राजस्थान भारत का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा राज्य है। इसकी राजधानी जयपुर है, जिसे गुलाबी नगरी के नाम से भी जाना जाता है। राज्य का क्षेत्रफल 3 42 239 वर्ग किमी है। राजस्थान का क्षेत्रफल वर्गमील में 1,32,139. हैं। जो भारत का 1/10वां भाग हैं। राजस्थान भारत में उत्तर-पश्चिम भाग में स्थित हैं।
जनसंख्या[संपादित करें]
कुल जनसंख्या 68548437 है। पुरुष 35550997 व महिला 32997440 हैं।[1]
भौगोलिक प्रदेश[संपादित करें]
राजस्थान के भोगोंलिक प्रदेशों का निर्धारण सर्वप्रथम प्रो वी.सी मिश्रा ने" राजस्थान का भूगोल"नामक पुस्तक में किया, जिसका प्रकाशन नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा १९६८ में किया गया सको भौगोलिक रूप से चार बड़े भागों में बाँटा गया है। 1.पश्चिम का थार मरुस्थल 2.अरावली पर्वतमाला 3.पूर्व का मैदान 4.दक्षिण पूर्व हाड़ौती का पठार[2]
1. उत्तरी-पश्चिमी मरुस्थलीय क्षेत्र (क)महान मरुभूमि/ शुष्क मरुस्थल क्षेत्र (a) बालुका स्तूप युक्त प्रदेश (b) बालुका स्तूप मुक्त प्रदेश (ख) अर्द्ध शुष्क मरुस्थल क्षेत्र (a) घग्घर का मैदान (b) शेखावाटी प्रदेश (c) नागौरी उच्च भूमि (d) लूनी बेसिन
2. मध्यवर्ती अरावली पर्वतीय प्रदेश (a) उत्तरी अरावली (b) मध्य अरावली (c) दक्षिणी अरावली
3. पूर्वी मैदानी प्रदेश (a) बाणगंगा बेसिन (b) चम्बल बेसिन (c) बनास बेसिन (d) माही बेसिन
4. दक्षिणी -पूर्वी पठारी क्षेत्र (a) लावा का पठार (b) विध्यन कगार भूमि
भौगोलिक स्थिति[संपादित करें]
भारत के उत्तरी पश्चिम भाग में स्थित है। कर्क रेखा इसके दक्षिणी भाग में बांसवाडा के मध्य और डुंगरपुर जिले को स्पर्श करती हुई गुजर रही है। इस की कुल लम्बाई बांसवाङा में 26 किमी तथा डुंगरपुर में 8 किमी ह इसका विस्तार 23°03' उत्तरी अक्षांश से 30°12' उत्तरी अक्षांश अक्षांशिय विस्तार 7°9 है) तक कुल लंबाई 826 कि॰मी॰ व राजस्थान 69°30' पूर्वी देशांतर से 78°17' पूर्वी देशांतर के मध्य स्थित है ( देशांतरिय विस्तार 8°47) कुल चौड़ाई 869 कि॰मी॰ का है।
जलवायु[संपादित करें]
राजस्थान की जलवायु उष्ण है। गर्मियों में तापमान 25 से 46 डिग्री सेंटीग्रेड रहता है। सर्दियों में यह 8 से 28 के मध्य रहता है।[3][4]
सम्भाग व जिले[संपादित करें]
राजस्थान में 7 सम्भाग व 33 जिले हैं। राजस्थान के संभाग व जिलों के नाम:-
1.जयपुर संभाग- जयपुर, दौसा, सीकर, अलवर, झुंझुनू
2.जोधपुर संभाग- जोधपुर, जालौर, पाली, बाड़मेर, सिरोही, जैसलमेर
3.भरतपुर संभाग- भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाईमाधोपुर
4.अजमेर संभाग- अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, नागौर
5.कोटा संभाग- कोटा, बुंदी, बांरा, झालावाड़
6.बीकानेर संभाग- बीकानेर, गंगानगर, हनुमानगढ़, चुरू
7.उदयपुर संभाग - उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, राजसमंद, चितौड़गढ़
सन्दर्भ[संपादित करें]
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 फ़रवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2020.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 4 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2020.
- ↑ "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 फ़रवरी 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2020.
- ↑ Pardesh, Aapno. "राजस्थान की जलवायु" (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2020-05-23.
