रात में खुजली और दाने क्यों होते हैं? - raat mein khujalee aur daane kyon hote hain?

बहुत से लोगों में रात को अक्‍सर खुजली की समस्‍या (Itchy Skin at Night) होती है, जो कि उनकी नींद में बाधा उत्‍पन्‍न करती है। आप अक्‍सर बच्‍चों या बड़ों में सोते समय खुजली के कारण नींद टूटना और सही ढ़ग से न सो पाने की समस्‍या देखते होंगे। इसे आमतौर पर यह एक्जिमा नाम की स्किन से जुड़े रोग के कारण होती है। क्‍योंकि एक्जिमा के लक्षण अक्सर रात में बढ़ जाते हैं और नींद में बाधा या देरी उत्‍पन्‍न करते हैं। इसके अलावा कुछ लोगों में रात को सोते समय खुजली कई अन्‍य कारणों से भी होती है। जिसकी वजह से बेचैनी के कारण नींद आना मुश्किल हो जाता है। तो, आइए हम आपको बताते हैं कि रात में खुजली क्यों होती है, खुजली होने के कारण और उपाय।  

रात में खुजली क्‍यों बढ़ जाती है-why is my whole body itches at night?

रात में खुजली होने के पीछे कुछ कारण होते हैं, जिससे रात में एक्जिमा के लक्षण भी बदतर महसूस हो सकते हैं। रात में व्यक्ति के शरीर का तापमान कम हो जाता है, जिससे त्वचा में खुजली हो सकती है या खुजली अधिक बढ़ जाती है। इसके अलावा, यदि आप आपने दिन के दौरान अपने शरीर पर मॉइस्चराइजर का इस्‍तेमाल किया है, तो रात तक इसका प्रभाव रात कम हो जाता है। इसके अतिरिक्‍त, त्वचा में रक्त का प्रवाह शाम को बढ़ जाता है, जिससे आपकी त्वचा गर्म होती है त्वचा के तापमान में वृद्धि से आप खुजली महसूस कर सकते हैं।

रात में खुजली होने के कारण -cause of itchy nights?

रात में सोते समय खुजली के कई कारण हैं, जिसमें एक्जिमा के अलावा कई अन्‍य कारण हैं, जिसमें कई कारण शामिल हैं- 

  1. त्‍वचा रोग एक्जिमा, सोरायसिस। 
  2. बिस्‍तर में कीट-पतंग या मच्‍छर के काटने से। 
  3. किडनी या लिवर की बीमारी। 
  4. आयरन की कमी या एनिमिया। 
  5. दाद-खाज या डायबिटीज। 
  6. दवाओं, खाद्य पदार्थों या ब्‍यूटी प्रॉडक्‍ट्स के कारण। 
  7. गर्भावस्था।

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रात में खुजली को कैसे कम करें-How to get rid of itching at night? 

रात में खुजली को कम करने के लिए कुछ आसान से उपाय हम यहां आपको बता रहे हैं, जिनकी मदद से रात में खुजली को कम किया जा सकता है। 

1. सोने से पहले मॉइस्चराइजर का इस्‍तेमाल 

रात को सोने से पहले आप एक अल्कोहल मुक्त मॉइस्चराइज़र या एक मेडिकेटेड क्रीम का इस्‍तेमाल कर सकते हैं। मेडिकेटेड क्रीम आप डॉक्‍टर की सलाह से लें। यह तरीका आपको रात में सोते समय होने वाली खुजली से राहत दिलाने में मदद करेगा। 

2. साने से पहले हॉट बाथ 

रात को खुजली से बचने के लिए आप रात को सोने से पहले गुनगुने पानी से नहा लें। यह त्वचा को हाइड्रेटेड रखने और संक्रमण को रोकने के जरूरी है। नहाने के बाद हमेशा त्‍वचा को मॉइस्चराइज करें। आप चाहें, तो खुजली से बचने के लिए कोलाइडल दलिया, बेकिंग सोडा या सिरका शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा, आप नहाने के पानी में 2 कप एप्पल साइडर विनेगर भी मिला सकते हैं।

