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सच्चे मित्र में क्या गुण होने चाहिए?
शास्त्रों से: जिस व्यक्ति में होते हैं ये 6 गुण, वही होता है आपका…
- आपकी गलतियों को बताएं
- दूसरों के सामने आपके अवगुण न दिखाएं
- सभी के सामने आपके गुणों की तारीफ़ करें
- मुश्किल समय में धन देकर करें मदद
- अच्छे कामों के लिए आपको प्रेरित करें
- बुरे समय में आपका साथ न छोड़ें
सच्चे मित्र की क्या पहचान होती है हीरा मोती के स्वभाव के आधार पर बताइए?
इसे सुनेंरोकेंप्रेमचंद के शब्दों में – “इसके बिना दोस्ती कुछ फुसफुसी, कुछ हल्की-सी रहती है, जिस पर कुछ विश्वास नहीं किया जा सकता।” हीरा-मोती सच्ची मित्रता का प्रदर्शन अनेक स्थलों पर करते हैं। वे दूसरे को संकट से बचाने के लिए ख़ुद संकट सहन कर लेते हैं। इस प्रकार हीरा-मोती सच्चे मित्र हैं।
कवि रहीम ने सच्चे मित्र की क्या पहचान बताया है?
इसे सुनेंरोकेंरहीम के अनुसार सच्चे एवं झूठे मित्र की क्या पहचान है? उत्तर- रहीम जी ने सच्चा मित्र उसे माना है जो विपत्ति के समय साथ देता है और झूठा मित्र उसे कहा है जो विपत्ति में किनारा काट लेते हैं।
5 विश्वासपात्र मित्र जीवन की औषधि है कैसे?
इसे सुनेंरोकेंAnswer: विश्वास-पात्र मित्र जीवन की औषधि है। सच्ची मित्रता में उत्तम वैद्य की-सी निपुणता और परख होती है, अच्छी-से अच्छी माता-का-सा धैर्य और कोमलता होती है।” अर्थात् सच्चा मित्र एक अनुभवी वैद्य की भाँति हमारे दुर्गुण और बुराई रूपी बीमारी की भली-भाँति परख करता है तथा औषधि बनकर उनसे हमें बचाता है।
अच्छा दोस्त कौन कौन से हैं?
इसे सुनेंरोकें-एक सच्चा दोस्त वह होता है, जो आपकी तमाम कमज़ोरियां जानने के बावजूद कभी भी गुस्से में आकर उसे जताकर आपको शर्मिंदा न करे। -सच्चा दोस्त तब भी आपका दर्द समझ जाता है, जब आप दुनिया को यह दिखाने की कोशिश कर रहे होते हैं कि सबकुछ ठीकठाक है। -सच्चा दोस्त गलती करने पर फौरन सलाह देता है और आपके पीछे हमेशा आपका बचाव करता है।
सच्चे मित्र को कब रखा जा सकता है?
इसे सुनेंरोकेंचाणक्य के अनुसार मित्र की पहचान संकट के समय ही होती है. संकट और विपत्ति आने पर जो संग न छोड़े वहीं सच्चा मित्र है. ऐसे मित्र का हमेशा सम्मान करना चाहिए. सुख में साथ हो और दुख में किनारा कर ले, ऐसा व्यक्ति कभी भी सच्चा मित्र नहीं हो सकता ।