राजस्थान के भौगोलिक प्रदेश
राजस्थान के भौगोलिक प्रदेश से तात्पर्य उन विशिष्ट क्षेत्रों से हैं जिनका निर्धारण भौगोलिक तत्वों के आधार पर किया जाता है। ये वे प्रदेश होते हैं, जिनमें उच्चावच, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, मृदा में पर्याप्त एकरूपता दृष्टिगत होती है।
राजस्थान एक विशाल राज्य है अत यहाँ धरातलीय विविधताओं का होना स्वाभाविक है। राज्य में पर्वतीय क्षेत्र, पठारी प्रदेश एवं मैदानी और मरुस्थली प्रदेशों का विस्तार है अर्थात यहाँ उच्चावच सम्बन्धी विविधतायें है।
राजस्थान के भौगोलिक प्रदेशों के वर्गीकरण की पृष्ठभूमि:
- राजस्थान के भौगोलिक प्रदेशों का निर्धारण सर्वप्रथम प्रो. वी.सी.मिश्रा ने ‘राजस्थान का भूगोल’ पुस्तक में किया जिसका प्रकाशन ‘नेशनल बुक ट्रस्ट’ द्वारा 1968 में किया गया। उन्होंने राजस्थान को सात भौगोलिक प्रदेशों में विभक्त किया – पश्चिमी शुष्क प्रदेश, अर्द्ध-शुष्क प्रदेश, नहरी क्षेत्र, अरावली प्रदेश, पूर्वी कृषि – औद्योगिक प्रदेश, दक्षिणी पूर्वी कृषि प्रदेश, चम्बल बीहड़ प्रदेश |
- इसी प्रकार प्रो.राम लोचन सिंह ने 1971 में भारत का प्रादेशीकरण करते हुए राजस्थान को दो वृहत प्रदेशों यथा राजस्थान और राजस्थान पठार में विभक्त कर इनके चार उप–प्रदेश और 12 लघु प्रदेशों में विभक्त कर उनका विवरण प्रस्तुत किया।
- प्रो. तिवारी और सक्सेना ने ‘राजस्थान का प्रादेशिक भूगोल’ पुस्तक में 1994 में प्रस्तुत किया। इसमें राजस्थान के धरातल, जलवायु, नदी-बेसिन आदि को आधार बनाकर उन्हें प्रशासनिक सीमाओं के साथ समन्वित कर राजस्थान के प्रमुख, गौण, तृतीयक एवं सूक्ष्म प्रदेशों का निर्धारण किया|
राजस्थान के भौगोलिक प्रदेश:
सामान्यतया राजस्थान को चार भौगोलिक प्रदेशों में विभक्त किया जाता है जो निम्नलिखित है |
- पश्चिमी मरूस्थलीय प्रदेश
- अरावली पर्वतीय प्रदेश
- पूर्वी मैदानी प्रदेश
- दक्षिणी-पूर्वी पठारी प्रदेश (हाड़ौती प्रदेश)
1. पश्चिमी मरूस्थलीय प्रदेश
सामान्य ढाल पूर्व से पश्चिम तथा उत्तर से दक्षिण की और रेतीले शुष्क मैदान एवं अर्द्धशुष्क मैदान को विभाजित करने बाली रेखा 25 सेमी. वर्षा रेखा है। जिसके आधार पर दो भागों ( और उनके 6 क्षेत्रों ) में विभक्त हैं|
- पश्चिम विशाल मरूस्थल या रेतीला शुष्क मैदान
- बालूका स्तूप युक्त मरूस्थलीय प्रदेश
बालुका स्तूप मुक्त क्षेत्र
- बालूका स्तूप युक्त मरूस्थलीय प्रदेश
- राजस्थान बांगर (बांगड) या अर्द्ध शुष्क मैदान
- घग्घर का मैदान
- शेखावाटी प्रदेश
- नागौरी उच्च भूमि
- लूनी- जवाई बेसीन
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2. अरावली पर्वतीय प्रदेश
अरावली प्रदेश को निम्नांकित चार प्रमुख भागों में विभाजित किया जा सकता है:
- उत्तरी पूर्वी अरावली प्रदेश
- मध्य अरावली
- दक्षिण अरावली
- आबू पर्वत खण्ड
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3. पूर्वी मैदानी प्रदेश
मैदानी प्रदेश को निम्नांकित चार प्रमुख भागों में विभाजित किया जा सकता है:
- चम्बल बेसिन
- बनास बेसिन
- छप्पन मैदान (मध्य माही बेसिन )
- बाणगंगा बेसिन
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4. दक्षिणी-पूर्वी पठारी प्रदेश (हाड़ौती प्रदेश)
दक्षिणी-पूर्वी पठारी प्रदेश को निम्नांकित चार प्रमुख भागों में विभाजित किया जा सकता है:
- विन्ध्यन कगार भूमि
- दक्कन लावा पठार
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