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सुनयना रामायण की एक प्रमुख पात्र थीं। वे सीता और उर्मिला की माता और मिथिला के राजा जनक की पत्नी थीं। वे मूलत: नाग कन्या थीं। उनके पिता नागों के राजा शेषनाग थे और माता नागलक्ष्मी थीं।
जन्म[संपादित करें]
बैकुंठ में जब भगवान विष्णु क्षीर सागर छोड़कर आते थे तो माता लक्ष्मी शेषनाग को उनकी कलाई पर बांध देती थीं। एक दिन माता लक्ष्मी ने उनके हाथ पर शेषनाग को थोड़ा कसकर बांध दिया। इससे शेषनाग को बहुत पीड़ा हुई और उनके नेत्रों से दो अश्रु निकले। पहले अश्रु से सुनयना का जन्म हुआ और उनका विवाह राजा जनक से किया गया। दूसरे अश्रु से सुलोचना का जन्म हुआ और उसका विवाह देवराज इन्द्र से निश्चित किया गया। लेकिन सुलोचना ने जब सुना कि देवराज इन्द्र को असुरों के राजा रावण के पुत्र मेघनाद ने परास्त कर दिया है तो वे उसे ही मन ही मन अपना पति मान बैठी और उन्होंने मेघनाद से विवाह कर लिया। इससे शेषनाग बहुत क्रोधित हुए और अपनी पुत्री सुलोचना को श्राप दे दिया कि त्रेतायुग में उनके पति मेघनाद का वध उन्हीं के हाथों होगा। इसी श्राप के फलस्वरूप मेघनाद लक्ष्मण रूपी शेषनाग द्वारा मारा गया।
विषयसूची
सुनैना किसकी बेटी थी?
इसे सुनेंरोकेंसुनयना रामायण की एक प्रमुख पात्रा हैं। वे मिथिला के राजा जनक की पत्नी तथा सीता और उर्मिला की माता थीं।
राजा जनक की पत्नी सुनैना के माता पिता कौन थे?
इसे सुनेंरोकेंउनके पिता का नाम ह्रस्वरोमा था जिनकी दो संताने थी, एक सीरध्वज व दूसरी कुशध्वज। कुशध्वज राजा जनक के छोटे भाई थे। जनक की पत्नी का नाम सुनैना (Raja Janak Ki Patni Ka Naam) था जिनसे उन्हें एक पुत्री उर्मिला (Raja Janak Ki Betiyon Ke Naam) प्राप्त हुई। माता सीता उन्हें भूमि से प्राप्त हुई थी जिसे उन दोनों ने गोद ले लिया था।
रानी सुनैना के भाई का क्या नाम था?
इसे सुनेंरोकेंइनके छोटे भाई का नाम ‘कुशध्वज’ था।
लक्ष्मण की बहन सीता जी कैसे हुई?
इसे सुनेंरोकेंचूँकि देवी सीता भी धरती से उत्पन्न हुई हैं और शेषनाग को भी धरती को धारण करने वाला कहा गया है। सीता और लक्ष्मण दोनों के जन्म का सम्बंध धरती के गर्भ से ही है अतः उन्हें भाई बहन की संज्ञा दी गई है। शूपर्णखा सिर्फ सेक्स चाहती थी इसलिए राम ने मना किया तो तुरंत लक्ष्मण के पास पहुंच गई ।
सुलोचना लक्ष्मण की बेटी कैसे हुई?
इसे सुनेंरोकेंशूर्पणखा का नाक लक्ष्मण द्वारा काटा गया जिससे उसके भाई रावण ने भगवान राम की पत्नी सीता का हरण कर लिया। इसी दौरान लक्ष्मण द्वारा रावण पुत्र मेघनाद का वध हो गया। वध के पश्चात मेघनाद का हाथ सुलोचना के समक्ष आकर गिरा।
उर्मिला किसकी अवतार थी?
