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रंध्र क्या है ? रंध्रों के दो कार्य बताइए।
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Video Solution: रंध्र क्या है ? रंध्रों के दो कार्य बताइए।लिखित उत्तर
Solution : रंध्र या स्टोमेटा-पौधों के पत्तों में पाई जाने वाली उन सूक्ष्म संरचनाओं को स्टोमेटा या रंध्र कहते हैं जो गैसों का विसरण (आदान-प्रदान) करते हैं। यह रंध्री तंत्र एक खुला स्थान अथवा रंध्र दो अधिचर्म रक्षक कोशिकाओं और अनेक सहायक कोशिकाओं से घिरा होता है। रंध्रों के बंद होने या खुलने की प्रक्रिया कोशिकाओं के (Guard Cells) द्वारा नियंत्रित होती है। <br> <img src="//d10lpgp6xz60nq.cloudfront.net/physics_images/DPK_HIN_SCI_VII_C11_E01_014_S01.png" width="80%"> <br> कार्य-(1) रंध्र ऑक्सीजन व कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करते हैं। <br> (2) रंध्र वाष्पोत्सर्जन में सहायक होते हैं।
उत्तर
Step by step video solution for [object Object] by Biology experts to help you in doubts & scoring excellent marks in Class 7 exams.
Question Details till 27/12/2022
Question | रंध्र क्या है ? रंध्रों के दो कार्य बताइए। |
Chapter Name | जंतुओं और पादप में परिवहन |
Subject | Biology (more Questions) |
Class | 7th |
Type of Answer | Video |
Question Language | In Video - Hindi In Text - Hindi |
Students Watched | 800 + |
Students Liked | 0 + |
Question Video Duration | 1m36s |
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Solution : कार्य रंध्र के मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं - <br> (i) वाष्पोत्सर्जन (Transpiration) वाष्पोत्सर्जन के दौरान जल वाष्प भी रंध्रों द्वारा ही बाहर निकलती है। <br> (ii) गैसों का आदान प्रदान (Exchange of gases) प्रकाश संश्लेषण एवं श्वसन के दौरान वातावरण से गैसों का विनिमय रंध्रों द्वारा ही होता है।
रन्ध्र क्या हैं? रन्धों के दो कार्य बताइए।
Solution
रंध्र या स्टोमेटा - पौधों के पत्तों में पाई जाने वाली उन सूक्ष्म संरचनाओं को स्टोमेटा या रंध्र कहते हैं जो गैसों का विसरण (आदान-प्रदान करते हैं। यह रंध्री तंत्र एक खुला स्थान अथवा रंध्र दो अधिचर्म रक्षक कोशिकाओं और अनेक सहायक कोशिकाओं से घिरा होता है। रंध्रों के बंद होने या खुलने की प्रक्रिया कोशिकाओं के (Guard Cells) द्वारा नियंत्रित होती है।
कार्य - (1) रंध्र ऑक्सीजन व कार्बन डाइऑक्साइड का आदान-प्रदान करते हैं।
(2) रंध्र वाष्पोत्सर्जन में सहायक होते हैं।
Concept: उत्सर्जन: पदार्थों का सफाया करने के लिए
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रंध्र क्या है? | Stomata in Hindi
रंध्र पौधों की शुरुआत होते हैं जोकि पत्तियों की सूक्ष्म सतह पर उपस्थित होते हैं| जिसके माध्यम से उनके (रंध्र) और आसपास के वातावरण के बीच गैस का आदान-प्रदान होता है। पत्तियों के अलावां रंध्र तनों, फलों और पुष्पक्रमों पर भी हो सकते हैं।
स्टोमेटा (रंध्र) व्यावहारिक रूप से सभी स्थलीय पौधों के ऊपरी भागों में पाए जाते हैं| स्टोमेटा पत्तियों पर बहुत प्रचुर मात्रा में उपस्थित होते हैं, अधिकतर रंध्र अक्षीय सतह पर (नीचे की तरफ) होते हैं जबकि कुछ वृक्ष प्रजातियों में वे केवल सतह पर पाए जाते हैं।
पौधों की प्रजातियों की पहचान करने के लिए रंध्रों की स्थिति का उपयोग किया जाता है। जिन पत्तियों के दोनों किनारों पर रंध्र पाए जाते हैं उन्हें उभयचर (Amphistomatic) कहा जाता है। जिन पत्तियों के निचले किनारों पर रंध्र पाए जाते हैं उन्हें हाइपोस्टोमैटिक (Hypostomatic) कहा जाता है।
पत्ती में प्रत्येक रंध्र का खुलना और बंद होना एक ऐसी प्रक्रिया है जो आंतरिक और बाहरी दोनों तरह की विभिन्न उत्तेजनाओं पर निर्भर करती है, और यह पौधे के शरीर में होमोस्टैसिस को बनाए रखने में एक मौलिक भूमिका निभाती है।
यह भी जानिए- पादप कोशिका क्या होती है?
