राष्ट्रीय एकता से आप क्या समझते हैं इसके महत्व एवं आवश्यकता की चर्चा कीजिए? - raashtreey ekata se aap kya samajhate hain isake mahatv evan aavashyakata kee charcha keejie?

राष्ट्रीय एकता: देश और राष्ट्र में अन्तर न पाने के परिणामस्वरूप प्रायः देश और राष्ट्र को एक मन लिया जाता है। इस भ्रम का कारण यह भी है कि विश्व के अनेक देश भौगोलिक क्षेत्रफल की दृष्टि से छोटे हैं और उनके रहनेवालों की जाती, सभ्यता, संस्कृति एक हैं। उनके निवासियों में  जातिगत, धर्मगत भेद न होने के कारण वे भावना के स्तर पर एकजुट हैं, एकसूत्र में बंधे हुए हैं। अतः उनके लिए देश और राष्ट्र एक ही हैं। इसके विपरीत भारत भौगोलिक दृष्टि से एक विशाल देश है, इसीलिए उसे उपमहाद्वीप कहा जाता है। पाकिस्तान और बांग्लादेश बनने से पूर्व हिमालय से कन्याकुमारी तक और कच्छ की खाड़ी से लेकर पुरी तक के विशाल भूखंड को भारत देश कहा जाता था। वस्तुतः देश का सम्बन्ध भौगोलिक सीमाओं से है जबकि राष्ट्र होने के लिए एक भूखंड के निवासियों में भावनात्मक स्तर पर एकता होना अनिवार्य है, सभी देशवासियों को यह समझना आवश्यक है कि भले ही उनकी जातियाँ, धर्म, सभ्यता, रहन-सहन के तौर-तरीके, धार्मिक उत्सव, पर्व-त्यौहार, भाषा आदि भिन्न-भिन्न हों, पर वे पहले भारतवासी हैं, बाद में हिन्दू-मुसलमान, सिक्ख और ईसाई हैं। प्रदेश का महत्त्व, प्रदेश के रहनेवालों का हित गौण हैं, पुरे देश के गौरव, सुरक्षा, आत्मसम्मान, विकास, उत्कर्ष प्रधान है।

ऐतिहासिक दृष्टि से देखें तो भारत में सच्चे अर्थों में राष्ट्रीयता की भावना का जन्म अंग्रेजों के आगमन के बाद तथा उनके औपनिवेशिक साम्राज्यवादी कुशासन के विरुद्ध संघर्ष कर देश को स्वतंत्र बनाने की उत्कट कामना और फलस्वरूप स्वतंत्रता-आन्दोलन के साथ हुआ। उससे पूर्व  देश को एकसूत्रता में जोडनेवाली कड़ियाँ प्रायः धर्म और संस्कृति थीं। इतिहास साक्षी है कि भारत और भारत के नीवासी केवल अपने छोटे से प्रदेश को ही अपना देश समझते थे। राजस्थान के छोटे-छोटे राज्य साधारण सी बातों पर परस्पर युद्ध करते रहते थे: मराठों का मुगलों से संघर्ष हिन्दुओं की चोटी और बेटी की रक्षा के लिए था।

आज कास युग प्रतिस्प्रधा का युग है। जो देश औद्योगिक और आर्थिक दृष्टि से जितना अधिक सम्पन्न और समृद्ध है, वह उतना ही अधिक विकसित और गौरवान्वित माना जाता है। आज अमेरिका विश्व का सबसे अधिक शक्तिशाली देश माना जाता है क्योंकि वह विज्ञान, प्रौद्योगिकी, औद्योगिक क्षेत्र, युद्ध की मारक क्षमता में सर्वाधिक शक्तिसम्पन्न है। इस अभूतपूर्व उन्नति का कारण क्या है – शांति, परस्पर सौहार्द, देश को सर्वोपरी मानकर अपने शुद्ध स्वार्थों का त्याग, मत-भेद होते हुए भी राष्ट्र के हितों के लिए अपने को उत्सर्ग करने की भावना, राष्ट्र को सर्वोपरी मानना: व्यक्तिगत स्वार्थ, धर्म राजनितिक विचारों में भेद-भाव भुलाकर देश के लिए सर्वस्व बलिदान करने की भावना। यही है राष्ट्रीयता या राष्ट्र-प्रेम की भावना। शक्ति के बिना प्रगति नहीं हो सकती, विकास नहीं हो सकता और शांति  लिए आवश्यक है भावनात्मक एकता अर्थात् राष्ट्रप्रेम की भावना।

