सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु है Na Au Ag Cu - sabase adhik abhikriyaasheel dhaatu hai na au ag chu


Que : 617. सही विकल्प चुनकर लिखिए :

(i) चूर्ण पर तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल डालने से क्या होता है ?

(a) हाइड्रोजन गैस एवं आयरन क्लोराइड बनता है ।

(b) क्लोरीन गैस एवं आयरन हाइड्रॉक्साइड बनता है ।

(c) कोई अभिक्रिया नहीं होती है ।

(d) आयरन लवण एवं जल बनता है ।

(ii) सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु है -

(a) Na

(b) Au

(c) Ag

(d) Cu

(iii) मुकुल द्वारा अलैंगिक जनन किसमें होता है ?

(a) अमीबा

(b) यीस्ट

(c) प्लैज्मोडियम

(d) लेस्मानिया

(iv) निम्नलिखित में से कौन मानव के मादा जननतंत्र का भाग नहीं है ?

(a) अंडाशय

(b) गर्भाशय

(c) शुक्रवाहिका

(d) डिंबवाहिनी

(v) लेंस की क्षमता का SI मात्रक है -

(a) मीटर

(b) सेंटीमीटर

(c) डाइऑप्टर

(d) मिलीमीटर

(vi) मानव नेत्र जिस भाग पर किसी वस्तु का प्रतिबिंब बनाते हैं वह है -

(a) कार्निया

(b) परितारिका

(c) पुतली

(d) दृष्टि पटल

(vii) अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी में परिवर्तन किया जाता है -

(a) पुतली द्वारा

(b) दृष्टि पटल द्वारा

(c) पक्ष्माभी द्वारा

(d) परितारिका द्वारा

(viii) जीवाश्म ईंधन है -

(a) कोयला एवं पेट्रोलियम

(b) लकड़ी

(c) काग़ज

(d) प्लास्टिक

ऊपर दिए गए परिणामों के आधार पर अभिक्रियाशीलता के घटते क्रम में Zn, Fe, Cu और Al धातुओं को व्यावस्थित करें।

धातु तत्व होते हैं और गर्मी और बिजली के अच्छेm सुचालक होते हैं। ज्या दातर धातुएं प्रकृति में विद्युत धनात्मेक होती हैं। और धातु के परमाणु ऋणायन (केशन) बनाने के लिए रासायनिक अभिक्रियाओं में इलेक्ट्रॉन त्यामग देते हैं।  धातु जितना ही ज्या दा अभिक्रियाशील होता है, उतनी ही ज्याादा उसकी प्रवृत्ति  रासायनिक अभिक्रिया में धनात्मक आयन बनाने की होती है।

                                             

धातुएं आवर्त सारणी के अधिकांश पर काबिज है। क्षारीय धातुएं आवर्त सारणी में रासायनिक तत्वों की श्रृंखला हैं। क्षारीय धातुएं हाइड्रोजन सहित आवर्त सारणी में समूह 1 में शामिल हैं। लिथियम (Li), सोडियम (Na), पोटेशियम (K), रूबिडीयाम (Rb), सीज़ियम (Cs) और फ्रैनशियम (Fr)क्षारीय धातुएं हैं। आवर्त सारणी में समूह 2 के तत्व क्षारीय मृदा धातुएं कहलाती हैं। बेरिलियम (Be), मैग्नीशियम (Mg) कैल्शियम (Ca), स्ट्रांशियम (Sr), बेरियम (Ba) और रेडियम (Ra)क्षारीय मृदा धातुएं हैं। समूह1 और समूह 2 तत्व एक साथ एस-ब्लॉक तत्व कहलाते हैं। समूह 3 से 12  के तत्व संक्रमण तत्वक हैं। ये भी प्रकृति में धातु हैं और संक्रमण धातुएं कहलाते हैं। इन्हें भी डी-ब्लॉक तत्व भी कहा जाता है। गैर-धात्विक तत्व आवर्त सारणी के दाहिनी ओर काबिज है। बोरान से  पोलोनियम तक एक विकर्ण रेखा गैर धातुओं से धातुओं को अलग करती है।

धातुओं के भौतिक गुण:

  • गर्मी और बिजली के अच्छेि सुचालक: धातुओं में, धनात्मक आयन इलेक्ट्रॉनों के समुद्र से घिरे होते हैं और ये इनकी चालकता के लिए जिम्मेदार होते हैं।
  • उच्च गलनांक और क्वथनांक।
  • वे पिघलाने लायक और कोमल होते हैं। इसलिए इन्हेंत बिना तोड़े मोड़ा या खींचा जा सकता है।
  • ज्यादातर धातुओं में, परमाणु अत्यधिक सुसंहत होते हैं, अत: इनका उच्च घनत्व होता है।
  • इनका चमकदार रंगरूप होता है।
  • पारे को छोड़कर धातुएं कमरे के तापमान पर ठोस अवस्था में रहती हैं।पारा कमरे के तापमान पर तरल अवस्था में रहता 

