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रोगी की अवस्था के सुधार में ग्लूकोज का क्या योगदान है?
इसे सुनेंरोकेंन्यूयॉर्क: आमतौर पर किसी व्यक्ति को मधुमेह हो जाने पर उसकी उम्र कम होना तय मान लिया जाता है, लेकिन पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने बताया कि अगर टाइप 1 मधुमेह का पता चलने के बाद शुरुआत में ही रक्त में ग्लूकोज की मात्रा को नियंत्रित कर लिया जाए, तो रोगी अपेक्षाकृत लंबी जिंदगी जी सकते हैं।
रोगी के आहार में ग्लूकोज का क्या महत्व है?
इसे सुनेंरोकेंरोगी के आहार में ग्लूकोज का क्या महत्त्व है? खाने के बाद कार्बोहाइड्रेट का पाचन होकर ग्लूकोज बनता है। इसी से हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है। बीमार व्यक्तियों को जल्दी से ऊर्जा मिले इसलिए उनके नश में ग्लूकोज चढ़ाया जाता है, जिसमें नमक भी मिला रहता है।
शरीर में ग्लूकोस की कमी को कैसे पूरा करें?
इसे सुनेंरोकेंब्लड शुगर कम होने पर बहुत पसीना आना- जब आपका ब्लड शुगर बहुत कम हो जाता है तो आपका शरीर इसे बढ़ाने के लिए एक तरीके का हार्मोन निकालता है. इससे बहुत ज्यादा पसीना आता है. एक्सरसाइज और सही खानपान से इसे कंट्रोल किया जा सकता है.
ग्लूकोज क्या काम आता है?
इसे सुनेंरोकेंखून में प्रमुख प्रकार के शुगर को ग्लूकोज कहते हैं और यह शरीर की कोशिकाओं के लिए एनर्जी मुख्य स्रोत होता है। हम जो भी खाते और पीते हैं, उससे ग्लूकोज शरीर को ग्लूकोज मिलता है। रक्त वाहिकाओं के जरिए ग्लूकोज कोशिकाओं तक पहुंचता है। इंसुलिन जैसे कई हार्मोंस खून में ग्लूकोज को कंट्रोल करते हैं।
खिलाड़ियों को ग्लूकोज पेय क्यों दिया जाता है?
इसे सुनेंरोकें➲ खिलाड़ियों को ग्लूकोज इसलिए दिया जाता है, क्योंकि यह ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत होता है। खिलाड़ी को अपने शरीर में उर्जा बरकरार के लिए सरल और उच्च कार्बोहाइड्रेट युक्त आहार की आवश्यकता होती है। कार्बोहाइड्रेट को शरीर जल्दी से अवशोषित कर उसे ऊर्जा में परिवर्तित कर लेता है, इससे खिलाड़ी को शीघ्र से शीघ्र ऊर्जा मिल जाती है।
सबसे अच्छा ग्लूकोज कौन सा होता है?
इसे सुनेंरोकेंथकान के कारण खो गई ऊर्जा की त्वरित वसूली में मदद करने के अलावा, Dabur ग्लूकोज आवश्यक पोषक तत्व भी प्रदान करता है जो गर्मी की गर्मी के कारण थकान और थकान से लड़ने के लिए आपको ताज़ा और सक्रिय करता है. बढ़ते बच्चों और खिलाड़ियों के लिए बेहद अच्छा, Dabur ग्लूकोज बच्चों के सर्वांगीण विकास में भी मदद करता है.
ग्लूकोस की कमी से शरीर में क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंब्लड शुगर कम होने पर बेहोशी छाना- दिमाग की कोशिकाओं को सही ढंग से चलाने के लिए ग्लूकोज की जरूरत होती है. ग्लूकोज की कमी से आपको थकान, कमजोरी और बेहोशी जैसा महसूस हो सकता है. ब्लड शुगर कम होने से सिर में दर्द भी होने लगता है.
मरीज को ग्लूकोज क्यों चढ़ाते हैं?
इसे सुनेंरोकेंहरवेंद्र सिंह ने बताया कि अपंजीकृत चिकित्सक उन मरीजों को भी ग्लूकोज की बोतल चढ़ा रहे हैं जो मुंह से भोजन ले सकते हैं। अगर मरीज के फेफड़ों में पहले से कोई संक्रमण है तो अनावश्यक तौर पर ग्लूकोज चढ़ाए जाने से कई बार फेफड़ों में दिल के करीब तक पानी पहुंच जाता है।
माल्टोज का सूत्र क्या होता है?
