राजस्थान का कौन सा क्षेत्र प्रतिवर्ष सूखे का सम्मान करता है? - raajasthaan ka kaun sa kshetr prativarsh sookhe ka sammaan karata hai?

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  • श्री गंगानगर

    राजस्थान का अन्न भंडार

श्री गंगानगर

राजस्थान का अन्न भंडार

श्री गंगानगर पाकिस्तान सीमा पर पंजाब राज्य के बॉर्डर पर स्थित है। उत्तरी राजस्थान का यह लम्बा-चौड़ा शहर, सरसों, कपास, बाजरा, गन्ना, चना और कीनू (नारंगी जैसा फल) के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। किसी समय यह क्षेत्र सूखा बंजर था जिसे महाराजा गंगा सिंह के प्रयासों से चमन बना दिया गया। उन्होंने शहर में पंजाब और हिमाचल प्रदेश से अधिक पानी लाने के लिए गंग कैनाल का निर्माण करवाया। यहाँ के लोग अधिकतर खेती पर निर्भर करते हैं और कृषि उद्योग ही लोगों को आजीविका प्रदान करता है।

श्री गंगानगर में आने और तलाशने के लिए आकर्षण और जगहें

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श्री गंगानगर पधारे और इसके अनूठे आकर्षण और पर्यटन स्थलों का आनंद लें - राजस्थान में हमेशा कुछ अद्भुत देखने को मिलता है।

  • बरोर गाँव

    इस गाँव में प्रसिद्ध प्राचीन सिंधु घाटी की सभ्यता के अवशेष मिले हैं। यह गाँव अनूपगढ - रामसिंहपुर रोड पर स्थित है। उस समय के समृद्ध जीवन के सबूत-कलाकृतियाँ, कंकाल और खंडहर गाँव के आसपास के क्षेत्र में पाए गए हैं।

  • लैला मजनूं का मज़ार

    लैला मजनूं का मज़ार - अनूपगढ़ से 11 कि.मी. बिन्जौर गाँव में लैला मजनू का मज़ार यानी स्मारक स्थित है। एक किंवदंती के अनुसार लैला मजनू सिंध के थे यह ज़िला अब पाकिस्तान में है। लैला के माता पिता व भाई उसके प्रेम के खिलाफ थे, इसलिए उनसे बचने के लिए लैला-मजनू भाग कर यहा आकर बस गए तथा मृत्योपरांत दोनों को एक साथ यहाँ दफनाया गया था। यह मजार एक स्मारक बन गया है जो हमेशा अमर रहने वाले प्रेम का प्रतीक है। लोग इस मजार पर, इस प्रेमी युगल का आशीर्वाद पाने के लिए दूर-दूर से यहाँ आते हैं। प्रतिवर्ष यहाँ एक मेला आयोजित होता है जो मुख्यतः नवविवाहितों और युगलों को आकर्षित करता है।

  • अनूपगढ़ क़िला

    पाकिस्तान की सीमा के निकट अनूपगढ शहर में स्थित अनूपगढ़ किला वर्तमाान में खंडहर है। यद्यपि अपने सुनहरे दिनों में किला एक भव्य रूप में था जो कि भाटी राजपूतों को खाडी में रहने में मदद करता था। क़िले का निर्माण 1689 में अनूपगढ को मुगल संरक्षण में रखने हेतु मुगल राज्यपाल द्वारा किया गया था।

  • हिंदुमालकोट सीमा

    गंगानगर में स्थित हिंदुमालकोट सीमा भारत आौर पाकिस्तान को अलग करती है। बीकानेर के दीवान हिन्दुमल के सम्मान में नामित, और सीमा के पास स्थित यह पर्यटक आकर्षणों में से एक है। सीमा श्री गंगानगर से 25 किमी दूर स्थित है और यह प्रतिदिन 10.00 से 5.30 के बीच पर्यटकों के लिए खुली है।।

  • बुड्ढ़ा जोहड़ गुरूद्वारा

    इस ऐतिहासिक गुरूद्वारे का निर्माण, 1740 में घटी एक महत्वपूर्ण घटना के कारण किया गया जिसमें मस्सा रंगहर के अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अपवित्रीकरण का दोषी पाए जाने पर सुक्खा सिंह और मेहताब सिंह द्वारा न्याय किया गया था। गंगानगर के डाबला गांव में स्थित यह पूजा स्थल ऐतिहासिक चित्रों और स्मारकों का संग्रह भी है।

  • पदमपुर

    बीकानेर के शाही परिवार के राजकुमार पदम सिंह के नाम पर, इस नगर का नाम रखा गया था। गंगनहर के निर्माण के बाद, यहाँ की उपजाऊ मिट्टी में गेहूँ, बाजरा, गन्ना, दलहन, आदि की अच्छी फसलें होने पर, यह एक कृषि केन्द्र के रूप में माना जाता है। गंगानगर का कीनू (नारंगी जैसा फल) पूरे भारत में मश्हूर है तथा यहां भारी मात्रा में इसकी फसल होती है।

श्री गंगानगर के उत्सव और परम्पराओं के आनंद में सम्मिलित हों। राजस्थान में हर दिन एक उत्सव है।

श्री गंगानगर का पर्यटन और रोमांच आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं - राजस्थान में पर्यटन के लिए हमेशा कुछ नया है।

यहाँ कैसे पहुंचें

श्री गंगानगर के समीप देखने योग्य स्थल

  • शेखावाटी

    268 कि.मी.

  • बीकानेर

    241 कि.मी.

  • नागौर

    361 कि.मी.

राजस्थान का कौन सा क्षेत्र प्रति वर्ष सूखने का सामना करता है?

राजस्थान में विशेषकर पश्चिमी राजस्थान में , बार – बार अकाल ( सूखा ) पड़ता है । इसका कारण है वर्षा का सामयिक , अपर्याप्त , अनिश्चित , अनियमित होना । इसके कारण पशु – पक्षियों के लिये चारा , पानी , मनुष्यों के लिए अनाज व पेयजल की कमी की स्थिति हो जाती है जिसे अकाल कहा जाता है ।

राजस्थान में सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम कब शुरू हुआ?

सही उत्तर 1973-74 है। सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम एक केंद्रीय प्रायोजित कार्यक्रम के रूप में 1973-74 में एकीकृत क्षेत्र विकास कार्यक्रम के रूप में शुरू किया गया था।

राजस्थान में सूखा संभावित क्षेत्र कार्यक्रम कितने जिलों में चलाया जा रहा है?

वर्ष 1974-75 में प्रारम्भ सूखा संभावित कार्यक्रम में राज्य के 8 पूर्वी जिलों में शुरू किया गया। वर्तमान में यह कार्यक्रम जल ग्रहण के आधार पर राज्य के 11 जिलों में 32 खण्डों में चलाया जा रहा है। . इस कार्यक्रम का उददेश्य सूखा संभावित क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को सुधरना।

2002 2003 में राजस्थान में कितने जिले सूखे से प्रभावित थे?

2002-03 में, राजस्थान को सदी के सबसे भीषण सूखे का सामना करना पड़ा। यह राज्य में लगातार पांचवां सूखा वर्ष था और सभी 32 जिले इससे प्रभावित हैं।

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