बात-बात में पैरासिटामॉल और पेनकिलर खाने से पहले जानें इनके नुकसान के बारे में
neha seth |
नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 10 Feb 2020, 11:56 am
शरीर में दिखने वाले ऐसे लक्षण जो किसी बड़ी बीमारी का संकेत नहीं होते या फिर किसी भी तरह का छोटा-मोटा दर्द हो तो उन्हें दबाने के लिए अक्सर हम पेनकिलर खा लेते हैं। लेकिन इनके कितने नुकसान हैं क्या आप जानते हैं?
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डॉक्टरों की मानें तो ज्यादातर लोग जिनमें पढ़े-लिखे लोगों की संख्या भी अच्छी खासी है वो दवा
दुकानदार के पास जाते हैं उन्हें अपने सिम्पटम्स के बारे में बताते हैं कि उन्हें बदन दर्द हो रहा है या बुखार है, सर्दी-खांसी है, लूज मोशन हो रहा है और इन्हीं लक्षणों के आधार पर दवा दुकानदार उन्हें किसी तरह की कोई दवा बता देता है और मरीज उसका सेवन करके कई बार ठीक भी हो जाता है। लेकिन ऐसा करना बेहद खतरनाक हो सकता है क्योंकि गलत दवाइयां खाने या फिर दवा की गलत डोज लेने से कई तरह की गंभीर समस्याएं हो सकती हैं और कई बार ये जानलेवा भी साबित हो सकता है।
पैरासिटामॉल दवा का इस्तेमाल आमतौर पर फीवर होने पर किया जाता है। लेकिन अगर डॉक्टर से पूछे बिना और प्रिस्क्रिप्शन के बिना इस दवा का बहुत ज्यादा सेवन किया जाए तो इससे ऐसिडिटी और पेट में अल्सर होने का
खतरा रहता है। स्थिति गंभीर होने पर खून की उल्टी भी हो सकती है।
क्या करें
बुखार है तो डॉक्टर को दिखाएं। डॉक्टर बुखार होने की वजह का पता लगाएंगे और उसके बाद ही आपको कोई दवा देंगे। इसके अलावा अगर बुखार 100 डिग्री फैरनहाइट से ज्यादा हो तभी पैरासिटामॉल खाएं और भी 6 से 8 घंटे के अंतर में। पैरासिटामॉल से होने वाली ऐसिडिटी को कम करने के लिए अक्सर डॉक्टर्स साथ में ऐंटासिड भी प्रिस्क्राइब करते हैं।
आइब्रूप्रोफेन से हाई बीपी की समस्या
इब्रूप्रोफेन और पैरासिटामॉल को मिलाकर जो सबसे कॉमन पेनकिलर बनती है वो है कॉम्बिफ्लेम और यह सबसे कॉमन पेनकिलर है जिसका इस्तेमाल ज्यादातर लोग करते हैं। लेकिन इस दवा का भी बहुत ज्यादा सेवन करने से लंग्स की प्रॉब्लम हो सकती है और अस्थमा भी हो सकता है। इसके अलावा हाई बीपी, प्रॉस्टेट से जुड़ी दिक्कतें और थाइरॉयड प्रॉब्लम भी हो सकती है।
कफ सीरप से विजन लॉस का खतरा
कफ सीरप में ऐंटिहिसटैमिन्स होते हैं जिससे छींक आना, खांसी और नाक बहने की दिक्कत दूर होती है। लेकिन अगर इनका ज्यादा सेवन किया जाए तो शरीर में सुस्ती आने लगती हैं, नींद आने लगती है और बहुत से ऐंटिहिस्टैमिन्स तो ऐसे भी होते हैं जिनसे नजरें कमजोर हो सकती हैं और विजन लॉस का भी खतरा रहता है।