C12H22O11माल्टोज़ / सूत्र
ग्लूकोज अन्य शर्कराओं की अपेक्षा अधिक घुलनशील होती है तथा एन्जाइम क्रिया के बिना ही अवशोषित होकर रक्त प्रवाह में पहुँच जाती है। अत: ग्लूकोज तुरन्त ऊर्जा प्रदान करती है। इस प्रकार ग्लूकोज लेने पर रोगी दुर्बलता से शीघ्र मुक्त होने का अनुभव करता है। हमारे शरीर में ग्लूकोज शर्करा ग्लाइकोजन के रूप में संचित रहती है तथा आवश्यकतानुसार ग्लाइकोजन ग्लूकोज में परिवर्तित होकर रुधिर प्रवाह में मिलती रहती है। रुग्णावस्था में ग्लाइकोजने के संचय में कमी आ जाती है, जिसकी पूर्ति करने के लिए रोगी को ग्लूकोज देना आवश्यक हो जाता है।
ग्लूकोज के संतुलन की योजनाबद्ध प्रतिनिधित्व।
ग्लूकोज़ (Glucose) या द्राक्ष शर्करा (द्राक्षधु) सबसे सरल कार्बोहाइड्रेट है। यह जल में घुलनशील होता है तथा इसका रासायनिक सूत्र C6H12O6 है। यह स्वाद में मीठा होता है तथा सजीवों की कोशिकाओं के लिए ऊर्जा का सर्व प्रमुख स्रोत है। यह पौधों के फलों जैसे काजू, अंगूर व अन्य फलों में, जड़ों जैसे चुकुन्दर की जड़ों में, तनों में जैसे ईख के रूप में सामान्य रूप से संग्रहित भोज्य पदार्थों के रूप में पायी जाती है।
ग्लूकोज़ प्रमुख आहार औषध है। इससे देह में उष्णता और शक्ति उत्पन्न होती है। मिठाइयों और सुराओं के निर्माण में भी यह व्यवहृत होता है। ग्लाइकोजन के रूप में यह यकृत और पेशियों में संचित रहता है। इसका अणुसूत्र (C6 H12 O6) और आकृतिसूत्र है:
(CH2 OH. CHOH. CHOH. CHOH. CHOH. CHO)
ग्लूकोज़ (Glucose) को द्राक्षा, शर्करा और डेक्सट्रोज भी कहते हैं। यह अंगूर और अंजीर सदृश मीठे फलों, कुछ वनस्पतियों और मधु में पाया जाता है। अल्प मात्रा में यह रक्त और मूत्र (विशेषत: मधुमेह-रोगी के मूत्र) सदृश जांतव उत्पादों, लसीका (lymph) और प्रमस्तिष्क मेरुतरल (cerebrospinal fluid) में भी पाया जाता है। स्टार्च, सेलुलोज, सेलोबायोस और माल्टोज़ सदृश कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज़ से ही बने हैं। चीनी और दुग्धशर्करा जैसी कुछ शर्कराओं में अन्य शर्कराओं के साथ यह संयुक्त पाया जाता है। प्राकृतिक ग्लूकोसाइडों का यह आवश्यक अवयव है।
तनु सलफ्यूरिक अम्ल द्वारा स्टार्च के जलविश्लेषण से बड़ी मात्रा में ग्लूकोज़ तैयार किया जाता है। अल्प मात्रा में प्रयोगशालाओं में चीनी से यह तैयार हो सकता है। कृत्रिम रीति से भी इसका संश्लेषण हुआ है।
गुणधर्म[संपादित करें]
ग्लूकोज़ ऐल्फा और बीटा रूपों में पाया जाता है। सामान्य ग्लूकोज़ अम्ल दशा में 146.5 डिग्री सें. पर और जलयोजित रूप में 86 डिग्री सें. पर पिघलता है। यह दक्षिणवर्ती होता है। तुरंत के तैयार विलयन का विशिष्ट घूर्णन (a) क़् उ अ 109.6 डिग्री हेत है, पर धीरे-धीरे घूर्णन कम होकर अ 52.5 पर स्थायी हो जाता है। ऐल्फा-ग्लूकोज़ का विशिष्ट घूर्णन अ 109.6 डिग्री और बीटा का अ 17.5 डिग्री है। सामान्य ताप पर ऐसीटिक अम्ल के मणिभीकरण से ऐल्फा रूप और पिरिडिन के विलियन के मणिभीकरण से बीटा रूप प्राप्त होता है। वामवर्ती ग्लूकोज़ भी प्राप्त हुआ है। यीस्ट से ग्लूकोज़ का किण्वन सरलता से होता है।