प्रश्न प्रथम समूह में कितने तत्व हैं ठीक है चलिए देखते हैं तो यह प्रथम समूह है प्रथम समूह ठीक है उसमें तत्व पूछ रहा है कितने तत्व हैं ठीक है तो प्रथम समूह में हम जानते हैं कि समूह संख्या जो होती है वह क्या होती है बाहरी को उसके इलेक्ट्रॉन की संख्या के बराबर होती है बाहरी कोष में इलेक्ट्रॉन के बराबर होती है ठीक है अगर इलेक्ट्रॉनिक है दो है तू एक बारी को उसमें दो इलेक्ट्रा है तभी यह होगा लेकिन अगर बढ़ता है इलेक्ट्रॉन की संख्या 210 उसमें जोड़ते हैं तो प्रथम समूह संख्या की बात कर रहा था तो प्रति प्रथम प्रश्न संख्या में बारिश में लेकर कितने होंगे एक होंगे तो पहला जो आता है वह हाइड्रोजन आता ठीक है हाइड्रोजन के इलेक्ट्रॉनिक विन्यास के दरबारी को उसमें एक ही को सहित इलेक्ट्रॉन इसलिए रख दिया गया और फिर हमारा आता है लिथियम ठीक दूध वह दूसरे आवर्त में आता है पहले समूह में आवर्त संघ
क्या मैं कुछ यहां पर लिख देता हूं ठीक है यहां पर आवर्त लिख देता हूं यह पहले आवर्त में और पहले समूह में क्या आता है हाइड्रोजन दूसरे आवर दूसरे से मुंह पर आता है ली थी अब ठीक है तीसरे समूह प्रथम समूह और 30 रावत में क्या आता है सोडियम ठीक है चौथे आवर्त और प्रथम समूह में क्या आता है इसे पांच महाव्रत और प्रथम समूह में क्या होता है वीडियो अच्छा ठेस आवर्त और पहले समूह में क्या था सीजीएम ठीक है और फिर साथ में आवर्त साथ में आवर्त और प्रथम समूह ज्यादा फ्रांसीयम याद करने का तरीका माना कि रब से फरियाद अली ना कि रब से फरियाद हमारे प्रथम समूह के तत्वों है भारी कोसमेक लिए कौन होता है जैसे एक इलेक्ट्रॉन इसका पुराण का मान किस का तो एक लैपटॉप जिसका 3 इसका 11 इसका 1941 रहता है ठीक है तो आप देखोगे खुद इलेक्ट्रॉनिक विन्यास 2881 इसका दो कामा कामा
किसका दो कामा एक उसका सिर्फ एक इलेक्ट्रॉन है तो सिर्फ एक हो जाएगा शादी के कारण को पहले समूह में रखा गया है ठीक है तो प्रथम समूह में कितने तत्व आप देख लीजिएगा और कितने तत्व 1 से लेकर 7 वर्षों में सारे तक जिंदगी में तब तक तो है तो कौन सा तत्व है ठीक है कितने तत्व सात तत्व तो प्रथम समूह में प्रथम समूह में कुल 7 तत्व है थैंक यू
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रासायनिकी में समूह (जिसे फ़ैमिली या परिवार भी कहते हैं) रासायनिक तत्त्वों के आवर्त सारणी का एक लम्बवत कॉलम होता है। एक मानक आवर्त सारणी में कुल १८ समूह होते हैं।
कुल समूह इस प्रकार से हैं:
- समूह १ (IA,IA): the क्षारीय धातुएँ अथवा लिथियम वर्ग
- समूह २ (IIA,IIA): the क्षारीय मृदा धातुएँ अथवा बेरिलियम वर्ग
- समूह ३ (IIIA,IIIB): स्केण्डियम वर्ग
- समूह ४ (IVA,IVB): the titanium family
- समूह ५ (VA,VB): the vanadium family
- समूह ६ (VIA,VIB): the chromium family
- समूह ७ (VIIA,VIIB): the manganese family
- समूह ८ (VIII, VIIIB): the iron family
- समूह ९ (VIII, VIIIB): the cobalt family
- समूह १० (VIII, VIIIB): the nickel family
- समूह ११ (IB,IB): the coinage metals (not an IUPAC-recommended name) or copper family
- समूह १२ (IIB,IIB): the zinc family
- समूह १३ (IIIB,IIIA): बोरॉन वर्ग
- समूह १४ (IVB,IVA): the carbon family
- समूह १५ (VB,VA): the pnictogens or nitrogen family
- समूह १६ (VIB,VIA): the chalcogens or oxygen family
- समूह १७ (VIIB,VIIA): the halogens or fluorine family
- समूह १८ (समूह 0, VIIIA): the helium family/neon family; for the first six periods, these are the noble gases
सन्दर्भ[संपादित करें]
3. Scerri, E. R. The Periodic Table, Its Story and Its
Significance, Oxford University Press, 2007. ISBN 978-0-19-530573-9.
