस्ट क्या काम करते हैं?

Psychologist Kya Hai – What Is Psychologist In Hindi सायकोलॉजिस्ट हमारे व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन या व्यवहार में सभी मानसिक कार्यों की भूमिका को समझने का पूरा प्रयास करते है, और इसके अतिरिक्त वह ज्ञान से संबंधित सभी कामों और लोगों के व्यवहारों को समझने वाली शारीरिक प्रक्रियाओं और जैविक प्रक्रियाओं की खोज भी करते हैं

साइकोलॉजी में कितने कोर्स होते हैं?

मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री एक ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स है जिसकी अवधि तीन वर्ष है। कोर्स में बायोप्सीकोलॉजी, साइकोलॉजी ऑफ इंडिविजुअल डिफरेंसेज, सोशल साइकोलॉजी, काउंसलिंग साइकोलॉजी आदि विषय शामिल हैं

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