इसे सुनेंरोकेंश्रीराम भगवान विष्णु के अवतार थे तो लक्ष्मण जी ‘शेषनाग’ के अवतार थे। लक्ष्मण जी की पत्नी का नाम ‘उर्मिला’ था। उनके दो पुत्र थे एक पुत्री थी उनका नाम था ‘अंगद’ और ‘चंद्रकेतु’ और पुत्री का नाम था ‘सोमदा’।
राम की कितनी बहने थी?
इसे सुनेंरोकेंसबको पता है कि भगवान राम के 3 भाई थे, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न लेकिन बहुत कम लोग जानते होंगे कि भगवान राम की एक बहन भी थी जिनका नाम शांता था. रामायण में भी शांता का बहुत कम जिक्र है. शांता इन चारों भाइयों की बड़ी बहन थीं.
रावण ने सीता को क्यों नहीं छुआ?
इसे सुनेंरोकेंरावण ने सीता जी को उनकी आज्ञा से इसलिए स्पर्श नहीं किया कि रावण को नलकुबेर ने शाप दिया था। रावण जानता था। यदि वह सीता गलत नियत से स्पर्श करेगा तो उसके सिर के सौ टुकड़े हो जाएंगे। त्रेतायुग में विश्वविजेता की उपाधि धारण करने वाला रावण किसी भी स्त्री को उसकी आज्ञा के बिना स्पर्श नहीं कर सकता था।
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Updated: | Sun, 15 May 2016 05:00 AM (IST)
मिथिला के राजा जनक माता सीता के पिता और सुनयना, सीताजी की मां थीं। सुनयना अत्यंत सरल, साध्वी, धर्म परायण, विनयी एवं उदार थीं। इनके ह्दय में जीव मात्र के के प्रति अटूट दया थी।
वहीं, जनक मिथिला के राजा और निमि के पुत्र थे। जनक का वास्तविक नाम 'सिरध्वज' था। इनके छोटे भाई का नाम 'कुशध्वज' था। त्रेतायुग में राजा जनक अपने अध्यात्म तथा तत्त्वज्ञान के लिए बहुत ही प्रसिद्ध थे। उनकी विद्वता की हर कोई प्रशंसा करता था।
जनक के पूर्वज निमि या विदेह के वंश का कुलनाम मानते हैं। यह सूर्यवंशी और इक्ष्वाकु के पुत्र निमि से निकली एक शाखा है। इस विदेह वंश के द्वितीय पुरुष मिथि जनक ने मिथिला नगरी की स्थापना की थी। इतिहासकार जनक को कृषि विशेषज्ञ के रूप में स्वीकार करते हैं।
शिव की धरोहर के रक्षक थे जनक
शिव-धनुष ( पिनाक)उन्हीं की धरोहरस्वरूप राजा जनक के पास सुरक्षित था। हिंदू पौराणिक ग्रंथों में उल्लेख मिलता है कि प्रजापति दक्ष ने यज्ञ विनष्ट होने के अवसर पर रुष्टमना शिव ने इसी धनुष को टंकार कर कहा था कि देवताओं ने उन्हें यज्ञ में भाग नहीं दिया, इसलिए वे धनुष से सबका मस्तक काट लेंगे। देवताओं ने बहुत स्तुति की तो भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर यह धनुष उन्हीं देवताओं को दे दिया। देवताओं ने राजा जनक के पूर्वजों के पास वह धनुष धरोहरस्वरूप रखा था।
पढ़ें : तो यह थे भगवान श्री राम की पत्नी सीता के पिता
हिंदू शास्त्रों में यह प्राचीन कहानी सीता के संबंध में मिलती है। सवाल फिर भी आज रहस्य बना हुआ है कि सीता आखिर किसकी पुत्री थीं। गत्समद ऋर्षि की, मंदोदरी की या फिर राजा जनक की?
Posted By: Amit
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