आवर्त सारणी (अथवा, तत्वों की आवर्त सारणी) रासायनिक तत्वों को उनकी संगत विशेषताओं के साथ एक सारणी के रूप में दर्शाने की एक व्यवस्था है। आवर्त सारणी में रासायनिक तत्त्व परमाणु क्रमांक के बढ़ते क्रम में सजाये गये हैं तथा आवर्त (पिरियड), प्राथमिक समूह, द्वितीयक समूह में वर्गीकृत किया गया है। वर्तमान आवर्त सारणी मैं ११८ ज्ञात तत्व सम्मिलित हैं। सबसे पहले रूसी रसायन-शास्त्री मेंडलीफ (सही उच्चारण- मेन्देलेयेव) ने सन १८६९ में आवर्त नियम प्रस्तुत किया और तत्वों को एक सारणी के रूप में प्रस्तुत किया। इसके कुछ महीनों बाद जर्मन वैज्ञानिक लोथर मेयर (1830-1895) ने भी स्वतन्त्र रूप से आवर्त सारणी का निर्माण किया। मेन्देलेयेव की सारणी से अल्फ्रेड वर्नर (Alfred Werner) ने आवर्त सारणी का वर्तमान स्वरूप निर्मित किया। सन १९५२ में कोस्टा रिका के वैज्ञानिक गिल चावेरी (scientist Gil Chaverri ) ने आवर्त सारणी का एक नया रूप प्रस्तुत किया जो तत्वों के इलेक्ट्रानिक संरचना पर आधारित था।
रसायन शास्त्रियों के लिये आवर्त सारणी अत्यन्त महत्वपूर्ण एवं उपयोगी है। इसके कारण कम तत्वों के गुणधर्मों को ही याद रखने से काम चल जाता है क्योंकि आवर्त सारणी में किसी समूह (उर्ध्वाधर पंक्ति) या किसी आवर्त (क्षैतिज पंक्ति) में गुणधर्म एक निश्चित क्रम से एवं तर्कसम्मत तरीके से बदलते हैं। नीचे आवर्त सारणी का आधुनिक रूप दिखाया गया है जिसमें १८ वर्ग तथा ७ आवर्त हैं-
१ H | २ He | ||||||||||||||||
३ Li | ४ Be | ५ B | ६ C | ७ N | ८ O | ९ F | १० Ne | ||||||||||
११ Na | १२ Mg | १३ Al | १४ Si | १५ P | १६ S | १७ Cl | १८ Ar | ||||||||||
१९ K | २० Ca | २१ Sc | २२ Ti | २३ V | २४ Cr | २५ Mn | २६ Fe | २७ Co | २८ Ni | २९ Cu | ३० Zn | ३१ Ga | ३२ Ge | ३३ As | ३४ Se | ३५ Br | ३६ Kr |
३७ Rb | ३८ Sr | ३९ Y | ४० Zr | ४१ Nb | ४२ Mo | ४३ Tc | ४४ Ru | ४५ Rh | ४६ Pd | ४७ Ag | ४८ Cd | ४९ In | ५० Sn | ५१ Sb | ५२ Te | ५३ I | ५४ Xe |
५५ Cs | ५६ Ba | * | ७२ Hf | ७३ Ta | ७४ W | ७५ Re | ७६ Os | ७७ Ir | ७८ Pt | ७९ Au | ८० Hg | ८१ Tl | ८२ Pb | ८३ Bi | ८४ Po | ८५ At | ८६ Rn |
८७ Fr | ८८ Ra | ** | १०४ Rf | १०५ Db | १०६ Sg | १०७ Bh | १०८ Hs | १०९ Mt | ११० Ds | १११ Rg | ११२ Cn | ११३ Nh | ११४ Fl | ११५ Mc | ११६ Lv | ११७ Ts | ११८ Og |
११९ Uue | १२० Ubn | *** | |||||||||||||||
* लैन्थनाइड | ५७ La | ५८ Ce | ५९ Pr | ६० Nd | ६१ Pm | ६२ Sm | ६३ Eu | ६४ Gd | ६५ Tb | ६६ Dy | ६७ Ho | ६८ Er | ६९ Tm | ७० Yb | ७१ Lu | ||
