पेशाब का रंग क्या होना चाहिए? - peshaab ka rang kya hona chaahie?

हमारे शरीर के ऑर्गन या प्रक्रिया सही तरह से चल रही है या नहीं। इस बात का संकेत अक्सर हमारा शरीर देने लगता है। आपने अनुभव भी किया होगा कि बुखार होने से पहले ही आपको संकेत मिल जाते हैं। ऐसा ही कुछ संकेत देता है पेशाब का रंग। आपको बता दें कि यूरिन टेस्ट के जरिए कई बीमारियों और यूरिनरी ट्रैक्ट की दिक्कत का भी पता लगाने का काम आ सकता है।

इसके अलावा लीवर, किडनी और डायबिटीज जैसी बीमारी का पता लगाने के लिए भी यूरिन टेस्ट किए जाते हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो कभी ना कभी अपने जीवन काल में पैथोलॉजिकल यूरिन टेस्ट करा चुके हैं। इसमें यूरीन को अलग - अलग तरह से टेस्ट करके बीमारी का पता लगाया जाता है।

वहीं जर्मनी के Cologne में एक रिसर्च पेपर जारी किया गया। इसमें बताया गया है कि पेशाब के रंग, बदबू और और इसके बार - बार आने के आधार पर पता चलता है कि कोई गड़बड़ है या नहीं। ज्ञात हो कि यूरीन हमारी किडनी का के उप उत्पाद होता है।

​कौन-कौन से काम करती है किडनी

  1. वेस्ट मटेरियल को शरीर से बाहर निकालना
  2. भोजन और दवाओं से विषाक्त पदार्थों को हटाना
  3. शरीर के तरल पदार्थों में संतुलन बनाए रखना
  4. शरीर में ऐसे हार्मोन को रिलीज करना जो रक्तचाप को संतुलित करता है
  5. विटामिन डी का उत्पादन करना जिससे हड्डियां स्वस्थ और मजबूत रहें
  6. रेड ब्लड सेल्स के निर्माण को नियंत्रित रखना

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​पेशाब का बाहर निकलना क्यों जरूरी

पेशाब हमारे शरीर से न केवल विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। बल्कि शरीर में तरल पदार्थों को भी संतुलित करके रखता है। इसके अलावा यह चयापचय प्रक्रिया के दौरान पैदा होने वाले पदार्थों से भी पूरी तरह छुटकारा दिलाने का काम करता है। वहीं यूरिन टेस्ट के जरिए डायबिटीज, लीवर, और मेटाबॉलिज्म संबंधी रोग का भी पता लगाया जा सकता है।

एक व्यक्ति दिन भर में कितनी बार पेशाब करता है यह भी उसके स्वस्थ या अस्वस्थ होने के बारे में बताता है। हाल ही में यूके एनएचएस के द्वारा कहा गया है कि दिन में चार से आठ बार और रात में एक बार पेशाब जाना सामान्य होता है।

एक दिन में कितनी बार यूरिन जाना होती है सामान्‍य बात, बार-बार अगर लगे पेशाब तो क्‍या समझें मतलब?

​क्‍या कहती है Mayo Clinic की रिपोर्ट

वही Mayo Clinic की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि यूरिन का रंग हल्के पीले से लेकर गहरे एम्बर तक हो सकता है। वहीं पेशाब का रंग अक्सर तब भी बदल जाता है जब कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में चुकंदर, जामुन फवा बीन्स का सेवन कर लेता है। इन खाद्य पदार्थों के अंदर ऐसे यौगिक पदार्थ होते हैं जो यूरिन तक पहुंच जाते हैं। इसके अलावा कई बार कुछ दवाएं भी पेशाब के रंग को हरा, पीला, नीला रंग दे सकती है। लेकिन अगर इनमें से किसी भी तरह की चीजों का सेवन नहीं किया गया है और फिर भी पेशाब का रंग अलग दिखाई देता है, तो यह किसी बीमारी का संकेत हो सकता है।

​यूरीन के 5 संकेत जो बताते हैं अस्वस्थ

लाल यूरिन - लाल रंग के यूरिन का अर्थ होता है कि इसमें रक्त शामिल है। जो एक बहुत ही खतरनाक स्थिति की ओर इशारा करता है। Express.co.uk की एक रिपोर्ट में डॉक्टर फॉक्स ने ऑनलाइन ही डॉक्टर डेबोरा ली का हवाला दिया है। उन्होंने इसमें कहा है कि पेशाब के लाल रंग का मतलब यूरिनरी ट्रैक्ट में संक्रमण हो सकता है, या फिर किडनी स्टोन, ब्लड ट्यूमर का भी एक लक्षण हो सकता है। ऐसा दिखने पर पुरुषों को तो तुरंत जांच करा लेनी चाहिए। क्योंकि यह प्रोस्टेट कैंसर का भी लक्षण हो सकता है। वहीं Cleveland Clinic के अनुसार, लाल रंग का मूत्र भी लीड या मरकरी पॉइजनिंग का संकेत हो सकता है।

