राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 pdf - raashtreey gaurav apamaan nivaaran adhiniyam, 1971 pdf

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राष्ट्र-गौरव अपमान-निवारण अधिनियम, 1971

(1971 का अधिनियम संख्यांक 69)

[23 दिसम्बर, 1971]

राष्ट्र-गौरव के अपमान का

निवारण करने के लिए

अधिनियम

                भारत गणराज्य के बाईसवें वर्ष में संसद् द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियमित होः--

1. संक्षिप्त नाम और विस्तार-(1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम राष्ट्र-गौरव अपमान-निवारण अधिनियम, 1971 है ।

                (2) इसका विस्तार संपूर्ण भारत पर है ।

2. भारतीय राष्ट्रीय ध्वज और भारत के संविधान का अपमान-जो कोई किसी सार्वजनिक स्थान में या जनता को दृष्टिगोचर किसी अन्य स्थान में, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को अथवा भारत के संविधान या उसके किसी भाग को जलाएगा, विकृत करेगा, विरूपित करेगा, अपवित्र करेगा, विद्रूप करेगा, नष्ट करेगा या रौंदेगा या (चाहे बोले गए या लिखे गए शब्दों द्वारा अथवा कार्यों द्वारा)  [उसके प्रति अन्यथा अनादर दर्शित करेगा या अपमान करेगा], वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

                स्पष्टीकरण 1-विधिपूर्ण साधनों से भारत के संविधान में संशोधन या भारतीय राष्ट्रीय ध्वज में परिवर्तन कराने की दृष्टि से संविधान या भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का या सरकार के किन्हीं अध्युपायों का अनुमोदन व्यक्त करने वाली टीका-टिप्पणियां या आलोचना करना इस धारा के अधीन अपराध नहीं है ।

                स्पष्टीकरण 2-भारतीय राष्ट्रीय ध्वज" पद के अन्तर्गत भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का या उसके किसी भाग या किन्ही भागों का किसी पदार्थ का बना हुआ या किसी पदार्थ पर रूपित चित्र, रंगचित्र या फोटो-चित्र है या अन्य दृश्य रूपण भी है ।

                स्पष्टीकरण 3-सार्वजनिक स्थान" से जनता के उपयोग के लिए आशयित या उसकी पहुंच का कोई स्थान अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत कोई लोक प्रवहण भी है ।

                 [स्पष्टीकरण 4-भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के प्रति अनादर से निम्नलिखित अभिप्रेत है और इसके अन्तर्गत है :-

(क) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का घोर अपमान या तिरस्कार करना; या

(ख) किसी व्यक्ति या किसी वस्तु के अभिवादन में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को झुकाना; या

(ग) ऐसे अवसरों के सिवाय जिन पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को सरकार द्वारा जारी किए गए अनुदेशों के अनुसार सार्वजनिक भवनों पर झुका हुआ फहराया जाता है, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को झुका हुआ फहराना; या

(घ) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का किसी भी प्रकार के वस्त्र आवरण के रूप में, राज्य अंत्येष्टियों या सशस्त्र बलों या अन्य पैरा सैन्य बलों की अंत्येष्टियों के सिवाय, उपयोग करना; या

 [(ङ) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का, --

(i) किसी भी प्रकार की ऐसी वेशभूषा, वर्दी या उपसाधन के, जो किसी व्यक्ति की कमर से नीचे पहना जाता है, किसी भाग के रूप में, या

(ii) कुशनों, रुमालों, नैपकिनों, अधोवस्त्रों या किसी पोशाक सामग्री पर कशीदाकारी या छपाई करके, उपयोग करना; या ।]

                                (च) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज पर किसी प्रकार का उत्कीर्ण लेखन करना; या

                (छ) गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस सहित विशेष अवसरों पर समारोहों के भागरूप, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने से पूर्व फूलों की पंखुड़ियों के सिवाय, भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का कोई वस्तु प्राप्त करने, परिदान करने या ले जाने के लिए पात्र के रूप में उपयोग करना; या

(ज) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का किसी प्रतिमा या स्मारक या वक्ता की डैस्क या वक्ता के मंच को ढकने के लिए उपयोग करना; या

(झ) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को साशय जमीन या भूतल को स्पर्श करने देना या जल में घसीटते हुए ले जाना; या

(ञ) किसी यान, रेलगाड़ी, नाव या वायुयान या ऐसी ही किसी अन्य वस्तु के छत्रक, शिखर और पार्श्व भागों या पृष्ठ भाग पर या उस पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज से आच्छादित करना; या

(ट) भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का किसी भवन को ढकने के लिए उपयोग करना; या

(ठ) साशय भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के केसरिया रंग" का नीचे की ओर प्रदर्शन करना ।]

3. भारतीय राष्ट्रगान के गायन को रोकना, आदि-जो कोई भारतीय राष्ट्रगान के गायन को साशय रोकेगा या ऐसे गायन में लगे हुए किसी जनसमूह के लिए विघ्न पैदा करेगा, वह कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा ।

  [3क. दूसरी और पश्चात्वर्ती दोषसिद्धियों पर वर्धित शास्ति-जो कोई धारा 2 या धारा 3 के अधीन किसी अपराध के लिए पहले से ही दोषसिद्ध किए जाने के पश्चात् ऐसे किसी अपराध के लिए पुनः दोषसिद्ध किया जाता है, तो वह दूसरे और प्रत्येक पश्चात्वर्ती अपराध के लिए कारावास से, जिसकी अवधि एक वर्ष से कम की नहीं होगी दंडनीय होगा ।]

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