भगवान विष्णु ने उन्हें वरदान देते हुए कहा कि त्रेतायुग में आप दोनों अयोध्या के महाराजा और महारानी बनेंगे। आपदोंनो के पुत्र के रूप में रामचंद्र मेरा सातवां अवतार होगा। इसी वरदान को पूरा करने के लिए भगवान राम दशरथ और कौशल्या के पुत्र के रूप में जन्म लिए। राजा दशरथ ही कृष्ण अवतार के समय वासुदेव और कौशल्या देवकी बने थे। कैकेयी ने राम से कहा था कि तुम मेरे मैं तुम्हें अगले जन्म में पुत्र रूप में प्राप्त करूं, इसलिए कैकेयी यशोदा बनीं और उन्हें भी कृष्ण की माता बनने का सौभाग्य मिला।
युवाओं
के सम्राट हैं पीएम मोदी
भास्कर न्यूज| जमालपुर
शहर के मध्य विद्यालय बड़ी आशिकपुर में मंगलवार को भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता युवा मोर्चा नगर अध्यक्ष सूरज कुमार ने की। बैठक में पार्टी में अधिक से अधिक युवाओं को पार्टी से जोड़ने सहित अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नगर अध्यक्ष ने कहा कि लोकसभा चुनाव में एकजुट होकर कार्य करने की जरूरत है। इसके लिए अभी से बूथ स्तर पर कार्य में जुट जाना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के लिए साढे़ चार वर्षों में जो कार्य देश हित में कर दिया वह कांग्रेस के शासन काल में नहीं हो सका था। मोदी सरकार ने गरीब व नि:सहाय तथा बेरोजगार युवकों के रोजगार के लिए कई कदम उठाए है।
जिनका लाभ आज के बेरोजगार युवक लाभ ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी युवाओं के सम्राट हैं। युवा वर्ग प्रधानमंत्री को अपना फैन मानते है। यहीं कारण है कि आज देश के युवा वर्ग के बीच काफी लोकप्रिय हो गए हैं। इस अवसर पर महामंत्री प्रभाकर सिंह, श्याम रंजन, कर्मवीर सिंह मौजूद थे।
सीडब्ल्यूई ने रेल कारखाना का किया
निरीक्षण
जमालपुर | पूर्व रेलवे के मुख्य कार्मिक अभियंता सीडब्ल्यूई एसआर घोषाल ने मंगलवार को रेल इंजन कारखाना जमालपुर का निरीक्षण किया। सीडब्ल्यूई ने कारखाना के विभिन्न विभागों एवं शॉप में चल रहे कार्यों का निरीक्षण एवं अवलोकन किया। सीडब्ल्यूई के कारखाना निरीक्षण कार्यक्रम को लेकर रेल कारखाना प्रबंधन द्वारा कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई और ना ही मीडिया कर्मियों को कार्यक्रम की कवरेज की अनुमति दी गई।
प्रवचन करते अनुराग कृष्ण जी महाराज।
मनाई गई स्वामी विवेकानंद जी की जयंती
भास्कर
न्यूज| जमालपुर
रेलवे मुख्य अस्पताल परिसर स्थित मेट्रोन मीता मुखर्जी के आवास पर स्वामी विवेकानंद जी की 156वीं जयंती समारोहपूर्वक मनाई गई। कार्यक्रम की मेंस कोंग्रेस जमालपुर वर्क शॉप की ओर से अध्यक्षता मीता मुखर्जी एवं सीओबी एके मंडल ने संयुक्त रूप से की। कार्यक्रम का संचालन कर रहे भोलानाथ बोस ने स्वामी विवेकानंद जी महाराज की जीवनी पर संक्षिप्त रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी के गुरु रामकृष्ण परमहंस जी ने अपनी प|ी शारदा देवी को अपनी माँ के रूप में पूजा किया। स्वामी विवेकानंद जी ने अपने कर्मों एवं मानव सेवा भाव के माध्यम से आम जनों को संदेश दिया कि इस धरा पर दरिद्र की सेवा ही परम् धर्म है। स्वामी जी के विचार जीव गणों की शिव सेवा मात्र था। और वे शिकागो में आयोजिय विश्व सम्मेलन में भाषण देते हुए जब कहा कि मेरे प्यारे अमेरिका के भाइयों व बहनों, इतना सुनते ही उस सम्मेलन में लगभग 10 मिनट तक तालियां बजती रहीं। मिता मुखर्जी ने कहा कि स्वामी विवेकानंदजी आधुनिक भारत के एक महान चिंतकव आदर्श व्यक्तित्व के धनी थे। जन जागरण, मानव सेवा एवं भक्ति के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए कार्यों के आधार पर उन्हें भारतीय नवजागरण का अग्रदूत भी कहा जाता है। मौके पर सचिव सरगुन यादव, राजकुमार सिंह, राजपति यादव, राधा कृष्ण दास, परसुराम सिंह आदि थे।
20 महिलाओं को उज्जवला योजना का गैस कनेक्शन मिला
महिला को गैस कनेक्शन देते अतिथि।
धरहरा| प्रखंड के धरहरा दक्षिणी पंचायत में मंगलवार को शिविर लगाकर उज्जवला योजना के तहत 20 गरीब महिलाओं के बीच गैस चूल्हा का वितरण किया गया। मुख्य अतिथि धरहरा दक्षिणी पंचायत के मुखिया अजय कुमार सिंह ने गैस चूल्हा का वितरण किया। मौके पर नयन गैस एजेंसी के प्रोपराइटर नवीन कुमार ने लाभार्थियों को गैस जलाने एवं गैस सुरक्षा की जानकारी दी। मौके पर बंटी कुमार, किशोर, संजीत सहित दर्जनों लाभार्थी उपस्थित थे।
विषयसूची
दशरथ का नाम दशरथ क्यों पड़ा?