​नीला या हरा यूरिन -

यूरिन का हरा या दूसरा रंग आपको बेहद डरा सकता है। लेकिन यह भोजन के रंग की वजह से भी हो जाता है। वहीं क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार कीमोथेरेपी दवाएं भी पेशाब का रंग नारंगी बना सकती हैं। इसके अलावा गाजर, विटामिन सी भी यूरिन का रंग नारंगी बना सकती है। लेकिन अगर कुछ दिनों तक बिना किसी वजह के यूरिन का रंग बदला हुआ रहता है तो आपको तुरंत डॉक्टर के पास जाएं।

​डार्क ब्राउन यूरिन -

पेशाब का यह रंग आमतौर पर पीलिया रोग का संकेत हो सकता है। जिसकी वजह कई हो सकती है जैसे लीवर रोग, ब्लैडर रोग, और पैनक्रियाज से जुड़ा रोग आदि। वहीं डॉक्टर ली ने Express.co.uk को बताया है कि पीलिया रोग के दौरान व्यक्ति का मल हल्का ब्राउन और यूरिन डार्क ब्राउन रंग का हो सकता है।

पीलिया होने की वजह हेपेटाइटिस भी हो सकता है। साथ ही अल्कोहोलिक लिवर भी पीलिया की वजह बन जाता है। अगर किसी व्यक्ति को पीलिया होता है तो उसकी आंखों का सफेद हिस्सा पीला पड़ने लग जाता है। इसके अलावा एक अन्य क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक डार्क ब्राउन यूरिन लीवर फेलियर का संकेत हो सकता है। वहीं कोला या चाय के रंग का पेशाब किडनी की सूजन की ओर इशारा करता है।

​बादल जैसे रंग का यूरिन -

बादल छाए रहने का मतलब है कि पेशाब का रंग पारदर्शी या रंग का पता नहीं चल पा रहा है। इस रंग का अर्थ होता है कि आपके यूरिनरी ट्रैक्ट में किसी तरह का संक्रमण हो चुका है। इस दौरान व्यक्ति का यूरिन गाढ़ा, बादलदार और अलग दिखाई देने लगता है।

​बदबूदार यूरिन -

यूं तो पेशाब की गंद कभी अच्छी नहीं होती। लेकिन अगर यूरिन से अधिक बदबू आने लगे तो इसकी वजह मसालेदार भोजन, लहसुन और कई तरह की दवा हो सकती है। लेकिन अगर इनमें से किसी तरह की चीज का सेवन नहीं किया गया है, तो इसकी वजह पानी का कम सेवन भी हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति को यूरिन इंफेक्शन हो सकता है। इसके अलावा डॉक्टर ली ने Express.co.uk को बताते हैं कि यह समस्या अधिकतर डायबिटीज के रोगियों में देखने को मिल सकती है। साथ ही अगर पेशाब से पॉपकॉर्न की तरह स्मेल आती है तो यह केटोन्स की वजह से भी हो सकता है।

​अन्य संकेत

अगर इन सब के अलावा आपको पेशाब करने के दौरान अचानक शरीर में सनसनी महसूस होती है या फिर पेशाब में अधिक झाग देखने को मिलते हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। पेशाब में आए अचानक झाग प्रोटीन की वजह से हो सकते हैं। इसका अर्थ है कि आपको गुर्दे का कोई रोग है। वहीं अगर सनसनी या दर्द होना भी एक गंभीर रोग का संकेत है। इसके लिए तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और उपचार प्रक्रिया का पालन करें।

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पेशाब कितने कलर का होता है?

किसी भी कारण से आपका पेशाब लाल, काला, सफेद, हरा, रंगहीन या पीले रंग का हो सकता है। अगर आपको पेशाब पीला दिखे तो समझ लीजिये कि विटामिन बी 12 और बीटा-कैरोटीन की वजह से आपके यूरिन का रंग बदल रहा है। कभी-कभी पेशाब पीले रंग से नारंगी रंग का भी हो सकता है, जिसक वजह भी यही होती हैं। इसका एक कारण पानी की कमी भी है्।

क्या पेशाब के कलर देख कर पता चल सकता है बीमारी कौन सी है?

कई बार खून में विटामिन डी की मात्रा अधिक होने के कारण भी यूरिन नियॉन कलर का नजर आता है. लाल और गुलाबी यूरिन- यूरिन का लाल और गुलाबी कलर इस बात पर निर्भर करता है कि आपने क्या खाया है. लेकिन यूरिन का ऐसा कलर कई तरह की बीमारियों के कारण भी हो सकता है जैसे बढ़ा हुआ प्रोस्टेट, किडनी स्टोन, ब्लैडर या किडनी में ट्यूमर आदि.

अगर पेशाब का रंग हल्का पीला हो तो क्या करें?

पूरा पढ़ेंशरीर में पानी की कमी- किसी व्यक्ति को पीला पेशाब तब आता है जब उसके शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इस स्थिति में आपको अधिक से अधिक पानी और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए।

पेशाब का रंग बदलने का क्या कारण है?

बॉडी में अनक्रोम पिग्मेंट होता है जिसके कारण पेशाब का रंग बनता है. यह पिग्मेंट जितना संकेंद्रित होता है पेशाब का रंग उतना ही गहरा होता है. आमतौर पर यूरिन का रंग हल्का पीला और हल्का मटमैला लेकिन पारदर्शी होता है लेकिन अगर शरीर में ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ पहुंचता है तो इससे यूरिन का रंग बदल जाता है.

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