सी रिएक्टिव प्रोटीन के बारे में कोविड से पहले शायद ही किसी ने इतना सुना होगा, जितना कोविड के दौरान। जिन लोगों को कोविड हुआ उन्हें डॉक्टर्स ने सी रिएक्टिव प्रोटीन यानी सीआरपी की जांच करवाने के लिए कहा। कोरोना मरीजों को सीटी स्कैन से लेकर आरटीपीसीआर की भी जांच करवाने के लिए कहा गया। यह सभी जांचें शरीर में इंफेक्शन की जांच के लिए होती हैं। सीआरपी भी एक ऐसा ही ब्लड टेस्ट है जो शरीर में इंफेक्शन की जांच के लिए होता है। शरीर में इंफेक्शन कहां हुआ है। इसकी स्थिति क्या है, आदि सवालों के जवाब डॉक्टर्स को इस जांच से मिलते हैं। जब यह सीआरपी बढ़ जाता है तब यह शरीर में किसी तरह के इंफेक्शन का संकेत होता है। आखिर यह सीआरपी क्या होता है। इसकी जरूरत क्यों पड़ती है। अगर शरीर में सीआरपी बढ़ जाता है तो कैसे कम करें। इन सभी सवालों के जवाब दिए नमामी लाइफ में न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. शैली तोमर ने दिए।
सी रिएक्टिव प्रोटीन (CRP) क्या है?
नमामी लाइफ में न्यूट्रीशनिस्ट डॉ. शैली तोमर का कहना है कि सी रिएक्टिव प्रोटीन एक तरह का प्रोटीन है जो शरीर में किसी इंफ्लामेटरी डिजीज या कंडीशन में लिवर बनाता है। बढ़े हुए सीआरपी का मतलब होता है कि शरीर में किसी तरह का इंफेक्शन या सूजन है। सीआरपी लेवल की जांच ब्लड टेस्ट से की जाती है। डॉक्टर शैली का कहना है कि सामान्य लोगों में सीआरपी का लेवल 1mg/L से कम होना चाहिए।
सीआरपी किन बीमारियों में बढ़ता है?
डॉ. शैली तोमर ने बताया कि सीआरपी बीमारियों में बढ़ता है।
- संक्रमण की स्थिति जैसे मोडरेट से गंभीर कोविड मरीजों को, ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) में, निमोनिया में
- फंगल इंफेक्शन या क्रोनिक कंडीशन्स जैसे रूमेटी गठिया
- हृदय रोग में
- ऑटोइम्युन कंडीशन्स जैसे इरिटेबल बाउल सिंड्रोम
- कैंसर
- जो लोग स्मोक करते हैं और एल्कोहल लेते हैं उनमें भी सीआरपी बढ़ता है।
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हाई सेंसटिविटी सीआरपी क्या है?
डॉ. शैली तोमर का कहना है कि ऊपर जो बीमारियां बताई हैं उनमें तो सीआरपी तो बढ़ता ही है साथ ही यह उन महिलाओं में भी बढ़ता है जो किसी तरह की बर्थ कंट्रोल पिल्स खा रही हैं। 10mg/L से अधिक सीआरपी वैल्यू का मतलब है कि गंभीर इंफ्लामेशन (सूजन)।
डॉक्टर का कहना है कि एक और सीआरपी टेस्ट होता है जिसे हाई सेंसटिविटी सीआरपी (hs-CRP) कहा जाता है। यह टेस्ट हृदय रोगों की जांच के लिए होता है। 3mg/L से ज्यादा हाई सेंसटिविटी सीआरपी का मतलब है कि उस व्यक्ति में हार्ट डिजीज का रिस्क ज्यादा है।
सीआरपी कम करने के लिए क्या खाएं?