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3. नारियल का तेल से मालिश 

आप सोने से पहले नारियल तेल की मालिश भी कर सकते हैं। नारियल तेल के फायदे की बात करें, तो इसमें एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, जो त्वचा को शांत रखने और खुलजी की समस्‍या को दूर करने में मदद करते हैं।  

4. खुरदुरे कपड़ों से बचें

रात को सोते समय खुजली से बचने के लिए कोशिश करें कि मुलायम कपड़े ही पहनें और ऊनी कपड़े, खुरदुरे कपड़े व चादर से बचें। क्‍योंकि यह त्वचा में खुजली पैदा करते हैं।  

इन सबके अलावा रात में सोने से पहले कमरे के तापमान को ठंडा रखें, क्‍योंकि पसीना या अधिक गर्मी त्‍वचा को खुजलीदार बना सकती है। इसके अलावा, एक ह्यूमिडिफायर चालू करें। यह आपके सोते समय आपके बेडरूम में हवा में नमी जोड़ देगा।

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खुजली: लक्षण, कारण, उपचार, प्रक्रिया, कीमत और दुष्प्रभाव | Itching In Hindi

खुजली किसका संकेत हो सकता है? मुझे रात में इतनी खुजली क्यों होती है? खुजली का इलाज क्या है? खुजली का इलाज कैसे किया जाता है? खुजली के उपचार के लिए कौन योग्य है? (उपचार कब किया जाता है?) खुजली के उपचार के लिए कौन योग्य नहीं है? क्या कोई भी दुष्प्रभाव हैं? खुजली के उपचार के बाद दिशानिर्देश क्या हैं? खुजली के ठीक होने में कितना समय लगता है? भारत में इलाज की कीमत क्या है? क्या खुजली के उपचार के परिणाम स्थायी हैं? खुजली के उपचार के विकल्प क्या हैं?

खुजली किसका संकेत हो सकता है?

खुजली या प्रुरिटस त्वचा की एक प्रतिक्रिया है, जिससे प्रभावित जगह पर स्क्रैचिंग करने का एक अनैच्छिक सेंसेशन होता है। यह किसी भी अंतर्निहित सिस्टमिक डिसऑर्डर्स का संकेत हो सकता है जैसे कि डायबिटीज, लिवर डिजीज, मल्टीपल मायलोमा, त्वचा की स्थिति जैसे शुष्क त्वचा, एक्जिमा, सोरायसिस, नर्व डिसऑर्डर्स जैसे हर्पीज ज़ोस्टर, मल्टीपल स्केलेरोसिस, साइकियाट्रिक डिसऑर्डर्स जैसे एंग्जायटी और डिप्रेशन और जलन और साथ ही साथ एलर्जिक रिएक्शंस भी।

मुझे रात में इतनी खुजली क्यों होती है?

रात में खुजली बढ़ जाती है, जिसे आमतौर पर नोक्टर्नल प्रुरिटस के रूप में जाना जाता है। इसके लिए जिम्मेदार प्राकृतिक कारणों में त्वचा के तापमान में वृद्धि, साइटोकिन्स के स्त्राव में वृद्धि और इस बीच कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के स्राव में कमी और रात में पानी की कमी में वृद्धि शामिल है। कुछ स्वास्थ्य स्थितियां जिनमें एक्जिमा, सोरायसिस आदि त्वचा रोग शामिल हैं, एनीमिया, ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, लिवर रोग, डायबिटीज, मल्टीपल स्केलेरोसिस, गर्भावस्था आदि भी जिम्मेदार हैं।

खुजली का इलाज क्या है?