** ऐक्टिनाइड | ८९ Ac | ९० Th | ९१ Pa | ९२ U | ९३ Np | ९४ Pu | ९५ Am | ९६ Cm | ९७ Bk | ९८ Cf | ९९ Es | १०० Fm | १०१ Md | १०२ No | १०३ Lr | ||
*** महालैन्थनाइड | १२१ Ubu | १२२ Ubb | १२३ Ubt | १२४ Ubq | १२५ Ubp | १२६ Ubh | १२७ Ubs | १२८ Ubo | १२९ Ube | १३० Utn | १३१ Utu | १३२ Utb | १३३ Utt | १३४ Utq | १३५ Utp |
आवर्त सारणी के इस प्रचलित प्रबन्ध में लैन्थनाइड और ऐक्टिनाइड को अन्य धातुओं से अलग रखा गया है। विस्तृत और अति-विस्तृत आवर्त सारणीओं में एफ़-खण्ड/(f-block) और जी-खण्ड/(g-block) धातुओं को भी एक साथ प्रबन्धित किया जाता है।
आवर्त सारणी में तत्त्वों की श्रेणियाँ
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परमाणु क्रमांक का रंग 0 °C तथा 1 atm दाब पर तत्त्व की
अवस्था को दर्शाते हैं। |
किनारे (बॉर्डर) प्राकृतिक उपस्थिति दर्शाते हैं
|
समूह एवं आवर्त
तत्वों के परमाणु भार के वृद्धि क्रम में क्रमबद्ध करने पर क्षैतिज कतारें प्राप्त होती हैं जिन्हें 'आवर्त' कहते हैं। आवर्त नियम के अनुसार तत्वों को परमाणु भार के वृद्धि क्रम में क्षैतिज कतारों में सजाने पर सामन गुण वाले तत्त्व एक ही उर्ध्वाधर कालम में उपस्थित रहते हैं, इन्हें 'वर्ग' (ग्रुप) कहते हैं।
आवर्त सारणी के उर्ध्व कतारों को 'समूह' या 'वर्ग' कहा जाता है। तत्वों के वर्गीकरण की दृष्टि से समूहों को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। कुछ समूहों में, तत्त्व समान गुण दर्शाते हैं। इन समूहों के नाम क्षारीय तत्व, क्षारीय पार्थिव धातु, हैलोजेन, निक्टोजेन, चाल्कोजेन और अक्रिय गैस। आवर्त सारणी के क्षैतिज कतारों को आवर्त कहते हैं। हालांकि तत्वों के वर्गीकरण में समूह अधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं, फिर आवर्त सारणी में कई स्थल ऐसे होते हैं जहां आवर्त का महत्त्व अधिक हो जाता है। उदाहरण के रूप में डी-ब्लॉक या संक्रमण धातुओं और एफ-ब्लॉक को लिया जा सकता है।
आधुनिक आवर्त सारणी की प्रमुख विशेषताएँ
आधुनिक आवर्त सारणी को आवर्त सारणी का दीर्घ रूप भी कहते हैं। इसमें 18 वर्ग (ग्रुप) तथा 7 आवर्त (पिरियड) हैं।
वर्ग
तत्वों के गुणों का आवर्ती परिवर्तन
किसी एक वर्ग के सभी तत्त्वों के परमाणुओं के सबसे बाहरी कक्षा में इलेक्ट्रानों की संख्या (अर्थात 'संयोजक इलेक्ट्रानों' की संख्या) समान होती है। इस कारण किसी एक वर्ग के सभी तत्वों के मुख्य गुण समान होते हैं।
- हल्की धातुएँ - वर्ग 1 और 2 .
- भारी धातुएँ या संक्रमण धातुएँ' - वर्ग 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 .
- अधातुएँ - वर्ग 13, 14, 15, 16 और 17.
- अक्रिय गैसें - वर्ग 18 .
संयोजक इलेक्ट्रानों के आधार पर तत्वों को 4 खण्डों में बाँटा गया है- s, p, d, f .