जहाँ तक वर्तमान भारत का सम्बन्ध है आजादी के पचपन वर्ष बाद भी हममें सच्ची राष्ट्रीय भावना का अभाव है। जो एकजुटता, दृढ संकल्पशक्ति, त्याग और बलिदान की भावना देश के लिए मर-मिटने का उदात्त विचार स्वतंत्रता-संग्राम के दिनों में था, उसका लोप हो गया है।भले ही हम विवधता में एकता का नारा लगाते रहें, सर्वधर्म समभाव की दुहाई देते रहें, पर हमारे देश, हमारी मातृभूमि, हमारे राष्ट्र पर संकट के बादल घहरा रहें हैं। एक हमारे पड़ोसी देश विशेषतः पाकिस्तान आतंकवादी गतिविधियों से, भारत के मुसलमानों का धर्म, उनकी संस्कृति, उनका अतित्व खतरे में है का मिथ्या प्रचार कर, यहाँ के मुसलमानों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर देश को खंडित, देश की आर्थिक औद्योगिक प्रगति को अस्थिर बना कर भारत को दुर्बल बनाना चाहता है, वहाँ दूसरी ओर हमारे स्वार्थी, संकीर्ण-संकुचित दृष्टि वाले राजनेता और राजनितिक दल राजनितिक के अखाड़े में विजय पाने के लिए कभी भाषा, कभी प्रदेश, कभी धर्म, कभी सम्प्रदाय के नाम पर परस्पर फूट के विषवृक्ष को सींचते हैं, उसे पल्लवित-पुष्पित करने का कोई अवसर नहीं खोते। अतः देश में अशांति है, अराजकता है, देश के निर्माण एवं विकास के लिए जैसा शांति और सौहार्द का वातावरण चाहिए वह नहीं है। यदि हम चाहते हैं कि सन् 2020 तक भारत विकासशील देश बन जाये, विश्व के अग्रणी देशों में उसकी गणना हो, तो हमें एकता के दृढ सूत्र में बंधना होगा। हमारे हृदय में राष्ट्रीयता की सच्ची भावना पैदा होने पर ही हम एक शक्तिशाली राष्ट्र बन सकेंगे।

विषयसूची

  • 1 राष्ट्रीय एकता में शिक्षा के क्या कार्य हैं?
  • 2 राष्ट्र के विकास में शिक्षा की क्या भूमिका है?
  • 3 राष्ट्रीय विकास से क्या आशय है?
  • 4 राष्ट्रीय एकता क्या है इसका क्या महत्त्व है इसे कैसे बढ़ाया जा सकता है?

राष्ट्रीय एकता में शिक्षा के क्या कार्य हैं?

इसे सुनेंरोकें(1) सभी बालकों को देश के विभिन्न पहलुओं का ज्ञान कराया जाये। (2) बालकों को स्वतंत्रता प्राप्ति के सम्बन्ध में प्रमुख घटनायें का ज्ञान कराया जाये। (3) देश की विभिन्न जातियों तथा सम्प्रदायों में राष्ट्रीय एकता को विकसति करने वाली पढाई-लिखाई पर विशेष बल दिया जाये। स्कूल में पढाई जाने वाली पुस्तकों की जाँच की जाये।

शिक्षा और राष्ट्रीय एकता से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकें(9) नागरिकों में राष्ट्र के आदर्शों, मूल्यों और परम्पराओं में आस्था उत्पन्न करने तथा राष्ट्र की उन्नति और प्रगति के लिए राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता है। (10) नागरिकों में आत्म-त्याग की भावना का विकास करके अपने राष्ट्र के लिये हर प्रकार क बलिदान करने की भावना विकसित करने के लिये राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता है।

11 राष्ट्रीय एकता की क्या आवश्यकता है?

इसे सुनेंरोकें(11) राष्ट्रीय एकता के लिए यह आवश्यक है कि एक सही भाषा नीति बनाई जाय, सभी भाषाओं को प्रोत्साहित किया जाये। (12) न्याय व्यवस्था में निष्पक्षता और ईमानदारी स्थापित की जाये। (13) सबके लिए समान कानूनों की व्यवस्था की जाये। जाति व धर्म के नाम पर अलग-अलग कानूनों को समाप्त किया जाये।

राष्ट्र के विकास में शिक्षा की क्या भूमिका है?

इसे सुनेंरोकेंशिक्षा राष्ट्रीय विकास और व्यक्तिगत विकास की प्रक्रिया का उपयोग करने के उद्देश्य से गुप्त शक्तियों या प्रतिभाओं को प्रकट करने में मदद करती है। शिक्षा के एक उपयुक्त कार्यक्रम द्वारा प्रतिभाओं और गुणों का पूर्ण विकास निश्चित रूप से एक राष्ट्र की प्रगति की गति में योगदान देता है।

राष्ट्रीय एकता का क्या अर्थ है राष्ट्रीय एकता के विकास में शिक्षा की भूमिका को समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंशिक्षा की सफलता शिक्षक पर निर्भर करती है. शिक्षा के माध्यम से राष्ट्रीय एकता की प्राप्ति तभी संभव हो सकती है, जब शिक्षक योग्य हो, अपने विषय का विशेषज्ञ हो, उसे राष्ट्र की गौरवमई सभ्यता और संस्कृति का पूर्ण प्रज्ञान हो, वह राष्ट्र की ऐतिहासिक, भौगोलिक, राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक समस्याओं से पूरी तरह अवगत हो.