खुजली एक अंतर्निहित बीमारी या डिसऑर्डर का एक लक्षण है जिसे हम सभी ने अपने जीवन में कभी न कभी अनुभव किया है। यदि आप इसे अनुभव कर रहे हैं तो दूसरों को खुजली का वर्णन करना बहुत मुश्किल हो सकता है। खुजली की अनुभूति हर व्यक्ति में अलग-अलग हो सकती है, यह आमतौर पर त्वचा में बहुत असहजता का कारण बनती है। ऐसा भी महसूस हो सकता है कि त्वचा पर कुछ रेंग रहा है। खुजली या तो आपके पूरे शरीर में हो सकती है या सिर्फ एक जगह तक ही सीमित हो सकती है। खुजली के लक्षण आमतौर पर फटी त्वचा, शुष्क त्वचा, दाने, परतदार(फ्लेकी) त्वचा, परतदार(फ्लेकी) स्कैल्प, त्वचा की लालिमा, त्वचा पर बम्प्स, छाले या त्वचा के धब्बे से जुड़े होते हैं। कॉन्टैक्ट डर्माटाइटिस, फंगल संक्रमण, चिकन पॉक्स, त्वचा का कैंसर, पित्ती, कीड़े के काटने, किडनी की बीमारियों और लिवर रोगों जैसी कई अंतर्निहित स्थितियों के कारण खुजली हो सकती है। वायरल रैशेज, यौन संचारित रोग, बवासीर, डर्मेटाइटिस हर्पेटिफोर्मिस और क्लोदिंग एक्जिमा भी खुजली के कुछ कारण हो सकते हैं।

कभी-कभी, शुष्क त्वचा के कारण होने वाली खुजली, सूरज के संपर्क में, एटोपिक डर्मेटाइटिस और संक्रमण कुछ दवाओं के सेवन या लगाने से आसानी से ठीक हो सकते हैं। बाजार में बहुत सारी खुजली-रोधी क्रीम उपलब्ध हैं जिनमें बेंज़ोकेन, डिपेनहाइड्रामाइन (बेनाड्रिल), प्रामॉक्सिन (ट्रोनोलेन, कैलाड्रिल), फिनोल, मेन्थॉल और कपूर शामिल हैं। यदि आप खुजली का अनुभव कर रहे हैं, तो जितना संभव हो सके अपनी त्वचा को खरोंचने से बचना महत्वपूर्ण है, ऐसा करने से त्वचा में व्यवधान हो सकता है और इसके परिणामस्वरूप बैक्टीरियल संक्रमण हो सकता है।

खुजली का इलाज कैसे किया जाता है?

बहुत से लोग खुजली के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं खरीदकर खुद का इलाज करने की कोशिश करते हैं। कभी-कभी ये दवाएं काम करती हैं, लेकिन अगर ये काम नहीं करती हैं और खुजली त्वचा के घावों से जुड़ी है, तो त्वचा विशेषज्ञ(डर्मेटोलॉजिस्ट) से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। कई बार मनोवैज्ञानिक कारक भी खुजली को ट्रिगर कर सकते हैं जैसे एंग्जायटी(चिंता) और तनाव। कुछ दवाओं के प्रति प्रतिक्रिया के कारण होने वाली खुजली को, इन दवाओं के उपयोग को सीमित करके ठीक किया जा सकता है। लोग खुजली से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपचारों का भी उपयोग करते हैं जैसे प्रभावित क्षेत्र पर ठंडा पानी लगाना, ठंडे पानी से नहाना, त्वचा पर आइस पैक का उपयोग करना आदि।