s-block – वर्ग 1 तथा 2 .p-block – वर्ग 13 से 18 .d-block – वर्ग 3 से 12 .f-block – लैन्थेनाइड और ऐक्टिनाइड (Lanthanide and Actinide series).प्रतिनिधि तत्व (Representative Elements या Normal elements या Typical elements) – s-block और p-block के तत्वों को सम्मिलित रूप सेसंक्रमण तत्व (Transition Elements) – d-block के तत्वअन्तरिक संक्रमण तत्व (Inner Transition Elements) – f-block के तत्त्व -- इन्हें विरल मृदा तत्व (Rare Earth Elements) भी कहते हैं।आवर्त
- प्रथम आवर्त में केवल 2 तत्त्व हैं, यह सबसे छोटा आवर्त है।
- दूसरे और तीसरे आवर्त में आठ-आठ तत्त्व हैं। इन्हें 'लघु आवर्त' (short period) कहते हैं।
- चौथे और पाँचवें आवर्त में 18-18 तत्त्व हैं। इन्हें 'दीर्घ आवर्त' कहते हैं।
- छठे आवर्त में 32 तत्त्व हैं। यह सबसे बड़ा आवर्त है।
- सातवाँ आवर्त अपूर्ण है।
- छठे आवर्त के तीसरे वर्ग में परमाणु क्रमांक 57 से 71 तक के तत्त्व हैं। इन्हें 'लैन्थेनाइड' कहते हैं।
- सातवें आवर्त के तीसरे वर्ग में परमाणु क्रमांक 89 से103 वाले तत्त्व हैं। इन्हें ऐक्टिनाइड (actinides) कहते हैं।
इतिहास
आवर्त सारणी के जनक मेंडलीव
मेंडलीव की आवर्त सारणी (सन १८६९)
सबसे पहले रूसी रसायन-शास्त्री मेंडलीफ ने सन १८६९ में आवर्त नियम प्रस्तुत किया और तत्वों को एक सारणी के रूप में प्रस्तुत किया। इसके अनुसार,
तत्वों के भौतिक और रासायनिक गुण उनके परमाणुभारों के आवर्तफलन होते हैंअर्थात यदि तत्वों को परमाणु भार के वृद्धिक्रम में रखा जाय तो वो तत्त्व जिनके गुण समान होते हैं एक निश्चित अवधि के बाद आते हैं। मेंडलीव ने इस सारणी के सहारे तत्वों के भौतिक एवं रासायनिक गुणों के आवर्ती होने के पहलू को प्रदर्शित करने का प्रयत्न किया।
मैंडलीफ की आवर्त सारणी में कुल ८ वर्ग थे क्योंकि उस समय निष्क्रिय गैसों की खोज नहीं हुई थी। बाद में निष्क्रिय गैसों की खोज के पश्चात आधुनिक आवर्त सारणी में ९वें वर्ग को सम्मिलित किया गया। इस ९वें वर्ग को ० (शून्य वर्ग) कहते हैं। वर्ग एक से आठवें वर्ग को रोमन अक्षर I, II, III, IV, V, VI, VII तथा VIII द्वारा प्रदर्शित किया जाता है। नवें वर्ग को ० द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।[1] इसके विकास के अंतिम चरण में राग, वर्नर, बोहर और बरी आदि वैज्ञानिकों ने आवर्त सारणी का आधुनिकतम रूप बनाया जो वर्तमान तक चलन में है। इन्होंने मेंडेलिव की आवर्त सारणी में उपस्थित श्रेणियों को खत्म किया तथा वर्गो की संख्या को ९ से बढ़ाकर १८ किया। इसके बाद भी हाइड्रोजन का दो स्थानों पर होना और लेंथेनाइड और एक्टीनाइड तत्वों को सारणी में स्थान न होना दो मुख्य दोष अब तक हैं।
मेडलीफ द्वारा आवर्त सारणी प्रस्तुत करने के कुछ महीनों बाद जर्मन वैज्ञानिक लोथर मेयर (1830-1895) ने भी स्वतन्त्र रूप से आवर्त सारणी का निर्माण किया। १८१५ से १९१३ तक इसमें बहुत से सुधार हुए ताकि नये आविष्कृत तत्वों को उचित स्थान दिया जा सके और सारणी नई जानकारियों के अनुरूप हो।
मेन्देलेयेव की सारणी से अल्फ्रेड वर्नर (Alfred Werner) ने आवर्त सारणी का वर्तमान स्वरूप निर्मित किया। सन १९५२ में कोस्टा रिका के वैज्ञानिक गिल चावेरी (scientist Gil Chaverri ) ने आवर्त सारणी का एक नया रूप प्रस्तुत किया जो तत्वों के इलेक्ट्रानिक संरचना पर आधारित था।
आवर्त सारणी के अन्य रूप
32-कॉलम के रूप में आवर्त सारणी | थियोडोर बेन्फी (Theodor Benfey) की स्पाइरल आवर्त सारणी |
सन्दर्भ
- ↑ प्रसाद, चन्द्रमोहन (जुलाई २००४). भौतिक एवं रसायन विज्ञान. कोलकाता: भारती सदन. पृ॰ 211. अभिगमन तिथि 2 जून २००९.
इन्हें भी देखें
- आवर्त सारणी का इतिहास
बाहरी कड़ियाँ
- आवर्त सारणी एवं तत्वों का वर्णन (हिन्दी में)
- कमाल की आवर्त सारणी (जागरण)
- How Sanskrit Led To The Creation Of Mendeleev’s Periodic Table