रंध्र के कार्य और विशेषताएं
रंध्र के प्रमुख कार्य और उनकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
गैसों का आदान-प्रदान करने मे
रंध्रों का मुख्य कार्य पौधों के ऊतकों की आंतरिक और बाहरी सतहों के बीच ऑक्सीजन (O2), कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) या जल वाष्प (H2O gas) जैसी गैसों को पहुँचाना है, विशेष करके पत्तियों और तनों में।
इस तरह हम कह सकते हैं कि रंध्र मनुष्य के नाक और मुंह के "समान" होते हैं, जिनका उपयोग हम सांस लेने के लिए करते हैं, और जिससे हम हवा को फेफड़े की और ले जाते हैं।
पानी को हटाने में
रंध्र पौधे के ऊतकों में अतिरिक्त पानी को खत्म करने में भी भाग लेते हैं, इस प्रकार हम यह कह सकते हैं की रंध्र का एक प्रमुख कार्य पौधों के जल संतुलन को बनाए रखना होता है।
रंध्र के खुलने और बंद होने की प्रक्रिया-
रंध्र आम तौर पर दिन में खुले रहते हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के लिए आवश्यक CO2 के प्रवेश की अनुमति मिलती है| रंध्र, कार्बन निर्धारण (carbon fixation) के दौरान पानी और अन्य गैसों के नुकसान को बचाने के लिए रात में बंद हो जाते हैं।
जब पानी की आपूर्ति सीमित होती है या तेज धाराएं अथवा बर्फानी तूफान आते हैं, तो रंध्र बंद हो जाते हैं , और इस प्रकार पौधों की शुष्कता या निर्जलीकरण को रोका जाता है।
रंध्र की संरचना | Structure of stomata in Hindi
एक रंध्र, कैविटी या छिद्रों से बना होता है जिसे ओस्टियोल (Ostiole) कहा जाता है, जो दो लम्बी कोशिकाओं से घिरा होता है, जिन्हें रक्षक कोशिकाएँ कहा जाता है। ये कोशिकाएं एक दूसरे से उनके सिरों पर से जुड़ी होती हैं| अलग-अलग पौधों में इनका आकर भिन्न-भिन्न होता है|
उदाहरण के लिए घास में इन कोशिकाओं की संरचना "डम्बल" की तरह होती है, जबकि अधिकांश पौधों में उनकी संरचना गुर्दे की तरह होती है।
रंध्र संगठन | Stoma appliance
रंध्र, रक्षक कोशिकाओं के अलावा संलग्न या सहायक कोशिकाओं से जुड़े होते हैं| रक्षक कोशिकाओं और संलग्न कोशिकाओं के समूह को रंध्र उपकरण (stomatal apparatus) कहा जाता है। रंध्र तंत्र के चारों ओर सटी हुई एपिडर्मल (epidermal) कोशिकाएं होती हैं।
कई प्रजातियों में रंध्रों में अतिरिक्त "सुरक्षात्मक" संरचनाएं होती हैं, जबकि अन्य में रोम छिद्र आंशिक रूप से मोम द्वारा बंद होते हैं, जो रोमछिद्रों से गैस के रिसाव को रोकते हैं।
रक्षक और सहायक कोशिकाएँ | Guard cells and accessory cells
रक्षक कोशिकाओं में माइक्रोफाइब्रिल्स से बनी एक कोशिका की दीवार होती है, जो इस तरह से व्यवस्थित होती है कि आंतरिक दीवार, ओस्टियोल के करीब, बाहरी दीवार की तुलना में अनुदैर्ध्य दिशा में कम लोचदार होती है।
प्रकाश-संश्लेषण की दृष्टि से ये सक्रिय कोशिकाएँ होती हैं, अतः इनके अन्दर बड़ी संख्या में क्लोरोप्लास्ट होते हैं।
दूसरी ओर, सहायक कोशिकाएं भी प्रकाश संश्लेषक होती हैं और रंध्र तंत्र के चारों ओर रक्षक कोशिकाओं और एपिडर्मल कोशिकाओं के बीच एक प्रकार के "अवरोध" के रूप में कार्य करती हैं। इसका कार्य एपिडर्मल कोशिकाओं को रक्षक कोशिकाओं के विस्तार से बचाना है।
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रंध्र कैसे काम करते हैं?
जब गार्ड कोशिकाओं द्वारा स्फीति दाब का अनुभव किया जाता है तो उसी के अनुसार रंध्र खुले या बंद होते हैं, इसलिए हम यह कह सकते हैं की रंध्र वाल्व की तरह काम करते हैं।
यदि रक्षक कोशिकाएं फैली होती हैं, तो रंध्र खुल जाते हैं, इसके विपरीत जब रक्षक कोशिकाएं संकुचित होती हैं तो वे बंद हो जाते हैं।
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