आमतौर पर डॉक्टर खुजली को रोकने और उसका इलाज करने के लिए एंटीहिस्टामाइन लिखते हैं। इसमें क्लोर-ट्रिमेटन (क्लोरफेनिरामाइन), एटारैक्स (हाइड्रोक्साइज़िन) और बेनाड्रिल (डिपेनहाइड्रामाइन) शामिल हैं। यह दवा लोगों में उनींदापन पैदा करती है इसलिए कुछ डोज़ के बाद सो जाने से रोगियों को अपने शरीर को खरोंचने से रोकने में मदद मिलेगी, जिससे खुजली के लक्षण कम हो जाएंगे। हालाँकि कुछ एंटीहिस्टामाइन उपलब्ध हैं जिन्हें दूसरी पीढ़ी का एंटीहिस्टामाइन कहा जाता है, वे आपको नींद का एहसास नहीं कराते हैं क्योंकि इन दवाओं में सिडेटिव प्रभाव कम होता है। हालांकि, दूसरी पीढ़ी के एंटीहिस्टामाइन उपरोक्त एंटीहिस्टामाइन की तरह प्रभावी नहीं हैं। आमतौर पर डॉक्टर इन दवाओं को प्रिस्क्राइब करते हैं और डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही इनका सेवन करना चाहिए।

खुजली के उपचार के लिए कौन योग्य है? (उपचार कब किया जाता है?)

तीव्र और अनियंत्रित खुजली से पीड़ित लोग एंटीहिस्टामाइन का उपयोग कर सकते हैं। खांसी और जुकाम के लक्षण होने पर भी एंटीहिस्टामाइन का सेवन करना फायदेमंद होता है। चूंकि एंटीहिस्टामाइन में एलर्जी विरोधी लक्षण होते हैं, इसलिए जिन लोगों को धूल के कण, पालतू जानवरों की रूसी, रैगवीड और पराग से एलर्जी है, वे इस दवा का सेवन कर सकते हैं।

खुजली के उपचार के लिए कौन योग्य नहीं है?

यदि आप अन्य दवाओं पर हैं, तो एंटीहिस्टामाइन इन दवाओं के साथ इंटरैक्ट कर सकते हैं और घातक साबित हो सकते हैं, इसलिए इन्हें खरीदने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है। यदि आपको ग्लूकोमा, लीवर की बीमारी, किडनी की बीमारी, थायराइड की समस्या, हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और बढ़े हुए प्रोस्टेट की समस्या है, तो एंटीहिस्टामाइन का सेवन आपके शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। नर्सिंग और गर्भवती महिलाओं को भी इस दवा से बचना चाहिए।

क्या कोई भी दुष्प्रभाव हैं?

एंटीहिस्टामाइन का प्रमुख दुष्प्रभाव उनींदापन है लेकिन इससे अन्य दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। इसमें शुष्क मुँह, चक्कर आना, मतली, उल्टी, मनोदशा, बेचैनी, पेशाब करने में कठिनाई, धुंधली दृष्टि और भ्रम शामिल हैं। एंटीहिस्टामाइन का अधिक मात्रा में सेवन नहीं करना चाहिए या यह स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकता है। एंटीहिस्टामाइन के सेवन से होने वाली उनींदापन से छुटकारा पाने के लिए, आप इसे सोने से पहले ले सकते हैं ताकि यह आपके दैनिक कार्यों में बाधा उत्पन्न न करे।

खुजली के उपचार के बाद दिशानिर्देश क्या हैं?

एंटीहिस्टामाइन के साथ इलाज करने के बाद, निवारक उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण है ताकि खुजली जल्द ही दोबारा न हो। घर से बाहर निकलने से पहले सनस्क्रीन लोशन का इस्तेमाल करने से आपकी त्वचा खरोंच के कारण हुए घाव और बम्प्स से ठीक हो जाएगी। यह आपकी त्वचा को संवेदनशील होने से भी रोकेगा जो अन्यथा खुजली को बढ़ावा देगा। चूंकि खुजली किसी स्थिति का एक अंतर्निहित कारण है, इसलिए यदि आपको कोई बीमारी या चिकित्सीय स्थितियां हैं जो खुजली को ट्रिगर करती हैं तो निवारक उपाय किए जाने चाहिए। आपको जूँ, कीड़े के काटने और यौन संचारित रोगों से बचाव के लिए स्वच्छता और देखभाल को बढ़ावा देना चाहिए। यदि आप एंटीहिस्टामाइन लेने के बाद भी खुजली का अनुभव करते हैं, तो यह एक गंभीर बीमारी का एक अंतर्निहित कारण हो सकता है, ऐसे मामलों में, तुरंत एक चिकित्सक से परामर्श करना अनिवार्य है।

खुजली के ठीक होने में कितना समय लगता है?