इसे सुनेंरोकेंअज के पुत्र दशरथ हुये । राजा दशरथ वेदों और पुराणों के मर्मज्ञ, धर्मप्राण, दयालु, रणकुशल, और प्रजा पालक थे। उनके राज्य में प्रजा कष्टरहित, सत्यनिष्ठ एवं ईश्वर भक्त थी। दशरथ को अपना यह नाम इसलिए मिला था क्योंकि वह सभी दसों दिशाओं में रथ चला सकते थे।
भरत जी पूर्व जन्म में कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंअर्थात यह स्पष्ट है कि मांडवी व भरत के संयोग से भगवान के प्रेम का जन्म हुआ है। जहां तक वंदना की बात है तो तुलसीदास ने स्पष्ट लिखा है कि पहले भरत, लक्ष्मण व शत्रुघ्न फिर राम की वंदना होती है। इसी प्रकार बहुओं में पहले मांणवी, उर्मिला, सुतीकृत की वंदना के बाद जानकी की वंदना की जाती है।
दशरथ का जन्म कैसे हुआ था?
इसे सुनेंरोकेंदशरथ का जन्म इक्ष्वाकु वंश के तेजस्वी राजा अज के यहाँ रानी इन्दुमती के गर्भ से हुआ था। कौशल प्रदेश, जिसकी स्थापना वैवस्वत मनु ने की थी, पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित था। सुन्दर एवं समृद्ध अयोध्या नगरी इस प्रदेश की राजधानी थी। राजा दशरथ वेदों के मर्मज्ञ, धर्मप्राण, दयालु, रणकुशल, और प्रजा पालक थे।
दशरथ का जन्म कब हुआ था?
अयोध्या
दशरथ/जन्म की तारीख और समय
भरत और शत्रुघ्न किसका अवतार है?
इसे सुनेंरोकेंजहा तक मुजे पता है भरत ओर शत्रुघन क्रमशः गरुड़ ओर सुदर्शन के अवतार थे जो श्री राम के साथ ही उनके अवतार कार्यो में सभी देवताओं के साथ सहायता हेतु अवतरित हुए थे।
दशरथ के पिता जी का क्या नाम था?
अजदशरथ / पिता
दशरथ जी का जन्म कैसे हुआ?
इसे सुनेंरोकेंमहाराज दशरथ का जन्म त्रेतायुग मे इक्ष्वाकु वंश के यशस्वी और पराकर्मी राजा अज के यहाँ रानी इन्दुमती के गर्भ से हुआ था। उस समय उस स्थान को कौशल प्रदेश के नाम से जाना जाता था जिसकी स्थापना वैवस्वत मनु ने की थी, और वो स्थान पवित्र सरयू नदी के तट पर स्थित था जिसे आज हम अयोध्या नगरी के नाम से जानते है।
राजा दशरथ की बहन का क्या नाम था?
इसे सुनेंरोकेंशांता का जिक्र रामायण में भी है. वह राजा दशरथ और कौशल्या की बेटी थीं जिन्हें वर्षिणी और उनके पति रोमपद ने गोद लिया था. शांता ऋषि श्रृंग की पत्नी थीं.
राजा दशरथ पिछले जन्म में कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंपुराणों के अनुसार राजा दशरथ पूर्व जन्म में स्वायम्भु मनु थे और कौशल्या इनकी पत्नी शतरूपा थी। इन्होंने भगवान विष्णु को पुत्र रूप में पाने के लिए घोर तपस्या की।
दशरथ के ससुर का क्या नाम था?
इसे सुनेंरोकेंरामायण में “दशरथ ससुर राम मोही साला, हमहिं पिता हरि पुत्र हमारा” का अर्थ जानें आचार्यश्री से – YouTube.
राम जी के दादा का क्या नाम था?
इसे सुनेंरोकेंभगवान राम के दादा का नाम अज था । दशरथ सुत राजा अज के नाती ।
दशरथ का असली नाम क्या था?
इसे सुनेंरोकेंमहाराजा दशरथ का असली नाम ‘मनु’ था। महाराज दशरथ जो कि इच्छवाकु वंश के एक प्रतापी राजा थे, जिन्होने इक्ष्वाकु वंश में राजा अज और इन्दुमती के पुत्र के रूप में जन्म लिया उनका असली नाम मनु था। जब वह मनु थे तो उन्होंने अपनी पत्नी शतरूपा के साथ घोर तपस्या करके भगवान विष्णु को प्रसन्न किया।