धातुओं के रासायनिक गुण:

  • ज्यादा अभिक्रियाशील धातु आसानी से अन्य तत्वों के साथ अभिक्रिया करती हैं। सबसे ज्यादा अभिक्रियाशील धातुएं यहां तक कि पानी के साथ भी अभिक्रिया करती है जबकि सबसे कम अभिक्रियाशील धातुएं यहां तक कि एसिड के साथ भी अभिक्रिया नहीं करती हैं।

विस्थापन अभिक्रियाएं धातुओं में बहुत आम हैं। इसका धातुओं की सापेक्षिक अभिक्रियाशीलता का पता लगाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। विस्थापन अभिक्रिया में, ज्या दा अभिक्रियाशील धातु कम अभिक्रियाशील धातु को उसके लवणों के विलयन (साल्यू शन) से विस्थादपित कर सकता हैं। इस अभिक्रिया को अक्सर धातु विस्थापन अभिक्रिया के रूप में जाना जाता है।

आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली कुछ धातुओं को अभिक्रियाशीलता के घटते क्रम में व्यवस्थित किया गया है। इसे अभिक्रियाशीलता श्रृंखला या क्रियाशीलता श्रृंखला के रूप में जाना जाता है।

                                     

श्रृंखला में धातु जितनी ही ज्यांदा उच्चः होती है, उतनी ही ज्या2दा वह अभिक्रियाशील होती है और उतना ही ज्यायदा तेजी से पानी, ऑक्सीजन और एसिड के साथ अभिक्रिया करती हैं। क्रियाशीलता श्रृंखला में धातु अपने यौगिक से श्रृंखला में अपने से नीचे की किसी भी धातु को विस्थाीपित कर सकती हैं। Zn कॉपर सल्फेट के विलयन (साल्यूशन) से कॉपर को और आयरन सल्फेट के विलयन (साल्यूोशन) से आयरन को विस्थापित कर सकती हैं। अत: Zn कॉपर और आयरन की तुलना में ज्यासदा अभिक्रियाशील है। पोटेशियम, सोडियम, लिथियम और कैल्शियम जैसे तत्व बहुत अभिक्रियाशील होते हैं और वे हाइड्रॉक्साकइड और हाइड्रोजन गैस बनाने के लिए ठंडे पानी के साथ भी अभिक्रिया करते हैं। मैग्नीशियम, एल्यूमीनियम और आयरन जैसे तत्वों को भी सक्रिय धातुओं के रूप में माना जाता है और ये आक्साइड और हाइड्रोजन गैस बनाने के लिए भाप के साथ अभिक्रिया करते हैं। हाइड्रोजन से ऊपर की धातुएं हाइड्रोजन से ज्या दा अभिक्रियाशील होती हैं। ये धातुएं एसिड या पानी से हाइड्रोजन को विस्थाोपित कर सकती हैं और हाइड्रोजन गैस मुक्त  करती हैं। कॉपर, सिल्वैर, गोल्डह और प्लैटिनम जैसी धातुएं हाइड्रोजन की तुलना में कम अभिक्रियाशील होती हैं और ये पानी या एसिड से हाइड्रोजन को नहीं विस्थापित करते है।

कौन सा धातु सबसे अधिक अभिक्रियाशील होता है?

आवर्त सारणी में सीज़ियम सबसे अधिक अभिक्रियाशील धातु है। यह अन्य क्षारक धातुओं की तुलना में एक दुर्लभ धातु है।

निम्न में से कौन सा धातु अत्याधिक अभिक्रियाशील है?

Expert-Verified Answer यहां सोडियम पहले ग्रुप का धातु है जबकि मैग्नेशियम दूसरे ग्रुप का । अतः सोडियम , मैग्नेशियम से अधिक अभिक्रियाशील है । अतः सोडियम दिए गए सभी धातुओं में सबसे अधिक अभिक्रियाशील है ।

सबसे कम अभिक्रियाशील तत्व कौन सा है?

इसलिए सबसे कम प्रतिक्रियाशील तत्व इंडियम "इन" है। लोहा 8 वें समूह में मौजूद है। 13 वें समूह में एल्यूमीनियम और इण्डियम मौजूद हैं। इसलिए सबसे कम प्रतिक्रियाशील तत्व इंडियम "इन" है।

अभिक्रियाशील धातु क्या है?

वे धातुएं जो किसी भी प्रकार की अभिक्रिया में होने वाले परिवर्तनों में सहायता प्रदान करती हैं अभिक्रियाशील धातुएं कहलाती हैं। क्रियाशीलता के आधार पर धातुएं दो प्रकार की होती हैं ‌‌। उदाहरण:- सोडियम, पोटैशियम आदि।

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