लिहाजा कॉमन कोल्ड और कफ होने पर कम से कम दवा लें और घरेलू नुस्खे जैसे- हॉट सूप, स्टीम, विटमिन सी से भरपूर फ्रूट्स आदि का सेवन करें।
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कब्ज या कॉन्स्टिपेशन की दिक्कत
ज्यादातर पेनकिलर्स का अगर ज्यादा सेवन किया जाए तो उनसे कब्ज
की दिक्कत हो सकती है। ऐसे में अगर आपके डॉक्टर भी आपको स्ट्रॉन्ग पेनकिलर प्रिस्क्राइब कर रहे हैं तो वे साथ में ऐंटासिड या लैक्सेटिव भी देते हैं ताकि ऐसिडिटी या कब्ज की दिक्कत ना हो।
मुंह सूखना
पेनकिलर्स का ज्यादा यूज करने से अक्सर मुंह सूखने की भी दिक्कत हो सकती है। ऐसे में आप चाहें तो च्युइंगम चबा सकते हैं या फिर अगर मुंह सूखने की दिक्कत ज्यादा हो रही हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
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Updated on: 26 April 2022, 12:41 pm IST
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आपके फर्स्ट एड बॉक्स (First aid box) में पेरासिटामोल (Paracetamol) एक जरूरी दवा के रूप में रहती है। कोविड-19 (Covid-19) से मुकाबले में ये दवा आपके सबसे ज्यादा काम आई है। सिर्फ इतना ही नहीं वैक्सीन लेने के बाद जब आपने बुखार महसूस किया, तो आपके डॉक्टर ने आपको पेरासिटामोल लेने की ही सलाह दी। सिर दर्द (Headache) , बदन दर्द (Body pain) से लेकर बुखार (Fever) तक में हम इस दवा पर भरोसा करते हैं।
इतना ज्यादा कि, कभी-कभी तो बच्चों के लिए भी हम इसकी आधी गोली दे देते हैं। पर क्या आप जानती हैं कि कुछ स्थितियों में ये सबसे सुरक्षित दवा भी जोखिमकारक हो सकती है।
कोई भी दवा जब वह बिना डॉक्टरी सलाह के या अत्यधिक मात्रा में ली जाती है, तो वह स्वास्थ्य के लिए परेशानियां खड़ी कर सकती है। पेरासिटामोल जिसे अभी तक सबसे सेफ दवा माना जाता है, उसके बारे में हमने एक्सपर्ट से कुछ जरूरी सवाल पूछे। इनके जवाब दे रहे हैं डॉ आरवीएस भल्ला, एचओडी और निदेशक – इंटरनल मेडिसीन, फोर्टिस एस्कॉर्ट्स अस्पताल, फरीदाबाद।
1 क्यों खास है ये एक दवा ?
पेरासिटामोल बहुत सेफ दवाइयों में से एक है। इसे हम सभी उम्र के में दे सकते हैं, यहां तक कि गर्भवती महिलाओं को भी।
कोविड-19 से रिकवरी में ये दवा सबसे ज्यादा काम आई। चित्र: शटरस्टॉककुछ लोगो को कभी-कभी एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है, जिससे शरीर में दाने, खुजली या होठों पर सूजन हो सकती है। साइड इफैक्ट्स न हों इसके लिये हमे ध्यान रखना चाहिए कि इसे रेकमेंडेड मात्रा से ज्यादा न लें और कम से कम चार घंटे के अंतर के बाद ही लें। एक दिन मै 3-4g से ज्यादा न लें और अगर आपको लिवर की बीमारी है या अधिक मात्रा में शराब लेते हैं तो 2g से ज्यादा न लें।
2 क्या खतरनाक हो सकता है लंबे समय तक ये दवा लेना?