राष्ट्रीय एकता से आप क्या समझते हैं इसके महत्व एवं आवश्यकता की चर्चा कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रीय एकता के महत्व को समझना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अभाव में हम पुनः दासतापूर्ण जीवन व्यतीत करने के लिए प्रतिबद्ध हो सकते हैं। राष्ट्र से हम हैं, हम से राष्ट्र नहीं! राष्ट्र के न होने पर हमारा कोई अस्तित्व नहीं इसलिए राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बनाए रखना हमारा कर्तव्य है।

राष्ट्रीय विकास से क्या आशय है?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रीय विकास का अर्थ है किसी देश के नागरिकों के स्वाथ्य सुविधाएं, सामाजिक सुविधाएं, शिक्षा स्तर, प्रति व्यक्ति आय आदि में सुधार और विकास, जिन देशों में ये सभी चीज़ें जितनी अधिक विकसित होती हैं उसे विकसित देश कहा जाता है, और जिन में काम विकसित होती है होती हैं उन्हें अल्पविकसित देश कहा जाता है

राष्ट्रीय एकता का क्या अर्थ है भारत में राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता एवं महत्व पर प्रकाश डालिए?

इसे सुनेंरोकें(1) राष्ट्रीयता अथवा राष्ट्रीय एकता की शिक्षा से प्रेम की भावना का विकास होता है। इसी भावना से प्रेरित होकर व्यक्ति राष्ट्रहित और जनहित के लिये अपने स्वार्थों का त्याग कर देता है। (2) देश के विकास और नव-निर्माण का बोध भी राष्ट्रीयता की शिक्षा के कारण होता है।

राष्ट्रीय एकता का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंराष्ट्रीय एकता का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है कि किसी देश के निवासियों के बीच सामूहिक पहचान की प्राप्ति होना। यह दर्शाता है कि भले ही हम सभी विभिन्न धर्मों, क्षेत्रों, जातियों से संबंधित होते हैं और अलग-अलग भाषा बोलते हो हमें हमेशा यह महसूस करना चाहिए कि हम सभी एक हैं।

राष्ट्रीय एकता क्या है इसका क्या महत्त्व है इसे कैसे बढ़ाया जा सकता है?

इसे सुनेंरोकेंकिसी देश की उन्नति के लिए उसके देशवासियों में राष्ट्रीयता की भावना का होना अति आवश्यक है। जिस देश के नागरिकों में राष्ट्रीय एकता की भावना नहीं है, . वह देश उन्नति के पथ पर अग्रसर नहीं हो सकता। अन्य शब्दों में राष्ट्रीय एकता का अर्थ अपने देश के प्रति वफादारी आदर व भक्ति की भावना रखना है।

राष्ट्रीय एकता से आप क्या समझते हैं और इसका महत्व क्या है?

राष्ट्रीय एकता का अर्थ है राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना जिसमें जाति, संप्रदाय, धर्म, भाषा, संस्कृति आदि के अंतर को भूल कर अपने को एक समझा जाए. राष्ट्रीय एकता एक राष्ट्र के निवासियों को एकता के सूत्र में आबद्ध करती है, उनमें एकता की भावना पैदा करती है.

राष्ट्रीय एकता की क्या आवश्यकता होती है?

राष्ट्रीय की शिक्षा के लाभ राजनीतिक एकता – राष्ट्रीयता की शिक्षा से राष्ट्र में राजनितिक एकता का विकास होता है। राजनीतिक एकता का विकास होता है। राजनीतिक एकता का अर्थ है – राष्ट्र में जातीयता, प्रान्तीयता तथा समाज के वर्ग भेदों से ऊपर उठाकर राष्ट्र के विभिन्न प्रान्तों, समाजिक इकाईयों तथा जातियों में एकता का होना।

राष्ट्रीय एकता का क्या अर्थ है भारत में राष्ट्रीय एकता की आवश्यकता एवं महत्व पर प्रकाश डालिए?

राष्ट्रीय एकता का अर्थ एकता का साधारण अर्थ होता है मिल-जूल कर कार्य करना। राष्ट्रीय एकता एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया व एक भावना है जो किसी राष्ट्र अथवा देश के लोगों में भाई-चारा अथवा राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं अपनत्व का भाव प्रदर्शित करती है। एकता का महत्व मनुष्य को तभी पता चलता है जब वो बिलकुल आदिम अवस्था में होता है।

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