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पदार्थ की अवस्थायें।
पदार्थ की अवस्थायें (States of matter) वह विशिष्ट रूप हैं, जो कोई पदार्थ धारण या ग्रहण कर सकता है। ऐतिहासिक संदर्भ मे, इन अवस्थाओं का अंतर पदार्थ के समग्र गुणों के आधार पर किया जाता था। ठोस वह अवस्था है जिसमें पदार्थ एक निश्चित आकार और आयतन ग्रहण करता है, द्रव अवस्था में पदार्थ का आयतन तो निश्चित होता है पर आकार यह उस पात्र का ग्रहण करता है जिसमे इसे रखा जाता है, गैस के मामले में ना तो कोई निश्चित आकार ना ही कोई निश्चित आयतन होता है और पदार्थ फैल कर उपलब्ध आयतन को ग्रहण कर लेता है।
"लेकिन अब पदार्थ की दो अवस्थाएं और खोजी गई है वह हैं प्लाज्मा और बोस आइंस्टाइन संघनन ।"
अवस्थायें[संपादित करें]
- ठोस
- तरल
- वाष्प
- प्लाज़्मा
- बोस-आइंस्टाइन संघनन
निम्न तापमान
- बोस-आइंस्टीन कंडन्सेट
- फर्मियोनिक कंडन्सेट
- अतिद्रव
- अतिठोस
उच्च ऊर्जा
- डीजेनेरेट पदार्थ
- क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा
- स्ट्रेन्ज पदार्थ
- सुपरक्रिटिकल द्रव
अन्य
- कोलॉयड
इन्हें भी देखें[संपादित करें]
- प्रावस्था (Phase)
- प्रावस्था संक्रमण (Phase transition)
- पदार्थ
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बोस-आइंस्टीन कंडन्सेट · फर्मियोनिक कंडन्सेट · अतिद्रव · अतिठोस | ||||
डीजेनेरेट पदार्थ · क्वार्क-ग्लूऑन प्लाज्मा · स्ट्रेन्ज पदार्थ · सुपरक्रिटिकल द्रव | ||||
कोलॉयड | ||||
क्वथनांक · त्रिक बिन्दु · संकट बिंदु · अवस्था का समीकरण · शीतलन वक्र · गलनांक · प्रावस्था संक्रमण | ||||
पदार्थ के अवस्थाओं की सूची |
द्रव्य क्या है
अगर आसान शब्दों में कहें, तो कोई भी ऐसी वस्तु जो स्थान घेरती है तथा जिसमें भार होता है द्रव्य (matter in Hindi) कहलाती है।
जैसे – मेज, कुर्सी, पेन, किताब, हवा, पत्थर, वृक्ष, मिट्टी, जल आदि सभी द्रव्य के उदाहरण हैं। क्योंकि इनमें भार होता है एवं यह स्थान घेलते हैं।
द्रव्य का वर्गीकरण
द्रव्य के बारे में आपने कक्षा 9 में भी पढ़ा होगा। स्थूल तथा बड़े स्तर पर द्रव्य को मिश्रण एवं शुद्ध पदार्थों में वर्गीकृत किया जा सकता है। द्रव्य के वर्गीकरण को हमने एक चार्ट में दर्शाया है।
द्रव्य की अवस्थाएं
द्रव्य पदार्थ की तीन भौतिक अवस्थाएं होती हैं। ठोस, द्रव और गैस।
द्रव्य की ठोस अवस्था में ठोसों का आयतन व आकार निश्चित होता है। तथा इनके कण एक दूसरे के पास-पास होते हैं। अर्थात् कणों के बीच रिक्त स्थान बहुत कम होता है।
द्रव्य की द्रव अवस्था में द्रव का आयतन तो निश्चित होता है लेकिन उनका आकार
निश्चित नहीं होता है। इन्हें जिस पात्र में डाला जाता है यह उसी का रुप ले लेते हैं। द्रव के कण एक दूसरे से कुछ दूरी पर होते हैं।
द्रव्य की गैस अवस्था में गैस का न तो आयतन निश्चित होता है और न ही आकार निश्चित होता है। इनके अणु एक दूसरे से बहुत दूरी पर होते हैं।
Note – परीक्षाओं में ठोस, द्रव और गैस से संबंधित कुछ एक प्रश्न बहुत महत्वपूर्ण है।कि इन तीनों में अंतर्गत तुलना कीजिए?
ठोस, द्रव और गैस में अंतर
क्र.सं. | ठोस | द्रव | गैस |
1 | इनका आयतन और आकार निश्चित होता है। | इनका आयतन निश्चित होता है आकार अनिश्चित होता है। | इनका न तो आयतन और न ही आकार निश्चित होता है। |
2 | इनमें बहने का गुण नहीं पाया जाता है। | यह ऊपर से नीचे की ओर बहते हैं। | यह चारों दिशाओं में बहती हैं। |
3 | इनके कणों के बीच रिक्त स्थान बहुत कम होता है। | इनके कणों के बीच रिक्त स्थान ठोस की अपेक्षा कुछ ज्यादा होता है। | इनके कणों के बीच रिक्त स्थान बहुत अधिक होता है। |
4 | ठोस का घनत्व अत्यधिक होता है। | द्रव का घनत्व ठोस से कम परंतु गैस से अधिक होता है। | गैस का घनत्व ठोस और द्रव दोनों से कम होता है। |
5 | पत्थर, लोहा, तांबा, लकड़ी, मोम, बर्फ तथा कोयला आदि ठोस के उदाहरण हैं। | पानी, ग्लिसरीन, दूध, पेट्रोल, डीजल, ब्रोमीन आदि द्रव के उदाहरण हैं। | वायु, हाइड्रोजन, हीलियम, LPG, ऑक्सीजन, नाइट्रोजन आदि गैस के उदाहरण हैं। |
द्रव्य की अवस्था परिवर्तन
द्रव्य की अवस्था परिवर्तन को उसके ताप में परिवर्तन करके परिवर्तित किया जा सकता है। अर्थात ठोस का द्रव तथा द्रव को गैस अवस्था में परिवर्तित किया जा सकता है। द्रव्य की अवस्था परिवर्तन विभिन्न
प्रकार से की जा सकती है।
1. गलन – इस विधि से ठोस को द्रव तथा गैस अवस्था में परिवर्तित किया जाता है।
2. वाष्पीकरण – इसमें द्रव को गैस अवस्था में परिवर्तित किया जाता है।
3. हिमीकरण – इसमें द्रव को ठोस अवस्था में परिवर्तित किया जाता है।
4. क्वथन – इस विधि द्वारा भी द्रव को गैस अवस्था में परिवर्तित किया जाता है।
द्रव्य की अवस्थाएं संबंधित प्रश्न उत्तर
Q.1 द्रव्य की कितनी अवस्था होती हैं?
Ans. तीन – ठोस, द्रव और गैस
Q.2 ठोस के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है?
Ans. बहुत कम