इसे कई सालों तक लिया जा सकता है। इसलिए यह कई देशों मे दुकानों पर बिना डॉक्टरी परामर्श के भी मिल जाती है। यानी यह ओवर द काउंटर ड्रग (OTC drug) है। कुछ रिपोर्टों में यह पाया गया है कि बहुत देर तक दवाई लेने से कभी-कभी हार्ट अटैक, पेट से ब्लीडिंग या किडनी के प्रोब्लम्स हो सकते है।
लेकिन इन रिपोर्टो का पूरी तरह पुष्टिकरण नहीं हुआ है! इसलिए दवा को नियमित मात्रा और टाइम के हिसाब से ही लेना चाहिए। इसे चार घंटे से पहले दोबारा न लें। जिन लोगों को खून पतला रखने की दवा किडनी या फिर लिवर की बीमारी हो उन्हें डॉक्टर की सलाह के बगैर दवा नहीं लेनी चाहिए।
3 कब और कितनी डोज़ है सुरक्षित ?
- पैरासिटामोल का इस्तेमाल सिरदर्द और बदन दर्द में राहत तथा अधिकांश गैर-न्यूरोपैथिक दर्द में किया जाता है।
- वयस्कों के मामले में, एक दिन में अधिकतम 4 बार दो 500 मिग्रा की गोलियों का सेवन सुरक्षित माना जाता है।
- 24 घंटे की अवधि में 5 गोलियों से अधिक का सेवन कभी नहीं करना चाहिए।
- दो खुराकों के बीच कम से कम 4 घंटे का अंतराल जरूर रखें।
4 कब हो सकते हैं पैरासिटामोल के साइड इफैक्ट ?
पैरासिटामोल की खुराक भोजन के बाद या बिना भोजन किए भी ली जा सकती है। पैरासिटामोल की ओवरडोज़ लेने पर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। लेकिन यदि सही मात्रा में इसे लिया जाता है, तो साइड इफेक्ट्स की आशंका न के बराबर होती है।
पेरासिटामोल के अधिक इस्तेमाल से स्किन रैशेज की समस्या हो सकती है। चित्र : शटरस्टॉकयह उन दवाओं के साथ नहीं लेनी चाहिए, जिनमें पैरासिटामोल भी मौजूद हो। यदि आप दो अलग-अलग ऐसी दवाएं लेते हैं, जिनमें पैरासिटामोल है तो ऐसे में ओवरडोज़ का जोखिम रहता है।
कुछ मरीज़ों को गोली लेने के बाद मितली आने, पेट में बेचैनी महसूस होने, उल्टी होने, बेहोशीपन जैसी शिकायतें हो सकती हैं। कुछ को साइड इफेक्ट्स के तौर पर चेहरे, होंठ, गले पर सूजन और त्वचा पर रैशेज़ जैसी समस्या भी हो सकती है।
5 किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए बिना डॉक्टरी सलाह के ये दवा?
ब्लड थिनर दवाओं को लेने वाले, गुर्दे या हृदय रोगों से पीड़ित लोगों को बिना डॉक्टर की सलाह के पैरासिटामोल का सेवन नहीं करना चाहिए। इसी तरह, लिवर की समस्याओं से ग्रस्त लोगों को भी इसे लेते हुए सावधानी बरतनी चाहिए। नियमित रूप से शराब का सेवन करने वाले लोगों को पैरासिटामोल की कम डोज़ लेनी चाहिए।
साथ ही, केमिस्ट पर मिलने वाली खांसी, जुकाम, एलर्जी या दर्दनाशक दवाओं को भी डॉक्टर या फार्मासिस्ट की सलाह के बगैर नहीं लेना चाहिए।
चलते-चलते
पैरासिटामोल कई दवाओं में मौजूद होती है। यदि आप कुछ खास तरह के उत्पादों का प्रयोग करते हैं तो आप गलती से पैरासिटामोल की अत्यधिक मात्रा का सेवन कर सकते हैं। इसलिए केवल उन्हीं दवाओं का सेवन करें, जिनकी सलाह आपके डाॅक्टर ने आपको दी है। अगर आप पहले से किसी और दवा का सेवन कर रहीं हैं, तो इसकी जानकारी अपने डॉक्टर को जरूर दें।
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