एंटीहिस्टामाइन लेने के बाद खुजली कुछ दिनों में कम हो सकती है। टॉपिकल ऑइंटमेंट लगाने से भी खुजली कुछ समय के लिए गायब हो सकती है। हालांकि, एंटीहिस्टामाइन के उपयोग से खुजली को पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है, भविष्य में खुजली की संवेदनशीलता को कम करने के लिए निवारक उपाय किए जा सकते हैं।

भारत में इलाज की कीमत क्या है?

इलाज की कीमत, 300 रु. से 13,000 रु. के बीच हो सकती है।

क्या खुजली के उपचार के परिणाम स्थायी हैं?

उपचार के परिणाम तब तक चलते हैं जब तक आप एंटीहिस्टामाइन का सेवन कर रहे हैं। इस दवा का उपयोग बंद करने के बाद आपको लंबे समय में फिर से खुजली होने का खतरा हो सकता है। इसलिए यह उपचार सही मायने में स्थायी नहीं है।

खुजली के उपचार के विकल्प क्या हैं?

एंटीहिस्टामाइन के अलावा, खुजली के लिए अन्य वैकल्पिक उपचार भी हैं। इनमें कपूर, मेन्थॉल और फिनोल युक्त सप्लीमेंट्स या क्रीम शामिल हैं। हाइड्रोकार्टिसोन युक्त एनेस्थेटिक्स या क्रीम को भी खुजली कम करने वाला माना जाता है। यदि आवश्यक हो तो टॉपिकल ऑइंटमेंट का भी उपयोग किया जा सकता है।

मेरे पूरे शरीर में रात में खुजली क्यों होती है?

मुझे रात में इतनी खुजली क्यों होती है? रात में खुजली बढ़ जाती है, जिसे आमतौर पर नोक्टर्नल प्रुरिटस के रूप में जाना जाता है। इसके लिए जिम्मेदार प्राकृतिक कारणों में त्वचा के तापमान में वृद्धि, साइटोकिन्स के स्त्राव में वृद्धि और इस बीच कॉर्टिकोस्टेरॉइड्स के स्राव में कमी और रात में पानी की कमी में वृद्धि शामिल है।

खुजली और दाने हो तो क्या करें?

Itching and rashes in body remedies ऐसे में यदि आप प्रभावित स्थान पर नीम का तेल, नीम की पत्तियों का पेस्ट या नीम का साबुन इस्तेमाल करते हैं तो इससे समस्या जल्दी दूर हो सकती है. इस समस्या को दूर करने में हल्दी भी आपके बेहद काम आ सकती है. जी हां, हल्दी के अंदर एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरस, एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं.

कौन से विटामिन की कमी से खुजली होती है?

स्किन के लिए विटामिन डी (vitamin d) बहुत जरूरी है. बॉडी में अगर विटामिन डी (vitamin d deficiency) की कमी हो जाए तो स्किन में ड्राइनेस, खुजली, जलन जैसी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

पूरे शरीर में खुजली होने का क्या कारण हो सकता है?

मेडलाइन प्लस के मुताबिक, किडनी की बीमारी या थायरॉयड की समस्या हो तो भी खुजली हो सकती है। इसके अलावा विशेषज्ञ कहते हैं कि शरीर में आयरन की कमी से भी कई बार खुजली की समस्या हो सकती है। ऐसी स्थिति में आपको डॉक्टर से जरूर सलाह लेनी चाहिए।

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