बढ़े हुए सीआरपी की गंभीरता आप समझ ही गए हैं। अब इस सीआरपी को कम करना भी आसान है। इन्हें अपने खानपान में बदलाव करके भी कम किया जा सकता है। डॉ. शैली तोमर ने सीआरपी को कम करने के लिए निम्न फूड्स बताए हैं।
1. अखरोट और फ्लैक्स सीड्स ( Walnuts & flaxseeds)
अखरोट और फ्लैक्स सीड्स ओमेगा-3 फैटी एसिड्स में हाई होते हैं जो एंटी-इंफ्लामेटरी होते हैं। रोजाना 1-2 अखरोट और 1 चम्मच फ्लैक्स सीड्स को खाने से सीआरपी कम होता है। सीआरपी कम होने से आप गंभीर बीमारियों का शिकार होने से बच सकते हैं।
2. हल्दी
हल्दी एक एंटी-इंफ्लामेटरी है। इसमें एक एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाया जाता है जिसे करक्युमिन कहते हैं। यह करक्युमिन के कारण ही हल्दी को पीला रंग मिलता है। हल्दी केवल सीआरपी लेवल को ही कम नहीं करता है बल्कि यह शरीर के अन्य रोगों में भी सहायक है। डॉ. शैली तोमर के मुताबिक गुनगुने दूध केसाथ हल्दी खआने से सीआरपी लेवल कम (beneficial to reduce CRP levels) होता है।
3. विटामिन सी से भरपूर खाद्य पदार्थ
विटामिन सी से भरपूर फूड खाने से शरीर का इम्युन सिस्टम मजबूत होता है। साथ ही सीआरपी लेवल भी कम होता है। डॉ. शैली तोमर का कहना है कि संतरा, आंवला, नींबू, अंगूर, अनानास आदि फल खाने से सीआरपी लेवल कम करने में मदद मिलती है।
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4. दालचीनी (Cinnamon)
दालचीनी अक्सर भारतीय घरों में किचन में ही मिल जाती है। यह खाने से लेकर चाय में भी प्रयोग में लाई जाती है। यह एंटी-इंफ्लामेटरी हर्ब है। जो सीआरीप वैल्यू को कम करने में मदद करती है। दालचीनी में cinnamaldehyde पाया जाता है जो इंफ्लामेशन को कम करने में मदद करता है। दालचीनी को आप चाय में या किसी करी में प्रयोग में ला सकते हैं। या फिर इसे सब्जी में मसाले के तौर पर भी डाला जा सकता है। सीआरपी को कम करने में ये बेहद कारगर है।
5. लहसुन
हर किचन में पाया जाने वाला लहसुन पेट की गैस से लेकर गंभीर परेशानियों को कम करने में भी मदद करता है। डॉ. शैली तोमर का कहना है कि रोज 1 लहसुन की गंठी खाने से सीआरपी लेवल को मेनेज किया जा सकता है। लहसुन सीआरपी लेवल को कम करने में काफी प्रभावी है और इसे नियंत्रित भी रखता है। लहसुन की तरह ही अदरक भी सीआरपी को कम करने में मदद करता है।
सीआरपी को कम करने के लिए अन्य फूड्स
डॉ. शैली ने बताया कि ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थों के अलावा काली मिर्च, सेल्मन फिश, हरी सब्जियां, चेरिज, ब्लूबेरिज, ब्रोकली, ग्रीन टी और मशरूम भी सीआरपी को कम करने में मददगार हैं।
इन तरीकों से भी कम कर सकते हैं सीआरपी
सीआरपी कम करने के लिए कम से कम रोजाना 30 मिनट एक्सरसाइज करें। जिसमें योगा या प्राणायाम भी किया जा सकता है। अपना कोलेस्ट्रोल नियंत्रित करें। शराब और स्मोकिंग को छोड़ दें।
सीआरपी को कम करने के लिए यहां जो उपाय बताए गए हैं वे घरेलू हैं। लेकिन अगर आपको यह दिक्कत हो रही है तो डॉक्टर से अवश्य बात करें। ताकि आपको बता चल सके कि आपके शरीर में इंफ्लामेशन किस कारण से हो रहा है। इसे पता करके डॉक्टर सही समय पर दवाएं शुरू कर सकते हैं। सीआरपी की जांच से मालूम हो सकता है कि मरीज को किस तरह का इंफेक्शन है। इसलिए कई बार कई बीमारियों में डॉक्टर इसकी जांच करते हैं। सी रिएक्टिव प्रोटीन को खानपान से भी कम किया जा सकता है। या फिर नियंत्रित किया जा सकता है। डॉ. शैली का कहना है कि सीआरपी एकदम से नहीं बढ़ता है,इसके बढ़ने के पीछे कई कारण होते हैं। इसलिए इसके सही निवारण के लिए इसकी जांच होना जरूरी है।